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उत्तर प्रदेश मूल्य संविर्धत कर अधिनियम के अन्तर्गत अधिसूचना जारी

Posted on 28 March 2010 by admin

मन्त्रिपरिषद द्वारा राज्य ऊर्जा नीति के क्रियान्वयन में आ रही कठिनाई के निराकरण हेतु वैट प्रणाली के प्रारूप में घोषणा अधिसूचित करने का निर्णय

लखनऊ  -  उत्तर प्रदेश मन्त्रिपरिषद ने परिचालन द्वारा राज्य ऊर्जा नीति के क्रियान्वयन में आ रही कठिनाई के निराकरण हेतु वैट प्रणाली के पूर्व उत्तर प्रदेश व्यापार कर नियम-1948 के नियम-25-ख के उपनियम (1) के अधीन यथाविहित प्रपत्र 3-ख में घोषणा के स्थान पर कमिश्नर, वाणिज्यकर, उ0प्र0 द्वारा निर्धारित प्रारूप में घोषणा रखते हुए उत्तर प्रदेश मूल्य संविर्धत कर अधिनियम के अन्तर्गत अधिसूचना जारी करने का निर्णय लिया है। घोषणा पत्र का प्रारूप प्रक्रिया से सम्बन्धित है। अधिसूचना में इस आशय का स्पष्टीकरण भी जोडने का निर्णय लिया गया है कि कमिश्नर वाणिज्यकर उत्तर प्रदेश द्वारा निर्धारित प्रारूप में घोषणा 1 जनवरी, 2008 से अधिसूचना की तिथि के बीच के संव्यवहारों के लिए लागू होगी।

उल्लेखनीय है कि राज्य ऊर्जा नीति के क्रियावयन हेतु उ0प्र0 व्यापार कर अधिनियम, 1948 की धारा 3 की उपधारा (7) के अधीन जारी अधिसूचना सं0-क0नि0 -2-1771/ ग्यारह-9(1)/2004-उ0प्र0अधि0-15-48-आदेश-(19)-2004 दिनांक 05 जुलाई 2004 द्वारा समय-समय पर यथा संशोधित राज्य ऊर्जा नीति, 2003 के अधीन उत्पादन (नवीन क्षमता और नवीकरण तथा आधुनिकीकरण), पारेषण और वितरण में लगी हुई किसी ऐसी ऊर्जा परियोजना आद्यौगिक इकाई जिसकी कुल पूंजी निवेश, नीति अवधि के भीतर अर्थात् 31 मार्च, 2009 तक एक हजार करोड़ रूपये या उससे अधिक की हो, को अन्य व्यापारियों के ऐसे माल के क्रय या विक्रय पर व्यापार कर देय होने के लिए 05 जुलाई, 2004 को अनुज्ञा प्रदान की गई है, यदि ऐसे मालों का विक्रय अन्तत: ऐसी ऊर्जा परियोजना औद्योगिक इकाई को इस शर्त के अधीन रहते हुए किया जाता है, जिससे कि ऐसी इकाई ऐसे व्यापारियों को उत्तर प्रदेश व्यापार कर नियम, 1948 के नियम के प्रपत्र 3-ख में घोषणा जारी करे।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश मूल्य संविर्धत कर अधिनियम, 2008 द्वारा उत्तर प्रदेश व्यापार कर अधिनियम, 1948 निरसित हो गया है। उत्तर प्रदेश मूल्य संविर्धत कर अधिनियम, 2008 की धारा 81 (2)(क) के अनुसार निरसित अधिनियम के अधीन जारी की गई कोई अधिसूचना जो मूल्य संविर्धत कर अधिनियम के प्रारम्भ के ठीक पूर्व प्रवृत्त हो, जहां तक इस अधिनियम के उपबन्धों से असंगत न हो, इस अधिनियम के उपबन्धों के अधीन जारी समझी जायेगी। उत्तर प्रदेश मूल्य संविर्धत कर (संशोधन) अधिनियम, 2009 द्वारा मूल अधिनियम की धारा 3 में दिनंाक 01 जनवरी, 2008 से प्रभावी संशोधन द्वारा निरसित अधिनियम की धारा 3 की उपधारा (7) के समान प्राविधान उत्तर प्रदेश मूल्य संविर्धत कर अधिनिमय की धारा 3 की उपधारा (11) में हो गया है। लेकिन प्रपत्र 3-ख के समान उ0प्र0 मूल्य संविर्धत कर अधिनियमावली में नहीं था। मन्त्रिपरिषद द्वारा लिए गए  निर्णय से इस समस्या का समाधान कर दिया गया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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