मन्त्रिपरिषद द्वारा इटावा एवं औरैया के 12,672 मी0टन सेला चावल को लेवी से मुक्त करने का निर्णय
राज्य सरकार के अनुरोध के बावजूद भारतीय खाद्य निगम ने सेला चावल की अवशेष लेवी नहीं ली
लखनऊ - उत्तर प्रदेश मन्त्रिपरिषद ने परिचालन द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2008-09 की कानपुर संभाग के जनपद इटावा एवं जनपद औरैया की कुल 12,672 मी0टन कामन सेला चावल को लेवी से मुक्त करने का निर्णय लिया है।
वर्तमान में कानपुर संभाग के जनपद इटावा में 11868 मी0टन और जनपद औरैया में 804 मी0टन वर्ष 2008-09 का सेला चावल लेवी के रूप में लिया जाना अवशेष है। राज्य सरकार द्वारा भारतीय खाद्य निगम से अवशेष सेला चावल की डिलीवरी लिये जाने का बार-बार अनुरोध किया गया, किन्तु भारतीय खाद्य निगम द्वारा उक्त अवशेष लेवी नहीं ली गई। ऐसी स्थिति में अवशेष सेला चावल को न तो लेवी के रूप में लिया जा सकता है और न ही खुले बाजार में बेचने की छूट दी जा सकती है। चूंकि लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली में प्रदेश के किसी भाग में सेला चावल की कोई खपत नहीं है तथा राशन की दुकान में भी इसे वितरित नहीं किया जा सकता है। इसी को दृष्टिगत रखते हुए मन्त्रिपरिषद ने दोनों जनपदों के 12672 मी0टन सेला चावल को लेवी से मुक्त करने का निर्णय लिया है।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश में विकेन्द्रीकृत क्रय प्रणाली के तहत लेवी चावल का क्रय भारत सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य पर लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत वितरण हेतु किया जाता है। प्रदेश की लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत आवश्यकता से अधिक चावल का उदग्रहण होने पर उसे केन्द्रीय पूल हेतु भारतीय खाद्य निगम को सम्प्रदानित कर दिया जाता है। लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली में केवल कामन अरवा चावल का आवंटन एवं वितरण किया जाता है। अत: इस हेतु सेला चावल की आवश्यकता नहीं होती है। लेवी योजना के अन्तर्गत क्रय किये गये सेला चावल का भण्डारण केन्द्रीय पूल हेतु भारतीय खाद्य निगम द्वारा किया जाता है।
यह भी उल्लेखनीय है कि खरीफ विपणन वर्ष 2009-10 की लेवी नीति में यह प्राविधान है कि विगत वर्षो की लेवी की मात्रा का पहले मिल द्वारा सम्प्रदान किया जायगा, इसके बाद वर्तमान वर्ष की लेवी ली जायेगी और कस्टम मिलिंग का कार्य कराया जायेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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