Archive | July, 2018

प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में अफोर्डेबल हाउसिंग इन पार्टनरशिप के तहत दुर्बल आय वर्ग के भवनों के निर्माण हेतु निःशुल्क भूमि उपलब्ध कराने सम्बन्धी दिशा-निर्देश जारी प्रत्येक जनपद में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति का गठन किया जायेगा

Posted on 13 July 2018 by admin

लखनऊ: दिनांक: 13 जुलाई, 2018
राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के घटक अफोर्डेबल हाउसिंग इन पार्टनरशिप के अन्तर्गत दुर्बल आय वर्ग के भवनों के निर्माण हेतु अभिकरणों को निःशुल्क भूमि उपलब्ध कराये जाने हेतु जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति का गठन किये जाने का निर्णय लिया है। प्रदेश के सभी मण्डलायुक्त/जिलाधिकारी, आवास आयुक्त, उ0प्र0 आवास एवं विकास परिषद, समस्त उपाध्यक्ष, विकास प्राधिकरण उ0प्र0 तथा समस्त नगर आयुक्तों को इस हेतु दिशा-निर्देश जारी कर दिये गये हैं।
आदेश में यह कहा गया है कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) की सफलता भूमि के समयान्तर्गत एवं सही लोकेशन के चयन पर पूर्णतः आधारित है। योजना के लिए चयनित भूमि प्रतिबन्धित श्रेणी की नही होगी, बल्कि इसके लिए नजूल, अर्बन सीलिंग की सरप्लस भूमि, ग्राम समाज की भूमि, नगर निगम की भूमि, स्थानीय निकायों की भूमि, राजकीय-आस्थान एवं अन्य सरकारी विभागों यथा-लोक निर्माण विभाग व सिंचाई विभाग की अनुपयुक्त पड़ी भूमि तथा विकास प्राधिकरणों/आवास एवं विकास परिषद की भूमि का उपयोग किया जायेगा। योजना हेतु चिन्हित की जाने वाली सभी प्रकार की भूमि संबंधित संस्था/विभाग द्वारा अनिवार्य रूप से निःशुल्क उपलब्ध करायी जायेगी तथा तदनुसार अपने अभिलेखों में भी दर्ज किया जायेगा। योजना हेतु भूमि का चयन निर्धारित समायान्तर्गत एवं उपयुक्त स्थान (लोकेशन) पर किया जायेगा। संबंधित अभिकरण द्वारा इस भूमि का उपयोग किसी अन्य प्रयोजन के लिए नहीं किया जायेगा।
इसके साथ ही नजूल अथवा अन्य प्रकार की भूमि के अन्तरण के संबंध में विभिन्न प्रवृत शासनादेशों के प्राविधानों का अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा। प्रधानमंत्री आवास योजना मे भवन निर्माण हेतु समिति द्वारा यदि लोक निर्माण विभाग की कोई अनुपयुक्त भूमि चिन्हित होती है तो लोक निर्माण विभाग की सहमति प्राप्त कर कार्यवाही की जायेगी।
प्रत्येक जनपद में योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए गठित इस समिति में अध्यक्ष के रूप में जिलाधिकारी, उपाध्यक्ष के रूप में, उपाध्यक्ष संबंधित विकास प्राधिकरण अपर आवास आयुक्त/सचिव आवास विकास परिषद, सदस्य के रूप में नगर आयुक्त संबंधित नगर निगम/अधिशाषी अधिकारी, संबंधित नगर पालिका परिषद/नगर पंचायत, सदस्य संयोजक के रूप में संबंधित उप जिलाधिकारी जहां भूमि स्थिति है, संबंधित विकास प्राधिकरण/परिषद के अधिशासी अभियन्ता तथा स्थानीय आवश्यकतानुसार जिलाधिकारी द्वारा नामित अधिकारी सदस्य होंगे।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2018-19 से 2021 तक आवास विकास परिषद हेतु 1.20 लाख तथा विकास प्राधिकरण हेतु 2.80 लाख कुल 4 लाख दुर्बल आय वर्ग के भवनों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है।

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दुग्धशाला विभाग, उ0प्र0 के राज्य दुग्ध परिषद एवं उसकी सभी इकाइयों में हड़ताल पर रोक

Posted on 13 July 2018 by admin

लखनऊ: दिनांक: 13 जुलाई, 2018
उ0प्र0 सरकार ने अत्यावश्यक सेवाओं के अनुरक्षण अधिनियम, 1966 के अधीन प्राप्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए दुग्धशाला विकास विभाग, उत्तर प्रदेश, राज्य दुग्ध परिषद एवं सदस्य इकाइयां, प्रादेशिक काॅपरेटिव डेरी फेडरेशन लि0 लखनऊ जिसमें उनकी सभी इकाइयां भी सम्मिलित है, के अधीन सभी सेवाओं में एवं उनके सदस्य सहकारी दुग्ध संघों के अधीन सभी सेवाओं में 06 माह के लिए हड़ताल पर रोक लगा दी है।
दुग्ध विकास विभाग द्वारा 10 जुलाई, 2018 को जारी अधिसूचना के अनुसार राज्य सरकार को समाधान हो गया है कि लोकहित में ऐसा करना आवश्यक और समीचीन है।
सम्पर्क: अ0 सूचना अधिकारी- आरती वर्मा

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नगरीय क्षेत्रों में वितरण/स्टाक रजिस्टर तथा ई-चालान को अधिक उपयोगी व पारदर्शी बनाने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए

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लखनऊ: 13 जुलाई, 2018
प्रदेश के जनपदों में आवश्यक वस्तुओं के वितरण की पारदर्शी व्यवस्था स्थापित करने के लिए खाद्य आयुक्त श्री आलोक कुमार ने संबंधित अधिकारियों को समस्त नगरीय क्षेत्रों में प्रत्येक उचित दर विक्रेता के यहाँ पूर्व में प्रचलित रजिस्टर की उपयोगिता एवं आवश्यक प्रारूप तथा ई-चालान की प्रति में अतिरिक्त सूचनाओं के प्रदर्शन के सम्बन्ध में दिशा निर्देश दिये हैं।
जारी निर्देशों में कहा गया है कि नगरीय क्षेत्र के उचित दर विक्रेताओं के वितरण रजिस्टर प्रतिमाह कार्यालय में जमा कराने का व्यवहार समाप्त किया जाए। इसके अलावा किसी माह विशेष में प्राप्त होने वाले आवंटन के साथ-साथ यह भी ज्ञात होना चाहिए कि उसे प्राप्त होने वाले आवंटन की मात्रा का निर्धारण किस प्रकार किया गया है एवं यह मात्रा उसे किन लाभार्थियों के विरूद्ध प्राप्त हुई है। विभागीय वेबसाइट से प्राप्त होने वाले लाभार्थियों की सूची तथा सिस्टम इन्टीग्रेटर की सूची में कोई भिन्नता नहीं होनी चाहिए तथा इस सूची में राशन कार्डधारक का नाम तथा यूनिट के सम्मुख एक अभ्युक्ति के काॅलम का प्रयोग विक्रेता द्वारा दैनिक रूप से वितरण करते समय यह सुनिश्चित करने के लिये करना होगा कि अमुक परिवार सम्बन्धित माह में अपना खाद्यान्न प्राप्त कर चुका है या नहीं।
सिस्टम इन्टीग्रेटर/एन0आई0सी0 द्वारा भी मासान्त में ऐसी सूची उपलब्ध करायी जायेगी, जिसमें राशनकार्डधारक को माह में किये गये वितरण का विवरण होगा, जिससे विक्रेता अपने अभिलेखों का मिलान कर सकेगा। इसी प्रकार स्टाक रजिस्टर में भी मासान्त में संक्षिप्त विवरण तैयार किया जायेगा, जिससे स्पष्ट हो कि माह कि आरम्भिक अवशेष व माह में प्राप्त कुल आमद के विरूद्ध कुल कितने परिवारों को कितनी मात्रा वितरित की गयी है। इस व्यवस्था से न केवल प्रतिदिन बेची गई खाद्यान्न की मात्रा व अवशेष खाद्यान्न का हिसाब रहेगा बल्कि यह भी ज्ञात रहेगा कि किन परिवारों का खाद्यान्न वितरित नहीं हो सका है।
उन्होंने कहा कि एन0आई0सी0 उत्तर प्रदेश द्वारा यह सुनिश्चित किया जायेगा कि खाद्यान्न की धनराशि जमा करने हेतु निर्गत आनलाइन चालान में पूर्व विवरणों के अतिरिक्त ऐसे लाभार्थियों की संख्या, जिनके लिए आवंटन जारी हुआ है तथा गतमाह के अवशेष मात्रा का भी उल्लेख हो, ताकि विक्रेता को किसी प्रकार का भ्रम न हो।

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कुम्भ मेले में भीड़ प्रबन्धन के मार्गदर्शन हेतु कन्सल्टेंट नियुक्त करने की मिली सैद्धांतिक सहमति

Posted on 13 July 2018 by admin

लखनऊ: 13 जुलाई, 2018
उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंध प्राधिकरण की राज्य कार्यकारिणी समिति की बैठक मुख्य सचिव डा0 अनूप चन्द्र पाण्डेय की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई, जिसमें आपदा प्रबन्ध प्राधिकरण के 10 प्रस्तावों को अनुमोदित किया गया।
राहत आयुक्त श्री संजय कुमार ने यह जानकारी देते हुए बताया कि बैठक में वर्ष 2018-19 के लिए राज्य आपदा प्रबंध योजना को अनुमोदित किया गया। इसी प्रकार मुख्यमंत्री स्कूल सुरक्षा कार्यक्रम के तहत प्रत्येक जनपद के 50-50 विद्यालयों में प्रशिक्षण, जागरूकता एवं माॅकड्रिल इत्यादि कार्यक्रमों को संचालित करने के लिए सम्भावित व्यय 7.5 करोड़ रु0 का अनुमोदन प्रदान किया गया। समुदाय आधारित आपदा प्रबन्धन प्रशिक्षण परियोजना के अन्तर्गत 19 आपदा संवेदनशील जनपदों के 950 ग्राम पंचायतों में आपदा प्रबन्धन सम्बंधी प्रशिक्षण देने के लिए 4.69 करोड़ रु0 की धनराशि अनुमोदित की गई। इसमें प्रत्येक ग्राम पंचायत से 30-30 व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया जायेगा।
राहत आयुक्त ने बताया कि युवा कल्याण विभाग के 150 अधिकारियों एवं 750 पी.आर.डी. जवानों एवं युवक/महिला मंगल दल के सदस्यों को 5 दिवसीय आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण देने की योजना है। इस राज्य स्तरीय प्रशिक्षण हेतु 60.75 लाख रु0 की राशि को अनुमोदित किया गया है। उन्होंने बताया कि पंचायती राज विभाग के 2460 अधिकारियों/कर्मचारियों को राज्य/जनपद स्तरीय प्रशिक्षण देने की योजना बनाई गई है। इस प्रशिक्षण कार्य के लिए 105.75 लाख रु0 का अनुमोदन प्रदान किया गया है।
श्री संजय कुमार ने बताया कि उ0प्र0 राज्य आपदा प्रबंध प्राधिकरण के द्वारा वर्ष 2017-18 में व्यय की गई राशि 147.15 लाख रु0 तथा वर्ष 2018-19 मं अब तक हुए व्यय 55.61 लाख रु0 की राशि को अनुमोदित की गई। उन्हांेने बताया कि एस.डी.आर.एफ. के अन्तर्गत वर्ष 2017-18 में 12 दिसम्बर, 2017 से 31 मार्च, 2018 तक की अवधि में हुए व्यय की राशि 105.64 करोड़ रु0 तथा वित्तीय वर्ष 2018-19 में अब तक हुई खर्च 442.87 करोड़ रु0 की धनराशि का अनुमोदन दिया गया। उन्होंने बताया कि कुम्भ मेला-2019 में आपदा प्रबंधन योजना तैयार करने तथा भीड़ प्रबंधन पर मार्गदर्शन करने के लिए कन्सल्टेंट नियुक्त किए जाने के प्रस्ताव की सैद्धांतिक सहमति बैठक में प्रदान की गई।
राहत आयुक्त के अनुसार निजी संस्था स्काई मेट द्वारा प्रदेश में तीन माह के लिए विभिन्न आपदाओं के संबंध में पूर्व चेतावनी एवं पूर्वानुमान की निःशुल्क सेवा हेतु एम.ओ.यू. करने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया गया। उन्होंने बताया कि विभिन्न प्रकार के आपदाओं से बचाव तथा प्रबंधन आदि के बारे में प्रशिक्षण, साहित्य, पम्पलेट, ब्रोशर, होर्डिंग आदि के मुद्रण के कार्य के लिए 40 लाख रु0 की धनराशि का अनुमोदन किया गया।
बैठक में अपर मुख्य सचिव सुश्री रेणुका कुमार सहित राजस्व विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
अपर सूचना अधिकारी- आरती वर्मा

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मेंथा प्रसंस्करण इकाईयों को निर्यात दायित्व सिद्ध होने के उपरान्त मिलेगी मण्डी शुल्क और विकास सेस की छूट

Posted on 13 July 2018 by admin

लखनऊ: 13 जुलाई, 2018
प्रदेश में जिन मेंथा प्रसंस्करण इकाइयों को निर्यात में मण्डी शुल्क और विकास शुल्क में छूट प्राप्त होनी है उनके द्वारा निर्यात से पहले इस छूट के बराबर की धनराशि बैंक गारण्टी निर्यातक के द्वारा मण्डी समिति में जमा करवायी जायेगी। गारण्टी धनराशि को निर्यात का दायित्व सिद्ध होने पर 30 दिन के भीतर अवमुक्त कर दिया जायेगा।
यह जानकारी देते हुए प्रमुख सचिव कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार श्री अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि यह व्यवस्था कृषि उत्पादन मण्डी अधिनियम 1964 की धारा-17 (क)(1)(ख) के अन्तर्गत निर्यात पर मण्डी शुल्क/विकास सेस में छूट प्राप्त मेंथा प्रसंस्करण इकाईयों के लिए लागू की गई है। उन्होंने बताया कि मण्डी शुल्क व विकास सेस की गणना निदेशक, मण्डी द्वारा नियमानुसार करते हुए बैंक गारण्टी की अपेक्षा की जायेगी।

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भू-जल सप्ताह का आयोजन पूरे प्रदेश में 16 जुलाई से सप्ताह की थीम ‘भूजल संरक्षण-समय की मांग’

Posted on 13 July 2018 by admin

लखनऊ: 13 जुलाई, 2018
भूजल संरक्षण का संदेश आम जनता तक पहुंचाने और जागरूकता लाने के उद्देश्य से आगामी 16 जुलाई से 22 जुलाई तक ‘‘भूजल सप्ताह का आयोजन पूरे प्रदेश में किया जायेगा। इस वर्ष मनाये जा रहे सप्ताह की थीम ‘‘भूजल संरक्षण समय की मांग’’ (ळतवनदक ॅंजमत बवदेमतअंजपवद.छममक व िभ्वनतद्ध है। यह आयोजन राज्य, मण्डल, जनपद, तहसील एवं विकासखण्डों में विशेष रूप से स्थानीय स्कूलों कालेजों/शैक्षिक संस्थानों की व्यापक सहभागिता के साथ किए जाने के निर्देश राज्य सरकार द्वारा संबंधित विभागों को दिए गए हैं।
प्रदेश के 217 विकास खण्ड अतिदोहित/क्रिटिकल/सेमी क्रिटिकल श्रेणी में पहुंच गए जो चिन्ताजनक स्थिति है। भूजल संसाधनों की उपलब्धता में प्रभावी सुधार, गिरते भूजल स्तर के दीर्घकालिक एवं स्थायी समाधान के लिए भूगर्भ जल संसाधनों का प्रभावी प्रबन्धन आवश्यक है। आम जन की सहभागिता के बिना शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में भूगर्भ जल के गहराते संकट से निपटना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। इसलिए आम जनता को भूजल संरक्षण के प्रति संवेदनशील बनाना आवश्यक है।
इसके साथ ही राज्य सरकार ने वर्षा जल संचयन एवं भूजल संवर्धन से संबंधित योजनाओं का शिलान्यास/लोकार्पण यथासंभव क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों द्वारा भूजल सप्ताह की अवधि में कराये जाने के साथ ही स्थानीय स्कूल कालेजों में परिचर्चा, संवाद, निबन्ध, वाद-विवाद, चित्रकला, कठपुतली प्रदर्शन, लोक नृत्य, पोस्टर्स, होर्डिंग, प्रदर्शनी मेलों, रैलियों एवं आकाशवाणी, रेडियो दूरदर्शन एवं विभिन्न प्रचार माध्यमों के द्वारा आयोजित कराने के निर्देश दिए हैं।

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हथकरघा मंत्री ने यू0पी0 हैण्डलूम को हथकरघा निदेशालय में मर्ज करने का प्रस्ताव प्रस्तुत करने के दिए निर्देश

Posted on 13 July 2018 by admin

51लखनऊ: दिनांक: 13 जुलाई, 2018
प्रदेश हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग मंत्री श्री सत्यदेव पचैरी ने कहा कि राज्य में हथकरघा विकास कार्यक्रमों को गति देने के लिए राज्य सरकार संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि यू0पी0 हैण्डलूम को हथकरघा निदेशालय में समाहित करने के लिए विभागीय अधिकारियों को प्रस्ताव उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा निगम के कर्मी जब हथकरघा निदेशालय में मर्ज हो जायेंगे, तो उनकी वेतनमान सहित अनेक कठिनाइयों का समाधान त्वरित गति से हो सकेगा। उन्होंने कहा कि मनोरंजन कर विभाग को वाणिज्य कर विभाग में मर्ज किया गया है, उसी तर्ज पर हैण्डलूम कारपोरेशन को भी मर्ज करने पर विचार किया जा सकता है।
श्री पचैरी आज विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि हैण्डलूम उद्योग को नया जीवन मिले इसके लिए आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही हैं और यू0पी0 हैण्डलूम को घाटे से उबारने के लिए भी प्रभावी कदम उठाये जा रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों को हैण्डलूम की ब्रिकी को बढ़ाने के लिए अधिकारियों को समन्वय से काम करने पर विशेष बल देते हुए कहा कि हैण्डलूम को ओ0डी0ओ0पी0 जोड़ने के लिए कार्ययोजना तैयार की जाय। उन्होंने कहा कि हैण्डलूम के शोरूम में पीपीपी के आधार पर ओ0डी0ओ0पी0 का एक काउन्टर भी स्थापित किया जाय।
हथकरघा मंत्री ने कहा कि हैण्डलूम के पास लगभग 500 से 700 करोड़ रुपये की प्रापर्टी है, फिर भी हथकरघा निगम के अधिकांश शोरूम घाटे में हैं। उन्होंने कहा कि काफी अरसे से घाटे में चल रहे 25 शोरूम को बंद करने की कार्यवाही की जा रही है। यह शोरूम किराये के भवन में है और वहां पर कोई कर्मचारी भी तैनात नहीं है। अनावश्यक रूप से भवन के किराये का बोझ सरकार पर पड़ रहा है। इससे लम्बित देनदारियां खत्म होंगी और वर्तमान में बढ़ रही देनदारियों पर भी अंकुश लग सकेगा।
श्री पचैरी ने अधिकारियों को हथकरघा उत्पादों के बिक्री के लक्ष्य कों इस वर्ष दोगुना करने के निर्देश देते हुए कहा कि बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए अभी से लक्ष्य तय कर लिए जायं। उन्होंने हैण्डलूम की बिक्री में इजाफा करने के लिए नान टेक्सटाइल्स आइटम को जोड़ने पर बल दिया। उन्होंने क्रेताओं को भी हैण्डलूम स्टालों पर बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों की जिम्मेदारी कार्यकुशलता के आधार पर तय करने के निर्देश दिए।
राज्य हथकरघा निगम के प्रबंध निदेशक श्री सुखलाल भारती ने हथकरघा निगम द्वारा संचालित योजनाओं एवं कार्यक्रमों की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि निगम अपने शोरूमों को बेहतर ढंग से संचालित करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि निगम के 13 बिक्री केन्द्र लाभ में चल रहे हैं। इसके साथ ही मामूली हानि में चल रहे 20 बिक्री केन्द्रों को और बेहतर बनाया जा रहा है, ताकि यह भी लाभ में जल्द आ सकें। उन्होंने बैठक में आश्वस्त किया कि निगम पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष अपनी बिक्री को दोगुना करने के लिए सम्भव प्रयास करेगा।

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मायावती और अखिलेश ने बेंच डाली थीं नौकरियां - डा0 चन्द्रमोहन

Posted on 13 July 2018 by admin

लखनऊ 13 जुलाई 2018, भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) के शासनकाल में सरकारी नौकरियों का जमकर सौदा किया गया। जो नौकरियां योग्य युवाओं के लिए थीं उन्हें अपात्र लोगों को बेच दिया गया। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में सुश्री मायावती और श्री अखिलेश यादव के मुख्यमंत्रित्वकाल के दौरान हुई भर्तियों में गड़बडियों के खुलासे से इन नेताओं की भ्रष्टाचार से अपनी तिजोरी भरने की मानसिकता को पुष्ट करता है।
प्रदेश पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने के मामले में सुश्री मायावती और श्री अखिलेश यादव की सोच एक जैसी ही है। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की वर्ष 2011, 2013 व 2016 में प्रवक्ता एवं स्नातक शिक्षक (टीजीटी-पीजीटी) के ऐसे विषयों के लिए चयन प्रक्रिया शुरू हुई जो विषय प्रदेश के माध्यमिक कालेजों में पढ़ाए ही नहीं जाते हैं। सपा शासनकाल के दौरान उत्तर प्रदेश राज्य लोक सेवा आयोग की भर्तियों में चल रही सीबीआइ जांच के दौरान ऐसे तथ्य सामने आ रहे हैं जिससे पता चलता है कि पूर्ववर्ती अखिलेश यादव की सरकार ने भ्रष्टाचार के सारे रिकार्ड तोड़ दिए थे।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि सपा और बसपा के शासनकाल में शायद ही कोई ऐसी भर्ती प्रक्रिया हो जो साफ-सुथरे ढंग से पूरी की गई हो। यही वजह रही कि युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वाली ये दोनों पार्टियां राजनीति में हाशिए पर पहुंच गई हैं। वहीं दूसरी ओर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद से नए सिरे से चयन संस्थाओं का गठन किया गया है। ईमानदार और साफ-सुथरी छवि वाले लोगों को इन चयन संस्थाओं का अध्यक्ष और सदस्य बनाया गया है।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में भाजपा सरकार किसी को भी युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने की छूट नहीं देने वाली। सरकार ने चयन संस्थाओं की भर्ती प्रक्रियाओं को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए कड़े उपाय किए हैं। इससे योग्य युवाओं का हक अब कोई नहीं छीन सकता। इन्हीं युवाओं के बल पर ही उत्तर प्रदेश तरक्की की नई मिसाल कायम करेगा।

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30 सितम्बर, 2018 तक प्रदेश को खुले में शौच मुक्त बनाया जाय - भूपेन्द्र सिंह चैधरी

Posted on 12 July 2018 by admin

45सुरेन्द्र अग्निहोत्री,लखनऊ: 12 जुलाई, 2018 शौचालय निर्माण में खराब प्रगति वाले दस जनपदों के जिला पंचायतराज अधिकारी, जिला समन्वयक व सम्बन्धित उप निदेशक पंचायत से ,स्पष्टीकरण मांगने का दिया निर्देश
प्रदेश के पंचायतीराज राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री भूपेन्द्र सिंह चैधरी ने कहा कि मा0 मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के निर्देशानुसार 30 सितम्बर, 2018 तक प्रदेश को खुले में शौच मुक्त बनाया जाना है, जिसको ध्यान में रखते हुए सभी अधिकारी/कर्मचारी मेहनत एवं ईमानदारी से शौचालय निर्माण का कार्य कराना सुनिश्चित करें। विभागीय अधिकारी योजनाओं का क्रियान्वयन सहीं ढंग से कराते हुए निर्धारित समय में कार्य पूर्ण करायेें। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) योजना मा0 मुख्यमंत्री जी एवं मा0 प्रधानमंत्री जी के प्राथमिकता में है।
यह बाते श्री चैधरी आज यहां पंचायतीराज निदेशालय अलीगंज लखनऊ में विभागीय योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए कही। उन्होंने कहा कि विभागीय योजनाओं की प्रगति में किसी प्रकार की ढिलाई नहीं की जाये, ठीक ढंग से कार्य योजना बनाकर कार्यों में तेजी लाते हुए कार्यों को समयानुसार पूर्ण कराया जाये। श्री चैधरी ने स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) अन्तर्गत शौचालय निर्माण में दस जनपद बांदा, लखनऊ, वाराणसी, उन्नाव, सहारनपुर, जौनपुर, एटा, हरदोई, कुशीनगर एवं लखीमपुरखीरी की प्रगति खराब पाये जाने पर इन जनपदों के जिला पंचायत राज अधिकारी, जिला समन्वयक व इन जनपदों से सम्बन्धित उप निदेशक पंचायत से स्पष्टीकरण मांगने व विभागीय कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारी बैठक में पूरी अद्यतन प्रगति के साथ ही प्रतिभाग करें, इसमें किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। शौचालय निर्माण की शत-प्रतिशत फोटोग्राफ अपलोडिंग का कार्य कराया जाये। उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) की समीक्षा करते हुए पाया कि 02 अक्टूबर, 2014 से अब तक 1,28,43,945 शौचालयों का निर्माण कराया गया है।
पंचायतीराज राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री भूपेन्द्र सिंह चैधरी ने ओ0डी0एफ0 ग्रामों की प्रगति व सत्यापन, ग्राम पंचायत विभाग योजना (जी0पी0डी0पी0), ग्राम पंचायतों द्वारा कराये जा रहे कार्यों की एक्सन-साफ्ट एवं प्रिया साॅफ्ट पर भौतिक एवं वित्तीय प्रगति, मुख्यमंत्री पंचायत प्रोत्साहन पुरस्कार योजना, मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर प्राप्त शिकायतों, बहुउद्देशीय पंचायत भवन निर्माण की प्रगति, ग्रामीण अन्तत्येष्टि स्थल विकास के अन्तर्गत निर्मित हो रहे अन्त्येष्टि स्थलों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि मा0 मुख्यमंत्री संदर्भ एवं मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर प्राप्त शिकायतों का निस्तारण सभी अधिकारी प्राथमिकता के आधार पर समयानुसार कराना सुनिश्चित करें। बहुउद्देशीय पंचायत भवनों का निर्माण कार्य मानक एवं गुणवत्तापूर्ण ढंग से किया जाये इसमें किसी प्रकार की लापरवाही नही की जाये। उन्होंने समीक्षा के दौरान पाया कि स्वच्छ मिशन (ग्रामीण) के तहत जनपद जौनपुर, प्रतापगढ़, सिद्धार्थनगर, बस्ती, आजमगढ़, आम्बेडकरनगर, गोण्डा, गोरखपुर, रायबरेली, सुल्तानपुर में 90 प्रतिशत से अधिक शौचालयों के निर्माण का कार्य पूर्ण हो गया है।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज श्री आर0के0 तिवारी ने कहा है कि मा0 मंत्री जी द्वारा आज की इस बैठक में विभागीय कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिये गये है उनका शत-प्रतिशत पालन सभी अधिकारी/कर्मचारी अवश्य करेंगे। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों में जो भी विकास/निर्माण कार्य कराये जा रहे हैं उनकी जानकारी अद्यतन रखी जाये।
इस अवसर पर निदेशक पंचायतीराज श्री आकश दीप ने विभागीय योजनाओं की प्रगति की जानकारी दी। इस अवसर पर विशेष सचिव पंचायतीराज श्री प्रवीन लक्षकार, अपर निदेशक पंचायतीराज श्री एस0के0 पटेल, उप निदेशक श्रीमती प्रवीणा चैधरी, श्री गिरीश चन्द्र रजक, श्री योगेन्द्र कटियार सहित विभागीय अधिकारी आदि उपस्थित थे।

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विश्व बैंक पोषित परियोजना यूपीडब्लूएसआरपी के कार्यों को करें समय से पूर्ण: मुख्य सचिव

Posted on 12 July 2018 by admin

लखनऊ: 12 जुलाई, 2018
कम जल से अधिक उपज प्राप्त करने हेतु
फार्मर वाटर स्कूलों को बनायें प्रभावी: डाॅ0 अनूप चन्द्र पाण्डेय
नहरों का प्रबन्ध किसानों को सौंपने हेतु
जल उपभोक्ता समितियों का कराये निर्वाचन: मुख्य सचिव
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव डाॅ0 अनूप चन्द्र पाण्डेय ने हर खेत तक पानी पहुॅचाने के सरकार के संकल्प को दोहराते हुए कहा कि किसानों को समय से उनके खेत में पानी पहुॅचाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कम जल से अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए परियोजना द्वारा एफ0ए0ओ0/कृषि विभाग के सहयोग से संचालित फार्मर वाटर स्कूल को और अधिक प्रभावी बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश वाटर सेक्टर रिस्ट्रक्चरिंग परियोजना द्वितीय चरण के कार्यों को मानको के अनुरूप समय सीमा के अन्तर्गत पूर्ण करायें।
मुख्य सचिव ने यह निर्देश आज सिंचाई विभाग की विश्व बैंक पोषित परियोजना यूपीडब्लूएसआरपी विश्व बैंक टीम के साथ बैंठक में सिंचाई विभाग के अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि नहरों का पूरा प्रबंध किसानों के द्वारा कराने हेतु सिंचाई प्रबन्धन (पिम) कार्यक्रम के अन्तर्गत जल उपभोक्ता समितियों का गठन कर निर्धारित समय-सीमा में निर्वाचन कराया जाये। उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को विश्व बैंक के अधिकारियों के साथ बेहतर आपसी सामंजस्य स्थापित करते हुये परियोजनाओं को निर्धारित मानक एवं गुणवत्ता के साथ ससमय में पूर्ण कराने के निर्देश दिये। उन्होंने विश्व बैंक के अधिकारियों से भी अपेक्षा कि वे परियोजनाओं को ससमय पूर्ण कराने में सहयोग प्रदान करें, जिससे परियोना के उद्देश्यों की पूर्ति की जा सके।
सचिव सिंचाई एवं अध्यक्ष (पैक्ट) श्री राजमणि यादव ने परियोजना की प्रगति प्रस्तुत करते हुए बताया कि शारदा सहायक संगठन के अन्तर्गत हैदरगढ़ शाखा प्रणाली (कि0मी0 22.98 से टेल तक) के पुनस्र्थापना कार्य पूर्ण कराया गया है तथा बेतवा संगठन के ललितपुर जनपद में रोहणी, जामनी, सजनम बांध नहर प्रणाली के पुर्नस्थापना का 60 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका हैं। इसी तरह समान्तर निकली गंगा नहर के लाइनिंग का लगभग 45 प्रतिशत कार्य पूर्ण कर लिया गया है। कम पानी में अधिक उपज प्राप्त करने के लिए कृषि विभाग/एफ0ए0ओ0 के माध्यम से परियोजना क्षेत्र में 240 फार्मर वाटर स्कूल स्थापित कर लिये गये है तथा 1160 फार्मर वाटर स्कूल स्थापित करने का कार्य प्रगति पर है। इसी प्रकार बुन्देलखण्ड़ के बेतवा संगठन के 711 जल उपभोक्ता समितियों का निर्वाचन कराकर 04 नहरो छपरौनी, गढौली, चैका व तिसगना का प्रबंध विश्व बैंक की टीम के समक्ष जल उपभोक्ता समितियों को सौपा गया है। शारदा सहायक संगठन व रामगंगा संगठन के खण्ड़ो में निर्वाचन प्रक्रिया संचालित है।
विश्व बैंक टीम लीडर अहमद साउकी ने उ0प्र0 सरकार से मिल रही सहयोग की सराहना करते हुए परियोजना की प्रगति पर सन्तोष व्यक्त किया।
बैंठक में तकनीकी सलाहकार, पैक्ट श्री एस0सी0 शर्मा, मुख्य अभियन्ता, पैक्ट श्री ए0के0 सिंह सेंगर सहित विश्व बैंक दल के सदस्यों व विभिन्न विभागों के अधिकारियो/विशेषज्ञों ने प्रतिभाग किया।

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