लखनऊ: 13 जुलाई, 2018
प्रदेश में जिन मेंथा प्रसंस्करण इकाइयों को निर्यात में मण्डी शुल्क और विकास शुल्क में छूट प्राप्त होनी है उनके द्वारा निर्यात से पहले इस छूट के बराबर की धनराशि बैंक गारण्टी निर्यातक के द्वारा मण्डी समिति में जमा करवायी जायेगी। गारण्टी धनराशि को निर्यात का दायित्व सिद्ध होने पर 30 दिन के भीतर अवमुक्त कर दिया जायेगा।
यह जानकारी देते हुए प्रमुख सचिव कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार श्री अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि यह व्यवस्था कृषि उत्पादन मण्डी अधिनियम 1964 की धारा-17 (क)(1)(ख) के अन्तर्गत निर्यात पर मण्डी शुल्क/विकास सेस में छूट प्राप्त मेंथा प्रसंस्करण इकाईयों के लिए लागू की गई है। उन्होंने बताया कि मण्डी शुल्क व विकास सेस की गणना निदेशक, मण्डी द्वारा नियमानुसार करते हुए बैंक गारण्टी की अपेक्षा की जायेगी।