लखनऊ: 13 जुलाई, 2018
प्रदेश के जनपदों में आवश्यक वस्तुओं के वितरण की पारदर्शी व्यवस्था स्थापित करने के लिए खाद्य आयुक्त श्री आलोक कुमार ने संबंधित अधिकारियों को समस्त नगरीय क्षेत्रों में प्रत्येक उचित दर विक्रेता के यहाँ पूर्व में प्रचलित रजिस्टर की उपयोगिता एवं आवश्यक प्रारूप तथा ई-चालान की प्रति में अतिरिक्त सूचनाओं के प्रदर्शन के सम्बन्ध में दिशा निर्देश दिये हैं।
जारी निर्देशों में कहा गया है कि नगरीय क्षेत्र के उचित दर विक्रेताओं के वितरण रजिस्टर प्रतिमाह कार्यालय में जमा कराने का व्यवहार समाप्त किया जाए। इसके अलावा किसी माह विशेष में प्राप्त होने वाले आवंटन के साथ-साथ यह भी ज्ञात होना चाहिए कि उसे प्राप्त होने वाले आवंटन की मात्रा का निर्धारण किस प्रकार किया गया है एवं यह मात्रा उसे किन लाभार्थियों के विरूद्ध प्राप्त हुई है। विभागीय वेबसाइट से प्राप्त होने वाले लाभार्थियों की सूची तथा सिस्टम इन्टीग्रेटर की सूची में कोई भिन्नता नहीं होनी चाहिए तथा इस सूची में राशन कार्डधारक का नाम तथा यूनिट के सम्मुख एक अभ्युक्ति के काॅलम का प्रयोग विक्रेता द्वारा दैनिक रूप से वितरण करते समय यह सुनिश्चित करने के लिये करना होगा कि अमुक परिवार सम्बन्धित माह में अपना खाद्यान्न प्राप्त कर चुका है या नहीं।
सिस्टम इन्टीग्रेटर/एन0आई0सी0 द्वारा भी मासान्त में ऐसी सूची उपलब्ध करायी जायेगी, जिसमें राशनकार्डधारक को माह में किये गये वितरण का विवरण होगा, जिससे विक्रेता अपने अभिलेखों का मिलान कर सकेगा। इसी प्रकार स्टाक रजिस्टर में भी मासान्त में संक्षिप्त विवरण तैयार किया जायेगा, जिससे स्पष्ट हो कि माह कि आरम्भिक अवशेष व माह में प्राप्त कुल आमद के विरूद्ध कुल कितने परिवारों को कितनी मात्रा वितरित की गयी है। इस व्यवस्था से न केवल प्रतिदिन बेची गई खाद्यान्न की मात्रा व अवशेष खाद्यान्न का हिसाब रहेगा बल्कि यह भी ज्ञात रहेगा कि किन परिवारों का खाद्यान्न वितरित नहीं हो सका है।
उन्होंने कहा कि एन0आई0सी0 उत्तर प्रदेश द्वारा यह सुनिश्चित किया जायेगा कि खाद्यान्न की धनराशि जमा करने हेतु निर्गत आनलाइन चालान में पूर्व विवरणों के अतिरिक्त ऐसे लाभार्थियों की संख्या, जिनके लिए आवंटन जारी हुआ है तथा गतमाह के अवशेष मात्रा का भी उल्लेख हो, ताकि विक्रेता को किसी प्रकार का भ्रम न हो।