लखनऊ: 13 जुलाई, 2018
भूजल संरक्षण का संदेश आम जनता तक पहुंचाने और जागरूकता लाने के उद्देश्य से आगामी 16 जुलाई से 22 जुलाई तक ‘‘भूजल सप्ताह का आयोजन पूरे प्रदेश में किया जायेगा। इस वर्ष मनाये जा रहे सप्ताह की थीम ‘‘भूजल संरक्षण समय की मांग’’ (ळतवनदक ॅंजमत बवदेमतअंजपवद.छममक व िभ्वनतद्ध है। यह आयोजन राज्य, मण्डल, जनपद, तहसील एवं विकासखण्डों में विशेष रूप से स्थानीय स्कूलों कालेजों/शैक्षिक संस्थानों की व्यापक सहभागिता के साथ किए जाने के निर्देश राज्य सरकार द्वारा संबंधित विभागों को दिए गए हैं।
प्रदेश के 217 विकास खण्ड अतिदोहित/क्रिटिकल/सेमी क्रिटिकल श्रेणी में पहुंच गए जो चिन्ताजनक स्थिति है। भूजल संसाधनों की उपलब्धता में प्रभावी सुधार, गिरते भूजल स्तर के दीर्घकालिक एवं स्थायी समाधान के लिए भूगर्भ जल संसाधनों का प्रभावी प्रबन्धन आवश्यक है। आम जन की सहभागिता के बिना शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में भूगर्भ जल के गहराते संकट से निपटना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। इसलिए आम जनता को भूजल संरक्षण के प्रति संवेदनशील बनाना आवश्यक है।
इसके साथ ही राज्य सरकार ने वर्षा जल संचयन एवं भूजल संवर्धन से संबंधित योजनाओं का शिलान्यास/लोकार्पण यथासंभव क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों द्वारा भूजल सप्ताह की अवधि में कराये जाने के साथ ही स्थानीय स्कूल कालेजों में परिचर्चा, संवाद, निबन्ध, वाद-विवाद, चित्रकला, कठपुतली प्रदर्शन, लोक नृत्य, पोस्टर्स, होर्डिंग, प्रदर्शनी मेलों, रैलियों एवं आकाशवाणी, रेडियो दूरदर्शन एवं विभिन्न प्रचार माध्यमों के द्वारा आयोजित कराने के निर्देश दिए हैं।