लखनऊ 13 जुलाई 2018, भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) के शासनकाल में सरकारी नौकरियों का जमकर सौदा किया गया। जो नौकरियां योग्य युवाओं के लिए थीं उन्हें अपात्र लोगों को बेच दिया गया। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में सुश्री मायावती और श्री अखिलेश यादव के मुख्यमंत्रित्वकाल के दौरान हुई भर्तियों में गड़बडियों के खुलासे से इन नेताओं की भ्रष्टाचार से अपनी तिजोरी भरने की मानसिकता को पुष्ट करता है।
प्रदेश पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने के मामले में सुश्री मायावती और श्री अखिलेश यादव की सोच एक जैसी ही है। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की वर्ष 2011, 2013 व 2016 में प्रवक्ता एवं स्नातक शिक्षक (टीजीटी-पीजीटी) के ऐसे विषयों के लिए चयन प्रक्रिया शुरू हुई जो विषय प्रदेश के माध्यमिक कालेजों में पढ़ाए ही नहीं जाते हैं। सपा शासनकाल के दौरान उत्तर प्रदेश राज्य लोक सेवा आयोग की भर्तियों में चल रही सीबीआइ जांच के दौरान ऐसे तथ्य सामने आ रहे हैं जिससे पता चलता है कि पूर्ववर्ती अखिलेश यादव की सरकार ने भ्रष्टाचार के सारे रिकार्ड तोड़ दिए थे।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि सपा और बसपा के शासनकाल में शायद ही कोई ऐसी भर्ती प्रक्रिया हो जो साफ-सुथरे ढंग से पूरी की गई हो। यही वजह रही कि युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वाली ये दोनों पार्टियां राजनीति में हाशिए पर पहुंच गई हैं। वहीं दूसरी ओर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद से नए सिरे से चयन संस्थाओं का गठन किया गया है। ईमानदार और साफ-सुथरी छवि वाले लोगों को इन चयन संस्थाओं का अध्यक्ष और सदस्य बनाया गया है।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में भाजपा सरकार किसी को भी युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने की छूट नहीं देने वाली। सरकार ने चयन संस्थाओं की भर्ती प्रक्रियाओं को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए कड़े उपाय किए हैं। इससे योग्य युवाओं का हक अब कोई नहीं छीन सकता। इन्हीं युवाओं के बल पर ही उत्तर प्रदेश तरक्की की नई मिसाल कायम करेगा।