लखनऊ: दिनांक: 13 जुलाई, 2018
राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के घटक अफोर्डेबल हाउसिंग इन पार्टनरशिप के अन्तर्गत दुर्बल आय वर्ग के भवनों के निर्माण हेतु अभिकरणों को निःशुल्क भूमि उपलब्ध कराये जाने हेतु जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति का गठन किये जाने का निर्णय लिया है। प्रदेश के सभी मण्डलायुक्त/जिलाधिकारी, आवास आयुक्त, उ0प्र0 आवास एवं विकास परिषद, समस्त उपाध्यक्ष, विकास प्राधिकरण उ0प्र0 तथा समस्त नगर आयुक्तों को इस हेतु दिशा-निर्देश जारी कर दिये गये हैं।
आदेश में यह कहा गया है कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) की सफलता भूमि के समयान्तर्गत एवं सही लोकेशन के चयन पर पूर्णतः आधारित है। योजना के लिए चयनित भूमि प्रतिबन्धित श्रेणी की नही होगी, बल्कि इसके लिए नजूल, अर्बन सीलिंग की सरप्लस भूमि, ग्राम समाज की भूमि, नगर निगम की भूमि, स्थानीय निकायों की भूमि, राजकीय-आस्थान एवं अन्य सरकारी विभागों यथा-लोक निर्माण विभाग व सिंचाई विभाग की अनुपयुक्त पड़ी भूमि तथा विकास प्राधिकरणों/आवास एवं विकास परिषद की भूमि का उपयोग किया जायेगा। योजना हेतु चिन्हित की जाने वाली सभी प्रकार की भूमि संबंधित संस्था/विभाग द्वारा अनिवार्य रूप से निःशुल्क उपलब्ध करायी जायेगी तथा तदनुसार अपने अभिलेखों में भी दर्ज किया जायेगा। योजना हेतु भूमि का चयन निर्धारित समायान्तर्गत एवं उपयुक्त स्थान (लोकेशन) पर किया जायेगा। संबंधित अभिकरण द्वारा इस भूमि का उपयोग किसी अन्य प्रयोजन के लिए नहीं किया जायेगा।
इसके साथ ही नजूल अथवा अन्य प्रकार की भूमि के अन्तरण के संबंध में विभिन्न प्रवृत शासनादेशों के प्राविधानों का अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा। प्रधानमंत्री आवास योजना मे भवन निर्माण हेतु समिति द्वारा यदि लोक निर्माण विभाग की कोई अनुपयुक्त भूमि चिन्हित होती है तो लोक निर्माण विभाग की सहमति प्राप्त कर कार्यवाही की जायेगी।
प्रत्येक जनपद में योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए गठित इस समिति में अध्यक्ष के रूप में जिलाधिकारी, उपाध्यक्ष के रूप में, उपाध्यक्ष संबंधित विकास प्राधिकरण अपर आवास आयुक्त/सचिव आवास विकास परिषद, सदस्य के रूप में नगर आयुक्त संबंधित नगर निगम/अधिशाषी अधिकारी, संबंधित नगर पालिका परिषद/नगर पंचायत, सदस्य संयोजक के रूप में संबंधित उप जिलाधिकारी जहां भूमि स्थिति है, संबंधित विकास प्राधिकरण/परिषद के अधिशासी अभियन्ता तथा स्थानीय आवश्यकतानुसार जिलाधिकारी द्वारा नामित अधिकारी सदस्य होंगे।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2018-19 से 2021 तक आवास विकास परिषद हेतु 1.20 लाख तथा विकास प्राधिकरण हेतु 2.80 लाख कुल 4 लाख दुर्बल आय वर्ग के भवनों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है।