Posted on 08 May 2018 by admin
लखनऊ: 08 मई, 2018
प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम एवं निर्यात प्रोत्साहन मंत्री श्री सत्यदेव पचैरी ने कहा है कि संसार में माॅं का स्थान सर्वोपरि है। माॅ के स्थान की बराबरी कोई दूसरा नहीं कर सकता है। ‘‘माॅ’’ सिर्फ एक शब्द नहीं, बल्कि एक आयाम है, जिसमें सारा संसार समाया हुआ है। सृष्टि का सृजन माॅ से ही है और वह माॅ ही है, जो बच्चों में उच्च आदर्शों, नैतिक सिद्धांतों और जीवन मूल्यों के गुणों को भरकर एक आदर्श राष्ट्र की स्थापना में अपना योगदान देती है।
श्री पचैरी ने यह विचार आज यहां स्थानीय राम मनोहर लोहिया पार्क, गोमती नगर में दैनिक समाचार पत्र अमर उजाला की ओर से मदर्स डे के उपलक्ष्य में ‘‘माॅं तुझे प्रणाम’’ मेगा ड्राइंग कम्पटीशन में बच्चों के चित्रों का अवलोकन करने के उपरान्त व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि बच्चों में इस चित्रकला प्रतियोगिता के माध्यम से माॅ के प्रति आदर भाव और बढ़ेगा। साथ ही उन्हें माॅं की ममता का भी एहसास होगा। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन से बच्चों को अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करने का बेहतर अवसर प्राप्त होता है।
श्री पचैरी ने इस प्रकार के रचनात्मक एवं सृजनात्मक प्रतियोगिता के आयोजन के प्रति अमर उजाला गु्रप के सदस्यों की सराहना करते हुए उम्मीद जताई कि यह ख्याति प्राप्त समाचार पत्र भविष्य में ऐसे आयोजन करता रहेगा, ताकि बच्चों में राष्ट्र और समाज के प्रति देश भक्ति की भावना जागृत हो सके। उन्हांेने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामने करते हुए कहा कि ये बच्चे निश्चित ही समाज और राष्ट्र के विकास में अपना योगदान देंगे।
इस चित्रकला प्रतियोगिता में विभिन्न स्कूलों के छात्र/छात्राओं ने बड़ी संख्या में प्रतिभाग किया। बच्चों ने माॅ की थीम पर आधारित एक से एक सुंदर, आकर्षक एवं ममतामयी कलात्मक चित्र बनाये।
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लखनऊ: 08 मई, 2018
राज्य सरकार ने शहरी गरीबों के लिए अल्पसंख्यक बाहुल्य बस्तियों तथा नगरीय मलिन बस्तियों में आसरा योजना (आवासीय भवन) के तहत वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान आवासों को पूर्ण करने के लिए प्राविधानित बजट से 66.515 लाख रुपये की धनराशि द्वितीय किश्त के रुप में स्वीकृत की है। इस संबंध में निदेशक सूडा को आवश्यक कार्यवाही किए जाने हेतु निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
नगरीय योजना एवं गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचना के अनुसार जनपद वाराणसी (सरायडंगरी) में आसरा योजना के तहत कुल आवासों की संख्या 48 है तथा आवासीय लागत 245.59 लाख रुपये, जिसमें सामान्य वर्ग के लाभार्थियों की संख्या 26 तथा आवासीय लागत 133.03 लाख रुपये है। इस परियोजना हेतु प्रथम किश्त के रुप में 66.515 लाख रुपये की धनराशि जारी की गई थी। अब 07 मई, 2018 को 66.515 लाख रुपये की द्वितीय किश्त जारी की गई है।
इस धनराशि का उपयोग चालू वित्तीय वर्ष 2018-19 में ही किया जाएगा। इसके साथ ही निर्माण कार्य शुरु करने से पूर्व इन आवासों के भू-स्वामियों के भू- स्वामित्व का सत्यापन अनिवार्य रुप से किया जाएगा।
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लखनऊ: 08 मई, 2018
उत्तर प्रदेश सरकार ने शहरी गरीबों के लिए अल्पसंख्यक बाहुल्य बस्तियों तथा नगरीय मलिन बस्तियों में आसरा योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2018-19 के प्राविधानित बजट से 73.24 लाख रुपये की धनराशि द्वितीय किश्त के रुप में स्वीकृत की है। इस संबंध में 07 मई, 2018 को निदेशक राज्य नगरीय विकास अभिकरण उ0प्र0 को आवश्यक कार्यवाही करने हेतु निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार जनपद वाराणसी में परियोजना के तहत कुल आवासों की संख्या 48 है। अवस्थापना सुविधाओं सहित परियोजना की कुल आवासीय लागत 251.09 लाख रुपये है। इसमें सामान्य वर्ग के लाभार्थियों के आवासों की संख्या 28 तथा कुल आवासीय लागत 145.48 लाख रुपये है। प्रथम किश्त के रुप में 73.24 लाख रुपये की धनराशि जारी की गई थी। मौजूदा समय में अंतिम किश्त के रुप में 73.24 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है।
इस धनराशि का उपयोग चालू वित्तीय वर्ष 2018-19 में किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही निर्माण कार्य आरम्भ करने के पूर्व इन-सीटू आवासों के भू- स्वामियों के भू-स्वामित्व का सत्यापन अनिर्वाय रुप से किया जाना है।
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लखनऊ: 08 मई, 2018
राज्य सरकार ने सैप वर्ष 2016-17 के लिए अमृत योजना के अंतर्गत नगर पालिका परिषद मैनपुरी में पेयजल पुनर्गठन योजना फेज-2 से संबंधित परियोजना के प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति तथा केन्द्रांश व राज्यांश के सापेक्ष प्रथम किश्त के रुप में 278.70 लाख रुपये की धनराशि कतिपय शर्तों के साथ स्वीकृत किया है।
नगर विकास विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर पालिका परिषद मैनपुरी में पेयजल पुनर्गठन योजना फेज-2 से संबंधित परियोजना के अनुमानित लागत 1811.93 लाख रुपये तथा परियोजना की रचना एवं मुल्यांकन प्रभाग द्वारा अनुमोदित धनराशि 1696.30 लाख रुपये की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति के सापेक्ष यह धनराशि स्वीकृत की गई है।
इस संबंध में मिशन निदेशक अमृत, नगर निगम लखनऊ को आवश्यक कार्यवाही हेतु 03 मई, 2018 को आवश्यक निर्देश जारी कर दिये गए हैं।
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लखनऊ: 08 मई, 2018
राज्य सरकार ने शहरी गरीबों के लिए अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों तथा मलिन बस्तियों में ‘‘आसरा योजना‘‘ (आवासीय भवन) के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2017-18 के परियोजना के कार्यों को पूर्ण करने के लिए प्रथम पांच माह हेतु प्राविधानित धनराशि से परियोजना लागत का 40 प्रतिशत अर्थात 1728.084 लाख रुपये की धनराशि द्वितीय किश्त के रुप में स्वीकृत की है।
नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम विभाग द्वारा उललब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार कानपुर नगर के 1500 आवासों के परियोजना की कुल आवासीय लागत 5760.28 लाख रुपये थी, जिसमें सामान्य वर्ग के लाभार्थियों की संख्या 1125 है। इसके अलावा सामान्य वर्ग के लाभार्थियों के लिए परियोजना की कुल आवासीय लागत 4320.21 लाख रुपये है।
शहरी गरीबों के लिए अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों तथा नगरीय मलिन बस्तियों में आसरा योजना के कार्यों को पूरा करने के लिए 1728.084 लाख रुपये अर्थात 17 करोड़ 28 लाख 8 हजार चार सौ रुपये की द्वितीय किश्त सवीकृत की गई है।
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लखनऊ: 08 मई, 2018
उत्तर प्रदेश के विधान परिषद के सभापति मा0 श्री रमेश यादव ने आज विधान भवन के राजर्षि पुरुषोत्तमदास टण्डन हाॅल में विधान परिषद के लिए नव-निर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाई।
शपथ ग्रहण करने वालों में सर्वश्री अशोक कटारिया, अशोक धवन, आशीष कुमार सिंह, ठाकुर जयवीर सिंह, बुक्कल नवाब, मोहसिन रजा, यशवंत सिंह, विजय बहादुर, विद्या सागर सोनकर तथा डा0 सरोजनी अग्रवाल शामिल हैं।
अनुपस्थित होने के कारण कुछ मा0 सदस्य शपथ ग्रहण कार्यक्रम में भाग नहीं ले सके। इस अवसर पर प्रदेश मंत्रिमण्डल के वरिष्ठ मंत्रिगण एवं विधायक तथा विधान परिषद के सदस्य मौजूद थे।
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लखनऊ: 08 मई, 2018
प्रदेेश सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष के लिए पंडित दीन दयाल सोलर लाइट योजना के क्रियान्वयन हेतु 12 करोड़ रुपये की धनराशि की स्वीकृति प्रदान की है।
इस संबंध में जारी शासनादेश में बताया गया है कि स्वीकृत धनराशि का उपयोग निर्धारित प्रयोजन के लिए किया जाएगा। इसके साथ ही अंतर्गत धनराशि के समतुल्य ही कार्य कराया जाएगा। अलग से कोई धनराशि उक्त प्रयोजन के लिए लिए नहीं मिलेगी। कार्य में प्रयोग की जाने वाली सामग्री का क्रय नियमानुसार खरीद नियमों के अंतर्गत ही होगी।
जारी शासनादेश में यह भी प्राविधानित किया गया है कार्य की गुणवत्ता का ध्यान रखते हुए समस्त कार्य निर्धारित समय के अंतर्गत पूर्ण कराए जाए। कार्य स्थल पर स्वीकृत धनराशि एवं कार्य का विवरण शिलापट के माध्यम से प्रदर्शित किया जाए तथा कार्य की वीडियोग्राफी भी सुनिश्चित की जाएगी।
यह भी सुनिश्चित किया जाए कि अवमुक्त धनराशि का उपयोग समय के अंतर्गत किया जाए। व्यय की गई धनराशि का ब्योरा एवं कार्य की भौतिक प्रगति रिपोर्ट प्रत्येक माह की 7 तरीख तक नियोजन/अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत विभाग को उपलब्ध कराई जाए।
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योगी सरकार का ऐतिहासिक फैसला, गुरूग्राम में बना एनसीआर का सचिवालय
लखनऊ 08 मई 2018, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ के राज में अब अपराध कर दूसरे राज्यों में छुपने वाले अपराधियों की भी खैर नहीं। पुलिस उन्हें दूसरे राज्यों से भी ढूढ निकालेगी और इन राज्यों के आपसी समन्यवय से अब ऐसे अपराधियों को ठिकाने भी लगाएगी। पिछले दिनों यूपी-हरियाणा की सीमा पर पचास हजार के कुख्यात इनामी अपराधी बलराज भाटी का एनकाउंटर इसी का उदाहरण है। अंतर्राज्यीय अपराधियों को चैतरफा घेर कर उनसे निपटने के लिए उत्तर प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमत्री श्री योगी आदित्यनाथ और हरियाणा के यशस्वी मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के प्रयासों से गुरूग्राम में एक एनसीआर सचिवालय स्थापित किया जा रहा है। इस प्रयास से एनसीआर के जिलों में कानून व्यवस्था काफी बेहतर और पुख्ता हो सकेगी। उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान पुलिस के समन्यवय से उन अपराधियों पर शिकंजा कसा जा सकेगा जो अभी तक अपराध कर दूसरे राज्यों में छुपते थे। चारों राज्यों के नोडल अफसर इस सचिवालय में समन्यवय का काम करेंगे और एक दूसरे के राज्यों के अपराधियों से जुड़ी सूचनाएं एक दूसरे के साथ साझा करेंगे। यूपी कोका की तरह ही यूपी में कानून व्यवस्था का राज स्थापित करने की दिशा में इस अंतराज्यीय प्रयास को भी एक ऐतिहासिक कदम के तौर याद रखा जाएगा।
प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा है कि एक साल के भीतर कानून व्यवस्था में अभूतपूर्व सुधार करते उत्तर प्रदेश पुलिस ने खूंखार पचास अपराधियों को मार गिराया। प्रदेश में अपराधियों के सफाए की दिशा में ये एक ऐतिहासिक कार्रवाई है जिसका परिणाम दिखने लगा है। तमाम खूंखार अपराधियों ने या तो प्रदेश छोड़ दिया है या फिर जेल के अंदर है। पिछले पंद्रह सालों में सपा-बसपा की सरकारों ने अराजकता का ऐसा माहौल पैदा किया था, जिसके चलते उत्तर प्रदेश में लोग भय के माहौल में जी रहे थे। खासतौर पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कैराना, शामली, मुजफ्फरनगर, मेरठ जैसे इलाकों से लोग प्रदेश छोड़कर पलायन कर रहे थे और अपना कारोबार बंद कर रहे थे। भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इन इलाकों में पुलिस ने बेगुनाहों और पुलिस पर गोलियां चलाने वाले अपराधियों की गोली का जवाब गोली से दिया है। इसी का परिणाम है कि पूरे प्रदेश में एक साल के दौरान हुई 14 सौ मुठभेडों में जहां बदमाश गोली लगने से जख्मी हुए तो वहीं भय का पर्याय बने पचास अपराधियों को पुलिस ने मार गिराया।
प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि सपा बसपा सरकारों में पुलिस का मनोबल पूरी तरह टूट चुका था। अपराधी पुलिस पर गोली चलाते थे और पुलिस के हांथ बंधे हुए थे। अपराधियों को सरकारी संरक्षण हासिल था। इसी का परिणाम था कि सपा सरकार में मथुरा के जवाहरबाग काण्ड में एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी व एसएवओ संतोष यादव की दंगाईयों ने सरेआम हत्या कर दी वहीं प्रतापगढ़ में सीओ जियाउल हक समेत तमाम बहादुर पुलिस अधिकारियों की हत्या हुई। अपराधी खुलेआम घूमते रहे। उनके खिलाफ प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई। इसी का नतीजा ये रहा कि जवाहर बाग हत्याकांड हुआ। जिसमें जांबाज अफसर शहीद हुए। अपनी सफल और कार्यप्रणाली के लिए पूरे देश में जानी जाने वाली यूपी पुलिस को सपा सरकार ने इस हालत में पहुंचा दिया था कि अपराधियों के हौसले बुलंद थे। योगी जी की सरकार में दुबारा से पुलिस का मनोबल वापस लौटा है और अपराधियों में दहशत है।
Posted on 08 May 2018 by admin
लखनऊ दिनांक 08.05.2018 दिन मंगलवार अषोक लाल प्रस्तुतिकरण के अन्तर्गत आज सांयकाल 06ः30 बजे राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह, कैसरबाग लखनऊ में भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय (संस्कृति विभाग), नई दिल्ली के सहयोग से सुप्रसिद्ध नाट्य रचनाकार श्री डी0पी0 सिन्हा, पूर्व आई0ए0एस0 की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर आधारित सम्राट अषोक का नाट्य मंचन नगर के वरिष्ठ रंग निर्देषक अषोक लाल को सषक्त निर्देषन में मंचित किया गया है। नाटक के कथानक के अनुसार दया प्रकाष सिन्हा द्वारा लिखित इस नाटक में न अषोक और तिष्यरक्षिता अथवा कुणाल और तिष्यरक्षिता के प्रसंग को अहमियत दी गई है और न ही अषोक द्वारा बौद्ध धर्म को स्वीकार कर लेने की घटना को मुखरित किया गया है बल्कि इसमें अषोक के सिंहासन पर बैठने से लेकर उसके अंतिम दिनो के क्षणों तक समेटने की कोषिष की गई है। ज बवह तुगलक और शाहजहाँ की भांति अपने ही कारागार से नितान्त अकेला होता जाता है। इस नाटक में अषोक अपनी पत्नी को छोड़कर पाटलीपुत्र चला जाता है और वहंा महामंत्री राधागुप्त के साथ मिलकर बिन्दुसार के बाद अपने आप को राजा घोषित कर लेता है। सुसीम और कंलिग को युद्ध में मार कर अपना साम्राज्य आगे बढ़ाता है। कुछ समय पश्चात् वह बीमार पड़ता है तो राधागुप्त वैद्य चक्रपाणी को बुलाते है परन्तु वह अपनी जगह अपनी भांजी तिष्यरक्षिता को भेज देता है जो कि कलिंग कन्या होती है वह अपने माता-पिता की मृत्यु का बदला लेने की नियत से अषोक के पास उसका उपचार करने लगती है।
अषोक तिष्यरक्षिता से विवाह कर लेता है। तिष्यरक्षिता अषोक के पुत्र कुणाल को जान से मरवाने की कोषिष करती है, उस राज्य में भिक्खु सागरमते जो कि अषोक के दरबार में आते-जाते हैं उसका प्रेम उस महल की दासी नंदिता से होता है यह बात तिष्यरक्षिता जान जाती है और सागरमते को अपने इषारे पर नचाने लगती है। इधर अषोक बौद्ध की शरण में रहते हुए उसके प्रचार-प्रसार में सारी धन सम्पत्ति खर्च कर रहा होता है। बाद मंे सागरमते तिष्यरक्षिता की सारी हकीकत अषोक को बतादेता है तब अषोक तिष्यरक्षिता को मृत्युदण्ड दे देता है। इधर महामंत्री राधागुप्ता अषोक द्वारा राज्य की सारी सम्पत्ति अभिधर्म के प्रचार में खर्च करने से रूष्ट हो जाता है और सेनापति और अन्य मंत्रीमण्डल के साथ मिलकर अषोक को राज सिंहासन से हटाकर उसे बंदी बना देता है। बाद में राधागुप्ता अषोक को बंदीगृह से निकालकर राज्य से बाहर अन्य स्थान पर भेजने का प्रबन्ध करता है किन्तु अषोक मना-कर देता है और बंदीगृह में नितांत अकेला होता जाता है। सम्राट अषोक की प्रधान स्वयं नाट्य निर्देषक अषोक लाल द्वारा अभिनीत किया गया। सम्राट अषोक की पहली पत्नी देवी की भूमिका में तान्या सूरी तथा दूसरी पत्नी तिष्यरक्षिता की भूमिका में दीपिका श्रीवास्तव एवं दासी की प्रधान भूमिका में अचला बोस महामंत्री राधागुप्त की भूमिका में तारिक इकबाल तथा बिन्दुसार एवं शब्दाकार दोहरी भूमिका में नगर के वरिष्ठ रंग निर्देषक प्रभात कुमार बोस ने अपने सषक्त अभिनय से दर्षको को भाव विभोर कर दिया। इसके अतिरिक्त चक्रपाणी की भूमिका में आनन्द प्रकाष शर्मा एवं तिस्स की भूमिका में धु्रव सिंह एवं सागरमते की भूमिका में ऋषभ तिवारी एवं भिक्खू समुद्र की भूमिका में राकेष चैधरी, कात्यायन एवं गुप्तचर की भूमिका में अभिषेक गुप्ता, उपगुप्त की भूमिका में सुजीत कुमार रावत तथा कुणाल की भूमिका में अर्पित यादव और सैनिक-1 की भूमिका में अजय गुप्ता तथा रूपकार की भूमिका आदर्ष तिवारी इत्यादि कलाकारों ने अपने सषक्त अभिनय से दर्षको को अत्यधिक प्रभावित किया। सेट डिजाइनिंग नाट्य निर्देषक अषोक लाल का था। प्रकाष परिकल्पना की कमान ए0एम0 अभिषेक ने संभाली संगीत निर्देषन निखिल श्रीवास्तव का अत्यधिक प्रभावी रहा। रूप सज्जा षिव कुमार श्रीवास्तव ‘‘षिब्बू’’ का था। 60 दिवसीय कार्यषाला के अन्तर्गत तैयार की गयी इस नाट्य प्रस्तुति के सम्पूर्ण परिकल्पना एवं निर्देषन अषोक लाल का था। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि सम्राट अषोक का नाट्य मंचन अत्यधिक सफल रहा।
Posted on 08 May 2018 by admin
लखनऊ 08 मई 2018, भारतीय जनता पार्टी प्रदेश मुख्यालय में जनसहयोग केन्द्र पर प्रत्येक मंगलवार को जनसमस्या निराकरण के अनवरत क्रम में कैबिनेट मंत्री रमापति शास्त्री, आशुतोष टण्डन प्रदेश महामंत्री पंकज सिंह एवं प्रदेश मंत्री धर्मवीर प्रजापति जनता के दरबार में उपस्थित रहे। जनसमस्याओं के समाधान में कैबिनेट मंत्रियों द्वारा सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया गया तथा संबंधित विभागों के पास समस्याओं को निस्तारण के लिए भेजा गया। कैबिनेट मंत्री आशुतोष टण्डन ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि जनता की समस्याओं का निस्तारण गुण-दोष के आधार पर किया जा रहा है। अधिकतर लोग पुलिस, स्थानीय प्रशासन, प्रधानमंत्री आवास, छात्रवृत्ति से सम्बन्धित समस्याएं लेकर जनसहयोग केन्द्र में पहुॅचे।
कैबिनेट मंत्री आशुतोष टण्डन ने पत्रकारों द्वारा पूछे गए प्रश्नों पर कहा कि यह सर्वविदित है कि समाजवादी पार्टी सरकार में क्या-क्या हुआ। आज योगी सरकार हर प्रकरण पर न्यायोचित कार्यवाही कर रही है। सरकार सबका साथ-सबका विकास के ध्येय पथ पर आगे बढ़ रही है। प्रदेश के बहुत से जिलों से लोग समस्याएं लेकर जनसहयोग केन्द्र पहुॅचे। अधिकांश समस्याओं के समाधान के लिए सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। सरकार और संगठन समन्वित रूप से जनता की खुशहाली के काम में लगे हैं।