योगी सरकार का ऐतिहासिक फैसला, गुरूग्राम में बना एनसीआर का सचिवालय
लखनऊ 08 मई 2018, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ के राज में अब अपराध कर दूसरे राज्यों में छुपने वाले अपराधियों की भी खैर नहीं। पुलिस उन्हें दूसरे राज्यों से भी ढूढ निकालेगी और इन राज्यों के आपसी समन्यवय से अब ऐसे अपराधियों को ठिकाने भी लगाएगी। पिछले दिनों यूपी-हरियाणा की सीमा पर पचास हजार के कुख्यात इनामी अपराधी बलराज भाटी का एनकाउंटर इसी का उदाहरण है। अंतर्राज्यीय अपराधियों को चैतरफा घेर कर उनसे निपटने के लिए उत्तर प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमत्री श्री योगी आदित्यनाथ और हरियाणा के यशस्वी मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के प्रयासों से गुरूग्राम में एक एनसीआर सचिवालय स्थापित किया जा रहा है। इस प्रयास से एनसीआर के जिलों में कानून व्यवस्था काफी बेहतर और पुख्ता हो सकेगी। उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान पुलिस के समन्यवय से उन अपराधियों पर शिकंजा कसा जा सकेगा जो अभी तक अपराध कर दूसरे राज्यों में छुपते थे। चारों राज्यों के नोडल अफसर इस सचिवालय में समन्यवय का काम करेंगे और एक दूसरे के राज्यों के अपराधियों से जुड़ी सूचनाएं एक दूसरे के साथ साझा करेंगे। यूपी कोका की तरह ही यूपी में कानून व्यवस्था का राज स्थापित करने की दिशा में इस अंतराज्यीय प्रयास को भी एक ऐतिहासिक कदम के तौर याद रखा जाएगा।
प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा है कि एक साल के भीतर कानून व्यवस्था में अभूतपूर्व सुधार करते उत्तर प्रदेश पुलिस ने खूंखार पचास अपराधियों को मार गिराया। प्रदेश में अपराधियों के सफाए की दिशा में ये एक ऐतिहासिक कार्रवाई है जिसका परिणाम दिखने लगा है। तमाम खूंखार अपराधियों ने या तो प्रदेश छोड़ दिया है या फिर जेल के अंदर है। पिछले पंद्रह सालों में सपा-बसपा की सरकारों ने अराजकता का ऐसा माहौल पैदा किया था, जिसके चलते उत्तर प्रदेश में लोग भय के माहौल में जी रहे थे। खासतौर पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कैराना, शामली, मुजफ्फरनगर, मेरठ जैसे इलाकों से लोग प्रदेश छोड़कर पलायन कर रहे थे और अपना कारोबार बंद कर रहे थे। भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इन इलाकों में पुलिस ने बेगुनाहों और पुलिस पर गोलियां चलाने वाले अपराधियों की गोली का जवाब गोली से दिया है। इसी का परिणाम है कि पूरे प्रदेश में एक साल के दौरान हुई 14 सौ मुठभेडों में जहां बदमाश गोली लगने से जख्मी हुए तो वहीं भय का पर्याय बने पचास अपराधियों को पुलिस ने मार गिराया।
प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि सपा बसपा सरकारों में पुलिस का मनोबल पूरी तरह टूट चुका था। अपराधी पुलिस पर गोली चलाते थे और पुलिस के हांथ बंधे हुए थे। अपराधियों को सरकारी संरक्षण हासिल था। इसी का परिणाम था कि सपा सरकार में मथुरा के जवाहरबाग काण्ड में एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी व एसएवओ संतोष यादव की दंगाईयों ने सरेआम हत्या कर दी वहीं प्रतापगढ़ में सीओ जियाउल हक समेत तमाम बहादुर पुलिस अधिकारियों की हत्या हुई। अपराधी खुलेआम घूमते रहे। उनके खिलाफ प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई। इसी का नतीजा ये रहा कि जवाहर बाग हत्याकांड हुआ। जिसमें जांबाज अफसर शहीद हुए। अपनी सफल और कार्यप्रणाली के लिए पूरे देश में जानी जाने वाली यूपी पुलिस को सपा सरकार ने इस हालत में पहुंचा दिया था कि अपराधियों के हौसले बुलंद थे। योगी जी की सरकार में दुबारा से पुलिस का मनोबल वापस लौटा है और अपराधियों में दहशत है।