Archive | May 5th, 2018

हिन्दी संस्थान के पुरस्कारों में नयी विधा का समावेश, नामित पुरस्कार की धनराशि रु0 पचास हजार से बढ़ाकर रु0 पचहत्तर हजार

Posted on 05 May 2018 by admin

सुरेन्द्र अग्निहोत्री ,लखनऊ: 05 मई, 2018उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा स्वीकृत बजट के सापेक्ष प्रत्येक वर्ष अपनी विभिन्न योजनाओं को संचालित करता है। अत्यन्त हर्ष का विषय है कि शासन द्वारा संस्थान को जो बजट उपलब्ध कराया गया है वह गत वर्षों में प्राप्त कराये गये बजट से लगभग दो गुना है। संस्थान इस हेतु उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जो उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के अध्यक्ष भी हैं, के प्रति आभार ज्ञापित करता है। यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि दिनांक 22 जनवरी, 2018 को माननीय मुख्यमंत्री जी के आवास पर आयोजित सम्मान समारोह के अवसर पर कतिपय सम्मानों/पुरस्कारों की धनराशि बढ़ाने एवं कतिपय सम्मानों की संख्या बढ़ाने का अनुरोध मेरे द्वारा मा0 मुख्यमंत्री जी से किया गया था। इस सम्बन्ध में अवगत कराते हुए मुझे हार्दिक प्रसन्नता हो रही है कि माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा मेरे सभी प्रस्तावों पर सहर्ष स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है।
मुझे बताते हुए अत्यन्त हर्ष हो रहा है कि साहित्य भूषण सम्मान जो अभी तक 10 की संख्या में प्रदान किये जाते थे अब उनकी संख्या बढ़ कर 20 हो गयी है। ‘हिन्दी विदेश प्रसार सम्मान‘ की धनराशि अभी तक रु0 एक लाख थी उसे बढ़ा कर रु0 दो लाख कर दी गयी है। इसी प्रकार ‘विश्वविद्यालयस्तरीय सम्मान‘ की धनराशि रु0 पचास हजार से बढ़ाकर रु0 एक लाख कर दी गयी है साथ ही यह सम्मान अब ‘पं0 मदनमोहन मालवीय विश्वविद्यालयस्तरीय सम्मान‘ के नाम से जाना जायेगा।
उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री मा0 अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा उपलब्ध करायी गयी धनराशि रु0 एक लाख के ब्याज से अभी तक ‘पं0 कृष्ण बिहारी वाजपेयी‘ पुरस्कार उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की हाईस्कूल एवं इण्टमीडिएट की परीक्षा में क्रमशः हिन्दी एवं साहित्यिक हिन्दी में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले एक-एक विद्यार्थी को प्रदान किया जाता था। प्रत्येक वर्ष प्राप्त होने वाले ब्याज की धनराशि में निरन्तर होने वाली कमी को दृष्टिगत रखते हुए अब ‘पं0 कृष्ण बिहारी वाजपेयी पुरस्कार‘ संस्थान की पुरस्कार योजना के अन्तर्गत प्रदान करने की स्वीकृति माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा सहर्ष प्रदान कर दी गयी है। साथ ही यह पुरस्कार उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की हाईस्कूल एवं इण्टमीडिएट की परीक्षा में क्रमशः हिन्दी एवं साहित्यिक हिन्दी में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले एक छात्र एवं एक छात्रा को प्रदान किया जायेगा। विद्यार्थियों के नामों का चयन सचिव, माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना के आधार पर किया जायेगा। पुरस्कार की धनराशि क्रमशः हाईस्कूल के लिए छात्र एवं छात्रा के लिए रु0 पच्चीस-पच्चीस हजार एवं इण्टमीडिएट के लिए रु0 पैंतीस-पैंतीस हजार होगी। हिन्दी/साहित्यिक हिन्दी विषय के सर्वोच्च अंक प्राप्त अधिक संख्या में छात्र/छात्राएँ होने की स्थिति में जिस विद्यार्थी के अंक सम्पूर्ण विषयों के प्राप्ताकों में अधिक होंगे उसे ही ‘पं0 कृष्ण बिहारी पुरस्कार‘ दिया जायेगा। इस प्रकार कुल चार विद्यार्थियों को यह पुरस्कार प्रदान किया जायेगा।

यहाँ यह भी अवगत कराना है कि संस्थान द्वारा अभी तक 34 विधाओं में वर्ष विशेष में प्रकाशित पुस्तकों पर नामित एवं सर्जना पुरस्कार दिया जाता रहा है। इस बार कुछ विधाओं को पृथक करने के साथ-साथ एक नयी विधा का समावेश करते हुए अब इनकी संख्या 38 किये जाने पर माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा सहर्ष स्वीकृति प्रदान की गयी है। बढ़ी हुईं चार विधाएँ हैं -
1- चिकित्सा विज्ञान -(एलोपैथी/आयुर्वेद/होम्योपैथी/यूनानी), पं0 सत्यनारायण शास्त्री नामित पुरस्कार, डाॅ0 सतीश चन्द्र राय सर्जना पुरस्कार।
2- ग़ज़ल - ‘दुष्यन्त कुमार नामित पुरस्कार‘, ‘अदम गोड़वीं सर्जना पुरस्कार‘।
3- आत्मकथा/जीवनी - ‘पाण्डेय बेचन शर्मा उग्र नामित पुरस्कार‘, ‘विष्णु प्रभाकर सर्जना पुरस्कार‘।
4- ललित कला/संगीत - ‘गिरिजादेवी नामित पुरस्कार‘, ‘डी0पी0 धूलीया सर्जना पुरस्कार‘।
इसी क्रम में यह बात भी महत्वपूर्ण है कि अभी तक प्रत्येक विधा में एक रचनाकार द्वारा दो बार पुरस्कार प्राप्त किया जाता था। अन्य विधाओं में पुरस्कार प्राप्त करने की कोई सीमा नहीं थी। इसे दृष्टिगत रखते हुए यह निर्णय लिया गया कि अब एक रचनाकार एक विधा में एक बार और समस्त विधाओं में केवल दो बार पुरस्कृत हो सकेगा। आशा है कि इससे नये-नये रचनाकार को प्रोत्साहन प्राप्त होगा।
संस्थान द्वारा मासिक/द्वैमासिक/त्रैमासिक पत्रिकाओं पर सरस्वती नामित पुरस्कार एवं धर्मयुग सर्जना पुरस्कार प्रदान किया जाता है। अभी तक यह पुरस्कार पत्रिका के सम्पादक को प्रदान किया जाता था। अब यह पुरस्कार सीधे पत्रिका को प्रदान किया जायेगा। जिससे पत्रिका के उत्थान में धन का उपयोग हो सके।
पुस्तकों पर देय पुरस्कार राज्यस्तरीय पुरस्कार हैं जो उत्तर प्रदेश में जन्में या पिछले दस वर्षों से निवास कर रहे साहित्यकारों की कृतियों पर प्रदान किये जाते हैं। देखा जाता है कि पुस्तक में जन्म स्थान प्रकाशित न होने की दशा में जन्म स्थान को लेकर भ्रम की स्थिति बन जाती है। इसके समाधान स्वरूप पुस्तक प्रविष्टि के साथ जन्म स्थान एवं उत्तर प्रदेश में निवास के सम्बन्ध में रचनाकारांे को शपथ-पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
यह बताते हुए भी अत्यन्त हर्ष का अनुभव हो रहा है कि संस्थान द्वारा दिये जाने वाले नामित पुरस्कार की धनराशि रु0 पचास हजार से बढ़ाकर रु0 पचहत्तर हजार एवं सर्जना पुरस्कार की धनराशि रु0 बीस हजार से बढ़ा कर रु0 चालीस हजार किये जाने की स्वीकृति माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रदान कर दी गयी है। उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान परिवार माननीय मुख्यमंत्री जी के प्रति कृतज्ञ है कि उन्होंने हमारे अनुरोध को स्वीकार करते हुए पुरस्कार सहित अन्य योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु पर्याप्त बजट रु0 छः करोड़ एवं वेतन भत्ते आदि में रु0 पाँच करोड़ उपलब्ध करवाया है। हम विश्वास दिलाते हैं कि हिन्दी संस्थान सरकार, साहित्यकारों की अपेक्षा पर खरा उतरने का प्रयास करेगा।

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सहकारी संस्थाओं के चुनाव जीतने के लिए तानाशाही रवैया अपनाया

Posted on 05 May 2018 by admin

समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने कहा है कि भाजपा राज में सहकारिता के चुनावों में सारे नैतिक और विधिक मापदंडो को दरकिनार कर मनमाने तरीके से जमकर धांधली हुई है। इन चुनावों में प्रशासनिक मशीनरी का बुरी तरह दुरूपयोग किया गया है। विपक्षी उम्मीदवारों का पर्चा खारिज कर उन्हें चुनाव प्रक्रिया से बेदखल कर दिया गया। भाजपा ने इस तरह सहकारी संस्थाओे में अपने अध्यक्ष और प्रतिनिधि निर्विरोध की नौटंकी कर निर्वाचित कराए हंै।
श्री नरेश उत्तम पटेल ने कहा है कि लोकतंत्र को मजबूत करने में सहकारिता आंदोलन की प्रमुख भूमिका है। लेकिन जिस तरह से भाजपा सरकार ने इसको कमजोर करने का तरीका अपनाया है वह लोकतंत्र के लिए घातक है। भाजपा ने सहकारी संस्थाओं के चुनाव जीतने के लिए तानाशाही रवैया अपनाया है। इसे किसी भी तरह स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
जब समाजवादी सरकार थी तो सहकारिता की संस्था को मजबूत करने के लिए निष्पक्ष चुनावों की व्यवस्था थी। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव का मानना है कि सहकारिता के माध्यम से किसानों और दस्तकारों की भी आर्थिक स्थिति मजबूत की जा सकती है। सहकारी आंदोलन को इसीलिए आगे बढ़ाने का काम समाजवादी पार्टी ने किया था जिसको भाजपा ने अपने राजनीतिक स्वार्थ साधन में चैपट करने में कुछ उठा नही रखा है।

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नमामि गंगे योजनांतर्गत प्रदेश में स्वीकृत 30 परियोजनाओं से 607 एम0एल0डी0 के सीवेज शोधन संयत्र स्थापित कराकर 1725.49 किमी सीवर लाइन डाले जाने का कार्य अधिकतम दिसम्बर, 2018 तक पूर्ण कराने हेतु समयसारिणी निर्धारित: मुख्य सचिव

Posted on 05 May 2018 by admin

स्वीकृत 30 परियोजनाओं में से विगत 30 अप्रैल तक पूर्ण हो चुकी छः परियोजनाओं के अतिरिक्त 05 परियोजनाओं को दिसम्बर, 2018 तक तथा 02 परियोजनाओं को दिसम्बर, 2018 के बाद पूर्ण कराना होगा अनिवार्य: राजीव कुमार

dsc_1729अमृत योजनांतर्गत आवंटित 11000 करोड़ रूपये धनराशि में से 4 हजार करोड़ रूपये की योजनायें स्वीकृत, शासन स्तर पर लंबित अवशेष 4 हजार करोड़ रूपये की योजनायें के डी0पी0आर0 यथाशीघ्र नियमानुसार कराईं जायें स्वीकृति: मुख्य सचिव

अवशेष 3 हजार करोड़ रूपये की योजनाओं की डी0पी0आर0 आगामी 30 जून, 2018 तक जल निगम एवं नगर विकास को को बनाकर प्रस्तुत करना होगा अनिवार्य: राजीव कुमार

अवशेष 13 परियोजनाओं - वृन्दावन, मथुरा, चुनार, मीरजापुर, रामनगर, बिठूर, इलाहाबाद, शुक्लागंज, उन्नाव, फर्ररूखाबाद, गाजीपुर
पर निविदा की कार्यवाही प्रचलित: प्रमुख सचिव, नगर विकास

सुरेन्द्र अग्निहोत्री ,लखनऊ: 05 मई, 2018

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री राजीव कुमार ने निर्देश दिये हैं कि नमामि गंगे योजनांतर्गत प्रदेश में स्वीकृत 30 परियोजनाओं से 607 एम0एल0डी0 के सीवेज शोधन संयत्र स्थापित करा कर 1725.49 किमी सीवर लाइन डाले जाने का कार्य अधिकतम दिसम्बर, 2018 तक पूर्ण करा दिया जाये। उन्होंने कहा कि स्वीकृत 30 परियोजनाओं में से विगत 30 अप्रैल तक पूर्ण हो चुकी छः परियोजनाओं (इलाहाबाद की 05 एवं कन्नौज की 01 परियोजना)के अतिरिक्त 04 परियोजनाओं (इलाहाबाद, मुरादाबाद, नरौरा एवं गढ़मुक्तेश्वर की 01-01 परियोजनायें) को जून, 2018 , 05 परियोजनाओं (इलाहाबाद की 02 कानपुर, अनूप शहर एवं वाराणसी की 01-01 परियोजनायें)को दिसम्बर, 2018 तक तथा 02 परियोजनाओं(कानपुर एवं वाराणसी की 01-01 परियोजनायें) को दिसम्बर, 2018 के बाद पूर्ण कराना अनिवार्य होगा।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में जल निगम की बैठक कर परियोजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अवशेष 13 परियोजनाओं - वृन्दावन, मथुरा, चुनार, मीरजापुर, रामनगर, बिठूर, इलाहाबाद, शुक्लागंज, उन्नाव, फर्रूखाबाद, गाजीपुर पर निविदा की कार्यवाही प्रचलित है। उन पर अन्य नियमानुसार आवश्यक कार्यवाहियां प्राथमिकता से सुनिश्चित करा कर परियोजनाओं को यथाशीघ्र पूर्ण कराने हेतु कार्य प्रारम्भ कराया जाये। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं को निर्धारित लक्ष्य के अंतर्गत पूर्ण करने हेतु माइक्रो लेवल पर वर्क प्रोग्राम निर्धारित करते हुए पूर्ण कराया जाये।
श्री राजीव कुमार ने अमृत योजनांतर्गत आवंटित 11000 करोड़ रूपये धनराशि के सापेक्ष 4 हजार करोड़ रूपये की योजनायें स्वीकृत हो जाने के फलस्वरूप शासन स्तर पर लंबित अवशेष 4 हजार करोड़ रूपये की योजनायें के डी0पी0आर0 यथाशीघ्र नियमानुसार स्वीकृत कराने के निर्देश दिये हैं उन्होंने जल निगम एवं नगर विकास के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि अवशेष 3 हजार करोड़ रूपये की योजनाओं की डी0पी0आर0 आगामी 30 जून, 2018 तक बनाकर स्वीकृत हेतु प्रस्तुत करा दी जायें। उन्होंने आगामी कुम्भ पर्व को दृष्टिगत रखते हुए इलाहाबाद, कानपुर एवं वाराणसी की परियोजनाओं पर विशेष ध्यान दे कर परियोजनाओं को निर्धारित मानक एवं गुणवत्ता के साथ यथाशीघ्र पूर्ण कराया जाये।
प्रमुख सचिव, नगर विकास, श्री मनोज कुमार सिंह ने बताया कि है। मार्च, 2018 में 04 नग एस0टी0पी0 कुल क्षमता 84 एम0एलडी0 पूर्ण कर चालू करा दिया गया है। जिसमें कन्नौज में 13 एम0एल0डी, नरौरा में 04 एम0एल0डी, गढ़मुक्तेश्वर में 09 एम0एल0डी0 तथा मुरादाबाद में 58 एम0एल0डी0 क्षमता के सीवरेज संशोधन संयत्र स्थापित कराये गये हैं। इसके अतिरिक्त इलाहाबाद नगर में 119 एम0एल0डी0 क्षमतायुक्त 04 सीवेज शोधन संयत्र का संचालन करा कर सीवर नेटवर्क का कार्य भी पूर्ण करा लिया गया है।
श्री मनोज कुमार ने बताया कि नरौरा, गढ़मुक्तेश्वर, इलाहाबाद (डिस्ट्रिक्ट सी एवं ए), मुरादाबाद (फेज-1), अनूप शहर, वाराणसी (जायका घोषित), कानपुर, रमना, वाराणसी का कार्य वर्तमान में प्रगति पर हैं। उन्होंने बताया कि 2018-19 में निर्धारित लक्ष्य के अनुसार चुनार, वृन्दावन, रामनगर, बिठूर, नैनी एवं फाफामऊ, शुक्लागंज, उन्नाव, र्फरूखाबाद-फतेहगढ़, मथुरा, गाजीपुर, मीरजापुर, इलाहाबाद शहर में एस0टी0पी0 एवं सीवर नेटवर्क के कार्यों हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। उन्होंने बताया कि हाऊस सीवर कनेक्शन को विशेष प्राथमिकता देते हुए 1400 करोड़ रूपये अमृत योजना में स्वीकृत किया गया है।

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प्रो0 रीता बहुगुणा जोषी ने किया वंदना टण्डन की प्रदर्षनी का उद्घाटन

Posted on 05 May 2018 by admin

लखनऊ, 05 मई 2018। राजधानी की प्रसिद्ध कलाकार श्रीमती वन्दना टण्डन की पेन्टिंग एवं पाटरी प्रदर्षनी का उद्घाटन आज पर्याटन एवं महिला कल्याण मंत्री प्रो0 रीता बहुगुणा जोषी ने फीता काटकर किया। ललित कला आकादमी अलीगंज में आयोजित इस दो दिवसीय प्रदषनी के षुभारम्भ के अवसर पर लखनऊ की महापौर श्रीमती संयुक्ता भाटिया, चिकित्सा षिक्षा एवं प्राविधिक षिक्षा मंत्री आसुतोश टण्डन एवं गोपाल जी पूर्व सांसद एवं मंत्री लाल जी टण्डन, पदमश्री डा0 मंसूर हसन, तकनीकी विष्व विद्यालय के कुलपति वी0सी0 पाठक, पूर्व लोकायुक्त जस्टिष एस0सी0 वर्मा, उर्दू एवं फारसी विष्व विद्यालय के वाइस चान्सलर मारूफ मिर्जा, प्रसिद्ध इतिहासकार रवि भट्ट, नवाब मीर जहा अब्दुल्ला, प्रो0 सायरा हबीब, अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य कुंवर इकबाल हैदर, लखनऊ के प्रसिद्ध चिकित्सक आर0के0 सरन तथा डा0 नरसिंह वर्मा आदि उपस्थित थे।
इस अवसर पर वन्दना टण्डन की कलाकृतियों और पाॅटरी की जमकर सराहना हुयी। प्रदर्षनी में चित्रकला और क्ले आर्ट के बेहतरीन नमूने देखने को मिले

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