Archive | May 17th, 2018

मुख्यमंत्री ने बुन्देलखण्ड क्षेत्र की निर्माणाधीन सिंचाई परियोजनाओं की समीक्षा की

Posted on 17 May 2018 by admin

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अन्तर्गत बाणसागर, अर्जुन सहायक, मध्य गंगा नहर,
सरयू नहर आदि सिंचाई परियोजनाओं की भी समीक्षा

परियोजनाओं को समयबद्ध ढंग से और
पूरी गुणवत्ता के साथ पूर्ण किए जाने के निर्देश

press-2-2लखनऊ: 17 मई, 2018

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज शास्त्री भवन में बुन्देलखण्ड क्षेत्र की निर्माणाधीन सिंचाई परियोजनाओं की समीक्षा की। मुख्यमंत्री जी द्वारा इस दौरान प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अन्तर्गत बाणसागर, अर्जुन सहायक, मध्य गंगा नहर, सरयू नहर आदि सिंचाई परियोजनाओं की भी समीक्षा की गई।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री जी द्वारा सभी परियोजनाओं की प्रगति के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी प्राप्त की गई। उन्होंने अधिकारियों को परियोजनाओं को समयबद्ध ढंग से और पूरी गुणवत्ता के साथ पूर्ण किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने परियोजनाओं के अन्तर्गत चल रहे कार्यों की थर्ड पार्टी इंसपेक्शन के सम्बन्ध में अधिकारियों से जानकारी प्राप्त करने के पश्चात् कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए थर्ड पार्टी इंसपेक्शन की व्यवस्था किए जाने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि परियोजनाओं पर कार्य प्रारम्भ करने के पूर्व भूमि आदि के अधिग्रहण का कार्य पूर्ण कर लिया जाना चाहिए। कार्य प्रारम्भ होने के पश्चात् भूमि की अनुपलब्धता की स्थिति में परियोजना लम्बित हो जाती है, जिससे परियोजना की लागत काफी बढ़ जाती है। इससे राजकीय धन का अपव्यय होता है और जनता को परियोजनाओं का लाभ भी समय से नहीं मिल पाता।
बैठक में सिंचाई मंत्री श्री धर्मपाल सिंह, प्रमुख सचिव वित्त श्री संजीव कुमार मित्तल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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मुख्यमंत्री ने डाॅ0 रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ की पुस्तक ‘केदारनाथ आपदा की सच्ची कहानियां’ के भोजपुरी अनुवाद का विमोचन किया

Posted on 17 May 2018 by admin

वर्ष 2013 में केदारनाथ धाम में आयी
आपदा की सच्ची घटनाओं पर आधारित है यह पुस्तक

केदारनाथ की त्रासदी से मानव को प्रकृति के
साथ तादात्म्य बना कर रखने की सीख लेनी चाहिएpress-2-11

मुख्यमंत्री ने डाॅ0 निशंक को ‘साहित्य गौरव’ सम्मान से विभूषित किया

लेखन व्यक्ति की रचनात्मकता को प्रदर्शित करता है: मुख्यमंत्री

लखनऊ: 17 मई, 2018

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज शास्त्री भवन में उत्तराखण्ड राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद डाॅ0 रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ की पुस्तक ‘केदारनाथ आपदा की सच्ची कहानियां’ के भोजपुरी अनुवाद का विमोचन किया। यह पुस्तक वर्ष 2013 में उत्तराखण्ड के केदारनाथ धाम में आयी आपदा की सच्ची घटनाओं पर आधारित है। पुस्तक का भोजपुरी अनुवाद प्रो0 ए0एन0 वर्मा द्वारा किया गया है। मुख्यमंत्री जी द्वारा इस अवसर पर डाॅ0 निशंक को ‘साहित्य गौरव’ सम्मान से विभूषित किया गया। डाॅ0 निशंक को यह सम्मान मुक्ति मिशन, वाराणसी द्वारा प्रदान किया गया है।
इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि केदारनाथ की त्रासदी ने यह दिखाया कि प्रकृति के साथ खिलवाड़ करने पर उसका रौद्र रूप भी देखना पड़ सकता है। इस घटना से मानव को प्रकृति के साथ तादात्म्य बना कर रखने की सीख लेनी चाहिए। केदारनाथ की घटना पर आधारित सच्ची कहानियों की रचनात्मक प्रस्तुति के लिए डाॅ0 निशंक की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि यह पुस्तक केदारनाथ और भोजपुरी से सम्बन्धित है। केदारनाथ धाम मेरी जन्मभूमि से तथा भोजपुरी भाषा मेरी कर्मभूमि से जुड़ी हुई है। यह पुस्तक मेरी जन्मभूमि और कर्मभूमि को जोड़ती है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि लेखन व्यक्ति की रचनात्मकता को प्रदर्शित करता है। लेखन से व्यक्ति की रचनाधर्मिता सामने आती है। इस मामले में डाॅ0 निशंक अत्यन्त समृद्ध हैं। अपनी व्यस्तता के बावजूद वे साहित्य साधना हेतु समय निकाल लेते हैं, जो उनकी रचनात्मक ऊर्जा को दिखाता है। उन्होंने भरोसा जताया कि डाॅ0 निशंक की यह कृति भावी पीढ़ी को अपनी धरोहर को जानने-समझने के लिए महत्वपूर्ण मार्गदर्शिका साबित होगी।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए डाॅ0 रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा कि यह पुस्तक केदारनाथ में उनकी आंखांे-देखी ऐसी घटनाओं पर आधारित है, जिन्होंने उन्हें लम्बे समय तक विचलित रखा। उन्होंने कहा कि केदारनाथ की यात्रा के दौरान उन्होंने लोगों के अनेक रूप देखे। ऐसी अनेक घटनाएं देखी, जब अपनो को खो चुके लोग दूसरों को बचाने के लिए अपने प्राण दांव पर लगा रहे थे। पुस्तक में आपदा की स्थिति में मानव व्यवहार में होने वाले सकारात्मक बदलाव से सम्बन्धित प्रेरणादायी कहानियां हैं।
इस अवसर पर सिंचाई मंत्री श्री धर्मपाल सिंह, सांसद श्री राजेन्द्र अग्रवाल, श्री प्रहलाद पटेल सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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मुख्यमंत्री ने जाजमऊ (कानपुर) की टैनरीज़ की शिफ्टिंग, अमृत, स्मार्ट सिटी एवं नमामि गंगे परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की

Posted on 17 May 2018 by admin

सी0ई0टी0पी0 की प्रस्तावित क्षमता की ग्राह्यता पर विचार कर इसे रमईपुर में स्थापित किया जाए: मुख्यमंत्रीpress-25_r2_c1

टैनरीज़ द्वारा छोड़े जा रहे उत्प्रवाह की लगातार
माॅनीटरिंग तथा इससे सम्बन्धित साप्ताहिक समीक्षा रिपोर्ट
मुख्यमंत्री कार्यालय को उपलब्ध कराने के निर्देश

प्रयाग कुम्भ-2019 के मद्देनजर गंगा जी की साफ-सफाई का
बन्दोबस्त करते हुए निर्मल जलधारा सुनिश्चित की जाए

मुख्यमंत्री जी ने ‘नमामि गंगे’ परियोजना की प्रगति की समीक्षा

मुख्यमंत्री ने ‘अमृत’ योजना की समीक्षा की

स्मार्ट सिटीज़ मिशन (एस0सी0एम0) के कार्याें में तेजी लाने के निर्देश

नमामि गंगे परियोजना, अमृत तथा स्मार्ट सिटी मिशन
की लगातार माॅनीटरिंग के निर्देश

लखनऊ: 16 मई, 2018
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां शास्त्री भवन में कानपुर की टैनरीज़ की शिफ्टिंग, अमृत, स्मार्ट सिटी एवं नमामि गंगे परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री जी को जाजमऊ कानपुर स्थित टैनरी इकाइयों को शिफ्ट किये जाने के सम्बन्ध में प्रमुख सचिव पर्यावरण द्वारा अवगत कराया गया कि वर्तमान में इस क्षेत्र में 264 टैनरी उत्पादनरत हैं, जबकि 136 टैनरियां बन्द/डिस्मैण्टल हो चुकी हैं। उन्होंने बताया कि इन 264 इकाइयों द्वारा प्रतिदिन 6.7 एम0एल0डी0 उत्प्रवाह छोड़ा जाता है, जिसके शोधन के लिए 36 एम0एल0डी0 क्षमता का सी0ई0टी0पी0 स्थापित है, जिसके संचालन पर 17 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष व्यय आता है। उन्होंने बताया कि सी0ई0टी0पी0, कन्वेंस चैनल, राइज़िंग मेन तथा पम्पिंग स्टेशन की मरम्मत हेतु 17.88 करोड़ रुपये की तत्काल आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री जी को यह भी अवगत कराया गया कि जाजमऊ के वर्तमान सी0ई0टी0पी0 को यदि उच्चीकृत/सुदृढ़ीकरण किया जाता है तो इस पर अनुमानित लागत 554 करोड़ रुपये आएगी। प्रमुख सचिव पर्यावरण द्वारा यह भी सुझाव दिया गया कि इस सी0ई0टी0पी0 को रमईपुर में स्थापित किये जा रहे नवीन मेगा लेदर क्लस्टर में स्थानान्तरित किया जा सकता है। मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिये कि इस सी0ई0टी0पी0 की प्रस्तावित क्षमता की ग्राह्यता पर विचार करते हुए इसे रमईपुर में स्थापित किया जाए। उन्होंने कहा कि भविष्य में आवश्यकतानुसार इसके विस्तार का प्राविधान भी किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने सी0ई0टी0पी0 के संचालन पर होने वाले वार्षिक व्यय के विषय में कहा कि इसमें से आधी धनराशि (8.5 करोड़ रुपये) शासन वहन करेगा, जबकि आधी धनराशि (8.5 करोड़ रुपये) टैनरीज़ से वसूली जाए। उन्होंने कहा कि हर टैनरी की क्षमता के अनुसार धनराशि का निर्धारण किया जाए। उन्होंने जाजमऊ स्थित टैनरीज़ तथा रमईपुर में स्थापित किये जा रहे लेदर क्लस्टर के सिलसिले में आई0आई0टी0, कानपुर के विशेषज्ञों से विचार-विमर्श करने के भी निर्देश दिये, ताकि इन इकाइयों से होने वाले प्रदूषण को कम किया जा सके। टैनरीज़ से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए प्रदूषण नियंत्रण मानकों को सख्ती से लागू किया जाए। टैनरीज़ द्वारा छोड़े जा रहे उत्प्रवाह की लगातार माॅनीटरिंग की जाए तथा इससे सम्बन्धित साप्ताहिक समीक्षा रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को उपलब्ध करायी जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रयाग कुम्भ-2019 के मद्देनजर गंगा जी की साफ-सफाई का बन्दोबस्त करते हुए निर्मल जलधारा सुनिश्चित की जाए। उन्होंने निर्देश दिये कि सभी टैनरीज़ को 15 दिसम्बर, 2018 से 15 मार्च, 2019 तक बन्द रखा जाए। साथ ही, यह सुनिश्चित किया जाए कि गढ़मुक्तेश्वर से लेकर काशी तक गंगा जी में किसी भी प्रकार का कचरा अथवा अपशिष्ट नहीं गिरे, ताकि कुम्भ के दौरान साधु-सन्तों तथा स्नानार्थियों को स्वच्छ एवं निर्मल जलधारा स्नान के लिए मिल सके।
मुख्यमंत्री जी ने ‘नमामि गंगे’ परियोजना की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि इसके तहत सभी स्वीकृत परियोजनाओं को पूरा करने के लिए रणनीति बनाकर काम किया जाए। उन्होंने कहा कि दिसम्बर, 2018 से फरवरी-मार्च, 2019 तक यह सुनिश्चित किया जाए कि गंगा में निर्मल जल पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहे। उन्होंने प्रमुख सचिव नगर विकास/प्रोजेक्ट डायरेक्टर, यू0पी0एस0आर0सी0ए0 को इस परियोजना के तहत होने वाले कार्याें में तेजी लाने के निर्देश दिये, ताकि इन्हें समय से पूरा किया जा सके।
मुख्यमंत्री जी ने ‘नमामि गंगे’ परियोजना के अन्तर्गत राज्य में संचालित सीवरेज परियोजनाओं तथा इसके अधीन निर्माणाधीन परियोजनाओं की गहन समीक्षा की और कार्याें में तेजी लाने के निर्देश दिये। उन्होंने राजधानी लखनऊ के रिवर फ्रण्ट कार्य के सिलसिले में पर्यावरण की अनुमति शीघ्र प्राप्त करने के निर्देश दिये। उन्होंने अयोध्या एस0टी0पी0 के विषय में भी जानकारी प्राप्त की और आवश्यक निर्देश दिये। उन्होंने ‘नमामि गंगे’ परियोजना के तहत चल रही 30 परियोजनाओं को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने इनकी साप्ताहिक समीक्षा रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री जी ने उत्तर प्रदेश के 60 नगरों में लागू की जा रही ‘अमृत’ योजना के तहत जलापूर्ति, सीवर, सेप्टेज, ड्रेनेज, पार्काें का विकास एवं रख-रखाव तथा परिवहन सुविधा की समीक्षा की। उन्होंने प्रमुख सचिव नगर विकास को इसके तहत कराये जा रहे कार्याें में तेजी लाने के निर्देश दिये। उन्होंने अमृत मिशन के तहत कराये जा रहे कार्याें में जनप्रतिनिधियों की भी सहभागिता सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने इसके तहत कराये जा रहे कार्याें में धनराशि की आवश्यकता पड़ने पर कम्पनियों द्वारा सोशल रिस्पाॅन्सिबिलिटी के तहत उपलब्ध कराये जा रहे फण्ड का उपयोग करने के निर्देश दिये। उन्होंने इस सम्बन्ध में कम्पनियों तथा बैंकों की एक बैठक बुलाने के भी निर्देश दिये।
स्मार्ट सिटीज़ मिशन (एस0सी0एम0) की प्रगति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस परियोजना के तहत चुने गये जिलों के कार्याें में तेजी लायी जाए, ताकि इस परियोजना का लाभ नागरिकों को मिल सके। उन्होंने वाराणसी शहर की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने के साथ-साथ वहां की सड़कों की दशा सुधारने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सभी स्मार्ट सिटीज़ में बिजली के तारों, टेलीफोन वायर्स की अण्डर ग्राउण्ड केबलिंग की जाए और अनावश्यक खम्भे हटाये जाएं। उन्होंने स्मार्ट सिटी मिशन के सम्बन्ध में मण्डलायुक्तों की एक बैठक बुलाने के भी निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री जी ने नमामि गंगे परियोजना, अमृत तथा स्मार्ट सिटी मिशन की लगातार माॅनीटरिंग के निर्देश दिये। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्मित कराये जा रहे आवासों की प्रगति की भी माॅनीटरिंग के निर्देश दिये।
इस अवसर पर नगर विकास मंत्री श्री सुरेश खन्ना, मुख्य सचिव, सम्बन्धित विभागों के प्रमुख सचिव तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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दिमागी बुखार से जंग में जीत के बाद ही दम लेगी भाजपा सरकार - डा0 चन्द्रमोहन

Posted on 17 May 2018 by admin

लखनऊ 17 मई 2018, भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि पूर्वांचल का कलंक कही जाने वाली बीमारी दिमागी बुखार के खिलाफ सरकार की जंग निर्णायक दौर में पहुंच गई है। केंद्र और प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकारों ने हर हाल में मासूमों का शिकार करने वाली इस भयावह बीमारी को काबू करने की प्रतिबद्धता जाहिर की है। इसी क्रम में केंद्र सरकार ने दिमागी बुखार से प्रभावित पूर्वांचल के दस जिलों की मलिन बस्तियों की पेयजल व्यवस्था में बदलाव करने की तैयारी की है।
प्रदेश पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि गोरखपुर समेत इन जिलों में अब इंडिया मार्का-2 हैंडपंप की जगह नलकूप से पेयजल की आपूर्ति की जाएगी। इतना ही नहीं दिमागी बुखार पीड़ित जिलों में सभी संबंधित विभागों में आपस में सामंजस्य बिठाकर निरोधात्मक कार्रवाई की जा रही है। खास बात यह है कि इन कार्यवाहियों की मॉनिटरिंग सीधे मुख्यमंत्री माननीय श्री योगी आदित्यनाथ जी कर रहे हैं। भाजपा सरकार की शीर्ष प्राथमिकतओं में दिमागी बुखार पर अंकुश लगाना भी है। पिछले वर्ष प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद से शुरू हुए उपाय अब असर दिखाने लगे हैं। दिमागी बुखार से जंग में जीत के बाद ही दम लेगी भाजपा सरकार - डा0 चन्द्रमोहन

प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि अब दिमागी बुखार पीड़ित बच्चों को लक्षण प्रकट होते ही नजदीक के सरकारी अस्पताल में इलाज उपलब्ध हो रहा है जिससे गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में रोगियों का दबाव घटा है। दिमागी बुखार पीड़ित इलाकों में बच्चों के लिए पीडियाट्रिक आइसीयू का निर्माण किया जा रहा है। बरसात के महीनों में इस बीमारी का प्रकोप बढ़ता है। ऐसे में प्रदेश सरकार पूरी तैयारी से इस कुख्यात बीमारी से निबटने को दृढ़ संकल्प है। टीकाकरण और जागरूकता के जरिए भी इस बीमारी की घेरेबंदी की जा रही है। 13
प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि भाजपा सरकार के शासनकाल में दिमागी बुखार को प्रदेश से ही नहीं अपितु देश से भी भगा कर ही चैन लिया जाएगा। इसी संकल्प के साथ सरकार कार्रवाई कर रही है।

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भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने श्रद्धांजलि कार्यक्रम में मोमबत्तियां जलाकर वाराणसी हादसे के मृतकों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए

Posted on 17 May 2018 by admin

लखनऊ 17 मई 2018, भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने अपने संसदीय क्षेत्रांतर्गत वाराणसी जिले के ग्राम रौना खुर्द में वाराणसी हादसे के दिवंगतों को श्रद्धांजलि कार्यक्रम में श्रद्धा सुमन अर्पित किए। 9
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने श्रद्धांजलि कार्यक्रम में मोमबत्तियां जलाकर वाराणसी हादसे के मृतकों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वाराणसी हादसा हम सभी के लिए दुखद त्रासदी है, जिससे हम सभी मर्माहत हैं। प्रदेश सरकार पूरी संवेदनशीलता के साथ हताहतों की हर संभव मदद के लिए काम कर रही है। इसके साथ ही घटना के लिए दोषियों पर कार्यवाही और भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं की संभावनाएं समाप्त करने के लिए जी जान से जुटी है। भारतीय जनता पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता इस अपार दुख की घड़ी में वाराणसी हादसे के हताहतों के परिजनों के साथ है।

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पाँच दिवसीय छठवें वार्षिक भण्डारा सत्संग-मेला

Posted on 17 May 2018 by admin

मथुरा, 17 मई। बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के पाँच दिवसीय छठवें वार्षिक भण्डारा सत्संग-मेला में संस्था के राष्ट्रीय उपदेषक सतीष चन्द्र व बाबूराम ने श्रद्धालुओं को सम्बोधित किया। प्रातः 4 बजे घण्टी बजने पर लोगों ने सत्संग मैदान में बने मंच के सामने सुमिरन, ध्यान, भजन की सामूहिक साधना का अभ्यास किया।32623076_459348361166387_4144040714994450432_n1
बाबा जयगुरुदेव जी महाराज ने लोक कल्याण और विष्व शान्ति का संदेष देकर निजधामवासी हो गये। उन्होंने सन् 1952 से अपनी आध्यात्मिक-वैचारिक क्रान्ति की शुरुआत किया और धीरे-धीरे लोग जुड़ते चले गये। महापुरुष हमेषा अपने निषाने पर चलते हैं। जीवों के कल्याण के लिये काम करते हैं। उनकी आध्यात्मिक वैचारिक क्रान्ति को आगे बढ़ाने का काम श्रद्धेय पंकज जी के साथ हम सभी लोगों का है। जिसका जैसा स्वभाव होता है, वह अपने स्वभाव के अनुसार व्यवहार करता है। जगत-भगत के बैर की कहावत प्रचलित है। लोग महात्माओं की जान के दुष्मन बन गये लेकिन वे अपनी दयालुता को नहीं छोड़ते हैं। साधु प्रवृत्ति के लोग बुराईयों में भी अपने हित की बात तलाष लेते हैं। दुनियां वालों की तरह वे किसी बात को गांठ बांध कर नहीं रखते। बाबा जी ने बिना किसी बात की परवाह किये अच्छे समाज के निर्माण के लक्ष्य की तरफ बढ़ते रहे। उक्त उद्गार जयगुरुदेव आश्रम में प्रातःकालीन सत्संग में उपदेषक बाबूराम ने व्यक्त किया।
हरि, हरिजन जे दुई कहै, ते नर नरकै जाय। हरि हरिजन अन्तर नाहि, ज्यूं फूलन में बास। पंक्ति की व्याख्या करते हुये कहा कि परमात्मा संतों के अन्दर समाहित होते हैं। संत और सतपुरुष में कोई अन्तर नहीं है। संत एक बिचैलिये की तरह काम करते हैं। वे पानी की बूंद रूपी जीवात्मा को समुद्र रूपी सतदेष में पहुंचा देते हैं। यदि आप अपने निजघर सतलोक पहुंचकर प्रभु का दर्षन करना चाहते हैं तो उन्हें संतो के शरीर रूपी दर्पण में देख लें। संतों की महिमा अवर्णनीय है।
सायंकालीन सत्संग में उपदेषक सतीष चन्द्र ने संतों-महापुरुषों के सत्संग की महिमा धर्म ग्रन्थों में इस प्रकार है - सत्संग महिमा है अति भारी। पर कोई जीव मिलै अधिकारी।। कलयुग में सभी लोग पाप कर्म में संलिप्त हैं जिससे तन और मन दोनों ही गन्दा हो गये हैं। सत्संग रूपी जल से ही ये गन्दगी साफ होगी। इसलिये कलयुग में सत्संग की महत्ता अधिक बढ़ गई है। क्योंकि जब बीमारियाँ नहीं रहेंगी या कम रहेंगी तो डाक्टर का महत्व कम होता है। लेकिन जब सभी लोग बीमार रहेंगे तो डाक्टर का महत्व बढ़ जाता है। ठीक इसी प्रकार सत्संग है। जिन लोगों के अच्छे संस्कार होते हैं उन्हीं को संतो महापुरुषों का सत्संग सुनने का अवसर मिलता है। यह संस्कार कई जन्मों में धीरे-धीरे बनता है। महापुरुष जीवों पर संस्कार डालते हैं। उनके वचन को सुनने से जीव में अच्छे संस्कार पड़ते हैं। गुरु के वचन को सुनकर उस पर अमल करना चाहिये। जब अमल करते हैं तो गुरु जीव को अपने निजघर सतलोक पहुंचा देते हैं और संसार के सारे रगड़े-झगड़े समाप्त हो जाते हैं। सत्संग से ही बच्चों में चरित्र निर्माण होता है। इसलिये महापुरुषों के सत्संग में बच्चों को लाना चाहिये। श्रद्धालुओं के आने का क्रम जारी है। भारी संख्या में श्रद्धालु चले आ रहे हैं।

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