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मुख्यमंत्री ने जाजमऊ (कानपुर) की टैनरीज़ की शिफ्टिंग, अमृत, स्मार्ट सिटी एवं नमामि गंगे परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की

Posted on 17 May 2018 by admin

सी0ई0टी0पी0 की प्रस्तावित क्षमता की ग्राह्यता पर विचार कर इसे रमईपुर में स्थापित किया जाए: मुख्यमंत्रीpress-25_r2_c1

टैनरीज़ द्वारा छोड़े जा रहे उत्प्रवाह की लगातार
माॅनीटरिंग तथा इससे सम्बन्धित साप्ताहिक समीक्षा रिपोर्ट
मुख्यमंत्री कार्यालय को उपलब्ध कराने के निर्देश

प्रयाग कुम्भ-2019 के मद्देनजर गंगा जी की साफ-सफाई का
बन्दोबस्त करते हुए निर्मल जलधारा सुनिश्चित की जाए

मुख्यमंत्री जी ने ‘नमामि गंगे’ परियोजना की प्रगति की समीक्षा

मुख्यमंत्री ने ‘अमृत’ योजना की समीक्षा की

स्मार्ट सिटीज़ मिशन (एस0सी0एम0) के कार्याें में तेजी लाने के निर्देश

नमामि गंगे परियोजना, अमृत तथा स्मार्ट सिटी मिशन
की लगातार माॅनीटरिंग के निर्देश

लखनऊ: 16 मई, 2018
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां शास्त्री भवन में कानपुर की टैनरीज़ की शिफ्टिंग, अमृत, स्मार्ट सिटी एवं नमामि गंगे परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री जी को जाजमऊ कानपुर स्थित टैनरी इकाइयों को शिफ्ट किये जाने के सम्बन्ध में प्रमुख सचिव पर्यावरण द्वारा अवगत कराया गया कि वर्तमान में इस क्षेत्र में 264 टैनरी उत्पादनरत हैं, जबकि 136 टैनरियां बन्द/डिस्मैण्टल हो चुकी हैं। उन्होंने बताया कि इन 264 इकाइयों द्वारा प्रतिदिन 6.7 एम0एल0डी0 उत्प्रवाह छोड़ा जाता है, जिसके शोधन के लिए 36 एम0एल0डी0 क्षमता का सी0ई0टी0पी0 स्थापित है, जिसके संचालन पर 17 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष व्यय आता है। उन्होंने बताया कि सी0ई0टी0पी0, कन्वेंस चैनल, राइज़िंग मेन तथा पम्पिंग स्टेशन की मरम्मत हेतु 17.88 करोड़ रुपये की तत्काल आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री जी को यह भी अवगत कराया गया कि जाजमऊ के वर्तमान सी0ई0टी0पी0 को यदि उच्चीकृत/सुदृढ़ीकरण किया जाता है तो इस पर अनुमानित लागत 554 करोड़ रुपये आएगी। प्रमुख सचिव पर्यावरण द्वारा यह भी सुझाव दिया गया कि इस सी0ई0टी0पी0 को रमईपुर में स्थापित किये जा रहे नवीन मेगा लेदर क्लस्टर में स्थानान्तरित किया जा सकता है। मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिये कि इस सी0ई0टी0पी0 की प्रस्तावित क्षमता की ग्राह्यता पर विचार करते हुए इसे रमईपुर में स्थापित किया जाए। उन्होंने कहा कि भविष्य में आवश्यकतानुसार इसके विस्तार का प्राविधान भी किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने सी0ई0टी0पी0 के संचालन पर होने वाले वार्षिक व्यय के विषय में कहा कि इसमें से आधी धनराशि (8.5 करोड़ रुपये) शासन वहन करेगा, जबकि आधी धनराशि (8.5 करोड़ रुपये) टैनरीज़ से वसूली जाए। उन्होंने कहा कि हर टैनरी की क्षमता के अनुसार धनराशि का निर्धारण किया जाए। उन्होंने जाजमऊ स्थित टैनरीज़ तथा रमईपुर में स्थापित किये जा रहे लेदर क्लस्टर के सिलसिले में आई0आई0टी0, कानपुर के विशेषज्ञों से विचार-विमर्श करने के भी निर्देश दिये, ताकि इन इकाइयों से होने वाले प्रदूषण को कम किया जा सके। टैनरीज़ से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए प्रदूषण नियंत्रण मानकों को सख्ती से लागू किया जाए। टैनरीज़ द्वारा छोड़े जा रहे उत्प्रवाह की लगातार माॅनीटरिंग की जाए तथा इससे सम्बन्धित साप्ताहिक समीक्षा रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को उपलब्ध करायी जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रयाग कुम्भ-2019 के मद्देनजर गंगा जी की साफ-सफाई का बन्दोबस्त करते हुए निर्मल जलधारा सुनिश्चित की जाए। उन्होंने निर्देश दिये कि सभी टैनरीज़ को 15 दिसम्बर, 2018 से 15 मार्च, 2019 तक बन्द रखा जाए। साथ ही, यह सुनिश्चित किया जाए कि गढ़मुक्तेश्वर से लेकर काशी तक गंगा जी में किसी भी प्रकार का कचरा अथवा अपशिष्ट नहीं गिरे, ताकि कुम्भ के दौरान साधु-सन्तों तथा स्नानार्थियों को स्वच्छ एवं निर्मल जलधारा स्नान के लिए मिल सके।
मुख्यमंत्री जी ने ‘नमामि गंगे’ परियोजना की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि इसके तहत सभी स्वीकृत परियोजनाओं को पूरा करने के लिए रणनीति बनाकर काम किया जाए। उन्होंने कहा कि दिसम्बर, 2018 से फरवरी-मार्च, 2019 तक यह सुनिश्चित किया जाए कि गंगा में निर्मल जल पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहे। उन्होंने प्रमुख सचिव नगर विकास/प्रोजेक्ट डायरेक्टर, यू0पी0एस0आर0सी0ए0 को इस परियोजना के तहत होने वाले कार्याें में तेजी लाने के निर्देश दिये, ताकि इन्हें समय से पूरा किया जा सके।
मुख्यमंत्री जी ने ‘नमामि गंगे’ परियोजना के अन्तर्गत राज्य में संचालित सीवरेज परियोजनाओं तथा इसके अधीन निर्माणाधीन परियोजनाओं की गहन समीक्षा की और कार्याें में तेजी लाने के निर्देश दिये। उन्होंने राजधानी लखनऊ के रिवर फ्रण्ट कार्य के सिलसिले में पर्यावरण की अनुमति शीघ्र प्राप्त करने के निर्देश दिये। उन्होंने अयोध्या एस0टी0पी0 के विषय में भी जानकारी प्राप्त की और आवश्यक निर्देश दिये। उन्होंने ‘नमामि गंगे’ परियोजना के तहत चल रही 30 परियोजनाओं को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने इनकी साप्ताहिक समीक्षा रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री जी ने उत्तर प्रदेश के 60 नगरों में लागू की जा रही ‘अमृत’ योजना के तहत जलापूर्ति, सीवर, सेप्टेज, ड्रेनेज, पार्काें का विकास एवं रख-रखाव तथा परिवहन सुविधा की समीक्षा की। उन्होंने प्रमुख सचिव नगर विकास को इसके तहत कराये जा रहे कार्याें में तेजी लाने के निर्देश दिये। उन्होंने अमृत मिशन के तहत कराये जा रहे कार्याें में जनप्रतिनिधियों की भी सहभागिता सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने इसके तहत कराये जा रहे कार्याें में धनराशि की आवश्यकता पड़ने पर कम्पनियों द्वारा सोशल रिस्पाॅन्सिबिलिटी के तहत उपलब्ध कराये जा रहे फण्ड का उपयोग करने के निर्देश दिये। उन्होंने इस सम्बन्ध में कम्पनियों तथा बैंकों की एक बैठक बुलाने के भी निर्देश दिये।
स्मार्ट सिटीज़ मिशन (एस0सी0एम0) की प्रगति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस परियोजना के तहत चुने गये जिलों के कार्याें में तेजी लायी जाए, ताकि इस परियोजना का लाभ नागरिकों को मिल सके। उन्होंने वाराणसी शहर की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने के साथ-साथ वहां की सड़कों की दशा सुधारने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सभी स्मार्ट सिटीज़ में बिजली के तारों, टेलीफोन वायर्स की अण्डर ग्राउण्ड केबलिंग की जाए और अनावश्यक खम्भे हटाये जाएं। उन्होंने स्मार्ट सिटी मिशन के सम्बन्ध में मण्डलायुक्तों की एक बैठक बुलाने के भी निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री जी ने नमामि गंगे परियोजना, अमृत तथा स्मार्ट सिटी मिशन की लगातार माॅनीटरिंग के निर्देश दिये। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्मित कराये जा रहे आवासों की प्रगति की भी माॅनीटरिंग के निर्देश दिये।
इस अवसर पर नगर विकास मंत्री श्री सुरेश खन्ना, मुख्य सचिव, सम्बन्धित विभागों के प्रमुख सचिव तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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