लखनऊ 27 मई 2018, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने 44वें मन की बात कार्यक्रम को सम्बोधित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने शुरूआत करते हुए कहा कि 250 से ज्यादा दिन समुद्र के जरिए प्छैट तारिणी में पूरी दुनिया की सैर कर लौटीं नौ-सेना की 6 महिला कमांडरों को बधाई दी। उन्हांने इसे विश्व की ऐसी पहली घटना बताते हुए कहा कि इन महिला कमांडरों ने भारतीय नौसेना की प्रतिष्ठा बढ़ाने के साथ पूरी दुनिया को यह संदेश दिया कि भारत की बेटियां भी किसी से कम नहीं हैं।
एवरेस्ट फतह करने वालों को बधाई देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने मन की बात कार्यक्रम के दौरान एडवेंचर को विकास का जनक करार दिया। उन्होंने कहा कि विकास एडवेंचर की गोद में ही जन्म लेता है। मानव जाति की विकास यात्रा देखें तो किसी-न-किसी एडवेंचर की वजह से ही हम प्रगति कर पाए। इस बीच उन्होंने महाराष्ट्र के चंद्रपुर के एक आश्रम-स्कूल के 5 आदिवासी बच्चों द्वारा एवरेस्ट की चढ़ाई किए जाने का भी जिक्र किया। पीएम ने मनीषा धुर्वे, प्रमेश आले, उमाकान्त मडवी, कविदास कातमोड़े, विकास सोयाम नाम के इन बच्चों को बधाई देते हुए कहा कि इन्होंने देश को गौरवान्वित किया है। इसके अलावा मोदी जी ने नेपाल की ओर से एवरेस्ट फतह करने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय महिला शिवांगी पाठक और को भी बधाई दी। उन्होने युवाओं के साथ-साथ वृद्ध लोगों के मन में एडवेंचर के जज्बे की भी प्रशंसा की। साथ ही उन्होंने ‘स्वच्छ गंगा अभियान’ के तहत एवरेस्ट चढ़ने वाले ठैथ् के एक ग्रुप का भी मन की बात में जिक्र किया और उनकी तारीफ की। यह ग्रुप एवरेस्ट से कूड़ा नीचे लेकर आया था।
प्रधानमंत्री ने फिट इंडिया पहल का भी जिक्र अपने संबोधन में किया मोदी जी ने कहा कि इस पहल का रिस्पॉन्स बहुत ही अच्छा आया है और देश के हर क्षेत्र से लोग इसके सपोर्ट में सामने आए हैं। मैं मानता हूँ कि जितना हम खेलेंगे, उतना ही देश खेलेगा। फिल्म, खेल जगत की हस्तियां, देश के आम लोग, सेना के जवान, स्कूल टीचर सभी फिट इंडिया अभियान से जुड़ रहे है। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली द्वारा दिए गए चैलेंज पर मोदी जी ने कहा कि मुझे खुशी है कि कैप्टन कोहली ने मुझे फिट इंडिया चैलेंज दिया है। मैं मानता हूँ कि ये बहुत अच्छी चीज है और इस तरह का चैलेंज हमें फिट रखने और दूसरों को भी फिट रहने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
प्रधानमंत्री जी ने कार्यक्रम के दौरान बचपन के पुराने आउटडोर और इनडोर गेम्स को जिंदा रखने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि जो खेल कभी गली-गली, हर बच्चे के जीवन का हिस्सा होते थे, वे आज कम होते जा रहे हैं। पहले कभी भरी दोपहरी में, तो कभी रात में खाने के बाद बिना किसी चिंता के, बिल्कुल बेफिक्र होकर के बच्चे घंटो-घंटो तक खेला करते थे। कुछ खेल तो ऐसे भी हैं, जो पूरा परिवार साथ में खेला करता था। कंचे, खो-खो, लट्टू, गिल्ली-डंडा हर किसी के बचपन का हिस्सा हुआ करते थे। खेल हमें जीवन के मूल्य भी सिखाते हैं। लक्ष्य तय करना, दृढ़ता हासिल करना, टीम स्प्रिट, परस्पर सहयोग आदि खेलों से सीखा जा सकता है। इसलिए आज आवश्यकता है कि हमारे बचपन के पारंपरिक खेलों को खोने न दें। स्कूल, मोहल्ले, युवा-मंडल आगे आकर इन खेलों को बढ़ावा दें।
प्रधानमंत्री जी ने देशवासियों से अपील की कि पर्यावरण दिवस पर प्लास्टिक पॉल्युशन कम करने की चिंता करनी चाहिए तथा प्रदुषण कम करने में हर संभव कदम उठाने की जरूरत है तथा प्रकृति के साथ सघर्ष के बजाय उसके साथ चलने की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने आने वाले पर्यावरण दिवस का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस बार 5 जून को भारत आधिकारिक तौर पर विश्व पर्यावरण दिवस की अगुवाई करेगा। यह भारत के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इस बार की थीम बीट प्लास्टिक पॉल्युशन है। उन्होंने देशवासियों से अपील करते हुए कहा कि इस थीम के भाव के महत्व को समझते हुए हम सब यह सुनिश्चित करें कि पॉलिथिन और लो ग्रेड प्लास्टिक का इस्तेमाल न करें और प्लास्टिक पॉल्युशन को कम करने की कोशिश करें।
21 जून को मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को लेकर प्रधानमंत्री जी ने कहा कि मैं सभी देशवासियों से अपील करता हूँ कि वे योग की अपनी विरासत को आगे बढ़ाएं और एक स्वस्थ, खुशहाल और सद्भावपूर्ण राष्ट्र का निर्माण करे। उन्होने महराज भ्रतहरि के श्लोक अर्थ बताते हुए कहा कि नियमित योगाभ्यास कुछ अच्छे गुण सगे संबधी मित्रों की तरह हो जाते है। योग करने से साहस पैदा होता है जो सदा ही पिता की तरह हमारी रक्षा करता है, क्षमा का भाव उत्पन्न होता जैसा मां का अपने बच्चों के लिए होता है और मानसिक शान्ति हमारी स्थाई मित्र बन जाती है।
प्रधानमंत्री मोदी जी ने कार्यक्रम के दौरान पंडित जवाहरलाल नेहरू और वीर सावरकर को भी याद किया। उन्होंने कहा कि आज 27 मई को पंडित नेहरू की पुण्यतिथि है। इस मौके पर मैं उन्हें नमन करता हूं। सावरकर को लेकर मोदी जी ने कहा कि 1857 में मई माह के दौरान ही भारतीयों ने पहली बार अंग्रेजों से लोहा लिया था और इसी माह में वीर सावरकर का जन्म भी हुआ था, वीर सावरकर को उनकी बहादुरी और ब्रिटिशराज के खिलाफ उनके संघर्ष के लिए जाने जाते हैं लेकिन इन सबके अलावा वे एक ओजस्वी कवि और समाज सुधारक भी थे, जिन्होंने हमेशा सद्भावना और एकता पर बल दिया।
प्रधानमंत्री मोदी जी ने मन की बात कार्यक्रम के दौरान कहा कि मुझे विश्वास है सभी लोग ईद का त्यौहार खुशी से मानाएगें, सभी को बहुत बहुत शुभकानाएं तथा बच्चों को विशेष तौर पर ईदी भी मिलेगी और ईद का त्यौहार सद्भाव के बंधन को मजबूती प्रदान करेगा।
भारतीय जनता पार्टी प्रदेश मुख्यालय पर माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के मन की बात को प्रदेश मंत्री सतोष सिंह प्रदेश मीडिया प्रभारी हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव, राजकुमार एवं अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे।