‘अनकहा लखनऊ’ में उन बातों का जिक्र किया है,
जिनका उल्लेख इतिहास की पुस्तकों में भी नहीं है: उप राष्ट्रपति
श्री टंडन जी ने अपनी पुस्तक में यहां के सामाजिक, आर्थिक,
राजनैतिक व सांस्कृतिक पहलुओं के अनछुए बिन्दुओं पर अपनी रचनाधर्मिता की
हम जिस राम राज्य की बात करते हैं, वह एक आदर्श राज्य है
श्री टंडन जी ने पुस्तक में लखनऊ की संस्कृति
और यहां की समृद्ध परम्परा को प्रस्तुत किया: राज्यपाल
‘अनकहा लखनऊ’ एक चलता-फिरता इन्साइक्लोपीडिया है: मुख्यमंत्री
लेखन व्यक्ति की रचनात्मकता को व्यक्त करता है
लखनऊ: 26 मई, 2018
भारत के उप राष्ट्रपति श्री एम0 वेंकैया नायडू जी ने आज यहां साइंटिफिक कन्वेंशन सेण्टर में पूर्व मंत्री व सांसद श्री लाल जी टंडन की पुस्तक ‘अनकहा लखनऊ’ का विमोचन किया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक जी, विधान सभा अध्यक्ष श्री हृदय नारायण दीक्षित जी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा जी, सांसद श्री महेन्द्र नाथ पाण्डेय जी, लखनऊ की मेयर सुश्री संयुक्ता भाटिया जी, पुस्तक के सम्पादक श्री विनय जोशी उपस्थित थे।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उप राष्ट्रपति जी ने कहा कि श्री लाल जी टंडन ने अपनी लेखनी के माध्यम से ‘अनकहा लखनऊ’ में उन बातों का जिक्र किया है, जिनका उल्लेख इतिहास की पुस्तकों में भी नहीं है। श्री टंडन ने अपनी पुस्तक में यहां के सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक व सांस्कृतिक पहलुओं के अनछुए बिन्दुओं पर अपनी रचनाधर्मिता की। लखनऊ की गंगा-जमुनी संस्कृति पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। यह शहर सर्वधर्म सम्भाव के प्रतीक के रूप में जाना जाता है। यहां हिन्दू-मुस्लिम एक-दूसरे के त्योहारों में शामिल होते हैं व परस्पर सौहार्द को बनाए रखते हैं। हम विभिन्न मजहबों के हो सकते हैं, लेकिन हमारी जीवन पद्धति एक है। यह पुस्तक अवध की संस्कृति के नये वाहक के रूप में आम लोगों में पसन्द की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक लखनऊ के इतिहास के लिए एक दस्तावेज के रूप में महत्वपूर्ण है।
उप राष्ट्रपति जी ने कहा कि जहां शांति होती है, वहीं विकास भी होता है। हम जिस राम राज्य की बात करते हैं, वह एक आदर्श राज्य है। इसमें भय, भूख, भ्रष्टाचार और भेदभाव से रहित समाज की संकल्पना है, वही सच्चा राम राज्य है। उन्होंने कहा कि एक नागरिक के रूप में यदि हम अपने दायित्वों का निर्वहन करते हैं तभी देश का सर्वांगीण विकास हो सकता है।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक जी ने कहा कि श्री टंडन ने पुस्तक में लखनऊ की संस्कृति और यहां की समृद्ध परम्परा को प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा कि स्वयं उन्होंने भी एक पुस्तक ‘चरैवेति-चरैवेति’ में अपने अनुभवों को शब्द रूप देने का प्रयास किया।
इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने अपने सम्बोधन में कहा कि टंडन जी की यह पुस्तक लखनऊ के विषय में एक चलता-फिरता इन्साइक्लोपीडिया है। जिन तथ्यों को इतिहासकारों ने कभी उजागर नहीं किया, उसे लोगों के सामने प्रस्तुत करने का जो काम टंडन जी ने किया है, वह सराहनीय है। लेखन एक कला है, जिसकी विशिष्टता है कि पाठक उसमें डूब जाए। लेखन व्यक्ति की रचनात्मकता को व्यक्त करता है।
इस अवसर पर पुस्तक के लेखक श्री लाल जी टंडन जी ने कहा कि लखनऊ की विरासत पूरी दुनिया में अलग पहचान रखती है। अवध प्राचीनतम राज्यों में से एक था, जिसका हजारों साल का इतिहास है, उसे सिर्फ 100 साल या उससे कम के कालखण्ड में सीमित करना ठीक नहीं। यहां की कुछ विशेषताएं हैं, जो अनकही हैं। इसकी मूल आत्मा अनकही है। यही एक ऐसा राज्य था, जहां मजहब का कोई स्थान नहीं था।
इस अवसर पर प्रदेश सरकार के मंत्रिगण, पुस्तक प्रेमी व अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।