समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने कहा है कि भाजपा राज में सहकारिता के चुनावों में सारे नैतिक और विधिक मापदंडो को दरकिनार कर मनमाने तरीके से जमकर धांधली हुई है। इन चुनावों में प्रशासनिक मशीनरी का बुरी तरह दुरूपयोग किया गया है। विपक्षी उम्मीदवारों का पर्चा खारिज कर उन्हें चुनाव प्रक्रिया से बेदखल कर दिया गया। भाजपा ने इस तरह सहकारी संस्थाओे में अपने अध्यक्ष और प्रतिनिधि निर्विरोध की नौटंकी कर निर्वाचित कराए हंै।
श्री नरेश उत्तम पटेल ने कहा है कि लोकतंत्र को मजबूत करने में सहकारिता आंदोलन की प्रमुख भूमिका है। लेकिन जिस तरह से भाजपा सरकार ने इसको कमजोर करने का तरीका अपनाया है वह लोकतंत्र के लिए घातक है। भाजपा ने सहकारी संस्थाओं के चुनाव जीतने के लिए तानाशाही रवैया अपनाया है। इसे किसी भी तरह स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
जब समाजवादी सरकार थी तो सहकारिता की संस्था को मजबूत करने के लिए निष्पक्ष चुनावों की व्यवस्था थी। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव का मानना है कि सहकारिता के माध्यम से किसानों और दस्तकारों की भी आर्थिक स्थिति मजबूत की जा सकती है। सहकारी आंदोलन को इसीलिए आगे बढ़ाने का काम समाजवादी पार्टी ने किया था जिसको भाजपा ने अपने राजनीतिक स्वार्थ साधन में चैपट करने में कुछ उठा नही रखा है।