Posted on 22 March 2018 by admin
लखनऊ 22 मार्च, 2018
नई तकनीकि का प्रयोग करते हुये जहाँ हम एक तरफ निर्माण लागत को कम कर सकते हैं, वहीं दूसरी ओर भवन, सड़क एवं अन्य निर्माण कार्यों की गुणवत्ता एवं जीवन काल भी बढ़ाया जा सकता है। यह विचार प्रदेश के ग्रामीण अभियन्त्रण मंत्री, श्री राजेन्द्र प्रताप सिंह (मोती सिंह) ने आज यहाँ ए.सी.सी. सीमेंट के सहयोग से ग्रामीण अभियंत्रण विभाग द्वारा सफेदाबाद, बाराबंकी स्थित गोल्डेन ब्लाॅसम रिसार्ट में रूरल कंक्रीट रोड, मैन्यूफैक्चर्ड सैंड एवं नवीनतम तकनीकी विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में व्यक्त किया।
श्री सिंह ने कहा कि ज्ञान के विकास की कोई सीमा नहीं होती। तकनीकी के निरन्तर विकास से ही आज ग्रीन बिल्डिंग मेटेरियल जैसे- ग्रीन सीमेंट कंक्रीट ब्लाॅक, ग्रीन सीमेंट ईंट, ग्रीन सीमेंट रूफिंग टाईल, ग्रीन सीमेंट चेकर टाईल आदि का निर्माण किया जा रहा है।
ग्रामीण अभियन्त्रण मंत्री ने कहा कि विभाग का उद्देश्य स्थानीय सामग्री एवं संसाधनों का उपयोग करते हुए कम लागत में समयबद्ध रूप से मानकों के अनुरूप गुणवत्ता परक एवं टिकाऊ निर्माण करके प्रदेश के विकास में अपना पूर्ण योगदान देना है।
श्री सिंह ने कहा कि वर्तमान में प्राकृतिक सैंड की सीमित उपलब्धता एवं प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के उद्देश्य से आवश्यक है कि प्राकृतिक सैंड का विकल्प तैयार किया जाएं। इसके लिए ऐसे मटेरियल जो कि सीमेंट कंक्रीट एवं अन्य उपयोग में लाने योग्य नहीं हों, उनको निर्धारित गे्रडिंग में क्रश कर एवं मशीन से धुलाई कर के बालू तैयार की जाती है। इस प्रकार मैन्युफैक्चर्ड सैंड, जिसकी लागत प्राकृतिक सैंड के लगभग बराबर है, साथ ही इसमें मिट्टी की मात्रा भी नहीं होती, के उपयोग से निर्माण कार्य की गुणवत्ता में सुधार होगा।
कार्यशाला में चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर, ई.आई.आर. टेक्नोलोजी लि0, बंगलुरू ने प्राकृतिक संसाधनों के सन्दर्भ में वाश्ड मैन्यूफैक्चर्ड सैंड की आवश्यकता, तकनीकी एवं उपयोग के संबंध में तथ्यात्मक जानकारी दी।
कार्यशाला में सीमेंट कंक्रीट मार्गों के निर्माण में अभिनव तकनीकी का उपयोग करते हुए गुणवत्ता नियन्त्रण एवं ए.सी.सी. सीमेंट के अभिनव उत्पाद के उपयोग से सीलन रोकने आदि विषयों पर चर्चा की गयी। कार्यशाला में अपर मुख्य सचिव ग्रामीण अभियन्त्रण मो0 इफ्तखारूद्दीन, डायरेक्टर ए.सी.सी. लि0, श्री राजीव कुमार, निदेशक एवं मुख्य अभियन्ता ग्रामीण अभियन्त्रण विभाग, श्री आर.पी. सिंह, सी.आर.आर.आई. नयी दिल्ली, डा. विनोद कुमार के अलावा अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।
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सुरेन्द्र अग्निहोत्री, लखनऊ 22 मार्च, 2018
उ0प्र0 के श्रम एवं सेवायोजन व समन्वय मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने विभाग की एक वर्ष की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि श्रम व सेवायोजन विभाग समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के कल्याण से जुड़ा है। श्रमिकों के उत्थान व बेहतरी के लिए अनेको योजनाएं संचालित की गयी हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे पंजीकृत श्रमिक जिनके पास खुद की जमीन नहीं है और कच्चे मकान में रह रहे हैं, उन्हें आवास बनाने के लिए एक लाख रुपये की सहायता दी जा रही है। श्रमिकों की बच्चियों की शादी हेतु भी 65 हजार रुपये की मद्द दी जा रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी की प्रेरणा से इलाहाबाद में श्रमिकों के बच्चों की 177 जोड़े शादी सामूहिक विवाह कार्यक्रम में किया गया। श्रम मंत्री ने बताया कि सरकार बेरोजगारों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के प्रति गम्भीर है। इसके लिए आॅन लाइन पंजीकरण की सुविधा पोर्टल ेमूंलवरंदण्नचण्दपबण्पद पर उपलब्ध है। इस पोर्टल पर अभी तक 20.67 लाख बेरोजगार तथा 8376 नियोजक पंजीकृत हैं तथा श्रम विभाग में 41 लाख मजदूर पंजीकृत हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक आयोजित 626 रोजगार मेलों में 61040 बेरोजगार अभ्यर्थियों का चयन किया गया। उन्होंने कहा कि सरकार अगले 05 वर्षों में 70 लाख नवजवानों को रोजगार देगी। इसमें प्रदेश में निवेश आने पर 30 लाख, बुन्देलखण्ड डिफेंस काॅरीडोर बनने पर 33 लाख नवजवानों को रोजगार मिलेगा और शीघ्र ही 04 लाख भर्तियां सरकार लाने वाली है।
श्रम मंत्री आज मीडिया सेन्टर में प्रेस प्रतिनिधियों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मजदूरों के बच्चों को शिक्षा मिले और वे समाज की मुख्य धारा से जुड़ सके इसके लिए कक्षा 01 से 05 तक 100 रुपये, 05 से 08 तक 150 रुपये, 8 से 10 तक 200 रुपये, 10 से 12 तक 250 रुपये, ग्रेजुएशन के लिए 500 रुपये, इंजीनियरिंग के लिए 3000 रुपये तथा मेडिकल की पढ़ाई हेतु 5000 रुपये की छात्रवृत्ति दी जा रही है। उन्होंने कहा कि पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों के लिए संत रविदास शिक्षा सहायता योजना के तहत 22351 छात्रों को 9604590 रुपये की छात्रवृत्ति वितरित की गयी। सरकार ने श्रमिकों के पंजीयन शुल्क को 50 रुपये घटाकर 20 रुपये कर दिया है तथा वार्षिक अंशदान को भी 50 रुपये से घटाकर 20 रुपये कर दिया है। वहीं श्रमिकों को सामान्य बीमारियों व चोट का इलाज कराने के लिए 3,000 रुपये की वार्षिक सहायता दी जाती है। श्रमिकों के परिवार हेतु शौचालय निर्माण में 12,000 रुपये की सहायता दी जा रही है। इसी प्रकार चिकित्सा शिक्षा योजनान्तर्गत 1,28441 श्रमिकों को 19.46 करोड़ रुपये की धनराशि दी गयी। उन्होंने बताया कि डेढ़ दर्जन श्रमिक अड्डों पर जागरूकता शिविर लगाकर 70 हजार श्रमिकों का पंजीयन किया गया तथा वाराणसी एवं बरेली में आयोजित वृहद श्रमिक कल्याण कैंप में 30,000 श्रमिकों को लाभ मिला।
श्रम मंत्री ने कहा कि उ0प्र0 सरकार ने श्रम सुधार की दिशा में आगे कदम बढ़ाते हुए प्रदेश में औद्योगिकरण को बढ़ाने एवं निवेशकों के लिए बेहतर वातावरण सृजित करने हेतु 15 जाटिल श्रम अधिनियमों के संशोधन का प्रस्ताव राष्ट्रपति को प्रेषित किया। सरकार ने छोटे एवं लघु उद्यागों को भी कारखाना अधिनियम व संविदा श्रम अधिनियम से मुक्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि बाल एवं बंधुआ श्रमिकों का चिन्हांकन करते हुए उनके पुनर्वास हेतु सरकार पूरी तरह गम्भीर है। उन्होंने कहा कि दुकानों एवं कारखानों में श्रमिकों के ओवर टाइम की अवधि में वृद्धि की गयी है तथा महिला कर्मकारों को रात्रि में भी काम करने की अनुमति मिली।
उन्होंने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष में कुल 3093 बाल श्रमिक चिन्हित किये गये और 500 नियोजकों के विरूद्ध कानूनी कार्रवाई की गयी। इसके साथ ही आईजीआरएस पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों में से लगभग 90 प्रतिशत जन शिकायतों का समयबद्ध निस्तारण किया गया। उन्होंने कहा कि नया सवेरा योजना के तहत 369 गांवों का सर्वेक्षण कर 6 से 14 वर्ष के 7965 कामकाजी बच्चों को चिन्हित किया गया। इसी प्रकार अभी तक 1657 बन्धुआ श्रमिक चिन्हित कर इनमें से 1110 श्रमिकों के पुनर्वासन हेतु 658 लाख रुपये की धनराशि वितरित की गयी।
श्री मौर्य ने कहा कि असंगठित क्षेत्र के कर्मकारों के प्रति राज्य सरकार बेहद संवदेनशील है। ऐसे कर्मकारों के पंजीयन की आसान व्यवस्था की गयी है। इसके अलावा विभिन्न श्रम अधिनियमों के अन्तर्गत 5441 वादों का निस्तारण कर 9802 श्रमिकों को 7277.22 लाख रुपये की धनराशि का भुगतान किया गया। उन्होंने कहा कि विभिन्न श्रम अधिनियमों के अन्तर्गत पंजीयन, लाइसेन्सिंग व नवीनीकरण के तहत 28,763 प्रतिष्ठान पंजीकृत किये गये और इससे 469.84 लाख रुपये का राजस्व अर्जित किया गया। उन्होंने बताया कि उ0प्र0 श्रम कल्याण परिषद द्वारा संचालित 05 योजनाओं के तहत 948 लाभार्थियों को कुल 70 लाख रुपये की धनराशि वितरित की गयी। उन्होंने कहा कि अभी तक 1622 कारखानों का निरीक्षण कर 189 के विरूद्ध वाद दायर किया गया और दोषियांे से 11.36 लाख रुपये वसूला गया। उन्होंने कहा कि श्रमिकों के घातक रोगों के इलाज हेतु महंगी औषधियों की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है। इसके लिए सरकार ने नई औषधि क्रय नीति जारी की है।
प्रेसवार्ता में श्रम एवं सेवायोजन राज्यमंत्री मनोहर लाल (मन्नु कोरी) अपर मुख्य सचिव श्रम एवं सेवायोजन राजेन्द्र कुमार तिवारी के साथ विभाग के उच्च अधिकारी उपस्थित थे।
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सुरेन्द्र अग्निहोत्री ,लखनऊ । महादलित का मास्टर कार्ड पेश कर के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज विधानसभा में कहा कि इसके लिए जल्दी ही कमेटी गठित की जाएगी। फूलपुर व गोरखपुर उपचुनाव में हार और सपा-बसपा के बीच बढ़ती दोस्ती को सियासी कारण की काट के तौर पर लिए आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महादलित का मास्टर कार्ड खेला। योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा के बजट सत्र में कहा कि जरूरत पडऩे पर महादलित व अति पिछड़ों को आरक्षण देने पर विचार किया जा सकता है।बजट सत्र के दौरान चर्चा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में कहा कि अति पिछड़ों व अति दलितों के उत्थान के लिए उनकी सरकार काम करेगी।जरूरत पड़ी तो अति पिछड़ों व अति दलितों को आरक्षण दिया जाएगा। इसके लिए जल्द समिति बनेगी। ऐसा माना जाता है कि नीतीश कुमार ने महादलित कार्ड खेला और राजनीतिक फायदा हासिल किया। इसके पूर्व कल्याण सिंह और राजनाथ सिंह ने भी शायद कुछ ऐसी ही कोशिश की थी।भाजपा इससे पहले भी राजनाथ सिंह के मुख्यमंत्रित्व काल में अति पिछड़ों व अति दलितों को आरक्षण दे चुकी है। भाजपा का शुरू से ही यह तर्क रहा है कि आरक्षण का लाभ सिर्फ कुछ विशेष जातियों (पिछड़ों में यादवों और दलितों में जाटवों) तक ही सीमित होकर रह गया है। इसलिए उसे इन वर्गो की सभी जातियों में उनकी आबादी के अनुसार बटना चाहिए।राजनाथ सिंह के इस फैसले से राजनीतिक नुकसान की आशंका से परेशान मुलायम सिंह यादव और मायावती की सरकार की चालाकी के चलते यह व्यवस्था स्थायी नहीं रह सकी। अब योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर इसकी घोषणा कर सपा और बसपा के वोट गणित को बिगाड़ने की तैयारी के इरादे दिखा दिए हैं।
इसके तहत आरक्षण में आरक्षण अर्थात पिछड़ों को मिल रहे 27 प्रतिशत आरक्षण को प्रदेश की सभी पिछड़ी जातियों में और दलितो को मिल रहे 21 प्रतिशत आरक्षण को दलितों की सभी जातियों में बांटा जाएगा। योगी आदित्यनाथ सरकार का यह फैसला भावी लोकसभा चुनाव में गठबंधन की ओर बढ़ रही सपा और बसपा के लिए चुनौती साबित होगा। सपा-बसपा के अप्रत्यक्ष गठबंधन के चलते गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा चुनाव में हार का मुंह देखने के बाद बीजेपी इसका समाधान तलाश रही थी।माना जा रहा था कि सपा-बसपा के साथ आ जाने से दोनों पार्टियों का कॉडर वोटर एक हो जाएगा। ऐसी स्थिति में बीजेपी ने 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए सपा और बसपा के वोट बैंक में बटवारा कराने की चाल चल दी है।विधानसभा में आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस बयान से साफ है कि भाजपा इस चाल से बीएसपी के वोट बैंक में सेंध लगाने की तैयारी कर दी है। प्रदेश में उपचुनाव में भाजपा के बिगड़े समीकरण के मद्देनजर सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर गैर यादव ओबीसी और गैर जाटव दलित को साधने की कवायद की है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस कार्ड के जरिए सपा-बसपा की बढ़ती नजदीकियों के चलते एकजुट हो रहे दलित-पिछड़ों के वोटबैंक में सेंधमारी की जोरदार तैयारी शुरू कर दी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पहली बार हुआ कि बजट समय से पहले पेश हुआ। प्रदेश के अनुसार ही हमने बजट का स्वरूप भी रखा। यूपी का बजट 2 लाख, ढाई लाख करोड़ नहीं हो सकता। पिछले साल हमने 3 लाख 84 करोड़ का बजट पेश किया था। हमारे नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद जी बोलते ज्यादा हैं,करते कम हैं। आंकड़े मैंने सदन के सामने रखी है। हम यूपी को बैंकरप्ट नहीं बना सकते। हम लोग किसी को संतुष्ट करने नहीं आए हैं। हम प्रदेश की 22 करोड़ जनता की सेवा के लिए यहां आए हैं।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मुझे लगता है इन लोगों (सपा) को बिजली से चिढ़ है। हमने व्यवस्था सुधारी है। हम लोगों ने इस दौरान प्रदेश के अंदर लगभग 62 हजार इलाकों तक बिजली पहुंचाने का काम किया है। कैंप लगाकर बिजली के कनेक्शन बांटे हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, इतना बड़ा प्रदेश है। स्वच्छ भारत अभियान इस देश का स्वस्थ भारत अभियान बन रहा है। 8 जिले हमारे खुले में शौच से मुक्त हो गए हैं। सब प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान की देन है। प्रदेश के अंदर हम 8 मेडिकल कॉलेज जनता को दे रहे हैं। इस साल हम 6 मेडिकल कॉलेज की शुरुआत भी करेंगे। अगर राज्य की योजनाओं को केंद्र की योजनाओं से नहीं जोड़ेंगे तो विकास नहीं हो पाएगा।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम संपत्ति बेचने नहीं आए हैं, लेकिन सच है कि आप लोगों ने चीनी मिलों को बेचा है। प्रदेश के किसानों के साथ इससे बड़ा विश्वासघात नहीं हो सकता। हम लोग चीनी मिल लगा रहे हैं। अब तक लगभग 27 हजार करोड़ रुपए का गन्ना मुल्य का भुगतान किया गया है।
सीएम योगी ने कहा, स्कूल में बच्चों की संख्या में एक वर्ष में 18 लाख की वृद्धि हुई। बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से स्कूल चलो अभियान चलाया जाएगा। इससे सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी बच्चा स्कूल जाने से वंचित न रह जाए। आप गरीब की बात करते हैं और उन्हीं का शोषण करते हैं। गरीब के लिए कोई काम कर रहा है तो वो हमारी सरकार है।
Posted on 22 March 2018 by admin
लखनऊ । समाजवादी पार्टी से टिकट न मिलने के बाद निषाद पार्टी से चुनाव लड़कर विधायक बने विजय मिश्रा ने उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी व बहुजन समाज पार्टी का गणित बिगाड़ दिया है। विजय मिश्रा ने ट्वीट किया है कि उनका वोट भाजपा के प्रत्याशी को ही मिलेगा।
लोकसभा उप चुनाव में गोरखपुर में समाजवादी पार्टी से मिलकर चुनाव लड़ी निषाद पार्टी के विधायक विजय मिश्रा ने बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी भीमराव अंबेडकर के सामने बहुत बड़ी मुश्किल खड़ी कर दी है। विजय मिश्रा को समाजवादी पार्टी में पार्टी के सरंक्षक मुलायम सिंह यादव तथा शिवपाल यादव का भक्त माना जाता है।
ज्ञानपुर विधायक विजय मिश्रा ने घोषणा की है कि वे राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी को वोट देंगे। इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद पार्टी) के राष्ट्रीय महासचिव विजय मिश्रा ने कहा है कि वे तन मन धन से भाजपा को सपोर्ट कर रहे हैं। यह फैसला उन्होंने अंतर्आत्मा की आवाज पर लिया है। देश हित और समाज हित में यह सही कदम है। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो पिछड़ाें व गरीबों विशेषकर निषाद व अन्य पिछड़ी जातियों की आवाज बुलंद करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर नई पार्टी भी बनाएंगे। विजय मिश्रा ने राज्यसभा चुनाव में सपा व बसपा को वोट करने से सीधे इनकार कर दिया। विजय मिश्र ने कहा कि निषाद पार्टी ने सपा के साथ विलय कर लिया और इस मसले पर मुझसे कोई राय नहीं ली गई, जबकि मैं पार्टी का महासचिव था।
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लखनऊ 22 मार्च 2018, भारतीय जनता पार्टी प्रदेश मुख्यालय में प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. महेन्द्र नाथ पाण्डेय से सांसद नरेश अग्रवाल अपने सैंकडों समर्थकों के साथ भेंट करने पहुॅचे। प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने भाजपा परिवार में आगमन पर स्वागत करते हुए समर्थकों को भाजपा की सदस्यता प्रदान की। डाॅ0 पाण्डेय ने कहा कि अन्त्योदय के पथ पर चलने को तत्पर प्रत्येक व्यक्ति का भाजपा में अभिनन्दन है।
भाजपा प्रदेश मुख्यालय में पहली बार पहुॅचे राज्यसभा सदस्य नरेश अग्रवाल ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. महेन्द्र नाथ पाण्डेय से उनके कक्ष में मुलाकात की। भाजपा में शामिल होने के बाद अपने समर्थको को भाजपा की सदस्यता दिलाने हेतु भाजपा मुख्यालय पहुॅचे संासद नरेश अग्रवाल ने कहा कि हम सभी भाजपा कार्यकर्ता के रूप में काम करेंगे।
प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने पूर्व राज्यमंत्री एवं प्रदेश सचिव सपा ब्रजेश शुक्ला, पूर्व राज्यमंत्री एवं जिला पंचायत अध्यक्ष हरदोई मुकेेश अग्रवाल, पूर्व प्रदेश सचिव सपा सत्यनाम सिंह सेठी, प्रदेश अध्यक्ष व्यापार सभा आनन्द अग्रवाल, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष उद्योग व्यापार संगठन अचल अग्रवाल एवं अध्यक्ष नगर पालिका परिषद हरदोई सुख सागर मिश्रा सहित सांसद नरेश अग्रवाल के सैंकडो़ समर्थकों का पार्टी में स्वागत किया और उन सब को पार्टी की सदस्यता दिलाकर विश्व की सबसे बडे राजनीतिक परिवार में शामिल किया।
इस अवसर पर प्रदेश महामंत्री विद्यासागर सोनकर, सलिल विश्नोई, प्रदेश उपाध्यक्ष राकेश त्रिवेदी, प्रदेश मुख्यालय प्रभारी भारत दीक्षित आदि उपस्थित रहे।
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लखनऊ 22 मार्च 2018, उत्तर प्रदेश में सत्ता संभालने के बाद ही मुख्मयंत्री माननीय श्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की जनता को त्वरित और सुगम न्याय दिलाने की दिशा में कदम बढ़ाने शुरू कर दिए थे। न्यायिक सुधार की ओर पहल करते हुए माननीय मुख्यमंत्री ने सभी कानूनों की समीक्षा कर असामयिक और अनुपयोगी कानूनों की चिन्हित कर समाप्त करने का फैसला किया था।
डाॅ. चन्द्रमोहन ने प्रदेश मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री से निर्देश मिलने के बाद शासन ने अलग-अलग विभागों से अपने कानूनों की समीक्षा करने का आदेश दिया और बेकार हो चुके कानूनों की जानकारी मांगी. इस तरह कुल 252 कानून सामने आए जो असामयिक और अनुपयोगी हैं। माननीय मुख्यमंत्री जी की अध्यक्षता में 20 मार्च को हुई कैबिनेट बैठक में इन कानूनों को समाप्त करने का अभूतपूर्व निर्णय लिया जाना यह भाजपा सरकार का न्याय सुधार की दिशा में उठाया गया कदम है। इससे न केवल विभागों को कानूनी झंझटों से मुक्ति मिल सकेगी बल्कि जनता को भी इनके दुरुपयोग से होने वाली दिक्क्तों को निजात मिलेगी। इतना ही नहीं प्रदेश में न्याय व्यवस्था मजबूत करने के लिए 111 परिवार न्यायालय, 13 व्यावसायिक अदालतें, भू-अर्जन अदालतंे बनाई जा रही हैं।
डाॅ. चन्द्रमोहन ने कहा कि 20 जिलों में जिला विधिक प्राधिकरण बनाकर गरीबों को न्याय दिलाया जा रहा है। मध्यस्थता केंद्रों के लिए 50 करोड़ रुपए के बजट की व्यवस्था की गई है। प्रदेश की न्याय व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए भाजपा सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर किये जा रहे उपाय स्वागत योग्य हैं। इतना ही नहीं आम जनता की दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए भाजपा सरकार ने अदालतों में शौचालय के निर्माण पर भी 20 करोड़ के बजट का प्रावधान किया है।
प्रदेश प्रवक्ता ने बताया कि न्याय व्यवस्था में सुधार से प्रदेश में रहने वाले हर तबके को राहत मिलेगी और यही ‘सबका साथ, सबका विकास’ के रूप में भाजपा सरकार का मूलमंत्र भी है।
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लखनऊ 22 मार्च, 2018
आगामी 1 अप्रैल से 30 जून तक ग्रामीण क्षेत्रों में बिल ठीक करने का अभियान चलाया जायेगा। इस अभियान को प्रभावी ढ़ग से चलाने के लिये उ0प्र0 पावर कारपोरेशन के मुख्यालय पर मुख्य अभियन्ता वाणिज्य के नेतृत्व में एक टास्क फोर्स बनायी गयी है जिसमें मीटरिंग, बिलिंग, सेल आई.टी.विंग के अधिकारी भी रखे गयें हैं।
यह जानकारी देते हुये प्रमुख सचिव ऊर्जा एवं उ0प्र0 पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष श्री आलोक कुमार ने बताया है कि शासन द्वारा निर्धारित ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घण्टे विद्युत आपूर्ति तथा ‘सौभाग्य योजना’ के अन्तर्गत सभी अवशेष घरों को विद्युत संयोजन दिये जाने के फलस्वरूप कुल विद्युत आपूर्ति में से ग्रामीण क्षेत्रों को दी जाने वाली विद्युत आपूर्ति का प्रतिशत बहुत तेजी से बढ़ा है तथा निरन्तर और भी बढ़ेगा।
इस परिप्रेक्ष्य में ग्रामीण क्षेत्रों के विद्युत वितरण खण्डों में एवरेज बिलिंग रेट के सापेक्ष थ्रू-रेट अत्यधिक कम है और कन्ज्यूमर टर्नअप भी अत्यन्त न्यूनतम है। प्रदेश के पावर सेक्टर को वायबिल बनाने के लिए उ0प्र0 विद्युत नियामक आयोग द्वारा जो नया टैरिफ जारी किया गया है उसके अनुसार राजस्व प्राप्ति के लिए यह अत्यन्त आवश्यक है कि अभियान चलाकर उपभोक्ता टर्नअप बढ़ाया जाये और नियमित राजस्व की प्राप्ति की जाये।
श्री कुमार ने बताया कि विद्युत बिलों के त्रुटिपूर्ण होने की समस्या बहुत है और इससे विद्युत वितरण निगमों की छवि भी घूमिल हो रही है। इस व्यवस्था का लाभ तभी प्राप्त होगा जबकि त्रुटिपूर्ण बिलों का रिवीजन शीघ्र कर लिया जाये अन्यथा सही मीटर रीडिंग उपलब्ध होने के बावजूद भी उपभोक्ताओं को सही बिल प्राप्त नहीं हो सकेगा। बिल रिवीजन के अभियान के रूप में चलाने के लिए प्रत्येक उपखण्ड में कम से कम एक और आवश्यकता के अनुसार तीन तक फील्ड टीमें गठित करने के निर्देश दिये गये है। इसके साथ-साथ उपयुक्त सेवानिवृत्त कार्मिंको की सेवायें भी प्राप्त की जा सकती हैं। प्रत्येक फील्ड टीम को एक कम्प्यूटर सिस्टम युक्त वाहन भी उपलब्ध कराया जायेगा। चूॅकि अभियान तुरन्त चलाया जाना है अतः कम्प्यूटर सिस्टम युक्त वाहन तथा मैन पावर की व्यवस्था अविलम्ब खण्ड स्तर पर कर ली जाये।
बिल रिवीजन के लिए आयोजित किये जाने वाले शिविरों (मोबाइल वैन के माध्यम से) का शिड्यूल क्षेत्रीय मुख्य अभियन्ता के स्तर पर तैयार किया जाये और इसका पर्याप्त प्रचार-प्रसार कराया जाये। इसके अतिरिक्त ग्रामीण क्षेत्र के खण्डों द्वारा अभियान के दौरान ही उन उपभोक्ताओं के बिल रिवीजन की कार्रवाई की जाये जो कतिपय कारणों से शिविरों में नहीं आ पाते हैं।
अभियान को सफल बनाने का व्यक्तिगत दायित्व डिस्काम के प्रबन्ध निदेशक का होगा। इस अभियान के मुख्य बिन्दु ग्रामीण क्षेत्र के उपखण्ड अधिकारी होंगे। उन्होंने निर्देशित किया है कि डिस्काम स्तर पर प्रबन्ध निदेशक का उपखण्डों के अधिकारियों से सीधा संवाद स्थापित हो, उन्हें सभी आवश्यक संसाधन तत्काल उपलब्ध कराये जाये, यदि कोई कठिनाईयाॅ आयें तो उनका निराकरण डिस्काम स्तर पर और यदि आवश्यक हो तो यू0पी0पी0सी0एल0 स्तर से ससमय कराया जाये।
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लखनऊ: 22 मार्च, 2018
प्रदेश के पशुधन, मत्स्य एवं लघु सिंचाई कैबिनेट मंत्री प्रो0एस0पी0 सिंह बघेल ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हंै कि पशुओं को विभिन्न संक्रामक बीमारियों से प्रतिरक्षित कर दुग्ध उत्पादन में वृद्धि की जाय, ताकि पशुपालकों की आय में बढ़ोत्तरी हो सके। पशुपालन एक बहुत बड़े वर्ग के लिए स्वरोजगार का जरिया है। सरकार का उद्देश्य दूध, अण्डा, ऊन उत्पादन में वृद्धि लाकर प्रदेश को स्वावलम्बी एवं आत्मनिर्भर बनाना है।
पशुपालन मंत्री श्री बघेल आज यहां पशुपालन निदेशालय स्थित पशु जैविक औषधि संस्थान में राष्ट्रीय कृषि विकास योजनान्तर्गत लघु पशुगृह एवं एच0एस0 वैक्सीन उत्पादन शाखा के सुदृढ़ीकरण का उद्घाटन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस सुदृढ़ीकरण के फलस्वरुप संस्थान में वैक्सीन उत्पादन में वृद्धि हो सकेगी। उन्होंने विभाग में चल रही योजनाओं को पशुपालकों तक पहुचाये जाने हेतु प्रत्येक स्तर तक जिम्मेदारी निर्धारित करने के लिए निर्देशित किया।
श्री बघेल ने प्रदेश में छुट्टा पशुओं की समस्या के निराकरण के लिए ग्रामीण स्तर पर पशुपालन की योजनाओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित करते हुए आम जन को इस समस्या से छुटकारा दिलाये जाने की आवश्यकता पर बल दिया।
इस अवसर पर राज्यमंत्री, पशुधन एवं मत्स्य श्री जय प्रकाश निषाद, डा0 ए0एन0 सिंह, निदेशक, रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र, एवं डा0 सी0एस0 यादव निदेशक, प्रशासन एवं विकास, डा0 सुधीर सिंह, अपर निदेशक, पशु जैविक औषधि संस्थान तथा पशुपालन निदेशालय के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।