Archive | March 30th, 2018

भाजपा के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ेगी रिपब्लिकन पार्टी- आठवले

Posted on 30 March 2018 by admin

केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा है कि 2019 में होने जा रहे लोकसभा चुनाव में भारतीय रिपब्लिकन पार्टी, भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर लोकसभा का चुनाव लड़ेगी। लखनऊ में पत्रकारों से बातचीत में श्री आठवले ने कहा कि इस चुनाव में एनडीए भारी बहुमत से जीतेगा और श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक बार फिर भाजपा की अगुवाई वाली सरकार बनेगी। union-minister-shri-ramdas-athawale-addressing-a-press-conference-at-vvip-guest-house-in-lucknow-on-friday

उन्होने कहा कि अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए लागू आरक्षण व्यवस्था जारी रहेगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती को भारतीय जनता पार्टी के साथ आ जाना चाहिए। हाल ही में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बदले समीकरण पर टिप्पणी करते हुए श्री आठवले ने कहा कि इसका भारतीय जनता पार्टी पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा और एनडीए गठबंधन को 2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में 50 से ज्यादा सीटें मिलेंगी। उन्होने कहा कि चंद्रबाबू नायडू के संगठन छोड़ने से तमिलनाडु की राजनीति पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि एआईएडीएमके पार्टी के भाजपा के साथ आने के संकेत मिल रहे हैं।

आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर तीसरे मोर्चे की संभावनाओं पर अपनी प्रतिक्रिया में श्री आठवले ने कहा कि इससे भारतीय जनता पार्टी को कुल मिलाकर फायदा होगा।

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राज्यपाल ने डाॅ0 आंबेडकर के सही नाम लिखने के संबंध में राज्य सरकार निर्णय का स्वागत किया

Posted on 30 March 2018 by admin

लखनऊः 30 मार्च, 2018
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक ने उत्तर प्रदेश के समस्त अभिलेखों में भारतीय संविधान के शिल्पी डाॅ0 भीमराव रामजी आंबेडकर के सही नाम अंकित करने के संबंध में जारी शासनादेश को उपयुक्त बताते हुए सरकार के निर्णय का स्वागत किया है। ज्ञातव्य है कि सामान्य प्रशासन विभाग उत्तर प्रदेश शासन द्वारा 28 मार्च, 2018 को शासनादेश जारी कर भारत के संविधान की अष्टम अनुसूची (अनुच्छेद-344(1) और-351) भाषाएं में अंकित नाम का संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश से संबंधित समस्त अभिलेखों में ‘डाॅ0 भीमराव अम्बेडकर’ का नाम संशोधित कर ‘डाॅ0 भीमराव रामजी आंबेडकर’ करने का निर्णय लिया गया है। शासनादेश की प्रति समस्त विभागाध्यक्ष उत्तर प्रदेश शासन एवं निबंधक उच्च न्यायालय इलाहाबाद एवं लखनऊ को भी प्रेषित की गयी है।
राज्यपाल ने बताया कि कुलाधिपति के रूप में उन्होंने पाया कि आगरा विश्वविद्यालय का नाम ‘डाॅ0 भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, आगरा’ अंकित है जबकि ‘भारत का संविधान’ की मूल प्रतिलिपि (हिन्दी संस्करण) के पृष्ठ 254 में डाॅ0 आंबेडकर ने हस्ताक्षर करते हुए ‘डाॅ0 भीमराव रामजी आंबेडकर’ लिखा है। राज्यपाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 में उनका नाम हिन्दी में ‘डाक्टर भीमराव अम्बेडकर’ तथा अंग्रेजी में ‘Doctor Bhim Rao Ambedkar’ लिखा है जो कि उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि डाक्टर के स्थान पर ‘डाॅ0’ एवं अंग्रेजी में ‘Dr.’ लिखना पर्याप्त होगा तथा भीम राव दो शब्द नहीं है बल्कि ‘भीमराव’ एक शब्द है। इसी प्रकार ‘अम्बेडकर’ के स्थान पर ‘आंबेडकर’ लिखना उचित होगा। अंग्रेजी में डाॅ0 आंबेडकर अपना नाम ‘Dr. B.R. Ambedkar’ लिखते थे।
राज्यपाल ने बताया कि डाॅ0 आंबेडकर का सही नाम लिखे जाने के संबंध में उन्होंने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केन्द्रीय गृह मंत्री, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं सुश्री मायावती को भी पत्र प्रेषित किया था। आगरा विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह 5 दिसम्बर, 2017 में राष्ट्रपति की उपस्थिति में डाॅ0 भीमराव आंबेडकर के नाम से जुड़े विश्वविद्यालय के नाम में उचित संशोधन की उन्होंने बात कही थी। उन्होंने इस संबंध में 11 दिसम्बर, 2017 को राष्ट्रपति से भेंट की तथा नई दिल्ली में एक पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करके लोगों से डाॅ0 आंबेडकर के सही नाम का प्रयोग करने हेतु आह्वान भी किया। उनके सुझाव को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उचित पाया तथा राज्य विधान मण्डल के दोनों सदनों से राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 में इस आशय के संशोधन का विधेयक 22 दिसम्बर, 2017 को सभी राजनैतिक दलों की सर्वसम्मति से पारित हुआ जिसके पश्चात् आगरा विश्वविद्यालय का नाम ‘डाॅ0 भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा’ हुआ।
राज्यपाल ने यह भी बताया कि आंबेडकर महासभा द्वारा 6 दिसम्बर, 2017 को आयोजित बाबा साहब डाॅ0 भीमराव आंबेडकर की पुण्यतिथि के कार्यक्रम, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित थे, उन्होंने बाबा साहब के सही नाम की चर्चा की थी। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में बाबा साहब के प्रति सम्मान और कृतज्ञता प्रकट करते हुए सभी सरकारी कार्यालयों में बाबा साहब का चित्र लगाने की घोषणा की थी।
राज्यपाल ने 29 और 30 मार्च के समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों का संज्ञान लेते हुए कहा कि 1989 में जब वे पहली बार सांसद निर्वाचित हुए थे तो उन्होंने 28 दिसम्बर, 1989 को लोकसभा के प्रथम अधिवेशन में अतारांकित प्रश्न के रूप में जानकारी चाही थी कि (क) क्या सरकार ने वर्ष 1990 में डाॅ0 बी0आर0 आंबेडकर की जन्म शताब्दी के अवसर पर कोई विशेष डाक टिकट जारी करने का निर्णय लिया है और (ख) यदि हाँ तो सरकार का इस संबंध में क्या समयबद्ध कार्यवाही करने का विचार है। तत्समय सरकार के संचार मंत्री के0पी0 उन्नीकृष्णन ने लोकसभा में जवाब दिया था कि (क) नहीं, डाॅ0 बी0आर0 आंबेडकर के सम्मान में 15 पैसे और 20 पैसे मूल्य वाले दो डाक टिकट क्रमशः 14/4/1966 और 14/4/1973 को जारी किए जा चुके हैं, (ख) फिलहाल कोई अन्य डाक टिकट जारी करने का प्रस्ताव नहीं है। सरकार के इस जवाब के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह से पत्र लिखकर और मुलाकात कर मांग की थी कि जिस प्रकार लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक, महात्मा गांधी एवं पं0 जवाहर लाल नेहरू की जन्मशताब्दी मनायी गयी उसी प्रकार डाॅ0 आंबेडकर की जन्मशताब्दी मनायी जानी चाहिए। तत्पश्चात् राजनैतिक कारणों से 10 नवम्बर, 1990 को विश्वनाथ प्रताप सिंह ने त्याग पत्र दिया और चंद्रशेखर प्रधानमंत्री बनें। श्री राम नाईक ने उनसे इस विषय के संबंध में बात की, परिणामतः भारत सरकार की ओर से डाॅ0 आंबेडकर की जन्मशताब्दी के अवसर पर डाक टिकट 1991 में जारी हुआ। उस टिकट पर डाॅ0 आंबेडकर का नाम हिन्दी में ‘डाॅ0 भीमराव रामजी आंबेडकर’ और अंग्रेजी में ‘Dr. B.R. Ambedkar’ लिखा है।

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‘भ्रष्टाचार का नाम जपना, जनता का माल अपना’ की नीति है सपा की-डा0 चन्द्रमोहन

Posted on 30 March 2018 by admin

लखनऊ 30 मार्च 2018, भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद जिस तरह से विकास योजनाओं को गति मिली है उससे विपक्षी दल घबरा गए हैं। प्रदेश में सत्ता संभालने के बाद माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी को विरासत में जनता के पैसे से शुरू हुए अधूरे प्रोजेक्ट मिले थे। श्रद्धेय जनता के धन का पाई-पाई हिसाब लेने के साथ मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने न केवल इसका दुरुपयोग रोका बल्कि पिछली सरकार में जान-बूझ कर इन योजनओं का कार्य धीमा कर दाम बढ़ाने और जनता के पैसे की बंदरबाट करने की प्रवृत्ति पर सख्ती से रोक लगाई।
प्रदेश पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि जनता के पैसे से बनने वाले प्रोजेक्ट को त्वरित गति से पूरा कराकर जनता को सौंपने की भाजपा सरकार की नीति पिछली सपा सरकार के मुखिया रहे श्री अखिलेश यादव को हजम नहीं हो रही है। इसी क्रम में आज जब माननीय मुख्यमंत्री जी ने गाजियाबाद में एलिवेटेड रोड का उद्घाटन किया तो श्री अखिलेश यादव जी ने एक बार फिर अपनी बचकानी सोच का परिचय देते हुए ‘राम नाम जपना, पराया माल अपना’ वाला ट्वीट किया। लड़कपन में श्री यादव जनता के धन से चलने वाली योजनाओं को बार-बार अपने परिवार की समझ रहे हैं। असल में पिछली सपा सरकार के मुखिया रहे श्री यादव ने अपने कार्यकाल के दौरान केवल ‘भ्रष्टाचार का नाम जपना, जनता का माल अपना’ की नीति को बखूबी लागू किया।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि वे हमेशा जनता के पैसे का उपयोग अपने परिवार और निजी लोगों के उपयोग के लिए ही किया। यही वजह रही कि उन्होंने अपने शासनकाल में जनता के पैसे से शुरू हुए किसी भी प्रोजेक्ट को समय पर पूरा नहीं किया। सभी प्रोजेक्ट को लंबा खींचा गया ताकि जनता के धन की ज्यादा से ज्यादा लूट हो सके। जनता को धोखा देने के लिए बगैर योजना पूरा किए ही उनका उद्घाटन कर प्रदेश की छवि को धूमिल किया। पिछली सपा सरकार की यह मंशा जनता बखूबी पहचान गई थी और इसीलिए श्रद्धेय जनता ने सपा को करारी मात देकर अपनी नाराजगी जाहिर कर दी।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि भाजपा सरकार ने पिछले सरकार में अधूरा पड़ा आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के लिए 500 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि देकर उसे अंतिम रूप से तैयार करने की कवायद तेज की है। सपा सरकार की नजर जहां जनता के पैसे पर थी वहीं माननीय श्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में चल रही भाजपा सरकार ने जनता के पैसे का पूरा सदुपयोग कर हर क्षेत्र में विकास की धारा बहाई है। भाजपा सरकार की यही कार्यप्रणाली सपा मुखिया को सहन नहीं हो रही है और वे मर्यादा भूलकर अनाप-शनाप बातें करने लगे हैं।

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