Posted on 13 March 2018 by admin
लखनऊ: 13 मार्च, 2018
प्रदेश सरकार ने विभिन्न श्रेणी के दिव्यांगजनों के लिए राजकीय विद्यालयों/छात्रावासों का संचालन करने के लिए 63 लाख रुपये स्वीकृत करते हुए निदेशक, दिव्यांगजन सशक्तीकरण को उपलब्ध करा दिये हैं।
इस सम्बन्ध में दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग द्वारा शासनादेश जारी कर दिया गया है।
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सरकार के इस महत्वपूर्ण निर्णय से 01 लाख 21 हजार गन्ना किसानों को होगा लाभ-गन्ना मंत्री
लखनऊ: 13 मार्च, 2018
उत्तर प्रदेश सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए सहकारी चीनी मिलों में बकाया गन्ना मूल्य भुगतान हेतु अपने आकस्मिकता निधि से विशेष सहायता के रूप में 125 करोड़ रुपये की धनराशि मंजूर की हैं। इस धनराशि से सहकारी चीनी मिलों पर विगत पेराई सत्र के बकाये गन्ना मूल्य 109.32 करोड़ रुपये का शत-प्रतिशत भुगतान सुनिश्चित किया जा सकेगा और इससे करीब 01 लाख 21 हजार किसानों को लाभ मिलेगा।
यह जानकारी गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), श्री सुरेश राणा ने दी है। उन्होंने बताया कि गन्ना किसानों का गन्ना मूल्य भुगतान सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल है। राज्य सरकार द्वारा आकस्मिकता निधि से स्वीकृत की गई धनराशि से विगत सत्र का सम्पूर्ण गन्ना मूल्य भुगतान होने के साथ-साथ वर्तमान सत्र 2017-18 में भी गन्ना मूल्य के भुगतान में तेजी आयेगी।
श्री राणा ने बताया कि पेराई सत्र 2016-17 में सहकारी चीनी मिलों द्वारा कुल 2,434.75 करोड़ रुपये का गन्ना खरीदा गया था, जिसके सापेक्ष चीनी मिलों ने अपने संसाधनों से 2,325.43 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है, जो कुल देय का 95.51 प्रतिशत है। प्रदेश में सहकारी क्षेत्र की कुल 24 चीनी मिलों में से 08 चीनी मिलों ने शत प्रतिशत भुगतान कर दिया है तथा 16 चीनी मिलों पर 109.32 करोड़ रुपये गन्ना मूल्य अवशेष है
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आर्बीट्रेशन के मामले यथाशीघ्र निपटाये जाये
सभी कार्य गुणवत्ता एवं समयबद्धता से पूर्ण हो
स्वीकृत कार्यो के टेण्डर विलम्ब से जारी होने पर जवाब तलब
राजकीय निर्माण निगम के निदेशक मण्डल की 185वीं बैठक सम्पन्न
लखनऊ: 13 मार्च, 2018
राजकीय निर्माण निगम प्रोफेसनल्स की तरह गुणवत्ता युक्त कार्य करें। हमें निर्माण निगम की खोयी हुई साख को पुनः स्थापित करना है। ये निर्देश प्रदेश के उप मुख्यमंत्री एवं अध्यक्ष राजकीय निर्माण निगम श्री केशव प्रसाद मौर्य ने राजकीय निर्माण निगम के सभागार में निदेशक मण्डल की 185वीं बैठक के दौरान कही। उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों से प्राप्त धनराशि और उनके कार्यों को निर्धारित मानकों के अनुरूप करें। उन्होंने किसी भी दबाव में कार्य न करने के निर्देश निर्माण निगम के अधिकारियों को दिए।
श्री मौर्य ने कहा कि विवादित मामलों को हल करने के हर सम्भव प्रयास हो ताकि कार्य को गति प्रदान की जा सके। आर्बीट्रेशन के 09 मामलों में से मात्र एक मामलें का निस्तारण होने पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा समयबद्धता के साथ सभी मामले निस्तारित किये जायें। हमें किसी भी दशा में लोक निर्माण विभाग के व्यवसाय को बढ़ाना है।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि राजकीय निर्माण निगम के समान्तर जो संस्थाये कार्य कर रही है, उनका भी तुलनात्मक अध्ययन कर कार्य योजना बनायी जाय एवं कार्य को गतिशीलता प्रदान करते हुए गुणवत्तायुक्त कार्य सम्पादित करे तथा राजकीय निर्माण निगम विभाग एक लाभकारी यूनिट बनने के साथ-साथ अपनी खोयी हुई साख को वापस प्राप्त कर सके।
उप मुख्यमंत्री ने अति विलम्ब से विभिन्न कार्यों हेतु किये गये टेण्डरों पर कड़ी नाराजगी जतायी और कहा कि इसके लिए जिम्मेदारों से जवाब मांगा जाय। हर हाल में स्वीकृत कार्यों के लिए टेण्डर प्रक्रिया यथाशीघ्र शुरू होनी चाहिए। उन्होंने निर्देश दिये कि जिस विभाग के कार्य हेतु धन स्वीकृत है, उस धनराशि का उपयोग किसी अन्य कार्य हेतु कदापि न करें। उन्होंने निर्देश दिये कि प्रत्येक कार्य की समय सीमा निर्धारित की जाय ताकि निर्धारित लक्ष्य को समय से प्राप्त किया जा सके।
कारागार तथा शिक्षा विभाग के कार्यों में सम्बन्धित ठेकेदार द्वारा ठीक कार्य न करने पर एफ0आई0आर0 दर्ज कराते हुए कठोर कार्यवाही करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में रिकवरी एफ0आई0आर0 तथा ब्लैक लिस्ट करने जैसी कार्यवाही की जाय जिससे एक संदेश जाये कि गलत कार्य करने वालों को किसी भी दशा में बख्सा नहीं जायेगा।
श्री मौर्य ने निर्देश दिये कि राजकीय निर्माण निगम द्वारा जिन बड़ी परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है उनके आस पास एक गांव को विकसित करने पर भी विचार किया जाये। उन्होंने कहा कि जिन महाप्रबन्धकों तथा परियोजना प्रबन्धकों का कार्य अच्छा नहीं है उनके कार्यो की समीक्षा की जाये। ताकि ऊर्जावान अभियन्ताओं की तैनाती करते हुए राजकीय निर्माण निगम के कार्यों को गति प्रदान की जा सकें। निर्माण निगम में स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए अन्य विभागों से प्रतिनियुक्ति संविदा पर कर्मचारी तैनात करने पर सहमति व्यक्त करते हुए श्री मौर्य ने कहा कि रिक्त पदों पर शीघ्र भर्ती की कार्यवाही भी सुनिश्चित की जाये। हमारा प्रयास है कि राजकीय निर्माण निगम देश का नम्बर-1 निगम बने।
बैठक में पूर्व अपर मुख्य सचिव श्री सदाकान्त, राजकीय निर्माण निगम के उपाध्यक्ष श्री संजय अग्रवाल, विशेष सचिव डा0 राज शेखर, ईएनसी वी0के0 सिंह, एम0डी0 सेतु निगम राजन मित्तल, एम0डी0 निर्माण निगम विश्वदीपक सहित निदेशक मण्डल के प्रतिनिधि मौजूद थे।
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लखनऊ: 13 मार्च, 2018
प्रदेश की महिला एवं परिवार कल्याण मंत्री प्रो0 रीता बहुगुणा जोशी ने बेगम हामिदा हबीबुल्लाह के आज प्रातः निधन पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि वे अनुकरणीय व्यक्तित्व की मालिक थी। उनके निधन से समाज की बहुत बड़ी क्षति हुई है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम परिवार में जन्मी बेगम हामिदा ने महिला सशक्तिकरण के लिए विशेष योगदान दिया। उन्होंने कई संगठनों का प्रतिनिधित्व किया। भारतीय मुस्लिम महिला की सशक्त पहचान के लिए उन्हें हमेशा याद किया जायेगा। उनका जीवन भारतीय महिलाओं खासकर अल्पसंख्यक महिला समुदाय को आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा देता रहेगा। उपेक्षित वर्गों के प्रति उनकी चिन्ता व सहानुभूति उल्लेखनीय है।
प्रो0 जोशी ने कहा कि यह अहसास करना दुःखद ही नहीं बेहद कठिन भी है कि बेगम हामिदा हबीबुल्लाह आज हमारे बीच नहीं हैं। उनके परिवार से अपने पिता श्री हेमवती नन्दन बहुगुणा के घनिष्ठ सम्बन्धों का उल्लेख करते हुए प्रो0 जोशी ने बेगम हामिदा को भावुक श्रद्धांजलि अर्पित की तथा उनके परिजनों को इस दुःखद घड़ी में हार्दिक संवेदनाएं प्रेषित की।
ज्ञात हो कि समाज सेवा के लिए यश भारती पुरस्कार से सम्मानित बेगम हबीबुल्लाह का आज 13 मार्च, 2018 को प्रातः निधन हो गया। बेगम हामिदा हैदराबाद हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस रहे स्व0 नवाब नाजिर यार जंग बहादुर की बेटी तथा मेजर जनरल इनायत हबीबुल्लाह की पत्नी थीं। सांसद और उ0प्र0 सरकार में मंत्री रही बेगम को उनकी समाजसेवा और महिला सशक्तिकरण के लिए विशेष तौर पर जाना जाता है,
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उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में संचालित अशासकीय सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक माध्यमिक विद्यालयों में संस्था के प्रधान (प्रधानाचार्य) और अध्यापकों की नियुक्ति प्रक्रिया में संशोधन कर संस्था के प्रबन्ध तंत्र द्वारा साक्षात्कार के माध्यम से की जाने वाली नियुक्ति प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी है।
रिक्त पदों की सीधी भर्ती अब सीधे साक्षात्कार के स्थान पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक द्वारा चयनित निजी संस्था द्वारा लिखित परीक्षा आयोजित की जाएगी। संस्था के प्रधान/प्रवक्ता हेतु 90 अंकों की लिखित परीक्षा तथा 10 अंकों का साक्षात्कार होगा। सहायक अध्यापकों के चयन के लिए केवल 100 अंकों की लिखित परीक्षा होगी। इसमें साक्षात्कार नहीं लिया जाएगा। स्क्रीनिंग टेस्ट में रिक्त पद के सापेक्ष प्रत्येक पद हेतु श्रेष्ठता के आधार पर 5 चयनित अभ्यर्थियों की सूची तैयार की जाएगी। चयनित संस्था तैयार सूची को संस्था प्रधान हेतु सम्भागीय संयुक्त शिक्षा निदेशक तथा शिक्षकों हेतु जिला विद्यालय निरीक्षक को उपलब्ध करायेगा।
सम्भागीय संयुक्त शिक्षा निदेशक एवं जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा चयनित सूची (पैनल) सम्बन्धित संस्था के प्रबन्धक को इस आशय से उपलब्ध करायी जाएगी कि पैनल में चयनित अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों का सम्यक् परीक्षण कर, सम्बन्धित चयन समिति संस्था प्रधान एवं प्रवक्ता पद हेतु चयनित अभ्यर्थियों का 10 अंकों का साक्षात्कार करे। चयन समिति संस्था प्रधान एवं प्रवक्ता पद के लिए लिखित परीक्षा तथा साक्षात्कार में प्राप्त अंकों के आधार पर चयन करेगी। चयन सूची को सक्षम अधिकारी द्वारा 06 माह के अन्दर अनुमोदन प्रदान करना होगा, ऐसा न करने पर स्वतः अनुमोदित समझा जाएगा।
सहायक अध्यापकों के उपलब्ध कराये गये पैनल में चयनित अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराये जाने के उपरान्त श्रेष्ठता क्रम के अनुसार प्रबन्धक द्वारा जिला विद्यालय निरीक्षक के अनुमोदन के पश्चात् नियुक्ति की जाएगी।
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लखनऊ 13 फरवरी, 2018
उत्तर प्रदेश सरकार ने जैव ऊर्जा उद्यम प्रोत्साहन कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। इसके तहत पर्यावरण संरक्षण, जैव ऊर्जा उत्पादन पेट्रोलियम आधारित ईंधन की खपत को उत्तरोत्तर रूप से कम करने, अतिरिक्त रोजगार के अवसरों को सृजित करने तथा आर्गेनिक खेती हेतु आवश्यक इनपुट्स की उपलब्धता सुनिश्चित की जायेगी।
इस संबंध में नियोजन विभाग द्वारा आवश्यक दिशा निर्देश जारी कर दिया है। निर्देशों में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश कृषि प्रधान प्रदेश है। प्रदेश में गेहूँ तथा धान की फसलें प्रमुख रूप से होती है। दोनों ही फसलों की कटाई के पश्चात, जो ठूंठ/अवशेष बच जाते हैं, उनके निस्तारण की वर्तमान में कोई प्रभावी व्यवस्था नहीं है। कृषि विभाग द्वारा किसानों को अनेक प्रकार के प्रोत्साहन दिये जा रहे है जिससे कृषि अवशेष के सुव्यवस्थित निस्तारण की समस्या न आये इसके बावजूद कृषि अवशेषों को किसानों द्वारा जलाया जाता है, जिससे जहाँ एक ओर वातावरण प्रदूषित होता है वहीं दूसरी ओर कृषि भूमि की गुणवत्ता भी दुष्प्रभावित होती है।
मा0 राष्ट्रीय हरित अधिकरण वर्द्धमान कौशिक बनाम यूनियन आॅफ इण्डिया तथा विक्रान्त कुमार तोंगड़ बनाम यूनियन आफ इण्डिया व अन्य में पारित आदेश में कृषि अपशिष्ट जलाने से उत्पन्न वायु प्रदूषण के दृष्टिगत कृषि अपशिष्ट जलाने वाले किसानों से क्षेत्रफल के आधार पर जुर्माना राशि वसूलने के आदेश दिये गये है। साथ ही कृषि अपशिष्ट जलाये जाने से रोकने हेतु किसानों को रियायती दरों पर उपकरण/सुविधायें भी उपलब्ध कराने के आदेश दिये गये है। मा0 राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा यह भी निर्देश दिये गये है कि कृषि अपशिष्टों के वैकल्पिक प्रयोग हेतु भी सुविधायें विकसित की जाये। फसलों की कटाई के उपरान्त बचे हुए अपशिष्ट को जलाया जाना प्रतिषिद्ध किये जाने हेतु उ0प्र0 शासन द्वारा अधिसूचना जारी की गयी है।
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लखनऊ 13 मार्च, 2018
राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2017-18 के अन्त तक लगभग 2500 किलोमीटर से अधिक सड़के बनाये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस योजना के तहत पहली बार प्रदेश में 1741.60 किमी0 सड़कों का कार्य नयी तकनीक से शुरू किया गया है।
प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास श्री अनुराग श्रीवास्तव यह जानाकरी देते हुए बताया कि वर्ष 2016-17 में 1959.44 किलोमीटर बनायी गयी सड़कों के सापेक्ष वर्ष 2017-18 में अब तक 2063.73 किलोमीटर सड़कें बनायी जा चुकी हैं।
सड़कों के निर्माण में नयी तकनीक का प्रयोग किये जाने पर जोर देते हुए उन्होंने बताया कि 2017-18 की योजना में पहली बार नयी तकनीकों (वेस्ट प्लास्टिक, कोल्ड मिक्स, नैनो टेक्नोलोजी, जूट जियो टेक्सटाईल्स, फ्लाई ऐश, सीसी ब्लाक) का प्रयोग कर 1741.60 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया जा रहा है।
नयी तकनीकों का प्रयोग कर अद्यतन 206.71 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया जा चुका है एवं अन्य कार्य प्रगति पर है।
Posted on 13 March 2018 by admin
कुक्कुट पालन को बढ़ावा देने के लिए गांव स्तर पर संगोष्ठियां आयोजित की जायं-प्रो. एस.पी. सिंह बघेल
भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान में पोल्ट्री उद्यमिता
सेमिनार-2018 सम्पन्न
लखनऊ 13 मार्च, 2018
माननीय पशुधन, लघु सिंचाई एवं मत्स्य विकास मंत्री प्रोफेसर एस0 पी0 सिंह बघेल ने कहा कि कुक्कुट एवं मछली पालन में स्वरोजगार की अपार संभावनाएं हैं। इसके माध्यम से इस व्यवसाय में लगे हुए लोगों की आमदनी बढ़ायी जा सकती है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि कुक्कुट, मछली पालन आदि क्षेत्रों में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए लोगों को दी जाने वाली सुविधाओं से संबंधित जटिल प्रक्रियाओं को सरल बनाकर अधिक से अधिक युवाओं को इस क्षेत्र की ओर आकर्षित किया जाय।
श्री बघेल आज यहां भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, तेलीबाग, लखनऊ के आडीटोरियम में ब्।त्क् एवं पशुपालन विभाग उत्तर प्रदेश लखनऊ द्वारा पोल्ट्री उद्यमिता सेमिनार-2018 के उद्घाटन के अवसर पर सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कुक्कुट विकास के माध्यम से किसानों की आय दोगुनी की जा सकती है। उ0प्र0 में अण्डे की खपत ज्यादा है और दिन प्रतिदिन माॅग बढ़ती जा रही है। कुक्कुट पालन को अपना कर रोजगार के साथ ही अधिक से अधिक आय प्राप्त की जा सकती है।
पशुपालन मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कामर्शियल लेयर एवं ब्रायलर पैरेन्ट की योजना चलायी जा रही है जिसमें बैंक ऋण पर 10 प्रतिशत ब्याज की प्रतिपूर्ति लाभार्थी को की जा रही है। इस अवसर पर माननीय मंत्री जी ने मछली पालन पर भी जोर दिया और कहा कि इस व्यवसाय से भी किसानों की आय को दोगुना किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने एन्टी भूमाफिया अभियान के तहत तालाबों को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है।
सेमिनार में भाग लेने वाले प्रतिभागियों ने इस मौके पर अपनी व्यावहारिक समस्याओं को अवगत कराते हुए उसके समाधान का अनुरोध किया। प्रो. बघेल ने उनकी समस्याओं को संवेदनशीलता पूर्वक सुनकर समाधान किये जाने का भरोसा देते हुए कहा कि इस तरह के उपयोगी सेमिनार ग्राम स्तर पर भी आयोजित किये जाने चाहिए, जिससे स्थानीय लोग कुक्कुट एवं मछली पालन को अपनायें तथा स्थानीय स्तर पर समस्याओं एवं अनुभवों को एक-दूसरे से साझा कर सकें।
प्रमुख सचिव, पशुधन डेयरी एवं मत्स्य डा0 सुधीर एम0 बोबडे ने कृषि, पशुपालन एवं मत्स्य में स्नातक एवं डिप्लोमा किये नौजवानों को इस क्षेत्र में आने के लिये प्रोत्साहित किया एवं कुक्कुट लेयर व ब्रायलर पैरेन्ट के क्षेत्र में कार्य करने के लिए उत्साहित करते हुए अवगत कराया कि उत्तर प्रदेश में प्रतिदिन एक करोड़ अण्डा अन्य प्रदेशों से आयात किया जा रहा था। उत्तर प्रदेश कुक्कुट विकास नीति के तहत चलाये जा रहे कामर्शियल लेयर फार्मों से प्रतिदिन अतिरिक्त 62 लाख अण्डा उत्पादित किया जा रहा है एवं 100 लाख अण्डे उत्पादित करने के लक्ष्य को जल्द प्राप्त कर लिया जायेगा।
डा0 अनीस अन्सारी अध्यक्ष ब्।त्क् ने अपने सम्बोधन में अवगत कराया कि कुक्कुट उद्यमिता विकास के माध्यम से गरीब जन को रोजगार गाॅव में ही प्राप्त हो जायेगा। तकनीकी सत्र में पशु चिकित्साविदों एवं इन्डस्ट्री से जुडे हुये विशेषज्ञों ने जानकारी उपलब्ध करायी।
डा0 चरण सिंह यादव, निदेशक (प्रशासन एवं विकास) डा0 ए0 एन0 सिंह, निदेशक (रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र), डा0 ए0 यू0 किदवई, डा0 वी0 के0 सचान, डा0 टोडरमल, डा0 पी0 के0 सिंह, डा0 पी0 के0 प्रधान, डा0 कोटैया, डा0 चक्रधर राव, श्री एस0 एम0 खान द्वारा कुक्कुट उद्यमिता एवं कुक्कुट विकास के सम्बन्घ में अवगत कराया गया।
Posted on 13 March 2018 by admin
लखनऊ 13 मार्च, 2018
उत्तर प्रदेश सरकार ने उ0प्र0 अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के माध्यम से संचालित योजनाओं के प्रचार-प्रसार/जागरूकता कार्यक्रम के लिए वर्ष 2017-18 हेतु 45 लाख 20 हजार रुपये की धनराशि अवमुक्त किये जाने की स्वीकृति प्रदान कर दी है।
समाज कल्याण विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया गया है। जारी शासनादेश में निर्देश दिये गये है कि इस धनराशि का व्यय भारत सरकार की गाइडलाइन्स तथा वित्तीय नियमों/आदेशों के अनुसार किया जायेगा।
Posted on 13 March 2018 by admin
लखनऊ 13 मार्च, 2018
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक ने आज राजभवन के गांधी सभागार में आयोजित एक समारोह में सुश्री अमिता बेग व श्री राहुल मेहता द्वारा लिखित पुस्तक ‘ताजमहल - मल्टी नरेटिव्स’ का विमोचन किया। पुस्तक का प्रकाशन ओम बुक्स इंटरनेशनल द्वारा किया गया है।
राज्यपाल ने इस अवसर पर दोनों लेखकों को बधाई देते हुए कहा कि ताजमहल पर न जाने कितनी किताबें पूर्व में लिखी जा चुकी हैं। ताजमहल में कितनी किताबें लिखी गयी हैं यह शोध का विषय है। विश्व के 7 अजूबों में ताजमहल एक अजूबा है, लोगों की जानकारी यही तक सीमित है। ताजमहल का निर्माण हुए लगभग 365 वर्ष हो गये हैं। मगर ताज आज भी उसी शान-ओ-शौकत से खड़ा है। आधुनिक विज्ञान ने इतनी तरक्की की है फिर भी 40-50 साल में आज का कोई भी निर्माण अपनी आभा खो देता है। उन्होंने कहा कि इतने साल सही सलामत रहना ताज की विशेषता है।
श्री नाईक ने कहा कि ताज की सुंदरता को देखने देश सहित पूरे विश्व से हजारों लोग प्रतिदिन आते हैं। सुंदरता को जितना देखे उतनी सुंदरता बढ़ती है। यही हाल ताजमहल देखने का है। जो आनन्द नदी या समुद्र के किनारे बैठ कर देखने में मिलता है वैसा ही भाव ताज की सुंदरता को देखने में मिलता है। उन्होंने बाणभट्ट के एक संस्कृत श्लोक का अर्थ बताते हुए कहा कि ‘क्षण-प्रति-क्षण जो चीज नई होती रहे अथवा दिखे वही सौन्दर्य है।’ उन्होंने कहा कि ताज के सौन्दर्य को बचाने के लिए विचार करने की जरूरत है।
राज्यपाल ने कहा कि आगरा में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटकों को खान-पान व रहने की अच्छी सुविधाएं भी मिलनी चाहिए। ताज की भांति हिमालय और गंगा के सौन्दर्य को प्रकट करने वाली और पुस्तकें लिखी जायें जिससे लोगों को नैसर्गिक सौन्दर्य के साथ-साथ उसकी विशेषता का भी पता चले। अनेक ऐसे धरोहर हैं जिनके बारे में लोगों को ज्ञान नहीं है। बहुत से लोग लखनऊ के राजभवन को देखने आते हैं। इसी दृष्टि से राजभवन का उद्यान हर साल 15 दिन के लिए आम नागरिकों के लिए खोला जाता है।
लेखक श्री राहुल मेहरोत्रा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि ताजमहल आगरा का हिस्सा है और आगरा ताजमहल का हिस्सा है। आगरा है तो ताज है और ताज है तो आगरा है, इसे समझना होगा। आगरा को बढ़ाने के लिए जितना रोजगार उपलब्ध होगा उतना ही आगरा के लोग सम्पन्न होंगे। उन्होंने कहा कि आगरा को समृद्ध शहर बनाना होगा।
लेखिका सुश्री अमिता बेग ने विस्तार से बताया कि ताजमहल पर किताब लिखने के लिए वे कैसे प्रेरित हुए। कार्यक्रम में ओम बुक्स इंटरनेशनल के प्रमुख श्री अजय मागो ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन सुश्री दीपा चैधरी ने किया।