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गरीब का मजाक उड़ाकर लूट-खसोट करने वाली सपा, बसपा, कांग्रेस पका रहे खयाली पुलाव - डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय

Posted on 21 March 2018 by admin

ब्लूमबर्ग मीडिया समूह ने दुनिया के 16 देशों के नेताओं के आंकलन के बाद कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ऐसे सशक्त व जननायक नेता हैं, जो अपने देश, जनता और मानवता को उच्चतम शिखर पर ले जाना चाहते हैं।

लखनऊ 21 मार्च 2018, भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा कि दशकों से गरीब और गरीबी का मजाक उड़ाने वाले सपा, बसपा व कांग्रेस खयाली पुलाव पकाने में व्यस्त हैं। पूरे विश्व में भारत की युवा शक्ति और मानव शक्ति का डंका बजवाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व प्रदेश की योगी सरकार के खिलाफ सत्ता लोलुप ताकतों की साजिशों का विफल होना निश्चित है। इस बार देश का युवा, महिला, किसान, गरीब, पिछड़ा और आम जनता मोदी सरकार को पिछली बार से अधिक प्रचंड बहुमत से सरकार में लाएगी।
डा0 पाण्डेय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ देश व प्रदेश के युवाओं को नौकर के बजाय मालिक बनाना चाहते हैं, ताकि पूरे विश्व में यहां की युवा शक्ति का बोलबाला हो। मोदी सरकार की आलोचना करने वालों को हाल में आई उस रिपोर्ट को देखना चाहिए, जिसमें कहा गया है कि मोदी 2029 तक प्रधानमंत्री रहेंगे और कोई भी नेता उनकी बराबरी करने में अक्षम है। ब्लूमबर्ग मीडिया समूह द्वारा दुनिया के 16 देशों के नेताओं के आंकलन के बाद कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ऐसे सशक्त व जननायक नेता हैं, जो अपने देश, जनता और मानवता को उच्चतम शिखर पर ले जाना चाहते हैं। उनकी लोकप्रियता इतनी है कि 2019 में भी और मजबूती से प्रधानमंत्री बनेंगे।
डॉ. पांडेय ने कहा कि दलितों को वोट बैंक बनाकर उन्हें गरीब व लाचार बनाए रखने वाली मायावती का प्रधानमंत्री बनने का सपना है। इसी तरह प्रदेश को अपराध व भ्रष्टाचार के जरिए लूटने वाली सपा के मुखिया अखिलेश यादव का मुख्यमंत्री बनने का सपना भी स्वयं को झूठी दिलासा देने जैसा है। मायावती, अखिलेश व राहुल को इस बात का जवाब देना चाहिए कि इतने दिन तक राज करने के बावजूद उनके शासन में देश में गरीबी भुखमरी, बेरोजगारी एवं किसानों की बदहाली क्यों बढ़ती गई। विपक्षी दलों को मोदी सरकार के आने के बाद जनता के आर्थिक व सामाजिक रूप से सशक्त व समृद्ध होने का प्रमाण देखकर अपनी गिरेबान में झांकना चाहिए और झूठे वादों, लूट-खसोट, भ्रष्टाचार व अक्षमता के जनता की हालत दयनीय बनाने के अपराध के लिए प्रायश्चित करना चाहिए। सपा व बसपा के अपनी हालत देखकर कुंठा ग्रस्त हो गए हैं और लूट-खसोट व भ्रष्टाचार मुक्त देश व प्रदेश बनता देख अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। इसीलिए सपा व बसपा के वरिष्ठ नेता शिष्टाचार भूलकर केंद्र की मोदी सरकार व राज्य की योगी सरकार पर अनर्गल टिप्पणी कर रहे हैं। ऐसा करके वह भाजपा या इसके नेताओं की नहीं, बल्कि देश की 125 करोड़ जनता का अपमान कर रहे हैं।
प्रदेश अध्यक्ष डा0 महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने कहा कि मोदी सरकार जनता को बेचारा बनाने के बजाय समर्थ व सक्षम बना रही है। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, सौभाग्य योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री कृषि बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा योजना, प्रधानमंत्री दुर्घटना बीमा योजना, अटल पेंशन और मुद्रा योजना के माध्यम से न केवल देश के सभी नागरिकों की भविष्य व सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित की गई है, बल्कि आयुष्मान योजना के माध्यम से देश के 50 करोड़ लोगों को स्वास्थ्य बीमा योजना लागू करवाकर स्वस्थ भारत, सुरक्षित भारत बनाने की ओर बढ़ चली है।

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स्थापत्य कला में प्रकाश के महत्व पर एमिटी में राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन

Posted on 21 March 2018 by admin

लखनऊ 21 मार्च 2018- वास्तु कला से जुड़े विद्यार्थियों को वास्तु कला में प्रकाश के महत्व और उसके उपयोगों से परिचित कराने एवं इस दिशा में हुए प्रयोगों पर चर्चा करने के उद्देश्य से एमिटी स्कूल आॅफ आर्किटेक्चर एण्ड प्लानिंग एमिटी विश्वविद्यालय लखनऊ परिसर में एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

लाइट इन आर्किटेक्चर विषय पर आयोजित इस संगोष्ठी का प्रसिद्ध वास्तुविद विनय कुमार पाठक और वास्तुविद् डी.सी. थापा ने बतौर मुख्य अतिथि एवं विशेष अतिथि दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ किया। इस अवसर पर आर्किटेक्ट प्रोफेसर आलोक रंजन, आर्किटेक्ट डी.एस. भुज, आर्किटेक्ट मुनीश पंडित, आर्किटेक्ट स्मृति रस्तोगी और प्रोफेसर रजत कांत भी शामिल हुए।

एमिटी स्कूल आॅफ आर्किटेक्चर एण्ड प्लानिंग के निदेशक प्रोफेसर जगबीर सिंह ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए उन्हें स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया।

संगोष्ठी में बोलते हुए प्रोफेसर विनय कुमार पाठक ने कहा कि प्राचीन काल से ही वास्तु कला में प्रकाश को लेकर प्रयोग किए जाते रहे हैं। प्रकाश हमें मूर्त स्थापत्य कृतियों के आकार और बनावट को समझने और देखने के लिए प्रोत्साहित करता है। प्रकाश के जरिए ही हम स्थान को समझ पाते हैं। उन्होंने कहा कि प्रकाश के उपयोग चाहे वह प्राकृतिक प्रकाश हो या कृत्रिम रोशनी, दोनों ही निर्माण की आकृति में नया आयाम और शांति प्रदान करने वाला प्रभाव उत्पन्न करता है। यह वास्तु निर्माणों में जीवंतता भरने मंे भी सहायक होता है।

प्रकाश के व्यवहार और भूमिका पर चर्चा करते हुए आर्किटेक्ट डी.सी. थापा ने कहा कि वास्तु कला में प्रकाश एक अभिन्न हिस्सा है क्योंकि बिना प्रकाश के हम स्थापत्यकला को देखने की कल्पना भी नहीं कर सकते। इसी विषय पर प्रोफेसर आलोक रंजन ने कहा कि बिना रोशनी के कुछ भी संभव नहीं है। उन्होंने विद्यार्थियों को अपनी सोच वैश्विक रखते हुए स्थानीय तौर पर काम करने की सलाह दी। आर्किटेक्ट स्मृति रस्तोगी ने कहा कि प्रकाश किसी भी स्थापत्य निर्माण के डिजाइन और स्थान निधारण में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। स्थापत्य कला में वास्तुविद की भूमिका पर चर्चा करते हुए आर्किटेक्ट रजत कांत ने कहा कि वास्तुविद ही वह कड़ी है जो स्थापत्य कला में स्थान, समय और प्रकाश के साथ खेलते हुए निर्माण कार्य को प्रभावित करता है।

इस अवसर पर प्रकाश और अंधेरे के बारे में बात करते हुए वास्तुविद् ऋतु गुलाटी ने कहा कि अगर हम प्रकाश को सम्यक रूप में देखना चाहते हैं तो हमें बहुत सारे अंधेरे की जरूरत होगी।

संगोष्ठी के दौरान एमिटी स्कूल आॅफ आर्किटेक्चर एण्ड प्लानिंग के प्रवक्तागणांे सहित बड़ी संख्या मंे छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया और वास्तु कला में प्रकाश के प्रयोग के बारे में जानकारी प्राप्त की।

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