Posted on 15 March 2018 by admin
लखनऊ, 15 मार्च 2018। ललितपुर परियोजना की सभी इकाइयों की बिजली की दरों में इजाफा करने सम्बन्धी, नियामक आयोग के, पाॅच दिन पूर्व निर्गत, आदेश को पावर कारपोरेशन ने कड़ी चुनौती दी है। कारपोरेशन द्वारा बताया गया कि विभाग, पावर फाॅर आॅल कार्यक्रम के अन्तर्गत अपने सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं को 24 घण्टे उचित दर पर बिजली मुहैया कराने हेतु कृतसंकल्प है। ऐसे में ललितपुर परियोजना की इकाइयों की बिजली दरों में इजाफे से प्रदेश के उपभोक्ताओं पर अनावश्यक अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा।
इस हेतु दायर याचिका की पैरवी महाधिवक्ता, उ0प्र0 द्वारा की जाएगी। कारपोरेशन द्वारा स्पष्ट किया गया कि किसी भी उत्पादन इकाई का प्रोवीजनल टैरिफ दो बार निर्धारित किये जाने का कोई प्राविधान नही है। एक बार प्रोवीजनल टैरिफ निर्धारित किये जाने के उपरान्त, नियमानुसार परियोजना की कैपिटल काॅस्ट का प्रूडेन्स चेक कराया जाता है। उत्पादनकर्ता एवं कारपोरेशन की सयुक्त सहमति के उपरान्त परियोजना की फाइनल कैपिटल काॅस्ट निर्धारित की जाती है। तदोपरान्त उस परियोजना की सभी इकाइयों हेतु एक फाइनल टैरिफ तय किया जाता है जो कि विभिन्न इकाइयों की कमीशनिंग की दिनांक से लागू होता है। प्रोवीजनल टैरिफ और फाइनल टैरिफ की लागत में अन्तर कमीशनिंग की दिनांक से क्रेता अथवा विक्रेता को देय होता है।
उक्त प्रक्रिया के अनुसार ही रोजा परियोजना के प्रथम स्टेज (2ग300 मे0वा0) का निर्धारित किया गया प्रोवीजनल टैरिफ परियोजना की द्वितीय स्टेज (2ग300 मे0वा0) की इकाइयों पर भी लागू रखा गया था एवं तदोपरान्त परियोजना की फाइनल कैपिटल काॅस्ट का पावर कारपोरेशन द्वारा गहन प्रूडेन्स चेक किया गया। इसमें परियोजना की सकल लागत में 709 करोड़ एवं अतिरिक्त कैपिटलाइजेशन में 469 करोड़ के खर्चों को काट दिया गया। नियामक आयोग द्वारा परियोजना की फाइनल कैपिटल काॅस्ट उक्त राशि को कम करके निर्धारित की गई एवं तदनुसार उसकी सभी इकाइयों हेतु फाइनल टैरिफ की गणना करके उसे विभिन्न इकाइयों की कमीशनिंग की दिनांक से लागू किया गया।
ऐसे में कारपोरेशन ने अपनी याचिका के माध्यम से ललितपुर परियोजना की बिजली दरों में रेगुलेशन से हटकर की गई बढ़ोत्तरी पर रिवीजन फाईल किया है।
Posted on 15 March 2018 by admin
लखनऊ 15 मार्च 2018, भारतीय जनता पार्टी ने राज्यसभा के लिए उत्तर प्रदेश से अपने दो प्रत्याशियों के नाम वापस ले लिए है, प्रदेश उपाध्यक्ष जेपीएस राठौर ने बताया कि उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए अब नौ अधिकृत प्रत्याशी है।
प्रदेश उपाध्यक्ष एवं प्रदेश चुनाव प्रबंधन प्रभारी जेपीएस राठौर ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश महामंत्री विद्यासागर सोनकर एवं सलिल विश्नोई के राज्यसभा सदस्य हेतु किए गए नामांकन की वापसी के बाद अब भाजपा के नौ अधिकृत प्रत्याशी चुनाव मैदान में है। श्री राठौर ने कहा कि केन्द्रीय वित्तमंत्री अरूण जेटली, अशोक बाजपेयी, विजय पाल सिंह तोमर, सकलदीप राजभर, प्रदेश उपाध्यक्ष श्रीमती कांता कर्दम, भाजपा राष्ट्रीय महामंत्री डा0 अनिल जैन, राष्ट्रीय प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हाराव, हरनाथ सिंह यादव एवं अनिल अग्रवाल भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी है।
राज्यसभा सदस्य के तौर पर भाजपा के दोनों प्रत्याशियों के नामांकन वापसी के समय प्रदेश उपाध्यक्ष जेपीएस राठौर, मुख्य सचेतक वीरेन्द्र सिंह सिरोही एवं कई विधायक उपस्थित रहे।
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लखनऊ 15 मार्च 2018, भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में चल रही केंद्र सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना के जरिए गरीबों को घर मुहैया कराने को प्रतिबद्ध है। उत्तर प्रदेश में माननीय श्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में भाजपा सरकार बनने के बाद से प्रधानमंत्री आवास योजना के कार्य में अभूतपूर्व गति आई है।
प्रदेश पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि मुख्यमंत्री जी स्वयं इस योजना की लगातार निगरानी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री जी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि गरीबों को आवास मुहैया कराने में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। इसीलिए सरकार ने पीएम आवास योजना को क्रियान्वित करने में लापरवाही बरतने वाले महोबा, देवरिया, चंदौली करीब कई एक दर्जन अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की है। प्रदेश सरकार की मंशा इस योजना से अधिक से अधिक पात्रों को लाभान्वित करने की है।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि इसीलिए ग्राम्य विकास राज्यमंत्री डॉ. महेंद्र सिंह जी ने केंद्र सरकार से राज्य की मुसहर, वनटंगिया और अन्य घुमंतु जातियों का आवास मुहैया कराने के लिए 11 लाख अतिरिक्त प्रधानमंत्री आवासों (ग्रामीण) की मांग की है। केंद्र की भाजपा सरकार यूपी के गरीबों का कल्याण कर रही है। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत गरीबों को 51 लाख आवास देने का लक्ष्य रखा है इसके मुकाबले अकेले यूपी सरकार ने अब तक 8.85 लाख आवास स्वीकृत किए हैं।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि पीएम आवास निर्माण में भ्रष्टाचार की आशंका खत्म करने के लिए पहली बार निगरानी की अत्याधुनिक तकनीकी का इस्तेमाल हो रहा है। पीएम आवास (शहरी) के तहत बनने वाले मकानों की तस्वीरें लेने के साथ ही उनकी जियो टैगिंग की योजना भी बनाई गई है। इन मकानों की बेहतर निगरानी के लिए ‘इंडियन रिमोट सेंसिंग सेटेलाइट’ से हाइ रेजल्यूशन तस्वीरें ली जाएंगी।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि ऐसे कई प्रभावी कदमों से सरकार पीएम आवासों की प्रभावी निगरानी करके भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा रही है। भाजपा सरकार गरीबों का जीवनस्तर उठाने और सामाजिक व आर्थिक असमानता दूर करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।