लखनऊ 13 मार्च, 2018
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक ने आज राजभवन के गांधी सभागार में आयोजित एक समारोह में सुश्री अमिता बेग व श्री राहुल मेहता द्वारा लिखित पुस्तक ‘ताजमहल - मल्टी नरेटिव्स’ का विमोचन किया। पुस्तक का प्रकाशन ओम बुक्स इंटरनेशनल द्वारा किया गया है।
राज्यपाल ने इस अवसर पर दोनों लेखकों को बधाई देते हुए कहा कि ताजमहल पर न जाने कितनी किताबें पूर्व में लिखी जा चुकी हैं। ताजमहल में कितनी किताबें लिखी गयी हैं यह शोध का विषय है। विश्व के 7 अजूबों में ताजमहल एक अजूबा है, लोगों की जानकारी यही तक सीमित है। ताजमहल का निर्माण हुए लगभग 365 वर्ष हो गये हैं। मगर ताज आज भी उसी शान-ओ-शौकत से खड़ा है। आधुनिक विज्ञान ने इतनी तरक्की की है फिर भी 40-50 साल में आज का कोई भी निर्माण अपनी आभा खो देता है। उन्होंने कहा कि इतने साल सही सलामत रहना ताज की विशेषता है।
श्री नाईक ने कहा कि ताज की सुंदरता को देखने देश सहित पूरे विश्व से हजारों लोग प्रतिदिन आते हैं। सुंदरता को जितना देखे उतनी सुंदरता बढ़ती है। यही हाल ताजमहल देखने का है। जो आनन्द नदी या समुद्र के किनारे बैठ कर देखने में मिलता है वैसा ही भाव ताज की सुंदरता को देखने में मिलता है। उन्होंने बाणभट्ट के एक संस्कृत श्लोक का अर्थ बताते हुए कहा कि ‘क्षण-प्रति-क्षण जो चीज नई होती रहे अथवा दिखे वही सौन्दर्य है।’ उन्होंने कहा कि ताज के सौन्दर्य को बचाने के लिए विचार करने की जरूरत है।
राज्यपाल ने कहा कि आगरा में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटकों को खान-पान व रहने की अच्छी सुविधाएं भी मिलनी चाहिए। ताज की भांति हिमालय और गंगा के सौन्दर्य को प्रकट करने वाली और पुस्तकें लिखी जायें जिससे लोगों को नैसर्गिक सौन्दर्य के साथ-साथ उसकी विशेषता का भी पता चले। अनेक ऐसे धरोहर हैं जिनके बारे में लोगों को ज्ञान नहीं है। बहुत से लोग लखनऊ के राजभवन को देखने आते हैं। इसी दृष्टि से राजभवन का उद्यान हर साल 15 दिन के लिए आम नागरिकों के लिए खोला जाता है।
लेखक श्री राहुल मेहरोत्रा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि ताजमहल आगरा का हिस्सा है और आगरा ताजमहल का हिस्सा है। आगरा है तो ताज है और ताज है तो आगरा है, इसे समझना होगा। आगरा को बढ़ाने के लिए जितना रोजगार उपलब्ध होगा उतना ही आगरा के लोग सम्पन्न होंगे। उन्होंने कहा कि आगरा को समृद्ध शहर बनाना होगा।
लेखिका सुश्री अमिता बेग ने विस्तार से बताया कि ताजमहल पर किताब लिखने के लिए वे कैसे प्रेरित हुए। कार्यक्रम में ओम बुक्स इंटरनेशनल के प्रमुख श्री अजय मागो ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन सुश्री दीपा चैधरी ने किया।