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प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण एवं सीमित उपलब्धता के उद्देश्य से आवश्यक है कि प्राकृतिक सैंड का विकल्प तैयार किया जाए - राजेन्द्र प्रताप सिंह

Posted on 22 March 2018 by admin

लखनऊ 22 मार्च, 2018

2नई तकनीकि का प्रयोग करते हुये जहाँ हम एक तरफ निर्माण लागत को कम कर सकते हैं, वहीं दूसरी ओर भवन, सड़क एवं अन्य निर्माण कार्यों की गुणवत्ता एवं जीवन काल भी बढ़ाया जा सकता है। यह विचार प्रदेश के ग्रामीण अभियन्त्रण मंत्री, श्री राजेन्द्र प्रताप सिंह (मोती सिंह) ने आज यहाँ ए.सी.सी. सीमेंट के सहयोग से ग्रामीण अभियंत्रण विभाग द्वारा सफेदाबाद, बाराबंकी स्थित गोल्डेन ब्लाॅसम रिसार्ट में रूरल कंक्रीट रोड, मैन्यूफैक्चर्ड सैंड एवं नवीनतम तकनीकी विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में व्यक्त किया।
श्री सिंह ने कहा कि ज्ञान के विकास की कोई सीमा नहीं होती। तकनीकी के निरन्तर विकास से ही आज ग्रीन बिल्डिंग मेटेरियल जैसे- ग्रीन सीमेंट कंक्रीट ब्लाॅक, ग्रीन सीमेंट ईंट, ग्रीन सीमेंट रूफिंग टाईल, ग्रीन सीमेंट चेकर टाईल आदि का निर्माण किया जा रहा है।
ग्रामीण अभियन्त्रण मंत्री ने कहा कि विभाग का उद्देश्य स्थानीय सामग्री एवं संसाधनों का उपयोग करते हुए कम लागत में समयबद्ध रूप से मानकों के अनुरूप गुणवत्ता परक एवं टिकाऊ निर्माण करके प्रदेश के विकास में अपना पूर्ण योगदान देना है।
श्री सिंह ने कहा कि वर्तमान में प्राकृतिक सैंड की सीमित उपलब्धता एवं प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के उद्देश्य से आवश्यक है कि प्राकृतिक सैंड का विकल्प तैयार किया जाएं। इसके लिए ऐसे मटेरियल जो कि सीमेंट कंक्रीट एवं अन्य उपयोग में लाने योग्य नहीं हों, उनको निर्धारित गे्रडिंग में क्रश कर एवं मशीन से धुलाई कर के बालू तैयार की जाती है। इस प्रकार मैन्युफैक्चर्ड सैंड, जिसकी लागत प्राकृतिक सैंड के लगभग बराबर है, साथ ही इसमें मिट्टी की मात्रा भी नहीं होती, के उपयोग से निर्माण कार्य की गुणवत्ता में सुधार होगा।
कार्यशाला में चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर, ई.आई.आर. टेक्नोलोजी लि0, बंगलुरू ने प्राकृतिक संसाधनों के सन्दर्भ में वाश्ड मैन्यूफैक्चर्ड सैंड की आवश्यकता, तकनीकी एवं उपयोग के संबंध में तथ्यात्मक जानकारी दी।
कार्यशाला में सीमेंट कंक्रीट मार्गों के निर्माण में अभिनव तकनीकी का उपयोग करते हुए गुणवत्ता नियन्त्रण एवं ए.सी.सी. सीमेंट के अभिनव उत्पाद के उपयोग से सीलन रोकने आदि विषयों पर चर्चा की गयी। कार्यशाला में अपर मुख्य सचिव ग्रामीण अभियन्त्रण मो0 इफ्तखारूद्दीन, डायरेक्टर ए.सी.सी. लि0, श्री राजीव कुमार, निदेशक एवं मुख्य अभियन्ता ग्रामीण अभियन्त्रण विभाग, श्री आर.पी. सिंह, सी.आर.आर.आई. नयी दिल्ली, डा. विनोद कुमार के अलावा अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।

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