सुरेन्द्र अग्निहोत्री ,लखनऊ । महादलित का मास्टर कार्ड पेश कर के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज विधानसभा में कहा कि इसके लिए जल्दी ही कमेटी गठित की जाएगी। फूलपुर व गोरखपुर उपचुनाव में हार और सपा-बसपा के बीच बढ़ती दोस्ती को सियासी कारण की काट के तौर पर लिए आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महादलित का मास्टर कार्ड खेला। योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा के बजट सत्र में कहा कि जरूरत पडऩे पर महादलित व अति पिछड़ों को आरक्षण देने पर विचार किया जा सकता है।बजट सत्र के दौरान चर्चा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में कहा कि अति पिछड़ों व अति दलितों के उत्थान के लिए उनकी सरकार काम करेगी।जरूरत पड़ी तो अति पिछड़ों व अति दलितों को आरक्षण दिया जाएगा। इसके लिए जल्द समिति बनेगी। ऐसा माना जाता है कि नीतीश कुमार ने महादलित कार्ड खेला और राजनीतिक फायदा हासिल किया। इसके पूर्व कल्याण सिंह और राजनाथ सिंह ने भी शायद कुछ ऐसी ही कोशिश की थी।भाजपा इससे पहले भी राजनाथ सिंह के मुख्यमंत्रित्व काल में अति पिछड़ों व अति दलितों को आरक्षण दे चुकी है। भाजपा का शुरू से ही यह तर्क रहा है कि आरक्षण का लाभ सिर्फ कुछ विशेष जातियों (पिछड़ों में यादवों और दलितों में जाटवों) तक ही सीमित होकर रह गया है। इसलिए उसे इन वर्गो की सभी जातियों में उनकी आबादी के अनुसार बटना चाहिए।राजनाथ सिंह के इस फैसले से राजनीतिक नुकसान की आशंका से परेशान मुलायम सिंह यादव और मायावती की सरकार की चालाकी के चलते यह व्यवस्था स्थायी नहीं रह सकी। अब योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर इसकी घोषणा कर सपा और बसपा के वोट गणित को बिगाड़ने की तैयारी के इरादे दिखा दिए हैं।
इसके तहत आरक्षण में आरक्षण अर्थात पिछड़ों को मिल रहे 27 प्रतिशत आरक्षण को प्रदेश की सभी पिछड़ी जातियों में और दलितो को मिल रहे 21 प्रतिशत आरक्षण को दलितों की सभी जातियों में बांटा जाएगा। योगी आदित्यनाथ सरकार का यह फैसला भावी लोकसभा चुनाव में गठबंधन की ओर बढ़ रही सपा और बसपा के लिए चुनौती साबित होगा। सपा-बसपा के अप्रत्यक्ष गठबंधन के चलते गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा चुनाव में हार का मुंह देखने के बाद बीजेपी इसका समाधान तलाश रही थी।माना जा रहा था कि सपा-बसपा के साथ आ जाने से दोनों पार्टियों का कॉडर वोटर एक हो जाएगा। ऐसी स्थिति में बीजेपी ने 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए सपा और बसपा के वोट बैंक में बटवारा कराने की चाल चल दी है।विधानसभा में आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस बयान से साफ है कि भाजपा इस चाल से बीएसपी के वोट बैंक में सेंध लगाने की तैयारी कर दी है। प्रदेश में उपचुनाव में भाजपा के बिगड़े समीकरण के मद्देनजर सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर गैर यादव ओबीसी और गैर जाटव दलित को साधने की कवायद की है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस कार्ड के जरिए सपा-बसपा की बढ़ती नजदीकियों के चलते एकजुट हो रहे दलित-पिछड़ों के वोटबैंक में सेंधमारी की जोरदार तैयारी शुरू कर दी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पहली बार हुआ कि बजट समय से पहले पेश हुआ। प्रदेश के अनुसार ही हमने बजट का स्वरूप भी रखा। यूपी का बजट 2 लाख, ढाई लाख करोड़ नहीं हो सकता। पिछले साल हमने 3 लाख 84 करोड़ का बजट पेश किया था। हमारे नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद जी बोलते ज्यादा हैं,करते कम हैं। आंकड़े मैंने सदन के सामने रखी है। हम यूपी को बैंकरप्ट नहीं बना सकते। हम लोग किसी को संतुष्ट करने नहीं आए हैं। हम प्रदेश की 22 करोड़ जनता की सेवा के लिए यहां आए हैं।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मुझे लगता है इन लोगों (सपा) को बिजली से चिढ़ है। हमने व्यवस्था सुधारी है। हम लोगों ने इस दौरान प्रदेश के अंदर लगभग 62 हजार इलाकों तक बिजली पहुंचाने का काम किया है। कैंप लगाकर बिजली के कनेक्शन बांटे हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, इतना बड़ा प्रदेश है। स्वच्छ भारत अभियान इस देश का स्वस्थ भारत अभियान बन रहा है। 8 जिले हमारे खुले में शौच से मुक्त हो गए हैं। सब प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान की देन है। प्रदेश के अंदर हम 8 मेडिकल कॉलेज जनता को दे रहे हैं। इस साल हम 6 मेडिकल कॉलेज की शुरुआत भी करेंगे। अगर राज्य की योजनाओं को केंद्र की योजनाओं से नहीं जोड़ेंगे तो विकास नहीं हो पाएगा।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम संपत्ति बेचने नहीं आए हैं, लेकिन सच है कि आप लोगों ने चीनी मिलों को बेचा है। प्रदेश के किसानों के साथ इससे बड़ा विश्वासघात नहीं हो सकता। हम लोग चीनी मिल लगा रहे हैं। अब तक लगभग 27 हजार करोड़ रुपए का गन्ना मुल्य का भुगतान किया गया है।
सीएम योगी ने कहा, स्कूल में बच्चों की संख्या में एक वर्ष में 18 लाख की वृद्धि हुई। बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से स्कूल चलो अभियान चलाया जाएगा। इससे सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी बच्चा स्कूल जाने से वंचित न रह जाए। आप गरीब की बात करते हैं और उन्हीं का शोषण करते हैं। गरीब के लिए कोई काम कर रहा है तो वो हमारी सरकार है।