लखनऊ 22 मार्च, 2018
आगामी 1 अप्रैल से 30 जून तक ग्रामीण क्षेत्रों में बिल ठीक करने का अभियान चलाया जायेगा। इस अभियान को प्रभावी ढ़ग से चलाने के लिये उ0प्र0 पावर कारपोरेशन के मुख्यालय पर मुख्य अभियन्ता वाणिज्य के नेतृत्व में एक टास्क फोर्स बनायी गयी है जिसमें मीटरिंग, बिलिंग, सेल आई.टी.विंग के अधिकारी भी रखे गयें हैं।
यह जानकारी देते हुये प्रमुख सचिव ऊर्जा एवं उ0प्र0 पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष श्री आलोक कुमार ने बताया है कि शासन द्वारा निर्धारित ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घण्टे विद्युत आपूर्ति तथा ‘सौभाग्य योजना’ के अन्तर्गत सभी अवशेष घरों को विद्युत संयोजन दिये जाने के फलस्वरूप कुल विद्युत आपूर्ति में से ग्रामीण क्षेत्रों को दी जाने वाली विद्युत आपूर्ति का प्रतिशत बहुत तेजी से बढ़ा है तथा निरन्तर और भी बढ़ेगा।
इस परिप्रेक्ष्य में ग्रामीण क्षेत्रों के विद्युत वितरण खण्डों में एवरेज बिलिंग रेट के सापेक्ष थ्रू-रेट अत्यधिक कम है और कन्ज्यूमर टर्नअप भी अत्यन्त न्यूनतम है। प्रदेश के पावर सेक्टर को वायबिल बनाने के लिए उ0प्र0 विद्युत नियामक आयोग द्वारा जो नया टैरिफ जारी किया गया है उसके अनुसार राजस्व प्राप्ति के लिए यह अत्यन्त आवश्यक है कि अभियान चलाकर उपभोक्ता टर्नअप बढ़ाया जाये और नियमित राजस्व की प्राप्ति की जाये।
श्री कुमार ने बताया कि विद्युत बिलों के त्रुटिपूर्ण होने की समस्या बहुत है और इससे विद्युत वितरण निगमों की छवि भी घूमिल हो रही है। इस व्यवस्था का लाभ तभी प्राप्त होगा जबकि त्रुटिपूर्ण बिलों का रिवीजन शीघ्र कर लिया जाये अन्यथा सही मीटर रीडिंग उपलब्ध होने के बावजूद भी उपभोक्ताओं को सही बिल प्राप्त नहीं हो सकेगा। बिल रिवीजन के अभियान के रूप में चलाने के लिए प्रत्येक उपखण्ड में कम से कम एक और आवश्यकता के अनुसार तीन तक फील्ड टीमें गठित करने के निर्देश दिये गये है। इसके साथ-साथ उपयुक्त सेवानिवृत्त कार्मिंको की सेवायें भी प्राप्त की जा सकती हैं। प्रत्येक फील्ड टीम को एक कम्प्यूटर सिस्टम युक्त वाहन भी उपलब्ध कराया जायेगा। चूॅकि अभियान तुरन्त चलाया जाना है अतः कम्प्यूटर सिस्टम युक्त वाहन तथा मैन पावर की व्यवस्था अविलम्ब खण्ड स्तर पर कर ली जाये।
बिल रिवीजन के लिए आयोजित किये जाने वाले शिविरों (मोबाइल वैन के माध्यम से) का शिड्यूल क्षेत्रीय मुख्य अभियन्ता के स्तर पर तैयार किया जाये और इसका पर्याप्त प्रचार-प्रसार कराया जाये। इसके अतिरिक्त ग्रामीण क्षेत्र के खण्डों द्वारा अभियान के दौरान ही उन उपभोक्ताओं के बिल रिवीजन की कार्रवाई की जाये जो कतिपय कारणों से शिविरों में नहीं आ पाते हैं।
अभियान को सफल बनाने का व्यक्तिगत दायित्व डिस्काम के प्रबन्ध निदेशक का होगा। इस अभियान के मुख्य बिन्दु ग्रामीण क्षेत्र के उपखण्ड अधिकारी होंगे। उन्होंने निर्देशित किया है कि डिस्काम स्तर पर प्रबन्ध निदेशक का उपखण्डों के अधिकारियों से सीधा संवाद स्थापित हो, उन्हें सभी आवश्यक संसाधन तत्काल उपलब्ध कराये जाये, यदि कोई कठिनाईयाॅ आयें तो उनका निराकरण डिस्काम स्तर पर और यदि आवश्यक हो तो यू0पी0पी0सी0एल0 स्तर से ससमय कराया जाये।