जब किसानों की आर्थिक स्थित मजबूत होगी,
तो देश स्वतः ही विकास की राह पर आ जाएगा
किसानों के कल्याण हेतु वर्तमान सरकार ने लगभग
70 हजार करोड़ रु0 की मदद देने का काम किया
किसानों की आर्थिक तरक्की सुनिश्चित करने के लिए
उन्हें शून्य लागत वाली ऋषि परम्परा की कृषि को बढ़ावा देना होगा
किसानों को हितों के लिए स्वायल टेस्ट लैब खोले गए हैं,
जिससे भूमि की सेहत के विषय में जानकारी प्राप्त हो सकेगी
मुख्यमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री चैधरी चरण सिंह के 115वें जन्मदिवस पर
आयोजित ‘किसान सम्मान दिवस’ के अवसर पर अधिक
उत्पादकता वाले किसानों को सम्मानित किया
चैधरी चरण सिंह के चित्र पर मुख्यमंत्री ने पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी
लखनऊ: 23 दिसम्बर, 2017
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि किसानों की खुशहाली के बिना राज्य का विकास सम्भव नहीं है। इसीलिए राज्य सरकार ने किसानों के हितों में अनेक फैसले लिए हैं। उन्होंने कहा कि जब किसानों की आर्थिक स्थित मजबूत होगी, तो देश स्वतः ही विकास की राह पर आ जाएगा। इसके दृष्टिगत वर्तमान सरकार ने किसानों को लगभग 70 हजार करोड़ रुपए की प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष मदद देने का काम किया है। उन्होंने कहा कि किसानों की आर्थिक तरक्की सुनिश्चित करने के लिए उन्हें शून्य लागत वाली ऋषि परम्परा की कृषि को बढ़ावा देना होगा, जिसमें गो-वंश के माध्यम से खेती की उर्वरा शक्ति को अक्षुण्ण बनाए रखते हुए अधिक से अधिक उत्पादन के तौर-तरीके से खेती को विकसित किया जाना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री जी आज यहां विधान भवन प्रांगण में पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 चैधरी चरण सिंह के 115वें जन्मदिवस पर आयोजित ‘किसान सम्मान दिवस’ कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्हांेंने स्व0 चैधरी चरण सिंह के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि द
इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने गेहूं, चना, मटर, मसूर तथा राई, सरसों, धान, मक्का, अरहर, उर्द तथा सोयाबीन की फसलों में प्रति हेक्टेयर उच्च उत्पादकता प्राप्त करने वाले 33 किसानों को फसलवार क्रमशः प्रथम पुरस्कार के लिए 01 लाख रुपए, द्वितीय पुरस्कार के लिए 75 हजार रुपए तथा तृतीय पुरस्कार के लिए 50 हजार रुपए, एक शाॅल, प्रशस्ति-पत्र एवं पुस्तक देकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि ‘किसान सम्मान दिवस’ के अवसर पर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में कुल 6,538 किसानों को भी सम्मानित किया जा रहा है। उन्होंने कृषि मंत्री से आह्वान किया कि वे प्रत्येक जनपद में इन प्रेरक किसानों की गोष्ठी का आयोजन कराएं, जिससे वहां के कृषक भी इसका लाभ उठा सकें।
योगी जी ने कहा कि वर्तमान सरकार किसानों के उत्थान और उन्नयन के लिए संकल्पित है। कृषि को बढ़ावा देकर ही भारत जैसे कृषि प्रधान देश में रोजगार का सृजन किया जा सकता है। सरकार की योजनाओं को सहभागी बनाने के लिए इस प्रकार के कार्यक्रम आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि किसान चुनौतियों का सामना करते हुए ईमानदारी से काम करता है, तभी देश के लोगों को खाद्यान्न मिल पाता है। राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि किसान की निर्भरता प्रकृति पर ही न रहे, बल्कि कृत्रिम तरीकों से भी लाभ पहुंच सके। इसके दृष्टिगत राज्य सरकार ने किसानों को सिंचाई सहित बीज, खाद व अन्य आवश्यक सामग्री समय पर उपलब्ध कराने का काम किया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में देश प्रगति कर रहा है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के माध्यम से आपदा की स्थिति में किसानों को मुआवजा भी दिया जा रहा है। किसानों को हितों के लिए स्वायल टेस्ट लैब खोले गए हैं, जिससे भूमि की सेहत के विषय में जानकारी प्राप्त हो सकेगी। यह विधि कृषि उत्पादन को बढ़ाने और लागत को कम करने में मददगार साबित होगी।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि किसानों के खुशहाली से देश खुशहाल हो सकता है। चैधरी चरण सिंह जी के प्रयासों से ही जमींदारी व्यवस्था समाप्त हो सकी। वर्तमान सरकार किसानों की आय बढ़ाने को लेकर काफी गम्भीर है।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रथम पुरस्कार प्राप्त करने वाले किसानों में श्री विजय भान सिंह, श्री सुरेन्द्र यादव, श्रीमती प्रिया, श्री नन्द किशोर वर्मा, श्रीमती कोमल देवी, श्री परितोष, श्री सुरेन्द्र सिंह, श्री ओम प्रकाश, श्री बालीराम, श्रीमती सुमन तथा श्रीमती प्रमिला देवी शामिल थीं।
इस अवसर पर मंत्रिमण्डल के अनेक सदस्य, कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, बड़ी संख्या में किसान व अन्य गणमान्य नागरिक मौजूद थे।