हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के साथ ही शिल्पियों केे बच्चों को पढ़ने के लिए
आर्थिक मदद भी दी जायेगी
सुरेन्द्र अग्निहोत्री,लखनऊः 23 दिसम्बर, 2017
प्रदेश के हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग मंत्री, श्री सत्यदेव पचोरी ने कहा कि राज्य सरकार हस्तशिल्पियों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। प्रदेश के हस्तशिल्पियों को पूरा प्रोत्साहन दिया जायेगा। साथ ही उनको बच्चों को पढ़ने के लिए भी आर्थिक सहायता भी दी जायेगी। प्रदेश की कोई भी शिल्प कला विलुप्त न होने पाये, इसके लिए भरसक प्रयास किया जायेगा।
श्री पचैरी ने यह उद्गार आज यहां एक्स्पो मार्ट (निर्यात भवन) कैसरबाग में उ0प्र0 निर्यात संवर्धन परिषद द्वारा आयोजित ‘‘अदभुत बनारस’’ प्रदर्शनी के शुभारम्भ के अवसर पर व्यक्त किये। यह प्रदर्शनी 25 दिसम्बर 2017 तक चलेगी। मंत्री ने कहा कि इस प्रदर्शनी में लखनऊ शहर की नजाकत और नफासत के साथ बनारस की कारीगरी का अनूठा संगम है। बनारस आज भी सिल्क का सबसे बड़ा ब्रांड है। बनारस की कारीगरी का जोड़ देश-दुनियां मंे कहीं नहीं है। उन्होंने कहा कि हस्तशिल्प को प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश में धागाकरण इकाई भी लगाने का निर्णय लिया गया। इससे धागे का उत्पादन प्रदेश में हो सकेगा। जिससे व्यापारियांे को इसका सीधा लाभ भी मिलेगा।
प्रदर्शनी में वाराणसी के निर्यातकों, राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हस्तशिल्पियों में श्री रामेश्वर सिंह, श्री गोदावरी सिंह, श्री बलराम दास व श्री कंुज बिहारी सिंह द्वारा तैयार हस्तशिल्प उत्पाद, बनारसी साड़ी व सूट, सिल्क उत्पाद, वुडन टाॅयज, मीनाकारी तथा ग्लास बीड्स उत्पाद बिक्री हेतु वाजिब दाम पर उपलब्ध हैं। भौगोलिक संकेतक (जी. आई.) प्राप्त उत्पादों की भी विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शनी में बिक्री हेतु रखी गई है।
शहरवासियों को वाराणसी के समृद्ध संगीत परपंरा से अवगत कराने हेतु 24 दिसम्बर 2017 को प्रदर्शनी स्थल पर सांस्कृतिक संध्या का आयोजन भी किया जा रहा है। साथ ही बनारसी खान पान के स्टाॅल भी लगाये गये हैं, जहां आगंतुकों के लिये बनारस की प्रसिद्ध चाट, मिठाई आदि का स्वाद लेने का इंतजाम भी किया गया है।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश इंस्टिट्यूट आॅफ डिजाइन की अध्यक्ष सुश्री शिप्रा शुक्ला, जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केंद्र लखनऊ के उपायुक्त श्री सर्वेश्वर शुक्ल, उपायुक्त, निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो श्री उमेश चन्द्र, प्रभारी उपायुक्त, जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केंद्र, वाराणसी सुश्री करुणा राय तथा अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थेे।