Archive | May 19th, 2012

बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री मायावती द्वारा, महत्वपूर्ण मुद्दों पर नई दिल्ली में प्रेस कान्फ्रेस

Posted on 19 May 2012 by admin

उ.प्र. में सत्ता-परिवर्तन होने व देश की संसद में राज्यसभा का सदस्य बनने के बाद, देश की राजधानी दिल्ली में आज यह मेरी पहली प्रेस कान्फ्रेस है और आज की मेरी इस पहली प्रेस कान्फे्रस में, मैं खासतौर उ.प्र. में सत्ता परिवर्तन होने के बाद, अब यहाँ सपा शासन में उ.प्र. की हर मामले में व हर स्तर पर जो अति दयनीय व खराब एवं चिन्ताजनक स्थिति बनी हुयी है। उनके कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं की तरफ मैं आपका ध्यान जरूर आकर्षित करना चाहती हूँ। लेकिन इससे पहले मैं उ.प्र. में, अपनी चारों सरकारों से लेकर अभी तक भी, मेरे खुद के बारे में खासतौर से मेरी ‘‘कार्यक्षमता व दक्षता’’ के सम्बन्ध में हमारे विरोधियों ने जो साजिश के तहत् हर स्तर पर किस्म-किस्म की गलतफहमी पैदा कर दी है। उन्हें आज मैं सबसे पहले जरूर दूर (खत्म) कर देना चाहती हूँ।

मीडिया बन्धुओं, वैसे आप लोगों को यह विदित है कि उ.प्र. में हमारी पार्टी की ‘‘3 जून सन्् 1995’’ को पहली बार और उसके बाद ‘‘21 मार्च सन्् 1997’’ को दूसरी बार तथा ‘‘3 मई सन्् 2002’’ को तीसरी बार यहाँ मेरे नेतृृत्व में सरकार बनी थी।

और मैंने इन तीनों सरकारों में अनुसूचित जाति से सम्बन्धित ‘‘श्री P L पुनिया’’ को, इनके ैमतअपबम में रहते हुये, इनको यह सोचकर अपना प्रमुख सचिव बनाया था कि यह अधिकारी दलित वर्ग का होने के नाते, प्रदेश में अपने समाज के लोगों के हितों का प्राथमिकता के आधार पर पूरा-पूरा ध्यान रखेगा। लेकिन दुःख की बात यह है कि उस दौरान, इस अधिकारी की तरफ से इन वर्गों के हितों में, ऐसी कोई भी विशेष पहल नहीं की गयी थी। अर्थात इस अधिकारी का आखिरी तक मिजाज दलितों के मामले में अम्बेडकरवादी सोच का ना होकर ज्यादातर गाँधीवादी सोच का ही बना रहा था और मेरी इस बात का सबसे बड़ा सबूत यह है कि यह अधिकारी अपनी नौकरी से रिटायर होने के बाद, यहाँ अपने देश में दलितों के मामले में गाँधीवादी सोच रखने वाली, कांग्रेस पार्टी में ही जाकर शामिल हो गया है।

और इतना ही नहीं बल्किी इस व्यक्ति ने कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के बाद अपनी इस पार्टी में व आम लोगों में तथा मीडिया आदि में भी अपनी ‘‘अहमियत’’ को ऊँचा दिखाने के लिये, मेरी इन तीनों सरकारों को लेकर मेरे खुद के बारे में एक यह ‘‘गलतफहमी’’ पैदा कर दी थी कि ‘‘मायावती कहने के लिये उ.प्र. की मुख्यमंत्री जरूर थी।’’ लेकिन इनकी तीनों सरकारों को चलाने का कार्य वास्तव में, मैं खुद ही करता था। इसी प्रकार आगे चलकर मेरी चैथी बार सरकार बनने के बाद भी मेरे कैबिनेट सचिव रहे श्री शशांक शेखर सिंह को भी लेकर इसी ही किस्म की गलत धारणा मीडिया व आम लोगों में भी पैदा कर दी गयी थी।

और इसके साथ ही अब मुझे यह भी आशंका होने लगी है कि मेरे राज्यसभा में जाने के बाद भी हमारे विरोधी लोग अब कहीं यह ना गलत प्रचार करने लग जाये कि मैं हाऊस में किसी भी मुद्दे को लेकर जो कुछ भी बोलती हूँ। उसे हमारी पार्टी के संसद में दोनों सदन के नेता अर्थात ‘‘श्री सतीश चन्द्र मिश्रा और श्री दारासिंह चैहान’’ व अन्य इनके साथीगण, उसकी तैयारी करके मुझे देते हैं। जबकि वास्तव में, इस मामले में स्थिति यह है कि संसद के दोनों सदन में हमारी पार्टी के ये दोनों नेता व पार्टी के अन्य सदस्यगण जब भी किसी महत्वपूर्ण विषय पर जो कुछ भी हाऊस में बोलते हैं। या फिर मेरे दिशा-निर्देशन में, प्रेसवार्ता में भी जो कुछ कहते हैं तो उसमें हमारी पार्टी की मूवमेन्ट के हिसाब से, इनको हाऊस में या प्रेस में भी बोलने के लिये    खास-खास बिन्दुआंे को तैयार करके ज्यादातर इन्हें अभी तक मेरे द्वारा ही दिया जाता रहा है।

और इतना ही नहीं बल्किी जब मैं उ.प्र. की सत्ता मेें आसीन थी तो तब भी मैं संसद के अति महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी पार्टी की लाईन के हिसाब से खुद ही खास बिन्दुओं का नोट तैयार करके, इनके बोलने के लिये अक्सर भिजवाती थी। और कभी-कभी तो उस दौरान स्थिति ऐसी बन जाती थी कि जब हमारे पार्टी के लोग संसद में बोलने के लिये मेरे, विशेष नोट भेजने के बाद भी, किन्हीं कारणवश ये लोग अपनी पार्टी की सही लाईन संसद में ठीक ढंग से नहीं रख पाते थे, तो तब फिर मुझे मजबूरी में खुद ही लखनऊ में प्रेस कान्फ्रेस बुलाकर अपनी पार्टी लाईन की स्थिति को स्पष्ट करना पड़ता था।

और इन सबके अलावा अब मुझे ऐसा भी लगता है कि मेरे द्वारा हमारी मूवमेन्ट को लेकर हर वर्ष लिखी जाने वाली, मेरी खुद की किताब के सम्बन्ध में भी, मेरी ‘‘दक्षता’’ के बारे में हमारे विरोधियों ने शायद इसी ही किस्म की धारणा यहाँ आम लोगों में जरूर पैदा कर दी होगी। जबकि इस मामले में सच्चाई यह है कि मैं हर वर्ष अपने जन्मदिन के मौके पर, अपनी पार्टी की मूवमेन्ट का एक वर्ष का लेखा-जोखा खुद लिखकर, फिर उसे किताब के जरिये जारी करके अपने लोगों के बीच में भिजवाती हूँ।

अर्थात मैं अपनी पार्टी में ज्यादातर दूसरी पार्टियों की तरह, विरासत के जरिये कोई थोपी हुयी अपनी पार्टी की राष्ट्रीय नेता व अध्यक्ष के पद पर आसीन नहीं हुयी हूँ। बल्किी हकीकत में, मैं अपनी पार्टी की मूवमेन्ट को लेकर हर मामले में हमेशा जमीन से ही जुड़ी रही हूँ। और आज मैं जिस भी ‘‘ओहदे’’ पर पहुँची हूँ, उसे मैंने अपनी पार्टी में एक कार्यकर्ता के सफर से चलकर ही प्राप्त किया है और इसके लिये प्रेरणा मैंने अपने देश में दलित एवं अन्य पिछड़े वर्गों में जन्में महान सन्तों, गुरूओं व महापुरूषों में भी खासतौर से ‘‘महात्मा ज्योतिबा फूले, छत्रपति शाहूजी महाराज, श्री नारायणा गुरू, पेरियार जी, बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर एवं मान्यवर श्री कांशीराम जी’’ के जीवन संघर्ष से ही ली है। जिन्होंने इस देश की जमीनी हकीकत से जुड़कर, यहाँ जातिवादी व्यवस्था के शिकार रहे, दलितांे, शोषितों, पिछड़ों एवं अन्य उपेक्षित वर्गों के मान-सम्मान में तथा इन्हें हर मामले में, अपने पैरों पर खड़ा करने के लिये विशेष व ठोस जमीनी पहल की है।

इसलिये मैंने अपनी भारतीय संसद की 60वीं वर्षगांठ के मौके पर, अपने देश व यहाँ की जनता के हितों में राज्यसभा के अन्दर जो कुछ भी बोला है। वह वास्तव में जमीनी हकीकत थी। जिनकी तरफ, अपने देश के शासनकर्ताओं को ध्यान देना बहुत जरूरी है।

संक्षेप में, इस सन्दर्भ में अब मेरा यही कहना है कि मैंने अपने जीवन में, अभी तक विभिन्न स्तर पर पहुँचकर हमेशा देश हित में, व अपनी पार्टी की ‘‘सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय’’ की नीति के आधार पर चलकर जो कुछ भी किसी ना किसी रूप में कहा है या फिर किताब के जरिये अपने लोगों को जो भी मैसेज भेजा है। वह सब मैंने काफी गहन अध्यन करके व गम्भीरता से सोच-विचार करके अपने खुद के प्रयासों व सूझबूझ से ही ज्यादातर किया है। अर्थात मैं अन्य पार्टियों के नेताओं की तरह दूसरों के ऊपर निर्भर रहकर फिर उनके सहारे मैं अपनी मूवमेन्ट का कार्य नहीं चलाती हूँ। बल्किी मैं हर मामले में अपने सन्तों, गुरूओं व महापुरूषों के बताये हुये रास्तों के तहत्् ही रात-दिन मेहनत करके अपनी जमीनी हकीकत के अनुभवों से ही यहाँ के लोगों को जागरूक करके उन्हें फिर सही दिशा देने का भी पूरा-पूरा प्रयास करती हूँ और इस मामले में हमेशा मेरा अपनी पार्टी के लोगों को यह कहना रहा है कि ‘‘जब तक मैं जिन्दा रहूँगी,’’ तो तब तक मैं अपनी जिन्दगी के आखिरी पल तक भी अपनी इसी ही ‘‘सच्ची लग्न’’ व ‘‘जमीनी हकीकत’’ से जुड़कर अपनी मूवमेन्ट व अपने देश तथा यहाँ की जनता के हितों के लिये लगातार प्रयास व कार्य करती रहूँगी। चाहे मेरे रास्ते में हमारे विरोधियों द्वारा कितनी भी कठिन से कठिन मुश्किलें क्यों ना पैदा कर दी जाये। लेकिन फिर भी मैं अपनी पार्टी की मूवमेन्ट की लाईन से तिलभर भी विचलित होने वाली नहीं हूँ।

संक्षेप में, अपने खुद के बारे में कुछ जरूरी बातों की तरफ ध्यान दिलाने के बाद, अब मैं आपका ध्यान अपने देश व उ.प्र. से सम्बन्धित कुछ जरूरी बातों की तरफ दिलाना चाहती हूँ और इस सन्दर्भ में, सबसे पहले अब मैं अपनी उन कुछ जरूरी बातों को फिर से, यहाँ दोहराना चाहती हूँ, जो मैंने इसी ही महीने 13 मई सन्् 2012 को संसद की 60वीं वर्षगांठ के मौके पर राज्यसभा में खासतौर से यह कही थी कि इसमें कोई सन्देह नहीं है कि ‘‘अपना देश आजादी के वर्षों-वर्ष बीत जाने के बाद अभी तक भी अनेकों आन्तरिक व बाहरी गम्भीर समस्याओं से जूझ रहा है।’’

और इतना ही नहीं बल्किी अपने देश की हर मामले में व हर स्तर पर गलत आर्थिक नीतियों के कारण यहाँ सर्वसमाज में ‘‘गरीबी, बेरोजगारी एवं मंहगाई’’ भी लगातार बढ़ती जा रही है इसके, साथ ही अपने देश के शासनकर्ताओं की ज्यादातर जातिवादी मानसिकता वाली सोच होने की वजह से भी यहाँ दलितों, पिछड़ांे व अन्य उपेक्षित वर्गों की ‘‘सामाजिक, शैक्षणिक एवं आर्थिक’’ स्थिति में अभी तक भी कोई खास सुधार नहीं आ सका है।

इसके साथ-साथ अपने देश में पिछले कुछ वर्षों से साम्प्रदायिक ताकतों के उभरने के कारण अब यहाँ धार्मिक अल्पसंख्यक समाज से सम्बन्धित ‘‘सिक्ख, मुस्लिम, ईसाई, पारसी व बौद्ध’’ आदि     इन विभिन्न समुदायों के लोग भी आज अपने आपको ज्यादातर असुरक्षित महसूस करते हुये हमें नजर आते हैं।

लेकिन यहाँ खास ध्यान देने की बात यह है कि इन सब मामलों में हमारे देश के ‘‘शासनकर्ताओं’’ का ध्यान कम और अपने ‘‘राजनैतिक नफे-नुकसान व व्यक्तिगत स्वार्थ’’ की तरफ अब ज्यादा बना रहता है और यह सब हमें पिछले कुछ वर्षों से संसद के अन्दर व संसद के बाहर भी काफी कुछ देखने के लिये मिल रहा है, जो अपने देश व यहाँ की जनता के उज्जवल भविष्य के लिये शुभ-संकेत नहीं है। इसलिये इन सब बातों की तरफ भी इन्हें अपने देश व यहाँ जनता के हितों में जरूर ध्यान देना होगा।

इसके अलावा, जहाँ तक उत्तर प्रदेश में इस समय सपा शासनकाल में विकास व कानून-व्यवस्था की स्थिति का सवाल है, तो इस बारे में हमारी पार्टी व प्रदेश की आमजनता का यह मानना है कि जबसे उ.प्र. में सत्ता परिवर्तन हुआ है और यहाँ समाजवादी पार्टी की सरकार बनी है, तबसे यह सरकार खासतौर से विकास के मामले में तो केवल ‘‘बैठकों एवं घोषणाओं’’ की ही कागजी सरकार बनकर रह गयी है। इसके साथ ही, अब इस सरकार का ज्यादातर कार्य राजनैतिक द्वेष की भावना से थोक के भाव यहाँ अधिकारियों के तबादले कराना और आयेदिन मेरी सरकार के समय के किसी ना किसी विभाग से सम्बन्धित, उसमें घोटाले आदि होने की अशंका जताके, उसकी विभिन्न स्तर पर जांचें बैठाना तथा फिर उन्हें मीडिया आदि में भी बड़े-पैमाने पर प्रचारित कराना अब इस सरकार की रोजाना की जरूरी दिनचर्या बन चुकी है।

और इसके साथ-साथ अब इस सरकार की पूरी शक्ति (ताकत) प्रदेश में यहाँ ज्यादातर ‘दलित विरोधी’ एवं सर्वसमाज  में ‘‘गरीबी विरोधी’’ गतिविधियों में ही लगी रहती है। जिसके तहत ही, इस सरकार ने अभी हाल ही में ‘‘दिनांक 11 मई सन्् 2012’’ को, मेरी सरकार के समय की 13 विभागों से जुड़ी हुयी अति महत्वपूर्ण व जनहित की उन सभी ‘‘सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय’’ की 26 योजनाओं एवं कार्यक्रमों को एक साथ व एक ही दिन में समाप्त कर दिया है, जो ये सभी योजनायें प्रदेश में खासतौर से दलितों, पिछड़ों एवं सर्वसमाज में से गरीब लोगों के विकास व उत्थान के लिये ही मेरी सरकार के दौरान चलायी जा रही थी, जिनमें इन सभी लोगों को काफी ज्यादा लाभ पहुँच रहा था।

इसके अलावा मेरी सरकार के समय में ही इन लोगों के हितों के लिये, अन्य और भी अनेकों ऐसी योजनायें चलायी जा रही थी, जिनके नाम हमने अपने देश में, दलित एवं अन्य पिछड़े वर्गों में जन्में, महान सन्तों गुरूओं व महापुरूषों को आदर-सम्मान देने के उद्देेश्य से रखे थे और जिनकी पूर्व की लगभग सभी सरकारों में, इनके प्रति जातिवादी मानसिकता रखने की वजह से, इनकी हर स्तर पर काफी ज्यादा उपेक्षा की गयी थी। लेकिन यहाँ दुःख की बात यह है कि उनके नाम भी अब इस सरकार द्वारा बदल दिये गये हैं। इससे हमें इनकी ‘‘छोटी व ओछी’’ हरकत साफ नजर आती है और इसके साथ ही, इससे इस सरकार की प्रदेश में विकास के प्रति नकारात्मक सोच व इनकी यहाँ दलित एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विरोधी मानसिकता होने का भी हमें साफ पता चलता है।

इतना ही नहीं बल्किी इस पार्टी ने अपने राजनैतिक स्वार्थ में, चुनाव के दौरान प्रदेश सरकार की सही ‘आर्थिक-स्थिति’ को जाने बिना ही अपने चुनावी घोषणा-पत्र में जो अनेकों चुनावी वायदे किये थे, जिसमें खासतौर से प्रदेश में कक्षा 10वीं पास करने वाले हर छात्र को मुफ्त लैपटाप देना, हर बेरोजगार व्यक्ति को बेरोजगारी भत्ता देना, किसानों व बुनकरों को मुफ्त बिजली देना और साथ ही उनके पिछले बिजली बकायों को भी माफ करना तथा यहाँ मुस्लिम व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों को सरकारी नौकरियों में 18 प्रतिशत आरक्षण देना आदि प्रमुख थे। उन्हें भी इस पार्टी की सरकार सही ‘‘जमीनी अमलीजामा’’ नहीं पहना पा रही है, जिससे अब प्रदेश की जनता दिन-प्रतिदिन, इनके काफी ज्यादा खिलाफ होती जा रही है। जबकि इन्हीं लुभावने वायदों की वजह से ही, इस पार्टी को इस बार, यहाँ सत्ता में आने में काफी ज्यादा मदद मिली है और इसके साथ-साथ इस पार्टी को सत्ता में लाने के लिये ‘‘कांगे्रस व बीजेपी’’ के गलत चुनावी स्टैण्ड (मुद्दे) अपनाने का भी, इसमें काफी बड़ा योगदान रहा है। लेकिन इसके साथ ही, यहाँ यह बात भी काफी हद तक ध्यान देने वाली है कि यदि ये दोनों पार्टियाँ, इस चुनाव में गलत स्टैण्ड नहीं अपनाती तो फिर हमारी पार्टी को यहाँ सत्ता में आने से कोई भी ताकत नहीं रोक सकती थी। क्योंकि हमारी पार्टी को इस बार के चुनाव में सपा से लगभग पौने तीन प्रतिशत वोट ही केवल कम मिले हैं।

और इतना ही नहीं बल्किी इस बार हमारी पार्टी को यहाँ सन्् 2007 में पिछले हुये वि.सभा आमचुनाव की तुलना में भी पहले से ज्यादा वोट प्राप्त हुये हैं। इसलिये हमारी पार्टी के बारे में यह कहना कतई भी उचित नहीं होगा कि हमारी पार्टी इस बार अपनी सरकार की कमियों की वजह से ही यहाँ फिर से सत्ता में वापिस नहीं आ सकी है।

इन सब जरूरी बातों के साथ-साथ अब मैं आप लोगों का ध्यान, उत्तर प्रदेश में सपा सरकार के बनते ही यहाँ प्रदेश की ‘‘अति दयनीय व खराब बनी कानून-व्यवस्था’’ की स्थिति की तरफ भी जरूर दिलाना चाहती हूँ, जिसके कारण प्रदेश में हर रोज काफी संख्या में हत्यायें दिन-दहाड़े हो रही हैं, इसके अलावा, इस सरकार में आयेदिन हमारी बहन, बेटियों व मासूम बच्चियों की भी बड़ी संख्या में इज्जत-आबरू लूटी जा रही हैं। हफ्ता वसूली भी अब प्रदेश में खुलेआम शुरू हो गयी है। सभी छोटे-बडे़ कारोबारी लोग भी अब हमें यहाँ सुरक्षित नजर नहीं आ रहे हैं, लगातार अपहरण की भी घटनायें काफी ज्यादा बढ़ रही हैं।

इसके साथ ही प्रदेश में, खासतौर से दलित वर्ग के लोगों का तो इस सपा सरकार में यहाँ सबसे ज्यादा बुरा हाल बना हुआ है और इन्हें इस सरकार में न्याय मिलना तो बहुत दूर की बात रही है बल्किी इनके साथ रोजाना बड़े-पैमाने पर हो रही जुल्म-ज्यादती की रिपोर्ट (FIR) तक भी अब थानों में नहीं लिखी जा रही है। इसके साथ-साथ इन लोगों को मेरी सरकार में खेती करने के लिये जो भी सरकारी जमीन ‘‘फ्री’’ दी गयी थी। उस पर भी ज्यादातर सपा के गुण्डों, माफियाओं व दबंग लोगों ने ही कब्जा कर लिया है और इसके साथ ही पिछले दो महीनों के अन्दर, यहाँ दलित वर्ग के ‘‘लगभग 2000 (दो हजार)’’ के करीब छोटे-बड़े अधिकारी भी छांट-छांट कर ज्यादातर महत्वहीन पदों पर भेज दिये गये हैं। इतना ही नहीं बल्किी, प्रदेश में किन्हीं कारणवश लगभग सभी विभागों की बड़ी संख्या में की जा रही जांच की आड़ में भी ज्यादातर इन्हीं दलित वर्गों के कर्मचारियों व अधिकारियों को ही चुन-चुनकर कर निशाना बनाया जा रहा है।

इस प्रकार, प्रदेश में, इस वर्तमान सपा सरकार के दौरान लगभग दो महीनों के अन्दर ही यहाँ एक तरफ तो विकास के कार्याें की अधिकतर गति रूक गई है, तो वहीं दूसरी तरफ यहाँ ‘‘कानून-व्यवस्था’’ की स्थिति भी इतनी ज्यादा बिगड़ चुकी है कि अब यहाँ आम आदमी घर से बाहर निकलते समय सौ बार यह सोचता है कि क्या वह जीवित अपने घर में वापिस लौटेगा भी या नहीं और इसके साथ ही अब प्रदेश में लगभग हर माँ अपने बच्चों को व हर बहिन अपने भाई को तथा हर पत्नी अपने पति को किसी भी कार्य के लिये, घर से बाहर भेजते समय, उन्हें बार-बार एक ही बात कहती हुई हमें ज्यादातर नजर आती हैं कि इन्हें हर हालत में दिन-छिपे से पहले ही अपने घरों में वापिस लौट आना चाहिये। वर््ना इनके परिवार के लोग रातभर चैन से सो नहीं पायेंगे।

इसके अलावा प्रदेश में ‘‘शहरों, कस्बों व गाँवों’’ के भी लगभग सभी माफिया व अपराधिक तत्व जो मेरी सरकार के समय में अधिकतर जेल में बन्द थे। अब वे भी इस सपा सरकार में जेलों से बाहर आकर यहाँ ‘चोरी, डकैती, फिरौती, लूटमार, अपहरण, हत्या, बलात्कार’’ आदि इन गलत कार्यों में लिप्त हो गये हैं और इन सबको सपा सरकार का खुलेआम संरक्षण मिलने की वजह से ही अब यहाँ पुलिस भी इनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं कर पा रही है। अर्थात अब पुलिस व प्रशासन के अधिकारी भी ज्यादातर मूक दर्शक बनकर ही मजबूरी में ये सब गलत कार्य अपनी आँखों के सामने होते हुये देख रहे हैं।

इतना ही नहीं बल्किी अब प्रदेश की जनता मीडिया व अन्य सूत्रों के माध्यम से यह सब जानकारी भी रख रही है कि जहाँ पिछले 60 वर्षों में से इस दो माह की सपा सरकार ने प्रदेश में यहाँ एक तरफ तो कर्मचारियों व अधिकारियों के सबसे अधिक तबादले करने का रिकार्ड बनाया है, तो वहीं दूसरी तरफ, यहाँ दो माह के अन्दर ही इस सरकार ने सबसे अधिक गुण्डागर्दी व गैर-कानूनी कार्य करवाने का भी ऐतिहासिक रिकार्ड बनाया है। अर्थात प्रदेश की वर्तमान सपा सरकार में कल कुछ चैनलों से मिली रिपोर्ट के मुताबिक यहाँ दो महीनों के अन्दर ही लगभग 800 हत्यायें, 270 बलात्कार, 245 डकैतियाँ, 256 अपहरण व 720 लूट की वारदातें घटित हो चुकी हंै और प्रदेश में अपराध के घटित ये आॅकड़े केवल वो हंै, जो प्रकाश में आ चुके हैं तथा जिनकी थानों में थ्प्त् भी दर्ज हो चुकी है। इसके अलावा इसी ही अवधि में इन सब अपराधों की लगभग इतनी ही संख्या और भी होगी, जिनके मामले, सरकार के दबाव में आकर ज्यादातर दबा दिये गये हैं और अब इससे आप लोग आगे के लिये भी इस बात का काफी हद तक यह अनुमान लगा सकते है कि इस सरकार की पूरे पांच वर्षों की अवधि पूरी होने तक यहाँ अपने उ.प्र. का हर मामले में व हर स्तर पर कितना ज्यादा बुरा हाल होने वाला है।

और यही मुख्य वजह है कि अभी से ही अब यह सरकार अपनी इन्हीं सभी कमजोरियों (कमियों) की तरफ से यहाँ की जनता का ध्यान हटाने के खास मकसद से ही मेरी सरकार के समय के सभी छोटे-बड़े कार्यों की जबरदस्ती जांच करवाने में युद्धस्तर पर लगी हुई है और जिसकी रोजाना मीडिया में भी च्नइसपबपजल थोक के भाव करवायी जा रही है। जबकि इस सन्दर्भ में, मैंने पिछले महीने दिनांक 15 अप्रैल सन्् 2012 को आगरा में बाबा साहेब डा. अम्बेडकर की जयन्ती के मौके पर साफतौर से यह कहा था कि यदि प्रदेश की वर्तमान सपा सरकार, मेरी सरकार के समय के किसी भी कार्य की, राजनैतिक व जातिगत द्वेष की भावना को त्यागकर उसकी ईमानदारी व साफ नियत से, प्रदेश एवं जनहित में जांच करवाती है, तो इसका हमारी पार्टी को कोई भी एतराज नहीं होगा। लेकिन इस मामले में, हमें ऐसा कुछ होता हुआ नजर नहीं आ रहा है और इतना ही नहीं बल्किी इस बारे में, प्रदेश के अन्दर ज्यादातर दबी हुई जुबान में, अब इस बात की भी चर्चा, यहाँ काफी ‘‘जोरों’’ से होने लगी है कि वर्तमान सपा सरकार में, अब इस पार्टी के जिम्मेवार व प्रभावशाली लोगों ने, जांच कराने की आड़ में अपने राजनैतिक स्वार्थ के साथ-साथ, यहाँ जांच में फंसाये जा रहे, अधिकांश लोगों को ‘‘डरा-धमकाकर’’ उनसे बड़े-पैमाने पर धन की उगाई करने का भी यह एक नया धन्धा, अब यहाँ काफी जोरों से शुरू हो गया है। इसके साथ-साथ, खासतौर से ‘‘भ्रष्टाचार’’ के सम्बन्ध में यहाँ मैं यह भी कहना चाहती हूँ कि उ.प्र. में जब हमारी पार्टी की सरकार बनी थी, तो तब हमें पूर्व की सरकारों की शह व उनकी मिली-भगत के कारण यहाँ हर स्तर पर सरकारी व गैर-सरकारी विभागों में बड़े-पैमाने पर फैला हुआ भ्रष्टाचार हमें विरासत में मिला था, जिसकों सुधारने में व ठीक करने में, हमारी पार्टी को अपनी सभी सरकारों के दौरान काफी सख्त कदम उठाने पड़े हैं और इसी के चलते ही मैंने अपनी सरकार के कुछ मन्त्रियों, विधायकों व अधिकारियों तक के भी खिलाफ काफी सख्त से सख्त कार्यवाही की है।

लेकिन इसके स्थान पर अब वर्तमान सपा सरकार इसकी आड़ में अपने राजनैतिक व अन्य और फायदों के लिये जान-बूझकर जो घिनौनी राजनीति कर रही है, तो इससे इस पार्टी को कोई ज्यादा लाभ मिलने वाला नहीं है। क्योंकि प्रदेश की जनता इस मामले में भी सपा सरकार की हर गतिविधि पर अपनी पैनी नजर रखे हुये है और इतना ही नहीं बल्किी हमारी पार्टी, वर्तमान सपा सरकार की इन सभी गतिविधियों को देखकर, यह सोच कर चल रही थी कि प्रदेश की जनता ने गुमराह होकर सपा को जो यहाँ सत्ता में बैठा दिया है, इसका पश्चाताप इनको एक वर्ष के अन्दर-अन्दर जरूर हो जायेगा। लेकिन इस मामले में यहाँ खास ध्यान देने की बात यह है कि प्रदेश की जनता को एक साल की वजाय अब इन्हें 2 महीने के अन्दर ही अपनी इस बहुत बड़ी गलती का पश्चाताप (एहसास) हो गया है और यह सब यहाँ इतना जल्दी इसलिये हो गया है। क्योंकि आज पूरे उ.प्र. में हालत यह है कि यहाँ प्रदेश की सड़कों पर चलने वाली जिन गाडि़यों में सपा का झण्डा लगा होता है, तो उसे प्रदेश की जनता ज्यादातर यही मानकर चलती है। इनके लिये यह झण्डा हर गलत कार्य करने का एक बहुत बड़ा ‘‘लाईसेन्स’’ है।

और इससे यहाँ के आम लोग तो दहशत में होते ही हैं। लेकिन इनके साथ ही, यहाँ सरकारी कर्मचारी व अधिकारी एवं पुलिसकर्मी भी इनको कानून का सबक सिखाने में काफी डरते हैं अथवा कतराते हैं।
क्योंकि ऐसे गलत लोगों को यहाँ सपा सरकार का गैर-कानूनी संरक्षण प्राप्त है। इसके अलावा जहाँ तक प्रदेश में ‘‘राजनीतिक उत्पीड़न, शोषण व हत्या’’ आदि होने का सवाल है तो इस मामले में खासकर सपा सरकार द्वारा यहाँ प्रदेश में अधिकतर बी.एस.पी. के लोगों को ही निशाना बनाया जा रहा है, जिसमें ज्यादातर दलित वर्गों के लोगों को ही चुन-चुनकर प्रताडि़त किया जा रहा है।

और इस मामले में सबसे ज्यादा खतरनाक व चिन्ता की बात यह है कि यहाँ अपराध की ज्यादातर घटनाओं को इस सपा सरकार द्वारा साम, दाम, दण्ड, भेद आदि अनेकों हथकण्डों का इस्तेमाल करके, इन्हें प्रकाश में भी आने नहीं दिया जाता है और इसके साथ ही यहाँ, यह भी कहना गलत नहीं होगा कि इसके लिये मीडिया तक को भी काफी हद तक ’’मैनेज’’ कर लिया गया है।

जबकि इस सरकार से पूर्व मेरे नेतृत्व में चली बी.एस.पी. की सरकार ने उत्तर प्रदेश में हर मामले में व हर स्तर पर ’’कानून द्वारा कानून का राज’’ स्थापित करने के लिये, यहाँ बिना किसी राजनैतिक भेदभाव व पक्षपात के, गुण्डों, माफियाओं, डकैतों एवं अन्य असामाजिक तत्वों के खिलाफ काफी सख्त कानूनी कार्यवाही करते हुये, बड़ी संख्या में ऐसे लोगों को जेलों की सलाखों के पीछे भेजा था, जिस पर सपा ने उस समय, इसे ’’अपनी पार्टी के लोगों का उत्पीड़न’’ होने की संज्ञा दी थी। परन्तु आज सपा सरकार में तो विशुद्ध रूप से बी.एस.पी. के भोले-भाले व निर्दोष लोगों के खिलाफ राजनैतिक दुर्भावाना के तहत, उत्पीड़न व हत्या की कार्यवाही की जा रही है, जो यहाँ अत्यन्त चिन्ता की बात तो है ही, बल्किी इसके साथ ही यह हमारे ’’सामाजिक परिवर्तन‘‘ को भी दर्शाता है कि बी.एस.पी. के शासनकाल में सर्वसमाज में से गरीब, दलित एवं अन्य उपेक्षित वर्गो के लोगों का वास्तव में ’’स-शक्तिकरण’’ (सशक्तिकरण) हुआ है। जिस कारण, उन्हें दबाने के लिये अब सपा सरकार को यहाँ प्रदेश में अपनी पूरी शक्ति लगानी पड़ रही है।

अन्त में, इन सब बातों को मध्यनजर रखते हुये अब मेरा उ.प्र. की वर्तमान सपा सरकार के बारे में यही कहना है कि यदि यह सरकार जैसे-तैसे करके यहाँ पूरे पांच साल तक चल भी जाती है, तो फिर इन पांच वर्षों की अवधि मंे, अपना यह उ.प्र. हर मामले में पिछड़कर, कई वर्षों पीछे चला जायेगा।

इन्हीं कुछ जरूरी बातों की जानकारी देने के लिये ही मैंने आज की यह प्रेस कान्फ्रेस बुलायी है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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श्रीमती सुषमा स्वराज ने विधायकों को सफलता के लिए महत्वपूर्ण सूत्र दिए

Posted on 19 May 2012 by admin

भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय नेता व लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष श्रीमती सुषमा स्वराज ने आज उत्तर प्रदेश विधान सभा के नव निर्वाचित विधायकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को अपने संबोधन में सभी विधायकों को बधाई देते हुए कहा कि आप सभी बहुत सौभाग्यशाली हैं कि देश के सबसे बड़े राज्य की विधान सभा में आपको प्रतिनिधित्व को अवसर प्राप्त हुआ। श्रीमती स्वराज ने अपने संबोधन में विधान सभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय, बिहार विधान सभा के अध्यक्ष उदय नारायाण चैधरी, भाजपा विधान मंडल दल नेता हुकुम सिंह, उपनेता सतीश महाना तथा प्रमुख सचिव विधान सभा प्रदीप दुबे एवं सभी नव निर्वाचित विधायकों को संबोधित करते हुए उन्हें सफलता के लिए महत्वपूर्ण सूत्र दिए।
श्रीमती सुषमा स्वराज ने लोकप्रिय विधायक कैसे बना जाए विषय पर अपना उद्बोधन देते हुए विधायकों को उन सूत्रों की जानकारी दी जिसका अनुसरण कर वे लोकप्रिय विधायक बन सकते हैं। श्रीमती स्वराज ने समय प्रबन्धन पर सर्वाधिक जोर देते हुए कहा कि यदि आप अपने समय का प्रबन्धन सही ढंग से करेंगे और उसका अनुसरण कड़ाई पूर्वक करेंगे तो अपने परिवार/मतदाता/कार्यकर्ता सभी के साथ न्याय कर सकंेगे। उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि 25 वर्ष की उम्र में वे विधायक चुनी गई थी और आठ विभागों की मंत्री थी। केवल समय प्रबंधन और उसके अनुपालन के कारण ही मुझसे परिवार/कार्यकर्ता/मतदाता किसी को भी शिकायत का अवसर नहीं प्राप्त हुआ। दुसरा सूत्र उन्होंने अपने क्षेत्र के विकास के लिए किसी अच्छे प्रोजेक्ट को चुनना बताया। उन्होंने कहा कि आपकी कितनी ही फाइलंे निपटा लें, कितना ही काम कर डालें परन्तु आपका अच्छा कार्य स्वंय बोलेगा। तीसरा सूत्र बताते हुए उन्होंने कहा कि सभी विधायकों को नियमावली कठस्थ कर लेनी चाहिए और विधेयक पर बोलने से पहले उद्देश्य और कार्य पूर्ति अवश्य पढ़ लेें।
लोक सभा में नेता प्रतिपक्ष ने विधायकों की लोकप्रियता के लिए चैथा सबसे महत्वपूर्ण सूत्र उनका व्यक्तिगत आचरण, विनम्र व्यवहार तथा शुद्ध आचरण को बताया। उन्होंने कहा कि जिस विधायक ने अपने आचरण में विनम्रता और शुद्धता आत्मसात कर लिया वह कभी नहीं हार सकता। उन्होंने कहा कि राजनीति साधना है, यह जिंदा आदमी की इबादत है। पांचवाॅं सूत्र क्षेत्र की समस्या को विधान सभा में प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करना बताया। उन्होंने कहा कि यदि आप अपने इस कार्य में सफल हैं तो बिना प्रचार के लोकप्रियता आप हांसिल कर सकते हैं। छठा सूत्र बताते हुए श्रीमती स्वराज ने कहा कि हेकड़ी और घंमड विधायकों के दो सबसे बड़े दुश्मन हैं। उन्होंने कहा कि जिस विधायक ने हेकड़ी के आधार पर अपना वर्चस्व बनाना चाहता है वह दुबारा जीतकर नहीं आता। उन्होंने घंमड को हार की गांरटी बताया।
श्रीमती स्वराज ने यह भी कहा कि हम सब सेवा के लिए चुने गए हैं और सेवा ही हमारा कार्य है। उन्होंने कहा कि कई राज्यों में 10-15 वर्ष पंचायत के चुनाव नहीं हुए उस समय विधायक/सांसद को पंचायतों और पार्षदों के भी काम करने पड़े।  उन्होंने कहा कि आज देश का 65 प्रतिशत मतदाता युवा है और वह भ्रष्टाचार के खिलाफ है और वही आदर्श हम लोगों में देखना चाहता है। श्रीमती स्वराज ने इस अवसर पर एक शेर भी पढ़ा - ’जो पहुंच गए हैं मंजिल पर, उनको तो नाजो सफर नही, दो चार कदम जो चले नहीं, रफ्तार की बातें करते हैं’। श्रीमती स्वराज ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए विधानसभा अध्यक्ष श्री माता प्रसाद पाण्डेय के प्रति आभार व्यक्त किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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लखनऊ के अतिरिक्त प्रदेश के अन्य शहरों को भी हवाई यातायात की आवश्यकता है

Posted on 19 May 2012 by admin

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि लखनऊ के अतिरिक्त प्रदेश के अन्य शहरों को भी हवाई यातायात की आवश्यकता है। उन्होंने प्रदेश में नागरिक उड्डयन सेक्टर के विकास के लिये केन्द्र सरकार द्वारा की गयी प्रत्येक पहल में राज्य सरकार द्वारा पूरा सहयोग प्रदान करने का आश्वासन देते हुए केन्द्र से राज्य के बड़े शहरों के हवाई अड्डों के उच्चीकरण का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि नेशनल एविएशन युनिवर्सिटी की स्थापना के लिए जब केन्द्र सरकार के स्तर से प्रस्ताव आएगा तो प्रदेश सरकार द्वारा हर संभव सहायता प्रदान की जायेगी। उन्होंने लखनऊ के अमौसी हवाई अड्डे के समीपवर्ती गांवों का विकास डाॅ0 राम मनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना के माध्यम से कराये जाने की घोषणा की है।
cm-photo-19-may-2012मुख्यमंत्री आज यहां चैधरी चरण सिंह हवाई अड्डे के नवीन एकीकृत टर्मिनल बिल्डिंग के उद्घाटन कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। नवनिर्मित टर्मिनल का उद्घाटन केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री अजीत सिंह द्वारा, मुख्यमंत्री सहित अन्य गणमान्य लोगों की मौजूदगी में, किया गया।
श्री यादव ने एयरपोर्ट टर्मिनल को लखनऊ के लिए सुन्दर उपहार बताते हुए इसके लिए केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री को बधाई दी। उन्होंने वाराणसी, कानपुर सहित प्रदेश के अन्य महत्वपूर्ण नगरों के हवाई अड्डों के उच्चीकरण पर बल दिया। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा कानपुर को ‘टाउन आफ एक्सपोर्ट एक्सिलेंस’ घोषित किये जाने के बावजूद कानपुर आने-जाने के लिए ज्यादातर लोगों को हवाई यात्रा के लिए लखनऊ पर निर्भर रहना पड़ता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कुशीनगर हवाई अड्डे का पी0पी0पी0 माॅडल के आधार पर निर्माण करा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि केन्द्र सरकार प्रदेश में कोई भी महत्वपूर्ण परियोजना लागू करना चाहेगी तो राज्य सरकार पूरा सहयोग देगी, क्योंकि इससे राज्य की जनता को लाभ मिलेगा। इस संदर्भ में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की स्थापना हेतु प्रदेश सरकार द्वारा प्रदान किये जा रहे हर संभव सहयोग का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि नेशनल एवीएशन युनिवर्सिटी की स्थापना से प्रदेश में रोजगार और व्यवसाय के अवसर बढ़ेंगे और उत्तर प्रदेश अन्तर्राष्ट्रीय नक्शे में भी अपना स्थान बनायेगा। उन्होंने विश्वास जताया कि प्रदेश के निवासी होने के नाते केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राज्य में नागरिक उड्डयन सुविधाओं के विकास की ओर पूरा ध्यान देंगे। उन्होंने कहा कि हवाई यातायात के विस्तार और विकास के लिये जमीन हासिल करने में राज्य सरकार पूरी मदद प्रदान करेगी, लेकिन भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को भू-स्वामियों को अच्छा मुआवजा देना होगा। उन्होंने लखनऊ हवाई अड्डे के नवीन टर्मिनल भवन में एरोब्रिज की संख्या में बढ़ोत्तरी के सम्बन्ध में विचार करने का सुझाव भी दिया।
केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री अजीत सिंह ने अपने सम्बोधन में कहा कि बड़ा राज्य होने के बावजूद उत्तर प्रदेश में हवाई यातायात का विकास अपेक्षित स्तर का नहीं है। हवाई मार्ग से यात्रा करने वाले पूरे देश के लोगों में राज्य की हिस्सेदारी मात्र 02 प्रतिशत है। इसलिए नागरिक उड्डयन सेक्टर में उत्तर प्रदेश पर विशेष ध्यान दिये जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में टियर-2 और टियर-3 श्रेणी के अनेक नगर हैं, जहां हवाई यातायात के विकास की भरपूर संभावना है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में लखनऊ और वाराणसी के हवाई अड्डे कस्टम एयरपोर्ट की श्रेणी में है, जिन्हें शीघ्र ही अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट का दर्जा दिया जायेगा। उन्होंने लखनऊ हवाई अड्डे में पूर्व प्रधानमंत्री चैधरी चरण सिंह की प्रतिमा लगाये जाने की घोषणा भी की।
इस मौके पर प्रदेश में हवाई अड्डों के विकास के सम्बन्ध में रोड मैप पुस्तिका का अनावरण भी किया गया। केन्द्रीय नागरिक उड्डयन सचिव डाॅ0 सैय्यद नसीम अहमद जैदी, अध्यक्ष, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण श्री विजय प्रकाश अग्रवाल, सांसद श्रीमती सुशीला सरोज तथा विधायक श्री शारदा प्रताप शुक्ल ने उद्घाटन कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त किये।
इस अवसर पर प्रोटोकाॅल राज्य मंत्री श्री अभिषेक मिश्रा, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री
श्री राकेश गर्ग, एयर इण्डिया के अध्यक्ष सह प्रबन्ध निदेशक श्री रोहित नंदन, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती रीता बहुगुणा जोशी, वरिष्ठ कांग्रेस नेता श्री प्रमोद तिवारी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
ज्ञातव्य है कि चैधरी चरण सिंह हवाई अड्डे की नवीन एकीकृत टर्मिनल बिल्डिंग लगभग 130 करोड़ रूपये की लागत से निर्मित की गयी है। यह भवन 20 हजार वर्ग मीटर क्षेत्रफल में है और इसकी अधिकतम यात्री क्षमता 650 है। केन्द्रीकृत वातानुकूलित इस भवन में तीन लिफ्टस, 02 एयरोब्रिज, 03 एस्केलेटर हैं। इसके अलावा 12 इमिग्रेशन काउन्टर और 05 कस्टम काउन्टर भी स्थापित किये गये हैं। भवन में रेन वाटर हार्वेस्टिंग, सिवेज ट्रीटमेंट प्लांट तथा अग्नि सुरक्षा के प्रबन्ध भी किये गये हैं। सुरक्षा व्यवस्था के लिये सी0सी0टी0वी0, एक्सप्लोसिव डिटेक्टर, बैगेज स्कैनर तथा मेटल डिटेक्टर स्थापित किये गये हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए जो ट्रान्सफर हो रहे हैं उनसे उन्हें पता नहीं क्यों परेशानी हो रही है?

Posted on 19 May 2012 by admin

समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि बसपा सुप्रीमों सुश्री मायावती की आज दिल्ली में एक नायाब और अभूतपूर्व प्रेस कांफ्रेस हुई। पहले तो काफी देर तक वे अपनी विद्वत्ता का बखान करती रही और बताती रही कि वे इसमें दूसरों की मदद नहीं लेती हैं। इस बात पर जोर देते हुए वे अपने लिखित बयान के पन्ने पर पन्ने पलटती दिखाई दीं और अपने लिखे को पढ़ने में कई बार अटकीं भी। फिर वे अम्बेडकरवाद और गांधीवाद का फर्क बताने में लग गई और गांधीवादी सोच की निन्दा करने लगी। प्रेस कांफ्रेस में इस सबका संदर्भ कोई नहीं समझ पाया।
बसपा की पूर्व मुख्यमंत्री इसके बाद श्री अखिलेश यादव के नेतृत्ववाली समाजवादी पार्टी की सरकार पर अनापशनाप आरोप मढ़ने लगीं। उनके बयान से तो एक बारगी यही एहसास हुआ कि वे अपनी ही सरकार के कार्यकाल की रिपोर्ट को ही पढ़ गई है। अपराध, हत्या, लूट, बलात्कार, वसूली की बात करते समय वे भूल गईं कि उनके आधा दर्जन से ऊपर मंत्री- विधायक इन्हीं करतूतों के चलते आज भी जेल की हवा खा रहे हैं। भ्रष्टाचार में उनकी सरकार के कितने ही मंत्री लोकायुक्त की जांच में दोषसिद्ध हो चुके हैं। उनके जमाने के घोटालों की जांच सीबीआई कर रही है और उसकी जांच की आंच उनके पास तक पहुॅच रही है। जनधन की लूट में उन्होने रिकार्ड बना लिया है।
सुश्री मायावती के मुख्यमंत्रित्वकाल में टंªासफर-पोस्टिंग एक धंधा बन गया था। उन्होने प्रशासन को पंगु बना दिया था। समाजवादी पार्टी की सरकार में प्रशासनिक व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए जो टंªासफर हो रहे हैं उनसे उन्हें पता नहीं क्यों परेशानी हो रही है? बसपा का झण्डा लगाकर वसूली  करनेवाले और विपक्षी नेता का घर जलानेवाले उन्हें निर्दोष और भोलेभाले लगते हैं। समाजवादी पार्टी की दो माह की सरकार में ही उन्हें विकास की गति रूकने और कानून व्यवस्था के बिगड़ने का भ्ूात सता रहा है जबकि अपने पांच साल में बसपा सुप्रीमों ने कानून और संविधान दोनों को ताक पर रख दिया था। पार्को, स्मारकों और अपनी मूर्तियों तक में कमीशन बटोरने वाली बसपा मुख्यमंत्री बिजली सड़क, पानी की गिनती विकास कार्यो में नहीं करती थी। समाजवादी पार्टी के सभी चुनावी वायदे अभी दो माह में ही पूरे किए जाने की उनकी मांग भी अजीबोंगरीब है। समाजवादी पार्टी  सरकार पर तमाम तोहमतें लादकर वे बस “उल्टा चोर कोतवाल को डांटे“ वाली कहावत चरितार्थ कर रही है।
बसपाइयों को खासकर समाजवादी पार्टी और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का इसलिए अनुग्रहीत होना चाहिए कि उन्होने प्रदेश में लोकतंत्र को बहाल कर बसपा सुप्रीमों को भी अपनी तानाशाही छोड़ने को मजबूर कर दिया है। अब तक महारानी की तरह सुश्री मायावती प्रेस कांफ्रेस में आती थी। सवाल जवाब की पूरी तरह मनाही थी। पत्रकारों को उन्होने कभी सम्मान नहीं दिया और मीडिया को भी बराबर सरकारी दबाव में रखती थी। आज की प्रेस कांफ्रेस में वे अपना लिखित बयान पढ़ने के बाद पत्रकारों से स्वयं प्रश्न पूछने के लिए कह रही थी।
काशं, पूर्व मुख्यमंत्री जनादेश के समक्ष नतमस्तक होने की लोकतंत्री व्यवस्था को भी सम्मान देना सीख लेती। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के संकल्प के साथ विकास की दिषा-उसका एजेन्डा तय कर रहे है। विकास केा बसपाराज में विनाश बना दिया गया था। प्रदेश की अर्थव्यवस्था बिगड़ गई थी। उस सबको पटरी पर लाने का जो काम श्री अखिलेश यादव कर रहे है, उसकी प्रशंसा करना भी सुश्री मायावती को सीखना चाहिए।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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बस दुर्घटना में हुयी अनेक लोगों की मृत्यु पर गहरा दुःख व्यक्त किया

Posted on 19 May 2012 by admin

उत्तर प्रदेश के राज्यपाल, श्री बी0एल0 जोशी ने जनपद बहराईच में बस दुर्घटना में हुयी अनेक लोगों की मृत्यु पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। उल्लेखनीय है कि बस अम्बेदकर नगर के किछौछा शरीफ से जायरीनों को लेकर दरगाह शरीफ आ रही थी।
राज्यपाल ने अपने शोक संदेश में घटना को दुखद एवं दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुये दिवंगत आत्माओं की शांति की कामना की है। उन्होंने दुःखी परिजनों के प्रति हार्दिक संवेदनाएं व्यक्त करते हुये घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना भी की।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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किसानों के हित पर निगाह रखने तथा विचैलियों से किसानों को बचाने हेतु निर्देश दिये

Posted on 19 May 2012 by admin

चैधरी चरण सिंह हवाई अडड्े पर नवनिर्मित अन्र्तराष्ट्रीय टर्मिनल भवन के लोकार्पण में आये केन्द्रीय नागरिक उडड्यन मंत्री व राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चैधरी अजित सिंह का आज लखनऊ आगमन पर रालोद कार्यकर्ताओं ने एयरपोर्ट पर प्रातः जोरदार स्वागत किया। स्वागत करने वालों में प्रदेश अध्यक्ष बाबा हरदेव सिंह, महासचिव व प्रवक्ता अनिल दुबे, विधान मण्डल दल के नेता दलबीर सिंह, विधायक पूरन प्रकाश, वीरपाल राठी, वसीम हैदर, मनोज सिंह चैहान, आर0पी0 सिंह चैहान, शशांक सिंह, आदि प्रमुख थे। लोकार्पण समारोह के बाद रालोद अध्यक्ष व केन्द्रीय नागरिक उडड्यन मंत्री चैधरी अजित सिंह ने अतिविशिष्ट गृह में पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं केे साथ विचार विमर्श किया और राज्य की राजनैतिक स्थिति पर चर्चा की। उन्होंने पार्टीजनों को संगठन को मजबूत और सदृढ़ बनाने के लिए जीजान से जुटने तथा गेहूँ खरीद के क्रय के्रन्दों पर किसानों के हित पर निगाह रखने तथा विचैलियों से किसानों को बचाने हेतु निर्देश दिये।
रालोद महासचिव अनिल दुबे ने बताया कि इसके पूर्व श्री अजित सिंह ने प्रदेश के महामहिम राज्यपाल से शिष्टाचार भेंट की और उनकी कुशलता पूंछी। श्री सिंह अपराहन 3.00 बजे वापस दिल्ली चले गये।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की

Posted on 19 May 2012 by admin

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा0 लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने बहराइच में चिलवरिया चीनी मिल के पास 50 जायरीनों के जिन्दा जल जाने को हृदय विदाकर घटना बताते हुए उनके परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है तथा सरकार से पीडि़त परिजनों की हर संभव सहायता दिए जाने की मांग की है।
डा0 बाजपेयी ने सड़क दुर्घटनाओं में निरन्तर हो रही वृद्धि तथा उसमें हो रहे जान-माल के नुकसान पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए सड़क दुर्घटनाओं को रोके जाने हेतु सरकार से तात्कालिक कदम उठाये जाने की मांग की है। डा0 बाजपेयी ने इलाहाबाद जनपद के वमरौली इलाके में पुलिस व ग्रामीणों के बीच संघर्ष तथा उपद्रव पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए इसे प्रदेश की कानून व्यवस्था पर अत्यन्त गंभीर सवालिया निशान बताया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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सपा सरकार के दो महीने बीत जाने के बाद भी प्रदेश की कानून व्यवस्था सुधर नहीं पा रही है

Posted on 19 May 2012 by admin

भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश में बढ़ रही अराजकता पर गहरी चिन्ता व्यक्त की है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डा0 मनोज मिश्र ने कहा कि सपा सरकार के दो महीने बीत जाने के बाद भी प्रदेश की कानून व्यवस्था सुधर नहीं पा रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के द्वारा सपा कार्यकर्ताओं और पुलिस प्रशासन को बार-बार सुधर जाने की नसीहत देने के बाद भी हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। डा0 मिश्र ने सरकार से सवाल किया कि प्रदेश की हालत सुधारने के लिए सपा सरकार को अभी कितने दिन और चाहिए ?
प्रवक्ता डा0 मिश्र ने कहा कि घटनाओं को देखकर ऐसा लगता है कि प्रदेश की पुलिस पर सरकार को कोई नियंत्रण नहीं है। इलाहाबाद में वसूली को लेकर सिपाही द्वारा गोली चलाने की घटना से हालात नियंत्रण के बाहर हो गए और वहां अराजकता फैल गई। कई पुलिस अधिकारी चोटिल हुए व पुलिस चैकी फंूक दी गई। प्रदेश में कानून का राज ध्वस्त होता जा रहा है। डा0 मिश्र ने कहा कि पुलिस अधिकारियों का बर्ताव जनता के प्रति गैर जिम्मेदाराना है व समाज में अराजक तत्व कानून के इकवाल को चुनौती दे रहे हैं। सहारनपुर के डीआईजी माथुर के बाद माल थाना क्षेत्र के एक सब इंस्पेक्टर द्वारा पीडि़त व्यक्ति को कानून को हाथ में लेने की सलाह देना प्रदेश की पुलिस व्यवस्था की बदतर हालत की ओर इशारा कर रहे हैं।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 मिश्र ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी का यह कहना कि पुलिस प्रशासन को 15 दिन में कानून व्यवस्था सुधारने का निर्देश, कानून व्यवस्था ठीक न होने की स्वतः स्वीकार्यता है। सपा कार्यकर्ता और पुलिस माननीय मुख्यमंत्री जी के निर्देशों की उपेक्षा कर रही है और प्रदेश की जनता असहाय स्थित में है। अराजकता का आलम यह है कि बांदा में गेहूॅ क्रय केन्द्र पर पुलिस की मौजूदगी में मारपीट और हंगामा किया। प्रदेश प्रवक्ता ने सरकार से कानून व्यवस्था तथा अपराधी व अराजकतत्वों पर नियंत्रण की मांग की है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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अजमेरशरीफ जा रहें नौं लोगों की मौत,कई धायल

Posted on 19 May 2012 by admin

ओवरटेक के कारण आमने सामने टक्कर

जयसिंहपुर - अजमेरशरीफ जा रहें नौं लोगों की दर्दनाक मौत हो गयी तथा कई अन्य बुरी तरह धायल हो गयें। प्राप्त बिबरण के अनुसार जयसिंहपुर बाजार व आस पास अन्य गांवो के काफी लोग बस में सवार होकर अजमेर शरीफ जा रहे थे ,जनपद बहराइच शुगर मिल के निकट बस चालक एक दूसरे वाहन केा ओवरटेक बचाने के प्रयास में अनियंत्रित हो सड़क के किनारे खडी ट्रक में जा भिडी बस के भिडते ही आचानक बस में आग लग गई जिससे सुलतानपुर जनपद के जयसिंहपुर बिकासखण्ड के नौ लोगो की इस घटना में दर्दनाक मौत हो गयी ।
अन्य यात्री बुरी तरह से घायल हो गये जिन्हे बहराइच के स्थानीय अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया।मृतको मे यार मोहम्मद ६० वर्ष,  मासूक पुत्र रईस ९ वर्ष अजमद पुत्र ईदू ८ वर्ष निवासी ज्योतरी केरई का पुरवा थाना जयसिंहपुर रशीद ४५ वर्ष, बाबू रशीद ४६ वर्ष तथा रशीद का भतीजा निवासी सजवन डीह थाना कोतवाली जयसिंहपुर । शाहजहां निवासी माना पटटी थाना गोसाईगंज बस चालक लाल मोहम्मद थाना कोतवाली जयसिंहपुर विनोद तिवारी बस का खलाशी निवासी शमोलीपुर जयसिंहपुर की मौके पर मौत हो गयी ।
घायलो मे शबुलनिशा, मुन्शीरजा, रहमुल, हाजी मुल्ला निवासी फेरई का पुरवा मो० हफीज पत्नी नूरजहां आदि को गम्भीर हालत मे अस्पताल में पहुंचाया जहां अन्य घायलो के साथ उपचार चल रहा है ।  उक्त घटना के बाद स्थानीय लोगो ने पुलिस की सूचना देकर बचाव राहत कार्य किया इस घटना से मृतक परिवारो व गावों  में कोहराम मचा हुआ है ।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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अवैध कारोबार का केन्द्र बना जयसिहंपुर कोतवाली क्षेत्र

Posted on 19 May 2012 by admin

जयसिंहपुर तहसील क्षेत्र व कोतवाली कस्बा बगिया चैराहा, बरौसा, विरसिंहपुर सहित आस पास के ग्रामीण क्षेत्रो में गांजे का धन्धा बहुत ही तेजी से फल फूल रहा है ।गांजे से जुडे कारोबारियों व खरीददारो में पुलिस का भय खत्म हो गया है यही वजह है कि कस्बा सहित आस पास के ग्रामीण क्षेत्र में गांजे के लती चिन्हित स्थानो पर एकत्रित होते है व अपने धन्धे को चलाने के लिए गांजे के व्यापारी व गजेड़ी अक्सर कोडवर्ड से खरीद फरोख्त करते है ।
गांजा पीने वाले कभी कभी इतने नशे में होते है कि लोग उनको उनके घर तक पहुंचाते है ऐसा नही है कि इस नशे के अवैध कारोबार से पुलिस अनजान है आखिर क्या कारण है कि सब कुछ जानते हुए भी इन गजेडियों को न तो कभी रोकने की कोशिश की न टोकने की तभी तो ये गांजा पीने वाले पुलिस की आंख में धूल झोककर मौके का फायदा उठाने में लगे हुए है ।
सूत्रो के अनुसार कस्बा में कुछ सार्वजनिक स्थानो के साथ ही सरकारी अस्पताल के पीछे व इनके अलावा कई जगहो पर गांजे के विक्रेताओं व खरीददारो का जमावडा लगता है इस नशे मे शामिल जहां कुछ लोगो को मौज मिल रही है वही इस नशे में शामिल अधिकांश लोग अपनी पूंजी गंवा कर बर्बाद हो रहे हे ।इस गांजे के धंधे के साथ ही कोतवाली क्षेत्र में अवैध गांजे की दुकानो पर हजारो का वारान्यारा हो रहा है वही पुलिसिया कार्यवाही भी महज औपचारिकता निभाते नजर आ रहे है ।
कस्बा समेत ग्रामीण स्तर के नुमाए, करसा, दौलतपुर, फजीलपुर समेत दर्जनो गांवो में दुकाने सजी हुई है । स्थानीय पुलिस की निष्क्रियता का लाभ जुआरी खुल कर उठा रहे है शायद यही कारण है कि इन जुए की फडों पर व स्मैक, चरस, गांजा अवैध कच्ची शराब के कारोबार में नाबालिक बच्चे व महिलाऐं शामिल है ।
यदि समय रहते इन अवैध धन्धो पर अकुंश न लगाया तो आने वाले समय में स्थित और भयावह हो सकती है इस अवैध कारोबार से जहां राजस्व विभाग को लाखो का चूना लग रहा है वही सरकार जिन युवाओ की देश का भविष्य बताती है वही युवा इस दल दल में फंसते जा रहे है वर्तमान समय में इन कारोबार से जुडे व्यापारियों व खरीददारो पर नकेल कसना अति आवश्यक है ।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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