Archive | May 12th, 2012

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आज यहां शास्त्री भवन में सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये

Posted on 12 May 2012 by admin

आयुर्वेद एवं यूनानी विभाग में संविदा पर नियुक्त चिकित्सकों की मासिक धनराशि में बढ़ोत्तरी का निर्णय

मंत्रिपरिषद ने आयुर्वेद एवं यूनानी विभाग में संविदा पर नियुक्त चिकित्सकों की मासिक संविदा धनराशि में बढ़ोत्तरी करने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। फैसले के अनुसार आयुर्वेद एवं यूनानी विभाग में संविदा पर नियुक्त चिकित्सक जो वर्तमान में कार्यरत हैं, उनको भी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के 13 दिसम्बर, 2007 के शासनादेश की भांति 18 हजार रूपये प्रतिमाह संविदा धनराशि आदेश जारी होने की तिथि से दिया जायेगा। आयुर्वेद एवं यूनानी विभाग में ये चिकित्सक स्वीकृत पदों के विरूद्ध कार्यरत हैं। स्वीकृत पदों के आधार पर बजट उपलब्ध होने के कारण अलग से बजट व्यवस्था की आवश्यकता भी नहीं है।
मंत्रिपरिषद ने यह भी निर्णय लिया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा जब कभी संविदा चिकित्सकों की धनराशि संशोधित की जायेगी, तब आयुर्वेद एवं यूनानी विभाग में संविदा के आधार पर कार्यरत चिकित्सकों को भी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के शासनादेश जारी होने की तिथि से संशोधित दर से संविदा धनराशि दी जायेगी।
गौरतलब है कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने चिकित्सकों को संविदा के आधार पर 23 अगस्त, 2004 से 12 हजार रूपये प्रतिमाह की संविदा धनराशि पर नियुक्त किया था। आयुर्वेद एवं यूनानी विभाग द्वारा भी, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के शासनादेश को मंत्रिपरिषद के माध्यम से स्वीकार करते हुए, 3 फरवरी, 2005 से संविदा चिकित्सकों की नियुक्ति 12 हजार रूपये प्रतिमाह पर की गयी थी। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा
13 दिसम्बर, 2007 को शासनादेश निर्गत कर पूर्व में संविदा पर नियुक्त चिकित्सकों को तात्कालिक प्रभाव से अनुमन्य धनराशि 12 हजार रूपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 18 हजार रूपये प्रतिमाह कर दी गयी, जबकि आयुर्वेद एवं यूनानी विभाग के संविदा चिकित्सकों को अभी भी 12 हजार रूपये प्रतिमाह ही दी जा रही है।
यह भी उल्लेखनीय है कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग तथा आयुर्वेद एवं यूनानी विभाग के चिकित्सकों द्वारा समान कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा दोनों विधाओं के नियमित चिकित्सकों को समान वेतनमान अनुमन्य है। इसलिए मंत्रिपरिषद द्वारा इस विसंगति को दूर करने का निर्णय लिया गया है।

गोरखपुर के प्राणि उद्यान का नाम परिवर्तित कर शहीद अशफाक उल्ला खाँ प्राणि उद्यान किया गया
मंत्रिपरिषद ने भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति में शहीद अशफाक उल्ला खाँ के अभूतपूर्व योगदान का सम्मान करते हुए मान्यवर कांशीराम प्राणि उद्यान गोरखपुर का नाम परिवर्तित करके शहीद अशफाक उल्ला खाँ प्राणि उद्यान, गोरखपुर किए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश की वर्तमान सरकार भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को विशिष्ट सम्मान प्रदान करने हेतु संकल्पित है। इस परिप्रेक्ष्य में उल्लेखनीय है कि शहीद अशफाक उल्ला खाँ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख क्रान्तिकारी थे। उन्होंने काकोरी काण्ड में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ब्रिटिश शासन ने उन पर अभियोग चलाया और 19 दिसम्बर, 1927 को उन्हें फैजाबाद जेल में फांसी दी गई। देश की आजादी में शहीद अशफाक उल्ला खाँ के अभूतपूर्व योगदान के दृष्टिगत राज्य सरकार ने यह फैसला लिया है।

उ0प्र0 ईंट भट्ठा (स्थापना हेतु स्थल मापदण्ड) नियमावली, 2012 स्वीकृत
मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश ईंट भट्ठा (स्थापना हेतु स्थल मापदण्ड) नियमावली, 2012 के प्रख्यापन के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। नियमावली के अनुसार ईंट भट्ठे की स्थापना राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 की धारा 25 एवं वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 की धारा 21 के तहत स्थापना हेतु सहमति प्राप्त किए जाने के उपरान्त ही की जा सकेगी। इसके अलावा अन्य नियमों के प्राविधानों जैसे- जिला प्रशासन, माइनिंग लीज, जिला पंचायत से फायरिंग हेतु अनुमति तथा उद्यान विभाग तथा जिला पंचायत से, यदि आवश्यक हो, अनापत्ति प्रमाण पत्र/लाइसेन्स भी नियमानुसार प्राप्त किया जाना होगा।
नियमावली में यह प्राविधान भी किया गया है कि भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय की 22 जुलाई, 2009 की अधिसूचना के तहत ईंट भट्ठों के लिए अधिसूचित उत्सर्जन मानक तथा प्रदूषण नियंत्रण प्रक्रिया, जिसमें चिमनी की ऊंचाई सम्मिलित है, ईंट भट्ठों पर लागू होंगे। आन्तरिक ईधन के रूप में कोयले के स्थान पर, स्थानीय कृषि औद्योगिक वेस्ट अवशेष जैसे कपास या सरसों की डन्ठल को ईधन के रूप में प्रयोग किया जायेगा। ऐसे औद्योगिक वेस्ट, जो परिसंकटमय न हो, जैसे पत्थर, धूल, चावल की भूसी की राख, रेड मड इत्यादि को ऊपरी मिट्टी में मिलाये जाने को प्रोत्साहन दिया जायेगा। इसके अलावा पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के अंतर्गत जारी किये गये नोटिफिकेशन (यथासंशोधित) के आधार पर फ्लाई ऐश र्का इंट की मोल्डिंग में उपयोग करके मिट्टी फ्लाई ऐश ईंट बनायी जायेगी।
नियमावली के अनुसार स्पेन्ट आरगैनिक साल्वेंट, तैलीय अवशेष, पेन्ट कोक बोतल, फिल्टर प्रेस केेक (परिसंकटमय अपशिष्ट) इत्यादि तथा अन्य वेस्ट जैसे प्लास्टिक, रबर, चमड़ा आदि भट्ठे में ईधन के रूप में स्वीकृत नहीं किये जायेंगे। ईंट भट्ठे की परिधि के किनारे वृक्षों की 10 मीटर चैड़ी बहु सतही एवं बहु मंजिली हरित पट्टी बनायी जायेगी तथा ईंट भट्ठे की चाहरदीवारी में वाहनों के प्रवेश एवं निकासी के लिए 10 मीटर के दो खाली स्थान छोड़े जायेंगे। ऐसे ईंट भट्ठों में जहां हरित पट्टी बनाने के लिए स्थान नहीं है, वहां 3 मीटर ऊंचाई की दीवार बनायी जायेगी ताकि धूल का निकलना रोका जा सके। हरित पट्टी के साथ ईंट भट्ठे की स्थापना के लिए कम से कम 02 एकड़ क्षेत्र आवश्यक होगा। इसके अतिरिक्त ईंट भट्ठे की स्टैक/चिमनी को आकाशीय बिजली से बचाने के लिए लोक निर्माण विभाग के नियमों के अनुसार आकाशीय बिजलीरोधक लगाये जाने भी आवश्यक होंगे।
इसके अलावा ईंट भट्ठों के लिए समुचित रखरखाव प्रक्रिया, जिसमें कोयले की राख का निस्तारण, भट्ठे के चारों ओर दोहरी दीवार, समुचित लेआउट, ब्रिक लाइन पैसेज, उच्च गे्रड के कोयले का प्रयोग, समुचित फायरिंग प्रक्रिया, ध्वनि प्रदूषण से सुरक्षा तथा अन्य व्यवस्थायें भी भट्ठा स्वामियों द्वारा अपनायी जायेगी।

आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों/सहायिकाओं एवं  मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के मानदेय की दरों में बढ़ोत्तरी

मंत्रिपरिषद ने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों/सहायिकाओं एवं मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को दिये जाने वाले मानदेय की दरों में बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। यह वृद्धि 01 अपै्रल, 2011 से प्रभावी होगी।
मंत्रिपरिषद द्वारा मानदेय की दरों में निम्नानुसार वृद्धि स्वीकृत की गई है:-

क्र. सं.    श्रेणी    दिनांक 01.04.2008 की निर्धारित दरें    दिनांक 01.04.2011 से प्रभावी संशोधित दरें
अ    आंगनबाड़ी कार्यकत्री
1.    नान मैट्रिकुलेट    1438 रूपये    2938 रूपये
2.    नान मैट्रिकुलेट 05 वर्ष की मानदेय सेवा    1469 रूपये    2969 रूपये
3.    नान मैट्रिकुलेट 10 वर्ष की
मानदेय सेवा    1500 रूपये    3000 रूपये
4.    मैट्रिकुलेट    1500 रूपये    3000 रूपये
5.    मैट्रिकुलेट 05 वर्ष की मानदेय सेवा    1531 रूपय    3031 रूपये
6.    मैट्रिकुलेट 10 वर्ष की मानदेय सेवा    1563 रूपये    3063 रूपये
ब.    आंगनबाड़ी सहायिका    750 रूपये    1500 रूपये
स.    मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रों की आंगनबाड़ी कार्यकत्री    750 रूपये    1500 रूपये

इसके अलावा वर्ष 2004-05 से राज्य सरकार द्वारा अपने स्रोतों से प्रति माह आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को दिया जा रहा 200 रूपये तथा सहायिकाओं को 100 रूपये का मानदेय इन्हें पूर्ववत प्राप्त होता रहेगा।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में गर्भवती/धात्री महिलाओं, बच्चों तथा किशोरियों को कुपोषण से बचाने के लिए भारत सरकार की सहायता से समेकित बाल विकास कार्यक्रम का संचालन 897 परियोजनाओं के माध्यम से किया जा रहा है। इन परियोजनाओं के अन्तर्गत 1,66,073 आंगनबाड़ी केन्द्र तथा 22,186 मिनी आंगनबाड़ी केन्द्र स्वीकृत/संचालित हैं। इन आंगनबाड़ी केन्द्रों पर एक कार्यकत्री एवं एक सहायिका तैनात है तथा मिनी आंगनबाड़ी केन्द्र पर मात्र आंगनबाड़ी कार्यकत्री ही तैनात है। आंगनबाड़ी  कार्यकत्रियों/सहायिकाओं तथा मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को दिये जाने वाले मानदेय में भारत सरकार का 90 प्रतिशत तथा राज्य सरकार का 10 प्रतिशत अंश समाहित है। भारत सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों/सहायिकाओं एवं मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्री को दिये जाने वाले मानदेय की दरों को 01 अपै्रल, 2011 से बढ़ाये जाने का निर्णय लिया था, जिसे 11 जुलाई, 2011 को संसूचित किया गया था।

शासकीय निर्माण कार्यों में अनुसूचित जाति/जनजाति  के ठेकेदारों को अनुमन्य आरक्षण व्यवस्था समाप्त
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आज यहां सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में शासकीय निर्माण कार्यों हेतु ठेकेदारी में अनुसूचित जाति/जनजाति के ठेकेदारों को अनुमन्य आरक्षण व्यवस्था को समाप्त करने का फैसला लिया गया। मंत्रिपरिषद ने शासकीय निर्माण कार्यों हेतु ठेकेदारी में प्रतिस्पर्धात्मक दरें प्राप्त करने, गुणवत्ता बनाये रखने तथा शासकीय कार्यों की निविदा प्रक्रिया में प्रतिभाग करने के लिए सभी को समान रूप से अवसर प्रदान करने के दृष्टिगत लोक हित में यह निर्णय लिया है।
ज्ञातव्य है कि 30 जून, 2009 के शासनादेश द्वारा प्रदेश में राज्याधीन विभाग, निगम, उपक्रम, प्राधिकरण, परिषद एवं निकाय के अधीन शासकीय निर्माण कार्य में पांच लाख रूपये तक लागत वाले कार्यों की ठेकेदारी में अनुसूचित जाति/जनजाति के व्यक्तियों को क्रमशः 21 प्रतिशत एवं 02 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई थी। तत्पश्चात् 29 जनवरी, 2010 के शासनादेश द्वारा लागत कार्य की सीमा को बढ़ाकर पच्चीस लाख रूपये कर दिया गया। लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियन्ता (विकास) तथा विभागाध्यक्ष द्वारा शासन को उपलब्ध कराई गई आख्या के अनुसार इस प्रक्रिया से निविदा आमंत्रित करने में प्रतिस्पर्धात्मक दरें प्राप्त नहीं हो रही हैं। इसके कारण निर्माण कार्यों की गुणवत्ता प्रभावित होने की संभावना बनी रहती है। उन्होंने प्रकरण में पुनर्विचार कर संशोधन किए जाने की संस्तुति की थी। इस पर सम्यक विचारोंपरान्त मंत्रिपरिषद ने सरकारी कार्यों की ठेकेदारी में आरक्षण की इस व्यवस्था को समाप्त करने का फैसला लिया है।

उ0प्र0 बेरोजगारी भत्ता योजना, 2012 लागू करने का निर्णय
योजना से प्रदेश के लगभग 09 लाख बेरोजगार युवक/युवतियां होंगे लाभान्वित
वर्तमान वित्तीय वर्ष में राज्य सरकार पर लगभग 1113 करोड़ रूपये का व्यय भार आयेगा

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आज यहां शास्त्री भवन में संपन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में उ0प्र0 बेरोजगारी भत्ता योजना, 2012 को लागू करने का निर्णय लिया गया। योजना से प्रदेश के लगभग 09 लाख बेरोजगार युवक/युवतियां लाभान्वित होंगे तथा इसमें वर्तमान वित्तीय वर्ष में लगभग 1113 करोड़ रूपये का व्यय भार राज्य सरकार पर आयेगा। प्रत्येक बेरोजगार व्यक्ति को प्रतिमाह 01 हजार रूपये बेरोजगारी भत्ता दिया जायेगा। बेरोजगारी भत्ते का भुगतान त्रैमासिक किश्तों में किया जायेगा।
मंत्रिपरिषद ने योजना को लागू करने के लिये नियम एवं शर्तों को भी मंजूरी प्रदान की है। इनके अनुसार, योजना का लाभ 30 वर्ष से अधिक आयु के ऐसे व्यक्तियों को, जो हाईस्कूल अथवा समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण हों तथा किसी भी रोजगार, जिसमें सरकारी, अर्द्धसरकारी व निजी क्षेत्र की नौकरी एवं स्वरोजगार सम्मिलित हैं, में न लगा हो एवं प्रदेश के किसी सेवायोजन कार्यालय में पंजीकृत हो, को 40 वर्ष आयु पूर्ण करने तक मिलेगा। योजना का लाभ उन्हीं बेरोजगार व्यक्तियों को मिलेगा, जो उत्तर प्रदेश के मूल निवासी हैं तथा वर्तमान में राज्य में निवास कर रहे हैं।
मंत्रिपरिषद द्वारा लिये गये फैसले के अनुसार बेरोजगार व्यक्ति के परिवार की समस्त स्रोतों से आय 36 हजार रूपये वार्षिक से कम हो तथा उसके माता-पिता अथवा सास-ससुर (जैसी भी स्थिति हो) कि समस्त स्रोतों से आय 1 लाख 50 हजार रूपये वार्षिक अथवा इससे कम हो। किसी वित्तीय वर्ष में 15 मार्च तक किसी सेवायोजन कार्यालय में पंजीकृत होने की दशा में बेरोजगारी भत्ता अगले वित्तीय वर्ष में आवेदन जमा करने के माह के अगले माह की पहली तिथि से अनुमन्य होगा।
योजना का क्रियान्वयन प्रदेश स्तर पर प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय तथा जिला स्तर पर जिलाधिकारी के निर्देशन में सम्बन्धित सहायक निदेशक/जिला रोजगार सहायता अधिकारी द्वारा किया जायेगा। बेरोजगार व्यक्ति को रोजगार प्राप्त होने पर बेरोजगारी भत्ते का भुगतान रोक दिया जायेगा। यह सूचित करने का दायित्व बेरोजगार व्यक्ति का ही होगा कि उसे अमुक माह से रोजगार मिल गया है। गलत शपथ पत्र एवं गलत विवरण देने की स्थिति में सम्बन्धित व्यक्ति का बेरोजगारी भत्ता रोक दिया जायेगा तथा उसके विरूद्ध समुचित कानूनी कार्रवाई भी की जायेगी।
मंत्रिपरिषद ने यह भी फैसला किया है कि बेरोजगारी भत्ता पाने वाले व्यक्तियों से सरकार/जिला प्रशासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्र की स्थिति में उनके निवास स्थान के विकास खण्ड अथवा नगर क्षेत्र की स्थिति में सम्बन्धित नगरीय क्षेत्र की सीमाओं में उनको रोजगारपरक कौशल की वृद्धि हेतु उनसे समय-समय पर कार्य लिया जा सकता है। यदि बेरोजगारी भत्ता पाने वाला व्यक्ति बुलाये जाने पर कार्य करने के लिए उपस्थित नहीं होता है तो उसका बेरोजगारी भत्ता रोका जा सकता है। इस योजना के सुचारू संचालन के लिये सेवायोजन विभाग द्वारा आॅनलाइन व्यवस्था भी विकसित की जायेगी, जिसके विस्तृत दिशा-निर्देश अलग से जारी किये जायेंगे। योजना के बारे में किसी भी प्रकार की शिकायत प्राप्त होने पर सम्बन्धित जिले का जिलाधिकारी किसी भी अधिकारी से जांच कराकर निर्णय लेगा, जो अन्तिम होगा। समस्त जिलाधिकारियों द्वारा यथावश्यकता समय-समय पर रैन्डम सत्यापन भी कराया जायेगा।

जीरो बेस बजटिंग के आधार पर 13 विभागों की 26 योजनाओं/कार्यक्रमों को समाप्त करने का निर्णय
फैसले से 4861.72 करोड़ रु0 की बचत होगी, जिसका सदुपयोग नवीन प्राथमिकता कार्यक्रमों के लिये किया जाएगा

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आज यहां संपन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में जीरो बेस बजटिंग के आधार पर 13 विभागों की 26 योजनाओं/कार्यक्रमों को समाप्त करने का निर्णय लिया गया है। इस फैसले से जहां वित्तीय वर्ष 2012-13 के लेखानुदान में लगभग 4861.72 करोड़ रूपये की बचत होगी, वहीं इस बचत को वर्तमान वित्तीय वर्ष के मूल आय-व्ययक में समायोजित कर नये प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों में इसका सदुपयोग किया जायेगा। जिन योजनाओं/कार्यक्रमों को समाप्त करने का निर्णय लिया गया है, उनके विभाग अधूरे कार्यों को पूर्ण कराने तथा समस्त देनदारियों के पश्चात यथोचित आदेश निर्गत करेंगे।
गौरतलब है कि प्रदेश के त्वरित एवं समावेशी विकास हेतु अपेक्षित संसाधन जुटाने तथा उपलब्ध संसाधनों का अनुकूलतम उपयोग करने के उद्देश्य से सभी विभागों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। विचार-विमर्श के दौरान 13 विभागों की 26 योजनाओं को समाप्त किये जाने पर सहमति बनी।
इसके आधार पर मंत्रिपरिषद द्वारा निम्नलिखित योजनाओं/कार्यक्रमों को समाप्त करने का निर्णय लिया गया है:-

विभाग        योजना का नाम
1    आवास एवं शहरी नियोजन    1    मान्यवर श्री कांशीराम जी शहरी गरीब आवास योजना
2    मान्यवर श्री कांशीराम जी ग्रीन (ईको) गार्डेन का निर्माण
3    लखनऊ में परिवर्तन चैक एवं बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर प्रतीक स्थल के सौन्दर्यीकरण एवं अनुरक्षण कार्य
2    महिला कल्याण एवं बाल विकास    4    महामाया गरीब बालिका आशीर्वाद योजना
3    नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन    5    मान्यवर श्री कांशीराम जी शहरी दलित बाहुल्य बस्ती समग्र विकास योजना
4    ग्राम्य विकास    6    महामाया आवास योजना
7    महामाया सर्वजन आवास योजना
5    प्राविधिक शिक्षा    8    सावित्री बाई फुले बालिका शिक्षा मदद योजना
6    व्यावसायिक शिक्षा    9    सावित्री बाई फुले बालिका शिक्षा मदद योजना
7    अल्पसंख्यक कल्याण    10    मान्यवर श्री कांशीराम जी शहरी समग्र विकास योजना के अंतर्गत रोजगार सृजन
11    सावित्री बाई फुले बालिका शिक्षा मदद योजना
8    पंचायती राज    12    डा. अम्बेडकर ग्रामों में सी0सी0 रोड तथा के0सी0ड्रेन का निर्माण
13    सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान के अंतर्गत विशेष प्रोत्साहन
9    माध्यमिक शिक्षा    14    सावित्री बाई फुले बालिका शिक्षा मदद योजना
10    ऊर्जा    15    डा. अम्बेडकर ग्राम सभा विकास योजना
11    समाज कल्याण    16    छात्र/छात्राओं हेतु विभागीय छात्रावासों का निर्माण
17    रोजगार सृजन, प्रशिक्षण एवं अवस्थापना सुविधा
18    अनुसूचित जाति - छात्रवृत्ति योजना
19    कोल जातियों का एकीकृत विकास
20    डा. अम्बेडकर सामुदायिक विकास केन्द्रों का निर्माण
21    मान्यता प्राप्त अनुसूचित बाहुल्य प्राथमिक विद्यालयों को एकमुश्त सहायता
22    गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के छात्रों को विदेश शिक्षा हेतु आर्थिक सहायता
12    लोक निर्माण    23    मान्यवर श्री कांशीराम जी शहरी गरीब आवास योजना के अंतर्गत मार्गों के निर्माण/पुनर्निमार्ण के चालू कार्य
24    डा. अम्बेडकर ग्राम सभा विकास योजना के अंतर्गत चयनित ग्रामों में सड़कों का निर्माण
13    लघु सिंचाई    25    डा. भीमराव अम्बेडकर नलकूप योजना
26    डा. अम्बेडकर सामूहिक नलकूप योजना

डाॅ0 राम मनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना लागू करने का निर्णय
पूर्व में संचालित समग्र ग्राम्य विकास योजना तथा डाॅ0 अम्बेडकर ग्राम सभा विकास योजना को समाप्त किया गया
योजना के तहत 05 वर्षों में लगभग 10 हजार ग्रामों को आच्छादित किया जायेगा

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आज यहां संपन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में डाॅ0 राम मनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना लागू करने का निर्णय लिया गया। मंत्रिपरिषद ने डाॅ0 अम्बेडकर ग्राम सभा विकास विभाग का नाम बदलकर समग्र ग्राम विकास विभाग किए जाने तथा डाॅ0 राम मनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना के लागू होने के फलस्वरूप, पूर्व में संचालित समग्र ग्राम्य विकास योजना तथा डाॅ0 अम्बेडकर ग्राम सभा विकास योजना को समाप्त करने का फैसला भी लिया गया।
मंत्रिपरिषद द्वारा डाॅ0 राम मनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना के अन्तर्गत 22 विभागों के 36 कार्यक्रम चिन्हित करते हुए इन्हें संचालित करने के मानक भी निर्धारित कर दिये गये हैं। योजना के तहत 05 वर्षों में लगभग 10 हजार ग्रामों को आच्छादित किया जायेगा। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2012-13 में 1600 ग्रामों तथा आगामी 04 वर्षों में प्रतिवर्ष 2100 ग्रामों को योजना के तहत चयनित कर विकसित किया जायेगा। ग्रामों के चयन हेतु समग्र ग्राम विकास विभाग द्वारा प्रदेश के विभिन्न जनपदों के पिछड़ेपन के सूचकों के आधार पर प्रदेश स्तर पर वर्षवार एवं जनपदवार ग्रामों की संख्या का निर्धारण किया जायेगा।
मंत्रिपरिषद ने चयनित ग्रामों के विकास हेतु कार्य योजना बनाने, योजनाओं के क्रियान्वयन तथा अनुश्रवण के लिये जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति गठित करने का फैसला भी लिया है, जिसमें मुख्य विकास अधिकारी उपाध्यक्ष तथा परियोजना निदेशक सदस्य सचिव होंगे। इसके अतिरिक्त जिला विकास अधिकारी, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी तथा सम्बन्धित विभागों के जिलास्तरीय अधिकारी समिति के सदस्य होंगे।
डाॅ0 राम मनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना के अन्तर्गत निम्नलिखित
36 विकास कार्यक्रम संचालित होंगे:-
क्रमांक    डाॅ0 राम मनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना के लिए प्रस्तावित कार्यक्रम    कार्यदायी विभाग का नाम
1    2    3
1    सम्पर्क मार्ग निर्माण    लोक निर्माण विभाग
2    ग्रामीण विद्युतीकरण     ऊर्जा विभाग
3    आन्तरिक गलियों एवं नालियों का निर्माण    पंचायती राज विभाग
4    स्वच्छ शौचालय
5    आवासहीन को आवास    ग्राम्य विकास विभाग
6    स्वच्छ पेयजल
7    तालाबों का जीर्णोद्धार
8    प्राथमिक/उच्च प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालय की स्थापना/निर्माण    बेसिक/माध्यमिक शिक्षा विभाग
9    स्वास्थ्य उपकेन्द्र की स्थापना/निर्माण    चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग
10    आंगनवाड़ी केन्द्रों का निर्माण     महिला कल्याण एवं बाल विकास विभाग
11    वैकल्पिक विद्युत व्यवस्था एवं मार्ग प्रकाश    अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत विभाग
12    विशिष्ट परियोजनायें    विभिन्न विभाग
13    महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारण्टी कार्यक्रम    ग्राम्य विकास विभाग
14    स्वर्ण जयन्ती ग्राम स्वरोजगार योजना
15    निःशुल्क बोरिंग    लघु सिंचाई विभाग
16    कृषि भूमि एवं सीलिंग से सरप्लस भूमि का आवंटन    राजस्व विभाग
17    आवासीय पट्टे का आवंटन
18    मछली पालन हेतु पट्टे का आवंटन/तालाब सुधार कार्यक्रम     राजस्व/मत्स्य विभाग
19    कुम्हारीकला हेतु पट्टे का आवंटन    राजस्व विभाग
20    उद्यमिता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम     व्यवसायिक शिक्षा विभाग
21    बेरोजगारी भत्ता    श्रम एवं सेवायोजन विभाग
22    टैबलेट एवं पी0सी0 वितरण    माध्यमिक शिक्षा विभाग
23    वृद्धावस्था/किसान पेंशन     समाज कल्याण विभाग
24    पति की मृत्यु के उपरान्त निराश्रित महिलाओं को सहायक अनुदान     महिला कल्याण एवं बाल विकास विभाग
25    विकलांग पेंशन    विकलांग कल्याण विभाग
26    मुख्यमंत्री पेंशन योजना    समाज कल्याण विभाग
27    अनुसूचित जाति/जनजाति छात्रवृत्ति
28    पिछड़ा वर्ग छात्रवृत्ति    पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग
29    गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले सामान्य वर्ग के छात्रों को छात्रवृत्ति     समाज कल्याण विभाग
30    अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति    अल्पसंख्यक कल्याण विभाग
31    पशुओं का टीकाकरण     पशुपालन विभाग
32    कृत्रिम गर्भाधान
33    आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति    खाद्य एवं रसद विभाग
34    बीज प्रतिस्थापन     कृषि विभाग
35    किसान क्रेडिट कार्ड
36    मृदा परीक्षण

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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निकाय चुनाव की तैयारी की दृष्टि से बैठक का आयोजन

Posted on 12 May 2012 by admin

कल दिनांक 12 मई को लखनऊ पूर्व विधान सभा क्षेत्र के विधायक एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कलराज मिश्र की अध्यक्षता में आगामी स्थानीय निकाय चुनाव की तैयारी की दृष्टि से एक बैठक का आयोजन सायं 04 बजे श्रीराम मैरिज हाल, डण्डिया में किया गया है। बैठक में विधान सभा क्षेत्र में रहने वाले प्रदेश पदाधिकारी, वरिष्ठ कार्यकर्ता एवं सभी मंडल अध्यक्ष व जीते-हारेे सभी पार्षद भाग लेंगे।
बैठक में प्रमुख रूप से निर्वतमान महानगर अध्यक्ष प्रदीप भार्गव, महापौर डा0 दिनेश शर्मा, पूर्व महापौर डा0एस सी राय, प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र तिवारी,, पूर्व क्षेत्रीय अध्यक्ष जयपाल सिंह, प्रदेश मंत्री संतोष ंिसह, प्रदेश मीडिया प्रभारी हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव, महानगर महामंत्री मान सिंह, राजीव मिश्र, सहमीडिया प्रभारी दिलीप श्रीवास्तव, पूर्व सैनिक प्रकोष्ठ के सहसंयोजक कैप्टन चंदन सिंह नेगी, आदि लोग उपस्थित रहेंगे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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सरकार जन कल्याण के कार्यो में किसी तरह की रूकावट बर्दाश्त नहीं करेगी

Posted on 12 May 2012 by admin

समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में कानून का राज स्थापित होने के साथ विकास की गंगा बहने लगी है। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने प्रशासन को चुस्त दुरूस्त और पारदर्शी बनाने की कवायद शुरू कर दी है और यह स्पष्ट कर दिया है कि सरकार जन कल्याण के कार्यो में किसी तरह की रूकावट बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होने प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में विकास के नए मानक रचने शुरू कर दिए है इससे पांच वर्ष बाद जनता को परिवर्तन की सुखद अनुभूति हो रही है।
श्री अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही समाजवादी पार्टी के चुनाव घोषणा पत्र में किए गए वायदों की पूर्ति का आश्वासन दिया था। तदनुरूप उन्होने कार्यवाहियां शुरू कर दी हैं। निजी क्षेत्र में बिजली उत्पादन की दिशा में श्री मुलायम सिंह यादव ने जो प्रारम्भिक पहल की थी, उसे अब आगे बढ़ाने का काम मुख्यमंत्री जी ने अपने हाथ में लिया है। बाराबंकी के संदौली गांव में दो मेगावाट के सौर ऊर्जा संयत्र का उद्घाटन कर उन्होने प्रदेश को सौर ऊर्जा का पहला बिजलीघर दिया है। इससे अगले 25 साल तक प्रदेश को बिजली मिलेगी। उन्होने बताया है कि कूड़े से और गंदे पानी से बिजली बनाने की भी तैयारियां है।
प्रदेश का विकास के लिए आईटी क्षेत्र का सहयोग आवश्यक है। इसलिए मुख्यमंत्री जी ने तकनीक के अधिक से अधिक और बेहतर प्रयोग पर बल देना शुरू किया है। आईटी पार्क बनाए जाएगें तो युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेगें। प्रदेश में सभी बोर्ड के विद्यार्थियों को टेबलेट और लैपटाप देने का निर्णय इसी श्रंृखला की कड़ी है। इससे प्रारम्भिक स्तर से ही युवा अपने को प्रशिक्षित कर पाएगें। कैबिनेट ने हाईस्कूल पास 30 से 40 वर्ष की आयु के 9Û5 लाख नौजवानों को बेकारी भत्ता देने का निर्णय भी लिया है। बेकारी का दंश झेल रहे युवाओं को इससे बहुत राहत मिलेगी।
दरअसल उत्तर प्रदेश में पिछले पांच सालों में अंधेर नगरी, चैपटराज रहा है। लूट और भ्रष्टाचार से समाज का हर वर्ग उत्पीडि़त रहा है। बिना कमीशन कोई काम नहीं हुआ। बसपा की तत्कालीन मुख्यमंत्री केवल सम्पत्ति बटोरने में लगी रही। विकास के कार्य ठप्प रहे किन्तु पार्को, स्मारकों, हाथियों और खुद अपनी मूर्तियों पर मुख्यमंत्री जनता की गाढी कमाई लुटाती रहीं। पटरी से उतरी प्रदेश की व्यवस्था को सम्भालने में मुख्यमंत्री जी लगातार कोशिश में लगे है और उन्होने गम्भीरता से प्रदेश की समस्याओं के समाधान की दिशा में ठोस निर्णय लिए है। प्रदेश की जनता ने इससे तानाशाही शासन से मुक्ति का एहसास किया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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झूठे मुकदमों में बंद किसानों के केस वापस लेने का आश्वासन दिया

Posted on 12 May 2012 by admin

मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने आज यहां भट्टा पारसौल के किसानों से सहानुभूति जताते हुए झूठे मुकदमों में बंद किसानों के केस वापस लेने का आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री जी से आज 5- कालिदास मार्ग स्थित सरकारी आवास पर प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी के साथ भट्टा पारसौल के किसानों के प्रतिनिधि मण्डल ने भेंट की। प्रतिनिधि मण्डल में सर्वश्री मोहनपाल सिंह, राज कुमार, प्रमोद कुमार, चरण सिंह, अर्चना देवी,अनीता देवी, सुनीता देवी, जगवती देवी आदि शामिल थे।
प्रतिनिधि मण्डल ने बताया कि भटटा पारसौल के किसानों द्वारा खेती की जमीन के जबरन अधिग्रहण का विरोध करने पर बसपा सरकार ने उन्हें झूठे मुकदमों में फंसाकर जेल भिजवा दिया। जून,2011 से गांव में गिरफ्तारियों के बहाने कई घरों में पुलिस ने तांड़व किया और महिलाओं-बच्चों तक का उत्पीड़न किया। जेल में बंद किसानों के घरों की दषा खराब है।  किसानों ने मुख्यमंत्री से मांग की कि जिस प्रकार मथुरा और टप्पल के किसानों पर लगे केस वापस लिए गए हैं वैसे ही टप्पल के किसानों को भी राहत दी जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार किसानों की सरकार है। पिछली बसपा सरकार में किसानों का बहुत उत्पीड़न हुआ। उनकी जमीनें जबरन छीनी गई और विरोध करने पर लाठी-गोली चली। अब किसानों का उत्पीड़न नहीं होने पाएगा। किसानों को फसल का लाभप्रद मूल्य दिया जाएगा। खाद, बीज समय से उपलब्ध होगा। सरकार ने तय किया है कि बिना किसानों की सहमति के उनकी जमीन नही ली जाएगी। कर्ज वसूली के लिए उनकी जमीन नीलाम नहीं होने दी जाएगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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उ0प्र0 के लोग बिजली, सड़क और पानी के लिए परेशान हैं

Posted on 12 May 2012 by admin

कैबिनेट मंत्री श्री शिवपाल सिंह यादव ने विधायकों से कहा है कि वे अपने क्षेत्र में जहां-जहां भी सड़कें खराब हैं, उसकी जानकारी दें, जिससे 3 माह के अन्दर प्रदेश में गड्ढा मुक्त सड़कों का निर्माण कराया जा सके। यह आदेश केवल सपा के विधायकों के लिए है या 403 विधानसभाओं के लिए स्पष्ट नहीं है।
उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता डा0 हिलाल नकवी ने यह अपील की है कि समस्त उ0प्र0 के लोग बिजली, सड़क और पानी के लिए परेशान हैं, अतः यह आधारभूत सुविधाएं पूरे प्रदेशवासियों को मिलनी चाहिए। प्रदेश के आर्थिक विकास के लिए यह आवश्यक है कि पूरे प्रदेश में सड़क, बिजली और पानी की एक सुव्यवस्थित योजना बने और प्रदेश में कानून व्यवस्था स्थापित किया जाये।
डा0 नकवी ने कहा कि प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री ने जो चुनावी वादे किये थे उनको तभी पूर्ण किया जा सकता है जब उ0प्र0 का आर्थिक विकास हो। उ0प्र0 के आर्थिक विकास के लिए यह आवश्यक है कि प्रदेश में पूंजीनिवेश की दर बढ़े। उ0प्र0 का आर्थिक विकास तब तक सम्भव नहीं है जब तक यहां कानून व्यवस्था स्थापित नहीं होता। जिस तरह के बयान प्रदेश के पुलिस अधिकारी दे रहे हैं उससे प्रदेश की कानून व्यवस्था अत्यधिक चिन्ताजनक दिख रही है।
उन्होने कहा कि उ0प्र0 में सपा सरकार के 2 माह का समय होने वाला है परन्तु अभी तक पूरे प्रदेश में सड़कें खुदी पड़ी हैं, बिजली आपूर्ति अव्यवस्थित है, पीने के पानी के लिए लोग त्राहि-त्राहि कर रहे हैं। मुख्यमंत्री जी से प्रदेशवासियों को उम्मीद है कि वे पिछली सरकार के अधूरे कार्यों को जल्द पूरा करेंगे तथा मानसून आने से पूर्व यह कार्य पूर्ण हो जायेंगे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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पहले जनता को पूरी बिजली मिले तभी बढे़गें बिजली के दाम

Posted on 12 May 2012 by admin

उ0प्र0राज्य  विद्युत उपभोक्ता परिषद की बैठक उपभोक्ता परिषद के  अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई जिसमें सभी पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जी द्वारा की गई घोषणा कि ‘‘पहले जनता को पूरी बिजली मिले तभी बढे़गें बिजली के दाम‘‘ का स्वागत किया गया।
बैठक के उपरान्त उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष एवं विश्व ऊर्जा काउंसिल के स्थायी सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा वर्तमान में बिजली संकट की दशा को देखते हुए बिजली दर को न बढ़ाने का जो निर्णय लिया गया है वह बिल्कुल सही और स्वागत योग्य है। सही मायने में प्रदेश की जनता को जब तक उनकी आवश्यकता के मुताबिक बिजली की सप्लाई नहीं दी जाती तब तक उनकी दरों मंे बढ़ोत्तरी कदापि नहीं होनी चाहिए। निश्चित ही बिजली विभाग वर्तमान में बहुत बडे़ ़घाटे में है, परन्तु आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए यदि बिजली विभाग के लोग कमर कस लें तो वह दिन दूर नहीं जब बिजली विभाग की स्थिति काफी मजबूत हो जायेगी। वर्तमान में वर्ष 2012-13 के आंकड़ों पर नजर डालें तो जो हमें प्रस्तावित बिजली खरीदना है वह लगभग 83788 मिलियन यूनिट है, अर्थात उस पर लाइन हानिया 27.65 प्रतिशत प्रस्तावित है। यदि सरकार और बिजली विभाग दृढ़ इच्छा शक्ति दिखाते हुए लाइन हानियों में 10 प्रतिशत कमी कर ले तो 10174 मिलियन यूनिट अतिरिक्त बिजली बच जायेगी और जिससे लगभग 3630 करोड़ रूपये का लाभ भी होगा। बिजली विभाग के अधिकारियों को केवल यह लगता है कि बिजली विभाग यदि घाटे में जा रहा है तो उसकी आर्थिक स्थिति बिजली दर बढ़ाकर ठीक की जा सकती है, परन्तु शायद वह लोग यह भूल गये हैं कि वर्ष 2000 से लेकर वर्ष 2009 तक लगातार बिजली दरें बढ़ती रही फिर भी घाटा कम नहीं हुआ और लगातार बढ़ रहा है। घाटे का मुख्या कारण अनाप-शनाप बिजली की खरीद, फिजूलखर्ची व बिजली चोरी पर अॅंकुश न लगना है, जिसके लिए पारदर्शी नीति बनाकर सही दिशा में प्रयास होना चाहिए। बिजली दर को न बढ़़ाने का निर्णय लेकर मा0 मुख्यमंत्री द्वारा एक साहसिक कदम उठाया गया है, जिसकी सभी को प्रश्ंासा करनी चाहिए।

बैठक मे ंप्रमुख रूप से श्री पीयूस चन्द्र, सुनील कुमार वर्मा, दीपक भसीन, मायाराम, महेन्द्र कुमार, नवीन चन्द्र वर्मा, वीरेन्द्र कुमार, रविचन्द्र सहित अनेको पदाधिकारी उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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जब तक आरक्षण को संवैधानिक संरक्षण नहीं दिला देता, यह लड़ाई जारी रहेगी

Posted on 12 May 2012 by admin

आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के संयोजकों के0 बी0 राम, अवधेश कुमार वर्मा, डा0 राम शब्द जैसवारा, रमेश चन्द्र, रामस्वरूप, अनिल कुमार ने अपने संयुक्त बयान में कहा कि संघर्ष समिति की ओर से जो पत्र आज मा0 प्रधानमंत्री जी को भेजा गया है, उसमें वर्ष 2004 के आंकड़ों के आधार पर यह बताया गया है कि,    उ0 प्र0 में सरकारी नौकरियों के ग्रुप ए में 2004 में कुल अधिकारियों की संख्या 10755 थी, जिसमें अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के अधिकारियों की संख्या मात्र 1309 थी, अर्थात कुल अधिकारियों की संख्या का केवल 12.01 प्रतिशत थी। इसी तरह ग्रुप बी के कुल अधिकारियों की संख्या 29453 थी, जिसमें आरक्षित वर्ग के अधिकारियों की संख्या केवल 4427 थी, अर्थात कुल अधिकारियों की संख्या का 15.03 प्रतिशत। यह स्थिति तब है जब पदोंन्नतियों में आरक्षण लागू था, वर्तमान में रिटायरमेन्ट होने के उपरान्त यह संख्या केवल 5 से 6 प्रतिशत है। वर्तमान में जब पदोन्नतियों में आरक्षण उ0प्र0 में समाप्त हो चुका है, ऐसे में आने वाले समय में यह संख्या नग्ण्य हो जायेगी, अर्थात शून्य। इन सब परिस्थितियों से पता चलता है कि पदोन्नतियों में आरक्षण को एक सोची समझी साजिश के तहत समाप्त किया गया है। उ0प्र0 की जनगणना 2001 के साक्षरता प्रतिशत पर ध्यान दे ंतो 10वीं कक्षा के ऊपर और इण्टरमीडियट तक शिक्षा का प्रतिशत केवल 13.03 प्रतिशत था, स्नातक व उससे ऊपर केवल 3 प्रतिशत। नाॅन टेक्निकल/टेक्निकल डिप्लोमा होल्डर मात्र 0.1 प्रतिशत। ऐसे में स्वतः यह देखा जा सकता है कि अभी भी उ0प्र0 में दलितों की स्थिति क्या है। ऐसे में आरक्षित वर्ग को समाज की मुख्य धारा में संवैधानिक तरीके से आगे लाने के लिए पदोन्नतियों में आरक्षण/परिणामी ज्येष्ठता का लाभ दिया गया था। यह देश की विडम्बना ही है कि दलितों के लिए बनाए गए कानून की व्याख्या हर कोई अपने तरीके से करता है, परन्तु उनकी स्थिति पर विचार विमर्श व सही स्थिति का आंकलन कोई करने के लिए तैयार नहीं है। उ0प्र0 में 2001 की जनगणना पर ध्यान दे ंतो अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति की कुल संख्या लगभग 22 से 23 प्रतिशत है। फिर भी जब उनके प्रतिनिधित्व की बात समानता के आधार पर आती है तो पूरे देश में हल्ला मच जाता है। आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति जब तक आरक्षण को संवैधानिक संरक्षण नहीं दिला देता, यह लड़ाई जारी रहेगी। आगामी 13 मई को एन0बी0आर0आई0 सभागार, लखनऊ में प्रातः 11ः00 बजे से होने वाले विशाल सम्मेलन में अनेकों महत्वपूर्ण प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास किये जायेंगे, जिसके आधार पर संघर्ष समिति आगे की अपनी लड़ाई की रूपरेखा तय करेगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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17 अतिपिछड़ी़ जातियों के आरक्षण का कांग्रेस द्वारा विरोध् की निन्दा

Posted on 12 May 2012 by admin

राष्ट्रीय निषाद संघ के राष्ट्रीय सचिव चैधरी लौटन राम निषाद ने प्रदेश सरकार से उत्तर प्रदेश की विमुक्त
जनजातियों को महाराष्ट्र पैटर्न पर क्षेत्रीयता समाप्त कर शिक्षा, सेवायोजन, आर्थिक विकास, बजट प्रोविजन आदि में
तत्काल आरक्षण उपलब्ध कराने की मांग किया है। उन्होंने कहा कि चुनाव के समय 17 अतिपिछड़ी जातियों को
अनुसूचित जाति का आरक्षण देने का वायदा सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव व सपा के अन्य वरिष्ठ नेताओं द्वारा किये
जाने के बावजूद भी अभी तक इन जातियों को न तो आरक्षण ही दिया गया और न ही केन्द्र सरकार को विधि सम्मत
प्रस्ताव ही भेजा गया। उन्होंने कहा कि मझवार, बेलदार, तुरेहा, गोड़, खरवार आदि अनुसूचित जाति में शामिल है। परन्तु
वर्तमान में इन्हें प्रमाण पत्र नहीं दिया जा रहा है। यहीं नहीं जो लोग उक्त जाति के नाम पर नौकरी कर रहें है, विभागीय
जांच के नाम पर तरह-तरह से परेशान किया जा रहा है। उन्होंने प्रदेश सरकार से तत्काल उक्त जातियों की जांच प्रक्रिया
को बन्द किये जाने हेतु मांग किया है। उन्होंने कहा कि यदि मुलायम सिंह यादव 17 अतिपिछड़ी जातियों को आरक्षण
व सामाजिक न्याय देने की मंशा रखते है तो ईमानदारी से अन्य पिछड़े वर्ग से इन जातियों को अलग कर जनसंख्या
के अनुपात में आरक्षण की व्यवस्था करें। उन्होंने बताया कि शासनादेश संख्या 899(ए)/26-700(5)-1959, दिनंाक 12
मई 1961, शासनादेश सं0-3276/26-3-92-3(42)/90 दिनंाक 28 नवम्बर, 1992 आदि के आधार पर मल्लाह, लोध्
ा, केवट, कहार, मेवाती, औधिया, तगाभट, बंजारा, गोसाई, जोगी, मदारी, अहेरिया, सपेरा, भर, घोसी आदि को
सेवायोजन को छोड़कर शेष सभी सुविधायें जो अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए अनुमन्य है, देने का शासनादेश होते
हुये भी राज्य सरकार व शासन प्रशासन द्वारा इन विमुक्त जनजातियों के साथ सामाजिक अन्याय किया जा रहा है।
श्री निषाद ने आगे कहा कि यदि मुलायम सिंह यादव वचन के पक्के है तो उत्तर प्रदेश की विमुक्त जनजातियों
को क्षेत्रीयता समाप्त कर महाराष्ट्र पैटर्न पर शिक्षा, सेवायोजन, बजट प्रोवीजन, आर्थिक विकास आदि में जनसंख्या के
अनुपात में अलग कोटा निर्धारित कर आरक्षण की व्यवस्था करायें। उन्होंने उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी अनुसूचित जाति/जनजाति
प्रकोष्ठ के अध्यक्ष रामकृष्ण एवं राजबहादुर द्वारा 17 अतिपिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने के निर्णय
का विरोध करने की कटु निन्दा किया। उन्होंने अनुसूचित जाति में भी क्रीमीलेयर लागू करने तथा जिस व्यक्ति के द्वारा
अनुसूचित जाति के आरक्षण का लाभ लिया गया है उसके पुत्र पुत्रियों को आरक्षण का लाभ न देने की केन्द्र व प्रदेश
सरकार से मांग किया है। उन्होंने पदोन्नति में अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के आरक्षण को समाप्त करने के मा0 सर्वोच्च
न्यायालय व राज्य सरकार के निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि अतिपिछड़ों के साथ अन्याय व वायदा
खिलाफी करने वाली कांग्रेस व बसपा का जो हाल विधान सभा चुनाव में हुआ है, सपा ने विधि सम्मत तरीके से केन्द्र
सरकार को प्रस्ताव नहीं भेजा और विमुक्त जातियों को जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण की व्यवस्था नहीं किया तो
लोक सभा चुनाव में सपा का भी वहीं हाल होगा। उन्होंने निषाद, बिन्द, कश्यप, लोधी आदि बन्धुओं से 12 मई को
दारूलशफा ए-ब्लाक स्थित कामन हाॅल में आयोजित प्रतिनिधि सम्मेलन में भाग लेने की अपील किया है।
निषाद ने कहा कि सेन्स आॅफ इण्डिया-1961 के आधार पर मंझवार की पर्यायवाची/जेनरिक नेम मल्लाह, मंाझी,
केवट, राजगौड़, गोड़ मंझवार को माना गया है फिर भी मंझवार की पर्यायवाची जातियों को प्रमाण पत्र नहीं दिया जा
रहा है। जब कि चमार, जाटव की पर्यायवाची व उपजाति जाटवी, अहिरवार, शंखवार, दबकर, मोची, कुरील, आदिधर्मी,
नीम, कर्दम, पीपैल, दोहरे, दोहरा, रमदसिया, शिवदसिया, रैदासी आदि तथा वाल्मीकि की उपजाति भंगी, मेहतर,
लालबेगी, हलखोर, चूरा, मेस्तर आदि को निर्बाध रूप से चमार व वाल्मीकि का प्रमाण-पत्र दिया जा रहा है। परन्तु
मल्लाह, केवट, मांझी आदि को मंझवार का प्रमाण-पत्र न देकर सामाजिक अन्याय किया जा रहा है। निषाद ने कहा
कि मुलायम सिंह यादव सत्ता में आने के बाद यादव सहित कुछ दबंग जातियों को ही लाभ पहुॅचाने तथा अतिपिछड़ों की
उपेक्षा करने का काम करते है। नत्थी लाल बोहरे ने कहा कि आशा से अधिक सीटें जीतने के मद में सपा न रहें क्योंकि
20 प्रतिशत वे अतिपिछड़ी जातियां जिन्हें सपा अनुसूचित जाति में शामिल करने का झूठा वायदा कर व भ्रमित कर वोट
लेने का काम किये, सामाजिक अन्याय होने पर लोक सभा चुनाव में ये जातियां एक जुट होकर सबक सिखायेंगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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