आयुर्वेद एवं यूनानी विभाग में संविदा पर नियुक्त चिकित्सकों की मासिक धनराशि में बढ़ोत्तरी का निर्णय
मंत्रिपरिषद ने आयुर्वेद एवं यूनानी विभाग में संविदा पर नियुक्त चिकित्सकों की मासिक संविदा धनराशि में बढ़ोत्तरी करने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। फैसले के अनुसार आयुर्वेद एवं यूनानी विभाग में संविदा पर नियुक्त चिकित्सक जो वर्तमान में कार्यरत हैं, उनको भी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के 13 दिसम्बर, 2007 के शासनादेश की भांति 18 हजार रूपये प्रतिमाह संविदा धनराशि आदेश जारी होने की तिथि से दिया जायेगा। आयुर्वेद एवं यूनानी विभाग में ये चिकित्सक स्वीकृत पदों के विरूद्ध कार्यरत हैं। स्वीकृत पदों के आधार पर बजट उपलब्ध होने के कारण अलग से बजट व्यवस्था की आवश्यकता भी नहीं है।
मंत्रिपरिषद ने यह भी निर्णय लिया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा जब कभी संविदा चिकित्सकों की धनराशि संशोधित की जायेगी, तब आयुर्वेद एवं यूनानी विभाग में संविदा के आधार पर कार्यरत चिकित्सकों को भी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के शासनादेश जारी होने की तिथि से संशोधित दर से संविदा धनराशि दी जायेगी।
गौरतलब है कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने चिकित्सकों को संविदा के आधार पर 23 अगस्त, 2004 से 12 हजार रूपये प्रतिमाह की संविदा धनराशि पर नियुक्त किया था। आयुर्वेद एवं यूनानी विभाग द्वारा भी, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के शासनादेश को मंत्रिपरिषद के माध्यम से स्वीकार करते हुए, 3 फरवरी, 2005 से संविदा चिकित्सकों की नियुक्ति 12 हजार रूपये प्रतिमाह पर की गयी थी। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा
13 दिसम्बर, 2007 को शासनादेश निर्गत कर पूर्व में संविदा पर नियुक्त चिकित्सकों को तात्कालिक प्रभाव से अनुमन्य धनराशि 12 हजार रूपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 18 हजार रूपये प्रतिमाह कर दी गयी, जबकि आयुर्वेद एवं यूनानी विभाग के संविदा चिकित्सकों को अभी भी 12 हजार रूपये प्रतिमाह ही दी जा रही है।
यह भी उल्लेखनीय है कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग तथा आयुर्वेद एवं यूनानी विभाग के चिकित्सकों द्वारा समान कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा दोनों विधाओं के नियमित चिकित्सकों को समान वेतनमान अनुमन्य है। इसलिए मंत्रिपरिषद द्वारा इस विसंगति को दूर करने का निर्णय लिया गया है।
गोरखपुर के प्राणि उद्यान का नाम परिवर्तित कर शहीद अशफाक उल्ला खाँ प्राणि उद्यान किया गया
मंत्रिपरिषद ने भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति में शहीद अशफाक उल्ला खाँ के अभूतपूर्व योगदान का सम्मान करते हुए मान्यवर कांशीराम प्राणि उद्यान गोरखपुर का नाम परिवर्तित करके शहीद अशफाक उल्ला खाँ प्राणि उद्यान, गोरखपुर किए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश की वर्तमान सरकार भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को विशिष्ट सम्मान प्रदान करने हेतु संकल्पित है। इस परिप्रेक्ष्य में उल्लेखनीय है कि शहीद अशफाक उल्ला खाँ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख क्रान्तिकारी थे। उन्होंने काकोरी काण्ड में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ब्रिटिश शासन ने उन पर अभियोग चलाया और 19 दिसम्बर, 1927 को उन्हें फैजाबाद जेल में फांसी दी गई। देश की आजादी में शहीद अशफाक उल्ला खाँ के अभूतपूर्व योगदान के दृष्टिगत राज्य सरकार ने यह फैसला लिया है।
उ0प्र0 ईंट भट्ठा (स्थापना हेतु स्थल मापदण्ड) नियमावली, 2012 स्वीकृत
मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश ईंट भट्ठा (स्थापना हेतु स्थल मापदण्ड) नियमावली, 2012 के प्रख्यापन के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। नियमावली के अनुसार ईंट भट्ठे की स्थापना राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 की धारा 25 एवं वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 की धारा 21 के तहत स्थापना हेतु सहमति प्राप्त किए जाने के उपरान्त ही की जा सकेगी। इसके अलावा अन्य नियमों के प्राविधानों जैसे- जिला प्रशासन, माइनिंग लीज, जिला पंचायत से फायरिंग हेतु अनुमति तथा उद्यान विभाग तथा जिला पंचायत से, यदि आवश्यक हो, अनापत्ति प्रमाण पत्र/लाइसेन्स भी नियमानुसार प्राप्त किया जाना होगा।
नियमावली में यह प्राविधान भी किया गया है कि भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय की 22 जुलाई, 2009 की अधिसूचना के तहत ईंट भट्ठों के लिए अधिसूचित उत्सर्जन मानक तथा प्रदूषण नियंत्रण प्रक्रिया, जिसमें चिमनी की ऊंचाई सम्मिलित है, ईंट भट्ठों पर लागू होंगे। आन्तरिक ईधन के रूप में कोयले के स्थान पर, स्थानीय कृषि औद्योगिक वेस्ट अवशेष जैसे कपास या सरसों की डन्ठल को ईधन के रूप में प्रयोग किया जायेगा। ऐसे औद्योगिक वेस्ट, जो परिसंकटमय न हो, जैसे पत्थर, धूल, चावल की भूसी की राख, रेड मड इत्यादि को ऊपरी मिट्टी में मिलाये जाने को प्रोत्साहन दिया जायेगा। इसके अलावा पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के अंतर्गत जारी किये गये नोटिफिकेशन (यथासंशोधित) के आधार पर फ्लाई ऐश र्का इंट की मोल्डिंग में उपयोग करके मिट्टी फ्लाई ऐश ईंट बनायी जायेगी।
नियमावली के अनुसार स्पेन्ट आरगैनिक साल्वेंट, तैलीय अवशेष, पेन्ट कोक बोतल, फिल्टर प्रेस केेक (परिसंकटमय अपशिष्ट) इत्यादि तथा अन्य वेस्ट जैसे प्लास्टिक, रबर, चमड़ा आदि भट्ठे में ईधन के रूप में स्वीकृत नहीं किये जायेंगे। ईंट भट्ठे की परिधि के किनारे वृक्षों की 10 मीटर चैड़ी बहु सतही एवं बहु मंजिली हरित पट्टी बनायी जायेगी तथा ईंट भट्ठे की चाहरदीवारी में वाहनों के प्रवेश एवं निकासी के लिए 10 मीटर के दो खाली स्थान छोड़े जायेंगे। ऐसे ईंट भट्ठों में जहां हरित पट्टी बनाने के लिए स्थान नहीं है, वहां 3 मीटर ऊंचाई की दीवार बनायी जायेगी ताकि धूल का निकलना रोका जा सके। हरित पट्टी के साथ ईंट भट्ठे की स्थापना के लिए कम से कम 02 एकड़ क्षेत्र आवश्यक होगा। इसके अतिरिक्त ईंट भट्ठे की स्टैक/चिमनी को आकाशीय बिजली से बचाने के लिए लोक निर्माण विभाग के नियमों के अनुसार आकाशीय बिजलीरोधक लगाये जाने भी आवश्यक होंगे।
इसके अलावा ईंट भट्ठों के लिए समुचित रखरखाव प्रक्रिया, जिसमें कोयले की राख का निस्तारण, भट्ठे के चारों ओर दोहरी दीवार, समुचित लेआउट, ब्रिक लाइन पैसेज, उच्च गे्रड के कोयले का प्रयोग, समुचित फायरिंग प्रक्रिया, ध्वनि प्रदूषण से सुरक्षा तथा अन्य व्यवस्थायें भी भट्ठा स्वामियों द्वारा अपनायी जायेगी।
आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों/सहायिकाओं एवं मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के मानदेय की दरों में बढ़ोत्तरी
मंत्रिपरिषद ने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों/सहायिकाओं एवं मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को दिये जाने वाले मानदेय की दरों में बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। यह वृद्धि 01 अपै्रल, 2011 से प्रभावी होगी।
मंत्रिपरिषद द्वारा मानदेय की दरों में निम्नानुसार वृद्धि स्वीकृत की गई है:-
क्र. सं. श्रेणी दिनांक 01.04.2008 की निर्धारित दरें दिनांक 01.04.2011 से प्रभावी संशोधित दरें
अ आंगनबाड़ी कार्यकत्री
1. नान मैट्रिकुलेट 1438 रूपये 2938 रूपये
2. नान मैट्रिकुलेट 05 वर्ष की मानदेय सेवा 1469 रूपये 2969 रूपये
3. नान मैट्रिकुलेट 10 वर्ष की
मानदेय सेवा 1500 रूपये 3000 रूपये
4. मैट्रिकुलेट 1500 रूपये 3000 रूपये
5. मैट्रिकुलेट 05 वर्ष की मानदेय सेवा 1531 रूपय 3031 रूपये
6. मैट्रिकुलेट 10 वर्ष की मानदेय सेवा 1563 रूपये 3063 रूपये
ब. आंगनबाड़ी सहायिका 750 रूपये 1500 रूपये
स. मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रों की आंगनबाड़ी कार्यकत्री 750 रूपये 1500 रूपये
इसके अलावा वर्ष 2004-05 से राज्य सरकार द्वारा अपने स्रोतों से प्रति माह आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को दिया जा रहा 200 रूपये तथा सहायिकाओं को 100 रूपये का मानदेय इन्हें पूर्ववत प्राप्त होता रहेगा।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में गर्भवती/धात्री महिलाओं, बच्चों तथा किशोरियों को कुपोषण से बचाने के लिए भारत सरकार की सहायता से समेकित बाल विकास कार्यक्रम का संचालन 897 परियोजनाओं के माध्यम से किया जा रहा है। इन परियोजनाओं के अन्तर्गत 1,66,073 आंगनबाड़ी केन्द्र तथा 22,186 मिनी आंगनबाड़ी केन्द्र स्वीकृत/संचालित हैं। इन आंगनबाड़ी केन्द्रों पर एक कार्यकत्री एवं एक सहायिका तैनात है तथा मिनी आंगनबाड़ी केन्द्र पर मात्र आंगनबाड़ी कार्यकत्री ही तैनात है। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों/सहायिकाओं तथा मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को दिये जाने वाले मानदेय में भारत सरकार का 90 प्रतिशत तथा राज्य सरकार का 10 प्रतिशत अंश समाहित है। भारत सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों/सहायिकाओं एवं मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्री को दिये जाने वाले मानदेय की दरों को 01 अपै्रल, 2011 से बढ़ाये जाने का निर्णय लिया था, जिसे 11 जुलाई, 2011 को संसूचित किया गया था।
शासकीय निर्माण कार्यों में अनुसूचित जाति/जनजाति के ठेकेदारों को अनुमन्य आरक्षण व्यवस्था समाप्त
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आज यहां सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में शासकीय निर्माण कार्यों हेतु ठेकेदारी में अनुसूचित जाति/जनजाति के ठेकेदारों को अनुमन्य आरक्षण व्यवस्था को समाप्त करने का फैसला लिया गया। मंत्रिपरिषद ने शासकीय निर्माण कार्यों हेतु ठेकेदारी में प्रतिस्पर्धात्मक दरें प्राप्त करने, गुणवत्ता बनाये रखने तथा शासकीय कार्यों की निविदा प्रक्रिया में प्रतिभाग करने के लिए सभी को समान रूप से अवसर प्रदान करने के दृष्टिगत लोक हित में यह निर्णय लिया है।
ज्ञातव्य है कि 30 जून, 2009 के शासनादेश द्वारा प्रदेश में राज्याधीन विभाग, निगम, उपक्रम, प्राधिकरण, परिषद एवं निकाय के अधीन शासकीय निर्माण कार्य में पांच लाख रूपये तक लागत वाले कार्यों की ठेकेदारी में अनुसूचित जाति/जनजाति के व्यक्तियों को क्रमशः 21 प्रतिशत एवं 02 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई थी। तत्पश्चात् 29 जनवरी, 2010 के शासनादेश द्वारा लागत कार्य की सीमा को बढ़ाकर पच्चीस लाख रूपये कर दिया गया। लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियन्ता (विकास) तथा विभागाध्यक्ष द्वारा शासन को उपलब्ध कराई गई आख्या के अनुसार इस प्रक्रिया से निविदा आमंत्रित करने में प्रतिस्पर्धात्मक दरें प्राप्त नहीं हो रही हैं। इसके कारण निर्माण कार्यों की गुणवत्ता प्रभावित होने की संभावना बनी रहती है। उन्होंने प्रकरण में पुनर्विचार कर संशोधन किए जाने की संस्तुति की थी। इस पर सम्यक विचारोंपरान्त मंत्रिपरिषद ने सरकारी कार्यों की ठेकेदारी में आरक्षण की इस व्यवस्था को समाप्त करने का फैसला लिया है।
उ0प्र0 बेरोजगारी भत्ता योजना, 2012 लागू करने का निर्णय
योजना से प्रदेश के लगभग 09 लाख बेरोजगार युवक/युवतियां होंगे लाभान्वित
वर्तमान वित्तीय वर्ष में राज्य सरकार पर लगभग 1113 करोड़ रूपये का व्यय भार आयेगा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आज यहां शास्त्री भवन में संपन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में उ0प्र0 बेरोजगारी भत्ता योजना, 2012 को लागू करने का निर्णय लिया गया। योजना से प्रदेश के लगभग 09 लाख बेरोजगार युवक/युवतियां लाभान्वित होंगे तथा इसमें वर्तमान वित्तीय वर्ष में लगभग 1113 करोड़ रूपये का व्यय भार राज्य सरकार पर आयेगा। प्रत्येक बेरोजगार व्यक्ति को प्रतिमाह 01 हजार रूपये बेरोजगारी भत्ता दिया जायेगा। बेरोजगारी भत्ते का भुगतान त्रैमासिक किश्तों में किया जायेगा।
मंत्रिपरिषद ने योजना को लागू करने के लिये नियम एवं शर्तों को भी मंजूरी प्रदान की है। इनके अनुसार, योजना का लाभ 30 वर्ष से अधिक आयु के ऐसे व्यक्तियों को, जो हाईस्कूल अथवा समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण हों तथा किसी भी रोजगार, जिसमें सरकारी, अर्द्धसरकारी व निजी क्षेत्र की नौकरी एवं स्वरोजगार सम्मिलित हैं, में न लगा हो एवं प्रदेश के किसी सेवायोजन कार्यालय में पंजीकृत हो, को 40 वर्ष आयु पूर्ण करने तक मिलेगा। योजना का लाभ उन्हीं बेरोजगार व्यक्तियों को मिलेगा, जो उत्तर प्रदेश के मूल निवासी हैं तथा वर्तमान में राज्य में निवास कर रहे हैं।
मंत्रिपरिषद द्वारा लिये गये फैसले के अनुसार बेरोजगार व्यक्ति के परिवार की समस्त स्रोतों से आय 36 हजार रूपये वार्षिक से कम हो तथा उसके माता-पिता अथवा सास-ससुर (जैसी भी स्थिति हो) कि समस्त स्रोतों से आय 1 लाख 50 हजार रूपये वार्षिक अथवा इससे कम हो। किसी वित्तीय वर्ष में 15 मार्च तक किसी सेवायोजन कार्यालय में पंजीकृत होने की दशा में बेरोजगारी भत्ता अगले वित्तीय वर्ष में आवेदन जमा करने के माह के अगले माह की पहली तिथि से अनुमन्य होगा।
योजना का क्रियान्वयन प्रदेश स्तर पर प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय तथा जिला स्तर पर जिलाधिकारी के निर्देशन में सम्बन्धित सहायक निदेशक/जिला रोजगार सहायता अधिकारी द्वारा किया जायेगा। बेरोजगार व्यक्ति को रोजगार प्राप्त होने पर बेरोजगारी भत्ते का भुगतान रोक दिया जायेगा। यह सूचित करने का दायित्व बेरोजगार व्यक्ति का ही होगा कि उसे अमुक माह से रोजगार मिल गया है। गलत शपथ पत्र एवं गलत विवरण देने की स्थिति में सम्बन्धित व्यक्ति का बेरोजगारी भत्ता रोक दिया जायेगा तथा उसके विरूद्ध समुचित कानूनी कार्रवाई भी की जायेगी।
मंत्रिपरिषद ने यह भी फैसला किया है कि बेरोजगारी भत्ता पाने वाले व्यक्तियों से सरकार/जिला प्रशासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्र की स्थिति में उनके निवास स्थान के विकास खण्ड अथवा नगर क्षेत्र की स्थिति में सम्बन्धित नगरीय क्षेत्र की सीमाओं में उनको रोजगारपरक कौशल की वृद्धि हेतु उनसे समय-समय पर कार्य लिया जा सकता है। यदि बेरोजगारी भत्ता पाने वाला व्यक्ति बुलाये जाने पर कार्य करने के लिए उपस्थित नहीं होता है तो उसका बेरोजगारी भत्ता रोका जा सकता है। इस योजना के सुचारू संचालन के लिये सेवायोजन विभाग द्वारा आॅनलाइन व्यवस्था भी विकसित की जायेगी, जिसके विस्तृत दिशा-निर्देश अलग से जारी किये जायेंगे। योजना के बारे में किसी भी प्रकार की शिकायत प्राप्त होने पर सम्बन्धित जिले का जिलाधिकारी किसी भी अधिकारी से जांच कराकर निर्णय लेगा, जो अन्तिम होगा। समस्त जिलाधिकारियों द्वारा यथावश्यकता समय-समय पर रैन्डम सत्यापन भी कराया जायेगा।
जीरो बेस बजटिंग के आधार पर 13 विभागों की 26 योजनाओं/कार्यक्रमों को समाप्त करने का निर्णय
फैसले से 4861.72 करोड़ रु0 की बचत होगी, जिसका सदुपयोग नवीन प्राथमिकता कार्यक्रमों के लिये किया जाएगा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आज यहां संपन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में जीरो बेस बजटिंग के आधार पर 13 विभागों की 26 योजनाओं/कार्यक्रमों को समाप्त करने का निर्णय लिया गया है। इस फैसले से जहां वित्तीय वर्ष 2012-13 के लेखानुदान में लगभग 4861.72 करोड़ रूपये की बचत होगी, वहीं इस बचत को वर्तमान वित्तीय वर्ष के मूल आय-व्ययक में समायोजित कर नये प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों में इसका सदुपयोग किया जायेगा। जिन योजनाओं/कार्यक्रमों को समाप्त करने का निर्णय लिया गया है, उनके विभाग अधूरे कार्यों को पूर्ण कराने तथा समस्त देनदारियों के पश्चात यथोचित आदेश निर्गत करेंगे।
गौरतलब है कि प्रदेश के त्वरित एवं समावेशी विकास हेतु अपेक्षित संसाधन जुटाने तथा उपलब्ध संसाधनों का अनुकूलतम उपयोग करने के उद्देश्य से सभी विभागों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। विचार-विमर्श के दौरान 13 विभागों की 26 योजनाओं को समाप्त किये जाने पर सहमति बनी।
इसके आधार पर मंत्रिपरिषद द्वारा निम्नलिखित योजनाओं/कार्यक्रमों को समाप्त करने का निर्णय लिया गया है:-
विभाग योजना का नाम
1 आवास एवं शहरी नियोजन 1 मान्यवर श्री कांशीराम जी शहरी गरीब आवास योजना
2 मान्यवर श्री कांशीराम जी ग्रीन (ईको) गार्डेन का निर्माण
3 लखनऊ में परिवर्तन चैक एवं बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर प्रतीक स्थल के सौन्दर्यीकरण एवं अनुरक्षण कार्य
2 महिला कल्याण एवं बाल विकास 4 महामाया गरीब बालिका आशीर्वाद योजना
3 नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन 5 मान्यवर श्री कांशीराम जी शहरी दलित बाहुल्य बस्ती समग्र विकास योजना
4 ग्राम्य विकास 6 महामाया आवास योजना
7 महामाया सर्वजन आवास योजना
5 प्राविधिक शिक्षा 8 सावित्री बाई फुले बालिका शिक्षा मदद योजना
6 व्यावसायिक शिक्षा 9 सावित्री बाई फुले बालिका शिक्षा मदद योजना
7 अल्पसंख्यक कल्याण 10 मान्यवर श्री कांशीराम जी शहरी समग्र विकास योजना के अंतर्गत रोजगार सृजन
11 सावित्री बाई फुले बालिका शिक्षा मदद योजना
8 पंचायती राज 12 डा. अम्बेडकर ग्रामों में सी0सी0 रोड तथा के0सी0ड्रेन का निर्माण
13 सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान के अंतर्गत विशेष प्रोत्साहन
9 माध्यमिक शिक्षा 14 सावित्री बाई फुले बालिका शिक्षा मदद योजना
10 ऊर्जा 15 डा. अम्बेडकर ग्राम सभा विकास योजना
11 समाज कल्याण 16 छात्र/छात्राओं हेतु विभागीय छात्रावासों का निर्माण
17 रोजगार सृजन, प्रशिक्षण एवं अवस्थापना सुविधा
18 अनुसूचित जाति - छात्रवृत्ति योजना
19 कोल जातियों का एकीकृत विकास
20 डा. अम्बेडकर सामुदायिक विकास केन्द्रों का निर्माण
21 मान्यता प्राप्त अनुसूचित बाहुल्य प्राथमिक विद्यालयों को एकमुश्त सहायता
22 गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के छात्रों को विदेश शिक्षा हेतु आर्थिक सहायता
12 लोक निर्माण 23 मान्यवर श्री कांशीराम जी शहरी गरीब आवास योजना के अंतर्गत मार्गों के निर्माण/पुनर्निमार्ण के चालू कार्य
24 डा. अम्बेडकर ग्राम सभा विकास योजना के अंतर्गत चयनित ग्रामों में सड़कों का निर्माण
13 लघु सिंचाई 25 डा. भीमराव अम्बेडकर नलकूप योजना
26 डा. अम्बेडकर सामूहिक नलकूप योजना
डाॅ0 राम मनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना लागू करने का निर्णय
पूर्व में संचालित समग्र ग्राम्य विकास योजना तथा डाॅ0 अम्बेडकर ग्राम सभा विकास योजना को समाप्त किया गया
योजना के तहत 05 वर्षों में लगभग 10 हजार ग्रामों को आच्छादित किया जायेगा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आज यहां संपन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में डाॅ0 राम मनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना लागू करने का निर्णय लिया गया। मंत्रिपरिषद ने डाॅ0 अम्बेडकर ग्राम सभा विकास विभाग का नाम बदलकर समग्र ग्राम विकास विभाग किए जाने तथा डाॅ0 राम मनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना के लागू होने के फलस्वरूप, पूर्व में संचालित समग्र ग्राम्य विकास योजना तथा डाॅ0 अम्बेडकर ग्राम सभा विकास योजना को समाप्त करने का फैसला भी लिया गया।
मंत्रिपरिषद द्वारा डाॅ0 राम मनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना के अन्तर्गत 22 विभागों के 36 कार्यक्रम चिन्हित करते हुए इन्हें संचालित करने के मानक भी निर्धारित कर दिये गये हैं। योजना के तहत 05 वर्षों में लगभग 10 हजार ग्रामों को आच्छादित किया जायेगा। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2012-13 में 1600 ग्रामों तथा आगामी 04 वर्षों में प्रतिवर्ष 2100 ग्रामों को योजना के तहत चयनित कर विकसित किया जायेगा। ग्रामों के चयन हेतु समग्र ग्राम विकास विभाग द्वारा प्रदेश के विभिन्न जनपदों के पिछड़ेपन के सूचकों के आधार पर प्रदेश स्तर पर वर्षवार एवं जनपदवार ग्रामों की संख्या का निर्धारण किया जायेगा।
मंत्रिपरिषद ने चयनित ग्रामों के विकास हेतु कार्य योजना बनाने, योजनाओं के क्रियान्वयन तथा अनुश्रवण के लिये जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति गठित करने का फैसला भी लिया है, जिसमें मुख्य विकास अधिकारी उपाध्यक्ष तथा परियोजना निदेशक सदस्य सचिव होंगे। इसके अतिरिक्त जिला विकास अधिकारी, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी तथा सम्बन्धित विभागों के जिलास्तरीय अधिकारी समिति के सदस्य होंगे।
डाॅ0 राम मनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना के अन्तर्गत निम्नलिखित
36 विकास कार्यक्रम संचालित होंगे:-
क्रमांक डाॅ0 राम मनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना के लिए प्रस्तावित कार्यक्रम कार्यदायी विभाग का नाम
1 2 3
1 सम्पर्क मार्ग निर्माण लोक निर्माण विभाग
2 ग्रामीण विद्युतीकरण ऊर्जा विभाग
3 आन्तरिक गलियों एवं नालियों का निर्माण पंचायती राज विभाग
4 स्वच्छ शौचालय
5 आवासहीन को आवास ग्राम्य विकास विभाग
6 स्वच्छ पेयजल
7 तालाबों का जीर्णोद्धार
8 प्राथमिक/उच्च प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालय की स्थापना/निर्माण बेसिक/माध्यमिक शिक्षा विभाग
9 स्वास्थ्य उपकेन्द्र की स्थापना/निर्माण चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग
10 आंगनवाड़ी केन्द्रों का निर्माण महिला कल्याण एवं बाल विकास विभाग
11 वैकल्पिक विद्युत व्यवस्था एवं मार्ग प्रकाश अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत विभाग
12 विशिष्ट परियोजनायें विभिन्न विभाग
13 महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारण्टी कार्यक्रम ग्राम्य विकास विभाग
14 स्वर्ण जयन्ती ग्राम स्वरोजगार योजना
15 निःशुल्क बोरिंग लघु सिंचाई विभाग
16 कृषि भूमि एवं सीलिंग से सरप्लस भूमि का आवंटन राजस्व विभाग
17 आवासीय पट्टे का आवंटन
18 मछली पालन हेतु पट्टे का आवंटन/तालाब सुधार कार्यक्रम राजस्व/मत्स्य विभाग
19 कुम्हारीकला हेतु पट्टे का आवंटन राजस्व विभाग
20 उद्यमिता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम व्यवसायिक शिक्षा विभाग
21 बेरोजगारी भत्ता श्रम एवं सेवायोजन विभाग
22 टैबलेट एवं पी0सी0 वितरण माध्यमिक शिक्षा विभाग
23 वृद्धावस्था/किसान पेंशन समाज कल्याण विभाग
24 पति की मृत्यु के उपरान्त निराश्रित महिलाओं को सहायक अनुदान महिला कल्याण एवं बाल विकास विभाग
25 विकलांग पेंशन विकलांग कल्याण विभाग
26 मुख्यमंत्री पेंशन योजना समाज कल्याण विभाग
27 अनुसूचित जाति/जनजाति छात्रवृत्ति
28 पिछड़ा वर्ग छात्रवृत्ति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग
29 गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले सामान्य वर्ग के छात्रों को छात्रवृत्ति समाज कल्याण विभाग
30 अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति अल्पसंख्यक कल्याण विभाग
31 पशुओं का टीकाकरण पशुपालन विभाग
32 कृत्रिम गर्भाधान
33 आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति खाद्य एवं रसद विभाग
34 बीज प्रतिस्थापन कृषि विभाग
35 किसान क्रेडिट कार्ड
36 मृदा परीक्षण
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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