राष्ट्रीय निषाद संघ के राष्ट्रीय सचिव चैधरी लौटन राम निषाद ने प्रदेश सरकार से उत्तर प्रदेश की विमुक्त
जनजातियों को महाराष्ट्र पैटर्न पर क्षेत्रीयता समाप्त कर शिक्षा, सेवायोजन, आर्थिक विकास, बजट प्रोविजन आदि में
तत्काल आरक्षण उपलब्ध कराने की मांग किया है। उन्होंने कहा कि चुनाव के समय 17 अतिपिछड़ी जातियों को
अनुसूचित जाति का आरक्षण देने का वायदा सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव व सपा के अन्य वरिष्ठ नेताओं द्वारा किये
जाने के बावजूद भी अभी तक इन जातियों को न तो आरक्षण ही दिया गया और न ही केन्द्र सरकार को विधि सम्मत
प्रस्ताव ही भेजा गया। उन्होंने कहा कि मझवार, बेलदार, तुरेहा, गोड़, खरवार आदि अनुसूचित जाति में शामिल है। परन्तु
वर्तमान में इन्हें प्रमाण पत्र नहीं दिया जा रहा है। यहीं नहीं जो लोग उक्त जाति के नाम पर नौकरी कर रहें है, विभागीय
जांच के नाम पर तरह-तरह से परेशान किया जा रहा है। उन्होंने प्रदेश सरकार से तत्काल उक्त जातियों की जांच प्रक्रिया
को बन्द किये जाने हेतु मांग किया है। उन्होंने कहा कि यदि मुलायम सिंह यादव 17 अतिपिछड़ी जातियों को आरक्षण
व सामाजिक न्याय देने की मंशा रखते है तो ईमानदारी से अन्य पिछड़े वर्ग से इन जातियों को अलग कर जनसंख्या
के अनुपात में आरक्षण की व्यवस्था करें। उन्होंने बताया कि शासनादेश संख्या 899(ए)/26-700(5)-1959, दिनंाक 12
मई 1961, शासनादेश सं0-3276/26-3-92-3(42)/90 दिनंाक 28 नवम्बर, 1992 आदि के आधार पर मल्लाह, लोध्
ा, केवट, कहार, मेवाती, औधिया, तगाभट, बंजारा, गोसाई, जोगी, मदारी, अहेरिया, सपेरा, भर, घोसी आदि को
सेवायोजन को छोड़कर शेष सभी सुविधायें जो अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए अनुमन्य है, देने का शासनादेश होते
हुये भी राज्य सरकार व शासन प्रशासन द्वारा इन विमुक्त जनजातियों के साथ सामाजिक अन्याय किया जा रहा है।
श्री निषाद ने आगे कहा कि यदि मुलायम सिंह यादव वचन के पक्के है तो उत्तर प्रदेश की विमुक्त जनजातियों
को क्षेत्रीयता समाप्त कर महाराष्ट्र पैटर्न पर शिक्षा, सेवायोजन, बजट प्रोवीजन, आर्थिक विकास आदि में जनसंख्या के
अनुपात में अलग कोटा निर्धारित कर आरक्षण की व्यवस्था करायें। उन्होंने उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी अनुसूचित जाति/जनजाति
प्रकोष्ठ के अध्यक्ष रामकृष्ण एवं राजबहादुर द्वारा 17 अतिपिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने के निर्णय
का विरोध करने की कटु निन्दा किया। उन्होंने अनुसूचित जाति में भी क्रीमीलेयर लागू करने तथा जिस व्यक्ति के द्वारा
अनुसूचित जाति के आरक्षण का लाभ लिया गया है उसके पुत्र पुत्रियों को आरक्षण का लाभ न देने की केन्द्र व प्रदेश
सरकार से मांग किया है। उन्होंने पदोन्नति में अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के आरक्षण को समाप्त करने के मा0 सर्वोच्च
न्यायालय व राज्य सरकार के निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि अतिपिछड़ों के साथ अन्याय व वायदा
खिलाफी करने वाली कांग्रेस व बसपा का जो हाल विधान सभा चुनाव में हुआ है, सपा ने विधि सम्मत तरीके से केन्द्र
सरकार को प्रस्ताव नहीं भेजा और विमुक्त जातियों को जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण की व्यवस्था नहीं किया तो
लोक सभा चुनाव में सपा का भी वहीं हाल होगा। उन्होंने निषाद, बिन्द, कश्यप, लोधी आदि बन्धुओं से 12 मई को
दारूलशफा ए-ब्लाक स्थित कामन हाॅल में आयोजित प्रतिनिधि सम्मेलन में भाग लेने की अपील किया है।
निषाद ने कहा कि सेन्स आॅफ इण्डिया-1961 के आधार पर मंझवार की पर्यायवाची/जेनरिक नेम मल्लाह, मंाझी,
केवट, राजगौड़, गोड़ मंझवार को माना गया है फिर भी मंझवार की पर्यायवाची जातियों को प्रमाण पत्र नहीं दिया जा
रहा है। जब कि चमार, जाटव की पर्यायवाची व उपजाति जाटवी, अहिरवार, शंखवार, दबकर, मोची, कुरील, आदिधर्मी,
नीम, कर्दम, पीपैल, दोहरे, दोहरा, रमदसिया, शिवदसिया, रैदासी आदि तथा वाल्मीकि की उपजाति भंगी, मेहतर,
लालबेगी, हलखोर, चूरा, मेस्तर आदि को निर्बाध रूप से चमार व वाल्मीकि का प्रमाण-पत्र दिया जा रहा है। परन्तु
मल्लाह, केवट, मांझी आदि को मंझवार का प्रमाण-पत्र न देकर सामाजिक अन्याय किया जा रहा है। निषाद ने कहा
कि मुलायम सिंह यादव सत्ता में आने के बाद यादव सहित कुछ दबंग जातियों को ही लाभ पहुॅचाने तथा अतिपिछड़ों की
उपेक्षा करने का काम करते है। नत्थी लाल बोहरे ने कहा कि आशा से अधिक सीटें जीतने के मद में सपा न रहें क्योंकि
20 प्रतिशत वे अतिपिछड़ी जातियां जिन्हें सपा अनुसूचित जाति में शामिल करने का झूठा वायदा कर व भ्रमित कर वोट
लेने का काम किये, सामाजिक अन्याय होने पर लोक सभा चुनाव में ये जातियां एक जुट होकर सबक सिखायेंगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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