उ0प्र0राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद की बैठक उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई जिसमें सभी पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जी द्वारा की गई घोषणा कि ‘‘पहले जनता को पूरी बिजली मिले तभी बढे़गें बिजली के दाम‘‘ का स्वागत किया गया।
बैठक के उपरान्त उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष एवं विश्व ऊर्जा काउंसिल के स्थायी सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा वर्तमान में बिजली संकट की दशा को देखते हुए बिजली दर को न बढ़ाने का जो निर्णय लिया गया है वह बिल्कुल सही और स्वागत योग्य है। सही मायने में प्रदेश की जनता को जब तक उनकी आवश्यकता के मुताबिक बिजली की सप्लाई नहीं दी जाती तब तक उनकी दरों मंे बढ़ोत्तरी कदापि नहीं होनी चाहिए। निश्चित ही बिजली विभाग वर्तमान में बहुत बडे़ ़घाटे में है, परन्तु आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए यदि बिजली विभाग के लोग कमर कस लें तो वह दिन दूर नहीं जब बिजली विभाग की स्थिति काफी मजबूत हो जायेगी। वर्तमान में वर्ष 2012-13 के आंकड़ों पर नजर डालें तो जो हमें प्रस्तावित बिजली खरीदना है वह लगभग 83788 मिलियन यूनिट है, अर्थात उस पर लाइन हानिया 27.65 प्रतिशत प्रस्तावित है। यदि सरकार और बिजली विभाग दृढ़ इच्छा शक्ति दिखाते हुए लाइन हानियों में 10 प्रतिशत कमी कर ले तो 10174 मिलियन यूनिट अतिरिक्त बिजली बच जायेगी और जिससे लगभग 3630 करोड़ रूपये का लाभ भी होगा। बिजली विभाग के अधिकारियों को केवल यह लगता है कि बिजली विभाग यदि घाटे में जा रहा है तो उसकी आर्थिक स्थिति बिजली दर बढ़ाकर ठीक की जा सकती है, परन्तु शायद वह लोग यह भूल गये हैं कि वर्ष 2000 से लेकर वर्ष 2009 तक लगातार बिजली दरें बढ़ती रही फिर भी घाटा कम नहीं हुआ और लगातार बढ़ रहा है। घाटे का मुख्या कारण अनाप-शनाप बिजली की खरीद, फिजूलखर्ची व बिजली चोरी पर अॅंकुश न लगना है, जिसके लिए पारदर्शी नीति बनाकर सही दिशा में प्रयास होना चाहिए। बिजली दर को न बढ़़ाने का निर्णय लेकर मा0 मुख्यमंत्री द्वारा एक साहसिक कदम उठाया गया है, जिसकी सभी को प्रश्ंासा करनी चाहिए।
बैठक मे ंप्रमुख रूप से श्री पीयूस चन्द्र, सुनील कुमार वर्मा, दीपक भसीन, मायाराम, महेन्द्र कुमार, नवीन चन्द्र वर्मा, वीरेन्द्र कुमार, रविचन्द्र सहित अनेको पदाधिकारी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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