Posted on 05 May 2012 by admin
- प्रस्तावित व्यवस्था से किसी संस्था की स्वायत्तता क्षीण न हो
- आंतरिक सुरक्षा से जुड़े मुद्दों से निपटने के लिए केन्द्र तथा राज्यों की साझेदारी एवं परस्पर सहयोग महत्वपूर्ण
- नेशनल काउन्टर टेरेेरिज़्म सेन्टर पर दिल्ली में बैठक सम्पन्न
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने आतंकवाद निरोधक व्यवस्था कायम करने के लिए केन्द्र और राज्यों के स्तर पर एकीकृत प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि नेशनल काउन्टर टेरेरिज़्म सेन्टर (एन.सी.टी.सी.) जैसी व्यवस्था को मूर्तरूप देने से पूर्व इसके स्वरूप, शक्तियों एवं संचालन पर विचार किया जाना चाहिए, जिससे कि किसी संस्था की स्वायत्तता क्षीण न हो और प्रस्तावित व्यवस्था समय की कसौटी पर भी खरा उतरे।
यह विचार आज नई दिल्ली में केन्द्र सरकार द्वारा आहूत एन.सी.टी.सी. के सम्मेलन में प्रदेश के पंचायती राज मंत्री श्री बलराम यादव ने मुख्यमंत्री का वक्तव्य पढ़ते हुए व्यक्त किए। इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह, गृह मंत्री श्री पी0 चिदम्बरम एवं अन्य सभी प्रदेशों के मुख्यमंत्री/प्रतिनिधि उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री के विचारों से सम्मेलन को अवगत कराते हुए पंचायती राज मंत्री ने कहा कि कानून-व्यवस्था मूलतः राज्य का विषय है। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के परिप्रेक्ष्य में स्थानीय परिस्थितियों का आंकलन, लोगों की संवेदनाओं तथा स्थानीय परिदृश्यों पर विशेष ध्यान दिया जाना आवश्यक है। यह भी अविवादित है कि आतंकवाद निरोधक कार्यवाहियां अक्सर कानून-व्यवस्था के संवेदनशील पहलुओं से भी जुड़ी होती हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का यह दायित्व है कि इन सभी पहलुओं के दृष्टिगत वरीयतायें निर्धारित करें तथा राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी सुसंगत कदम उठाए। इसीलिए किसी भी आॅपरेशनल कार्यवाही की जानकारी राज्य सरकार को रहना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि कोई भी आॅपरेशन स्थानीय पुलिस के परामर्श एवं सहभागिता से ही संचालित किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र द्वारा वर्तमान में प्रस्तावित एन.सी.टी.सी. की व्यवस्था इन सिद्धान्तों के अनुरूप नहीं है। उन्होने प्रस्तावित व्यवस्था पर पुनर्विचार करने का अनुरोध करते हुए कहा कि इसके अन्तर्गत एन.सी.टी.सी. किसी राज्य में प्रदेश सरकार की जानकारी के बिना, एन.एस.जी. अथवा केन्द्र सरकार के किसी विशेष बल के सहयोग से आपरेशन कर सकती है। उन्हांेने कहा कि इस प्रावधान से कानून-व्यवस्था से जुड़ी असमंजसपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इसके दुरूपयोग की सम्भावनाओं से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि परम्परागत रूप से किसी भी राज्य में केन्द्र सरकार का कोई बल राज्य सरकार की सहमति के बिना व्यवस्थापित नहीं किया जा सकता। सहमति की दशा में भी आपरेशनल कण्ट्रोल राज्य सरकार के पास ही रहता है। उन्होंने कहा कि इस सिद्धान्त का पालन एन.सी.टी.सी. के परिप्रेक्ष्य में भी किया जाना चाहिए।
श्री यादव ने अपने वक्तव्य में कहा कि प्रत्येक राज्यों ने ए.टी.एस. आदि की स्थापना करके अपने स्तर से आतंकवाद के विरूद्ध प्रतिरोध क्षमता विकसित की है। राज्य एवं केन्द्र की सभी इकाईयों के बीच समन्वय कायम है। अभी तक सभी कार्यवाहियां बिना किसी अवरोध के समन्वित रूप से की जाती रही हैं। इन्टेलीजेन्स ब्यूरो द्वारा इंगित विभिन्न आपरेशनल लीड्स के आधार पर समन्वित रूप से आतंकवादियों के विरूद्ध कई आपरेशन्स सफलतापूर्वक चलाए गए हैं। इन परिस्थितियों में एन.सी.टी.सी. के माध्यम से आपरेशनल शक्तियों की दोहरी व्यवस्था कायम किए जाने का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने कहा कि एन.सी.टी.सी. के सृजन विषयक आदेश की प्रस्तावना में इस बात पर जोर दिया गया है कि वर्तमान व्यवस्थाओं को ही मजबूत किया जाय तथा किसी प्रकार की दोहरी व्यवस्था कायम न की जाय। इसलिए एन.सी.टी.सी. को स्वतंत्र रूप से आपरेशनल शक्तियां दिए जाने का कोई सुसंगत आधार नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रस्तावित व्यवस्था में एन.सी.टी.सी. को इन्टेलीजेन्स ब्यूरो के अधीन करते हुए राज्य की विभिन्न इकाईयों की आपरेशनल प्राथमिकतायें निर्धारित करने के अधिकार दिए गए हैं, जो राज्य के अधिकार क्षेत्र में अतिक्रमण है। उन्होंने कहा कि राज्य को अधिकार है कि वह स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप अपनी अधीनस्थ इकाईयों के लिए विभिन्न वरीयतायें निर्धारित करे। दोहरे नियंत्रण से भ्रम की स्थिति उत्पन्न होगी तथा अपेक्षित परिणाम प्राप्त करने में संदेह रहेगा। उन्होंने कहा कि एन.सी.टी.सी. को राज्य की किसी भी इकाई से कोई भी सूचना प्राप्त करने का अधिकार है, परन्तु राज्य सरकार की इकाईयों को एन.सी.टी.सी. से उसी प्रकार सूचना प्राप्त किए जाने का कोई ठोस प्राविधान नहीं किया गया है। इसलिए ऐसा प्राविधान करने की आवश्यकता है कि यदि राज्य सरकार कोई सूचना चाहे तो एन.सी.टी.सी. प्रदान करने के लिए बाध्य हो। इसी प्रकार यदि कानून-व्यवस्था की दृष्टि से कोई तथ्य जनहित में गोपनीय रखा जाना आवश्यक हो तो राज्य को उसे देने के लिए बाध्य नहीं किया जाना चाहिए।
श्री यादव ने कहा कि उनकी सरकार का स्पष्ट मत है कि एन.सी.टी.सी. को मूलतः अभिसूचना संकलन, विश्लेषण तथा आंकलन आदि से सम्बंधित दायित्वों के लिए सशक्त किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि यह एजेन्सी अपना पूरा सामथ्र्य अभिसूचना की गुणवत्ता पर लगाए तो वह ज्यादा कारगर होगी। उन्होंने सुझाव दिया कि संस्था सामान्य प्रकृति की इन्टेलीजेन्स के बजाये एक्शनेबल इन्टेलीजेन्स विकसित करे। एक्शनेबल इन्टेलीजेन्स के आधार पर आपरेशनल कार्यवाहियां राज्य की इकाईयों द्वारा की जाए। इसके अलावा जहां राज्य द्वारा आवश्यक समझा जाय वहां एन.सी.टी.सी. का सहयोग प्राप्त किया जाय। उन्होंने कहा कि मल्टी एजेंसी सेन्टर की जो व्यवस्था एन.सी.टी.सी. में समाहित की गई है उसमें भी सक्रियता लाये जाने की आवश्यकता है। एन.सी.टी.सी. द्वारा लीड आपरेशनल इनपुट्स को विकसित करके राज्य की इकाईयों को यथाशीघ्र प्रभावी कार्यवाही हेतु सुलभ कराया जाना लाभप्रद होगा। विभिन्न प्रकार के डेटाबेस उदाहरणार्थ पासपोर्ट, इमीग्रेशन आदि भी राज्य की आपरेशनल एजेन्सीज को सुलभ कराया जाय। इंटरनेट टैªफिक पर सीधे सर्विलांस करने के लिए वाॅयस ओवर इन्टरनेट प्रोटोकाॅल की टैपिंग हेतु आवश्यक इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं वित्त पोषण केन्द्र सरकार द्वारा सुलभ कराया जाय। इससे राज्य की आपरेशनल यूनिट्स और अधिक सशक्त होंगी।
मुख्यमंत्री ने एन.सी.टी.सी. की स्टैण्डिंग काउन्सिल की भूमिका एवं कार्यप्रणाली के बारे में राज्यों को सुलभ कराये गये एस.ओ.पी. के ड्राफ्ट की चर्चा करते हुए कहा कि इसपर भी प्रदेश सरकार की कुछ आपत्तियां हैं। उन्होंने कहा कि इस परिप्रेक्ष्य में आतंकवाद निरोधक प्रयासों में सुधार लाए जाने की दृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों एवं विशिष्ट पहलुओं पर विचार हेतु प्रस्तावित फोकस ग्रुप में सम्बंधित राज्यों का प्रभावी प्रतिनिधित्व होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हाई वैल्यू टारगेट अथवा विशिष्ट इन्टेलीजेन्स इन्पुट पर कार्यवाही हेतु जो विशेष टीमें गठित की जाए, उनके कार्य की समीक्षा का अधिकार पूर्णरूपेण काउन्सिल को होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह अधिकार किसी भी परिस्थिति में मात्र डायरेक्टर को नहीं दिया जाना चाहिए। इसी प्रकार एन.सी.टी.सी. के आपरेशनल डिवीजन के लिए बनाई गई एस.ओ.पी. भी स्वीकार योग्य नहीं है। उन्होंने कुछ महत्वपूर्ण कमियों की तरफ केन्द्र का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि निदेशक, एन.सी.टी.सी. को यह विकल्प दिया गया है कि विशेष परिस्थितियों में, वह राज्य के पुलिस महानिदेशक अथवा ए.टी.एस. प्रमुख केे परामर्श एवं सहयोग के बिना भी राज्य में तलाशी, बरामदगी एवं गिरफ्तारी आदि की कार्यवाही कर सकता है, यहां तक कि उन्हें सूचित करने की भी आवश्यकता नहीं है। राज्य के पुलिस महानिदेशक एवं ए.टी.एस. प्रमुख अनुभवी एवं जवाबदेह अधिकारी होते हैं। अतएव किसी भी प्रकार की कार्यवाही के पूर्व उनसे परामर्श एवं समन्वित सहयोग आवश्यक होना चाहिए।
श्री यादव ने कहा कि प्रस्तावित व्यवस्था में एन.सी.टी.सी. की जो टीम आपरेशनल कार्यवाहियां करेगी, उसको यह विकल्प दिया गया है कि निकटतम थाने में उसके लिखित अभिकथन को प्रथम सूचना रिपोर्ट के पंजीकरण का आधार बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति उचित नहीं कही जा सकती है। उन्होंने कहा कि आपरेशनल टीम के प्रमुख द्वारा विधिवत प्राथमिकी दर्ज करायी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि एस.ओ.पी. के सम्बन्ध में जो बिन्दु उठाये गये हैं, उनसे साफ है कि प्रस्तावित एस.ओ.पी. के प्राविधान भी राज्य के अधिकार क्षेत्र में अतिक्रमण स्वरूप ही हैं। उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए विभिन्न प्रकार की एस.ओ.पी. का पृथक-पृथक सृजन किया जाना आवश्यक है। परस्पर इन्टेलीजेन्स शेयरिंग के लिए विस्तृत एस.ओ.पी. की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि विभिन्न अभियानों के संचालन में भी परस्पर समन्वय एवं उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए एस.ओ.पी. बनाई जानी चाहिए। इसी प्रकार एन.सी.टी.सी. द्वारा सुचारू रूप से डेटा शेयरिंग किए जाने के लिए भी स्पष्ट
एस.ओ.पी. का निर्धारण लाभप्रद होगा। उन्होंने कहा कि एन.सी.टी.सी. द्वारा की गई कार्यवाहियों से सम्बंधित अभियोगों के ट्रायल हेतु फास्ट ट्रैक कोर्ट्स की तर्ज पर स्पेशल कोर्ट्स का सृजन जरूरी है, जिनका वित्तीय भार केन्द्र सरकार द्वारा ही वहन किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा पूर्व में नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी बनाई जा चुकी है, जिसे सम्पूर्ण भारत हेतु थाने के प्रभारी अधिकारी की शक्तियां प्रदान की गई हैं। एन.सी.टी.सी. के माध्यम से आपरेशनल कार्यवाहियों की शक्तियां भी प्राप्त की जा रही हैं। ऐसा सम्भव है कि एन.सी.टी.सी. आपरेशन करे और उसका अन्वेषण एन.आई.ए. द्वारा किया जाय। इस प्रकार पुलिस व्यवस्था कायम रखने में राज्य की कोई भूमिका ही शेष न रह जाए, जबकि यह राज्य का ही मूल संवैधानिक दायित्व है। केन्द्र सरकार द्वारा
एन.सी.टी.सी. के माध्यम से जिस प्रकार एकतरफा शक्तियां ग्रहण की जा रही हैं, उनमें राज्य की परस्पर सहमति एवं साझेदारी का कोई प्राविधान नहीं रखा गया है। इससे राज्य की व्यवस्थाएं छिन्न-भिन्न हो सकती हंै। इस प्रकार केन्द्र का यह कदम सीधा संघीय प्रणाली पर प्रहार है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद तथा उग्रवाद से जनित बड़े-बड़े संघर्ष स्थानीय क्षमताओं के विकास के उपरान्त ही निष्क्रिय किए जा सके हैं। अतः राज्यों की स्थानीय क्षमताओं में विकास किया जाय। पुलिस बलों के त्वरित एवं सुरक्षित आवागमन हेतु उपयुक्त वाहनों की व्यवस्था, संचार माध्यमों का उच्चीकरण, आतंकवादी तत्वों को निष्क्रिय करने के लिए प्रभावी शस्त्रों की सुलभता, इलेक्ट्रानिक सर्विलान्स हेतु आवश्यक इन्फ्रास्ट्रक्चर की व्यवस्था, आधुनिक उपकरणों की सुलभता, अन्तर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप आतंकवाद निरोधक प्रशिक्षण तथा विशिष्ट परिस्थितियों हेतु अपेक्षित निपुणताओं का विकास इत्यादि इसके महत्वपूर्ण अंश हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार का यह सुविचारित मत है कि आंतरिक सुरक्षा से जुड़े तमाम मुद्दों से निपटने के लिए केन्द्र तथा प्रदेश सरकार की साझेदारी एवं परस्पर सहयोग महत्वपूर्ण है। किसी भी आपरेशनल फंक्शन के लिए राज्य सरकार की जानकारी, सहयोग एवं समन्वय आवश्यक शर्त होनी चाहिए। उन्होने अपेक्षा की कि एक सबल, स्थायी एवं प्रभावी व्यवस्था प्रदान करने के लिए उत्तर प्रदेश की ओर से प्रस्तुत बिन्दुओं को अन्य राज्य भी अपनी सहमति प्रदान करेंगे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 05 May 2012 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं।
आज यहां जारी एक बधाई संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान गौतम बुद्ध के अहिंसा, करूणा और दया के संदेश से ही पूरी दुनिया में शांति एवं सद्भावना कायम की जा सकती है। उन्होंने कहा कि गौतम बुद्ध के संदेश आज की परिस्थितियों में और भी अधिक प्रासंगिक हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 05 May 2012 by admin
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से आज हीलिंग हार्ट फाउंडेशन की निदेशक मैरी ई0 पावलेन्टी ने अपनी सहयेागी गीतांजली भसीन के साथ भेंटकर बच्चों के ह्दयरोग से बचाव, शुद्ध पेयजल, स्वच्छ शौचालय आदि के क्षेत्र में काम करने की इच्छा जताई। इस मौके पर मुख्यमंत्री जी की पत्नी श्रीमती डिम्पल यादव, राज्यमंत्री अभिषेक मिश्र तथा प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी भी उपस्थित थे। यह शिष्टाचार भेंट पूर्वान्ह लखनऊ में मुख्यमंत्री निवास पर हुई।
सुश्री मैरी ने यहां की जन समस्याओं के बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्होने मुख्यमंत्री जी से बाल कल्याण की योजनाओं पर विशेष रूप से सहयेाग का प्रस्ताव किया। उन्होने श्री अखिलेश यादव को कम उम्र में देश के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने पर बधाई दी।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बताया कि उत्तर प्रदेश में पिछले शासनकाल में खेती में प्रगति अवरूद्ध हो गई थी। समाजवादी पार्टी की सरकार को बेकारी, शिक्षा, चिकित्सा आदि के क्षेत्र में कई चुनौतियों का सामना करना पड रहा है। चुनौतियां बड़ी हैं लेकिन पूरी जिम्मेदारी के साथ हम दायित्व निभाएगें। गांवों तक चिकित्सा सुविधाएं पहुॅचानी हंै। श्री यादव ने कहा कि युवकों की बेकारी में भीषण समस्या है। कम्प्यूटर और लैपटाप देने की योजना है। प्रदेश में अवस्थापना ढांचे की ओर ध्यान दिया जा रहा है।
अखिलेश यादव ने कहा कि भारत और अमेरिका परस्पर सहयेाग से विकास को अच्छी गति दे सकते हैं। भारत में परमाणु बिजली की जरूरत को ध्यान में रखकर ही समाजवादी पार्टी ने केन्द्र की सरकार को परमाणु करार में अपना समर्थन दिया था। प्रदेष के विकास में अमेरिकन कारपोरेट दिलचस्पी ले रहे है। विभिन्न क्षेत्रों में यह सहयोग और बढ़ना चाहिए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 05 May 2012 by admin
आज पार्टी मुख्यालय, 19 विक्रमादित्य मार्ग में एकत्र कार्यकर्ताओं और आम जनता से सिंचाई एवं लोक निर्माण मंत्री श्री शिवपाल सिंह यादव ने भेंटकर उनकी समस्याएं सुनी और उनके निस्तारण के निर्देश दिए। श्री यादव ने कहा कि सरकार जन कल्याण की योजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाएगी और ज्यादा से ज्यादा लोगों को राहत देने का काम करेगी। उनके साथ प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी एवं प्रदेश सचिव श्री एस0आर0एस0 यादव भी मौजूद थे।
सिंचाई एवं लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि सड़कों की मरम्मत, सम्पर्क मार्ग के निर्माण और पम्प नहरों की सफाई समय से और जल्दी करने के आदेश दे दिए गए हैं। इसमें लापरवाही बरतने वालों के साथ सख्ती की जाएगी। हम सरकार में जनसेवा की भावना से गए है इसलिए उसके हितो की पूर्ति हमारी प्रतिबद्धता है। उन्होने कहा कि समाजवादी सरकार भ्रष्टाचार कतई बर्दाश्त नहीं करेगी।
आज श्री शिवपाल सिंह यादव से भेंट करनेवालों में प्रमुख थे श्री चितरंजन स्वरूप, कमाल अख्तर तथा श्री सुरेन्द्र पटेल (राज्यमंत्री) श्री सुभाष पासी, गुलाम मोहम्मद, हाजी रिजवान, श्रीमती श्रद्धा यादव, राममूर्ति वर्मा (विधायक) इसके अतिरिक्त सरदार कमलेश सिंह, (सोनभद्र) जानकीपाल (सुल्तानपुर) तथा रिबू श्रीवास्तव ने भी भेंट की। कई भूतपूर्व विधायकों ने श्री शिवपाल सिंह यादव से मिलकर अपनी समस्याएं रखी। श्री यादव ने उन पर शीघ्र निर्णय लिए जाने का भरोसा दिलाया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 05 May 2012 by admin
समाजवादी पाटी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि विक्षिप्त आदमी रात के अंधेरे में रस्सी को भी सांप समझकर चीखने लगता है। नेता विरोधी दल, विधानसभा श्री स्वामी प्रसाद मौर्य की वही हालत है। बसपाराज में लूट, वसूली, हत्या और बलात्कार की ताबड़तोड़ घटनाओं ने अपराध के सारे रिकार्ड तोड दिए थे। उस अपराध बोध से स्वामी मौर्य उबर नहीं पा रहे हैं। इसलिए अपने बचाव में वे अपने सारे कुर्कमों की तोहमत समाजवादी पार्टी की सरकार पर लादने का सुख सपने में उठा रहे है। सच यह है कि बसपा मुख्यमंत्री को लोकतंत्र में जरा भी आस्था नहीं थी और वे आतंक और लूट तथा झूठ के सहारे ही पांच साल तक प्रदेशवासियों का उत्पीड़न करती रही।
डेढ़ माह की समाजवादी पार्टी की सरकार की सूची बनाने से पहले श्री मौर्य को अपने जमाने के दिनों की भी सूची बना लेनी चाहिए। बसपा मुख्यमंत्री के जन्म दिन के लिए चंदावसूली में बसपा विधायक ने एक इंजीनियर को पीट-पीटकर मार डाला। शीलू निषाद के साथ बलात्कार बसपा विधायक के घर पर ही हुआ। दूसरों के मकानों, जमीन पर अवैध कब्जे, यहां तक कि कब्रिस्तान की भी जमीन हथियाने की शिकायतों पर मंत्रियों को हटना पड गया। लोकायुक्त की जांच में आधा दर्जन से ज्यादा मंत्री फंस गए। हत्या, अपहरण में बसपा के कई मंत्री विधायक आज तक जेल के सीखंचों के अंदर है।
माफिया, मंत्री और अफसरशाही की सांठगांठ से पूरे प्रदेश में बसपा राज में भयंकर अराजकता थी, यह बात तो केन्द्रीय गृहमंत्रालय की रिपोर्टो से भी स्पष्ट है। यदि यही कानून का राज था तो वह उनको ही मुबारक हो। सत्ता का दुरूपयेाग कर बसपाराज में पुलिस को पूर्णतया बसपा की बालंटियर फोर्स बना दिया गया था। उनके राज में दो सीएमओ की हत्या हो गई। एक डिप्टी सीएमओ की जेल जैसी सुरक्षित जगह में हत्या कर दी गई। मायाराज में सरकार का इतना आतंक था कि जनता अपनी परेशानी भी नहीं बता सकती थी। जब से श्री अखिलेश यादव ने शासन सूत्र सम्हाला है माफियाओं पर अंकुश लगा है, भ्रष्टाचार पर रोक लगी है और लूट की छूट खत्म हुई है।
अच्छा होता नेता विरोधी दल समाजवादी पार्टी के मुख्यमंत्री की ओर उंगली उठाने से पहले अपने और अपने सहयोगियों के गिरेबां में झांक लेते। वे अपनी मुख्यमंत्री के भी कारनामें याद कर लेते। समाजवादी पार्टी सरकार ने विद्वेषभावना से ग्रस्त होकर अब तक बसपा के नेताओं के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जबकि बसपाराज में एक लाख से ऊपर समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं पर फर्जी मुकदमे लगाए गए थे। मुख्यमंत्री ने श्री मुलायम सिंह यादव के खिलाफ ही एक दिन में 150 मुकदमें दर्ज करा दिए थे। सुश्री मायावती के भ्रष्टाचार की पोटलियां पूरी तरह अभी खुली नहीं है। बसपाराज में लुटेरों की सरकार से सांठगांठ के एक नहीं अनेक प्रमाण है जबकि समाजवादी पार्टी की सरकार ने लूट और वसूली को अक्षम्य अपराध घेाषित कर रखा है।
बसपा नेता ने अपने बयान में भयमुक्त समाज के जो दावे किए हैं, उसे उनके अलावा कोई अन्य दुहराएगा भी नहीं। वे यह क्यों भूल जाते है कि मायाराज में बढ़ते अपराधों के कारण ही जनता त्रस्त थी और उसने मतदान का अवसर पाते ही बसपा को ठुकरा दिया। जनता के बीच अपने काले कारनामों के लिए क्षमा याचना करने की जगह वे जो अनर्गल और बेबुनियाद आरोप लगा रहे है वह उन्हें भारी पड़ेगी क्योंकि खुद मौर्य जी और उनकी पूर्व मुख्यमंत्री के विरूद्ध जांच के बाद कानूनी कार्यवाही और जेल जाना सुनिश्चित है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 05 May 2012 by admin
भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल आज हमीरपुर, मौदहा, राठ में ओलावृष्टि के कारण किसानों को हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए पीडि़त किसानों से मिला। इस दौरान बड़ी संख्या में मौजूद किसानों ने बताया कि उन्हें कोई सरकारी मद्द नहीं मिल रही है। उनके परिवार भुखमरी के कगार पर हैं अगर उन्हें सरकारी मद्द नहीं दी गई तो वे आत्महत्या करने को मजबूर होंगे।
श्री शाही जी ने कुछ गरीब किसानों की आर्थिक मदद पार्टी की तरफ से उपलब्ध कराई थी। श्री शाही ने भरूआ सुमेरूपुर नवीन गल्ला मंडी में गेहूं क्रय केन्द्र का औचक निरीक्षण किया। जहां पर भारी संख्या में मौजूद आक्रोशित किसानों ने बताया कि 15 दिन से घर द्वार छोड़कर वे आसमान के नीचे अपना गेहूं रखे हुए हैं और भारतीय खाद्य निगम ने बोरियां उपलब्ध नहीं कराई हैं। पूरी मंडी में भ्रष्टाचार व धांधली चरम पर है। आरएफसी व पीसीएफ क्रय केन्द्र पर रू0 285 प्रति क्विंटल एडवांस सुविधा शुल्क देने पर रू0 1285 रू0 की चैक बनाकर दी जाती है। आढ़तियों व दलालों द्वारा रू0 985 में गेहूं लेकर रू0 1285 में सरकार को दिया जा रहा है। जिससे 300/- प्रति क्विंटल की किसानों को क्षति हो रही है। भरूआ सुमेरपुर केन्द्र पर आए किसान रामकृपाल ने बताया कि मेरा टोकन नं0 1230 है जिसका नम्बर अभी नहीं आया जबकि 1233 व 1234 का गेहूं तौल दिया गया।
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि सपा के मुखिया मुलायम सिंह यादव व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने चुनाव पूर्व वादा किया था कि किसानों को गेहूं के लागत मूल्य से ढाई गुना ज्यादा मूल्य पर सरकार गेहूं खरीदेगी परन्तु यहां पर किसानों का उत्पीड़न हो रहा हेै। मंडी स्थल पर कोई अधिकारी नहीं मिला। श्री शाही ने हमीरपुर के जिलाधिकारी को फोन से संपूर्ण भ्रष्टाचार की जानकारी दी। श्री शाही ने कहा कि म0प्र0 की भाजपा सरकार रू0 150 प्रति क्विंटल किसानों को बोनस दे रही है और यहां के किसानों को आत्म हत्या के लिए मजबूर किया जा रहा है। अगर किसानों का शोषण बंद न हुआ तो प्रदेश स्तर पर बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
भाजपा के पूर्व अध्यक्ष के साथ प्रदेश उपाध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, प्रदेश महामंत्री श्रीमती पे्रमलता कटियार, कानपुर के विधायक रघुनंदन ंिसह भदौरिया, हमीरपुर की विधायक साध्वी निरंजन ज्योति, क्षेत्रीय मीडिया प्रभारी बी0डी0राय, भाजपा के वरिष्ठ नेता रामकृपाल सिंह, अशोक गोयल, निवर्तमान जिलाध्यक्ष हमीरपुर बृजकिशोर गुप्ता, चिंता सिंह चंदेल, सत्य नारायण सचान आदि लोग किसानों से मिले।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 05 May 2012 by admin
- वन विभाग द्वारा तितली पार्क सहित 14 परियोजनाएं प्रस्तावित
- ताज सफारी, मुमताज ईको पार्क, केमिल सफारी, नौकायान की योजनाएं
- पक्षियों के लिए प्राकृतिक वास व वाटर बाडीज का भी निर्माण होगा
प्रभारी मण्डलायुक्त/जिलाधिकारी अजय चैहान ने कहा है कि प्रदेश सरकार आगरा में पर्यटन सुविधाओं के विस्तार और पर्यटन प्रोत्साहन हेतु गम्भीर है तथा इसी क्रम में ताज नेचर वाक के सर्वांगीण विकास व ईको टूरिज्म को बढावा देने के लिए वन विभाग द्वारा 13 परियोजनायें प्रस्तुत की गई है। इन प्रस्तावित परियोजनाओ की लागत लगभग 48 करोड रूपये है, जिसमें से 31.08 करोड रूपये नेचर वाक तथा 17.25 करोड रूपये वनीकरण के लिए व्यय होने की संभावना है। इनके अतिरिक्त बटरफ्लाई पार्क विकसित किये जाने का भी प्रस्ताव है । उन्होंने सभी परियोजनाओं की विस्तृत परियोजना शीघ्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिये ताकि मुख्य सचिव महोदय के निर्देशानुसार प्रस्तावित आगामी बैठक में सभी योजनाएं प्रस्तुत की जा सके। उन्होंने कहा कि अन्य विभाग भी अपनी परियोजनाएं प्रस्तुत कर सकते हैं। उन्होंने परियोजनाओं के क्रियान्वयन में स्थानीय नागरिकों की सहभागिता सुनिश्चित किये जाने पर भी बल दिया।
मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में कमिश्नरी सभागार में आहूत बैठक में प्रभागीय वन अधिकारी एन0के0 जानू ने प्रस्तावित योजनाओं के बारे में जानकारी दी। श्री जानू ने बताया कि ताज नेचर वाक और आस-पास के क्षेत्र का विकास करने के साथ वन एवं वन्य जीव क्षेत्रों को संरक्षित करते हुए ताज सफारी का विकास, मुमताज ईकोपार्क, केमिल सफारी, वर्षाकाल के बाद (अक्टूबर, नवम्बर, दिसम्बर,) यमुना में नौकायान (YAMUNA CRUISE) की व्यवस्था प्रस्तावित है। ताज नेचर वाक क्षेत्र में हरित टनल (GEEN TUNNEL) विकास, बीहड क्षेत्र, जल संचयन, पक्षियों के लिए प्राकृतिक वास का विकास, नेचर ट्रेल निर्माण (CREATION OF NATURE TRAIL), वाटर बाडीज का निर्माण व आठ कि मी लम्बा मड साइकिल पथ (टैªक ) आदि का निर्माण सम्मिलित है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ताज नेचर पार्क में सभी निर्माण कार्य अस्थायी तथा पर्यावरण अनुकूल होंगे।
कार्यकारी मण्डलायुक्त ने निर्देश दिये कि ताज नेचर वाक के लैंडस्केपिंग का कार्य ऐसे किसी वास्तुविद को सौंपा जाये जिसे संरक्षित व विश्वदायी स्मारकों के निकटस्थ क्षेत्र में उल्लिखित कार्य करने का अनुभव हो। उन्होंने कहा कि विकसित होने के उपरांत स्थल रात्रि में ताज निहारने की इच्छा रखने वाले पर्यटकों के लिए भी बेहतरीन स्थल सिद्व होगा।
उन्होंने बाद में ताज नेचर वाक समिति द्वारा इस स्थल की उचित रखरखाव के संबंध में भी चर्चा करते हुए निर्देश दिये। श्री चैहान ने कहा कि इको टूरिज्म वर्तमान में तेजी से विकसित हो रहा है। इसमें स्मारकों तथा संस्कृति की जानकारी के साथ जीवों-पौधो के बारे में जैव विविधता (Bio-diversity) के प्रति पर्यटक आकर्षित होते हैं। उन्होंने सभी परियोजनाओं के लिए वन संरक्षण अधिनियम तथा अन्य विभागो से अनुमति आदि लने की कार्यवाही भी तत्परता से पूर्ण कराने के निर्देश दिये।
बैठक में वन संरक्षक विभाग के रंजन, आगरा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष लाल पाण्डेय, सचिव रविन्द्र कुमार, नगरायुक्त नागेन्द्र प्रताप, अपर जिलाधिकारी (नगर) अरूण प्रकाश, उप निदेशक पर्यटन ए0के0 श्री वास्तव, अधीक्षण भारतीय पुरातत्व सवेक्षण, अधीक्षण अभियंता सिचांई आदि उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 05 May 2012 by admin
आज कलेक्ट्रेट सभागार में कर-करेत्तर एवं राजस्व वसूली समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने रजिस्ट्रार, परिवहन, माप-बांट एवं पंचायत विभाग द्वारा लक्ष्य से कम राजस्व वसूली करने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि सम्बन्धित अधिकारी राजस्व वसूली में तेजी लाये तथा अपने विभाग की राजस्व वसूली मासिक लक्ष्य के अनुरूप करें। उन्होने उपस्थित एसडीएम, तहसीलदार आबकारी, मण्डी समिति, मनोरंजन, खनिज, स्टाम्प, विद्युत, बचत, पी0डब्लू0डी आदि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि उनके विभाग द्वारा जिन लोगों को धनराशि वसूली हेतु आरसी जारी की गयी है उनका मिलान सम्बन्धित उपजिलाधिकारी कार्यालय से कर लें और बकायेदार लोगों की आर0सी0 संख्या एवं धनराशि का ब्यौरा सीडी पर एक सप्ताह में उपलब्ध करायें। जिलाधिकारी ने कहा कि जिन आर0सी0 बकायेदारों द्वारा धनराशि का भुगतान कर दिया गया है उनके नाम खारिज कराये तथा शेष बकायेदारों से कड़ाई से वसूली कर राजस्व बढ़ायें।
बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि जिन किसानों का गेहूँ अग्निकाण्ड में जल गया है उनके मुआवजे की धनराशि का भुगतान सभी मण्डी समिति सचिव 15दिन में करायें। हरदोई मण्डी समिति में जल भराव की समस्या पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि अगर मण्डी समिति में जल भराव से गेहूँ खराब होगा तो इसकी जिम्मेदारी मण्डी सचिव की होगी और उनके विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। बैठक में जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारियों एवं परिवहन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि सड़कों पर अधिक संख्या में सवारी भरने एवं क्षमता से अधिक लोड लेकर चलने वाले वाहनों की चेकिंग करे और उनका पालन करने के साथ वाहन सीज करने की कार्यवाही भी करें। उन्होने जिला पूर्ति अधिकारी को निर्देश दिये कि मा0न्यायालय के निर्देशानुसार जनपद के राशन कार्डों का गुणवत्तापरक सत्यापन करायें। बैठक में जिलाधिकारी ने उपस्थित सभी अधिकारियों से कहा कि वह मा0मुख्यमन्त्री, शासन स्तर एवं लोकवाणी से प्राप्त होने वाली शिकायतों का निस्तारण भी प्राथमिकता पर करें। बैठक में अपर जिलाधिकारी राकेश कुमार मिश्रा, सभी एसडीएम, तहसीलदार, ईओ, मण्डी सचिव, जिला सूचना अधिकारी तुलसीराम, आबकारी अधिकारी एसपी तिवारी, पूर्ति अधिकारी एसपी सिंह सहित अन्य सभी सम्बन्धित अधिकारी आदि उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 05 May 2012 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने आज जनपद प्रतापगढ़ के गांव संग्रामगढ़ पहुंचकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता श्री प्रमोद तिवारी की धर्मपत्नी स्वर्गीय डाॅ0 अलका तिवारी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने श्री तिवारी एवं उनके परिजनों को ढांढस बंधाया।
ज्ञातव्य है कि 27 अप्रैल, 2012 को श्री तिवारी की धर्मपत्नी डाॅ0 अलका तिवारी का लखनऊ में निधन हो गया था।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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