Posted on 17 May 2012 by admin
- वर्तमान कृषि नीति की समीक्षा करके नई कृषि नीति बनाई जाएगी
- उद्योगों के त्वरित विकास के लिए बनेगी नई औद्योगिक नीति
- ई-गवर्नेन्स का पूरे प्रदेश में विस्तार किया जाएगा
- पी.पी.पी. के आधार पर सड़कों के निर्माण एवं अनुरक्षण को बढ़ावा दिया जाएगा
उत्तर प्रदेश के समग्र विकास के लिए शासन द्वारा विकास एजेण्डा निर्धारित करते हुए सभी सम्बन्धित विभागों से इसके प्रभावी क्रियान्वयन की अपेक्षा की गयी है। राज्य का तेजी से विकास करने और योजनाओं को जनोपयोगी बनाने के लिए विभागों से प्रस्ताव और सुझाव आमंत्रित किए गए। शासन द्वारा उच्च स्तर पर गहन विचार-विमर्श के बाद विकास एजेण्डे को अंतिम रूप दिया गया, जिसमें मुख्य तौर पर कृषि, उद्योग, बिजली, शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, समाज कल्याण, अवस्थापना विकास आदि से जुड़े लगभग 100 बिन्दुओं को पहले चरण में शामिल किया गया है। सत्ताधारी पार्टी द्वारा चुनाव घोषणा पत्र में किए गए वायदे जैसे-जैसे योजनाओं में परिवर्तित होते जायेंगे, उन्हें भी शासन के विकास एजेण्डे में शामिल कर लिया जायेगा।
विकास एजेण्डा शासन की मंशा के मुताबिक क्रियान्वित हो, यह सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव यथासम्भव प्रत्येक त्रैमास में विकास एजेण्डे के विभिन्न बिन्दुओं की समीक्षा कर अवश्यक निर्देश प्रदान करेंगे। इसके अलावा मुख्य सचिव भी प्रत्येक माह विकास एजेण्डे की प्रगति की समीक्षा करंेगे।
शासन ने प्रदेश के विकास के लिए राजस्व वसूली के निर्धारित लक्ष्य को प्रत्येक दशा में प्राप्त करने पर विशेष बल दिया है, क्योंकि इस धनराशि का उपयोग विभिन्न विकास व जन कल्याणकारी कार्यक्रमों के लिए किया जाएगा। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2012-13 के लिए राजस्व संग्रह का कुल लक्ष्य 73 हजार करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है।
प्रदेश में कृषि उत्पादन में बढ़ोत्तरी के लिए नई कृषि नीति बनाई जाएगी। ज्ञातव्य है कि प्रदेश की मौजूदा कृषि नीति वर्ष 2005 में अपनायी गयी थी, जिसकी समीक्षा करते हुए नई कृषि नीति को अंतिम रूप दिया जायेगा। इसी प्रकार उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण तथा आलू की खेती के समग्र विकास के लिए भी नई नीतियां बनाई जाएंगी। भारत सरकार की मेगा फूड पार्क स्कीम के तहत अधिकाधिक वित्तीय सहायता प्राप्त कर प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण सेक्टर के उद्योगों को विकसित किया जायेगा। प्रदेश के समस्त किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराने तथा जिला सहकारी बैंको के सुदृढ़ीकरण की योजना भी शासन के एजेंडे में शामिल है। गन्ने की उन्नत प्रजातियों के विकास के अलावा गन्ना किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए सूचना प्रौद्योगिकी (ई-समाधान) का उपयोग किया जायेगा। इसके अतिरिक्त कृषि आधारित अन्य गतिविधियों जैसे पशुपालन, पोल्ट्री उत्पादन और मत्स्य विकास पर भी ध्यान केन्द्रित किया जाएगा।
प्रदेश में औद्योगिक माहौल बनाने तथा उद्योगों के त्वरित विकास के लिए वर्ष 2004 मंे औद्योगिक नीति बनाई गई थी। तब से लेकर वर्तमान तक प्रदेश में नई औद्योगिक नीति नहीं बनाई गई। इसे ध्यान में रखते हुए शासन द्वारा वर्ष 2004 की औद्योगिक नीति की समीक्षा कर नई औद्योगिक नीति बनाने का फैसला लिया गया है। इसके साथ ही उद्योग बन्धु को सुदृढ़ करने का निर्णय भी लिया गया।
विकास एजेण्डे के मुताबिक पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पी.पी.पी.) के आधार पर सड़कों के निर्माण एवं अनुरक्षण को बढ़ावा दिया जाएगा। इसी आधार पर आगरा-लखनऊ के बीच एक्सप्रेस-वे का निर्माण तथा गाजियाबाद में नार्दन पेरीफेरल रोड बनायी जाएगी। साथ ही समस्त जिला मुख्यालयों को फोर लेन सड़कों तथा असंतृप्त ग्रामों को सम्पर्क मार्गों से जोड़ा जाएगा। इसके अलावा अधूरे सेतुओं को भी पूरा किया जाएगा। लखनऊ में अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण, कुशीनगर एवं आगरा में अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे की स्थापना के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएंगे। मथुरा-वृन्दावन-गोवर्धन क्षेत्र में आने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए विभिन्न सुविधाओं का विकास तथा क्षेत्र के सौन्दर्यीकरण के लिए कदम उठाये जायेंगे। इसी के साथ बौद्ध परिपथ के स्थलों का पर्यटन के दृष्टिकोण से विकास एजेण्डे में शामिल किया गया है।
प्रदेश में बिजली की उपलब्धता बढ़ाने तथा विद्युत आपूर्ति व्यवस्था में सुधार के लिए कई योजनाओं पर तेजी से काम कर इन्हें पूरा किया जाना भी विकास एजेंडे में शामिल है। बिजली उत्पादन की निर्माणाधीन परियोजनाओं को पूरा किया जायेगा और नई उत्पादन इकाइयों की स्थापना हेतु तत्परता से प्रयास किए जायेंगे। इसके तहत जवाहरपुर, अनपरा-डी, हरदुआगंज विस्तार, पनकी तथा ओबरा-सी तापीय परियोजनाएं पूरी की जाएंगी। कृषि व ग्रामीण फीडर अलग करते हुए मीटर लगाकर ग्रामीण क्षेत्रों में भी विद्युत आपूर्ति में सुधार किया जाएगा तथा विद्युत पारेषण के क्षेत्र में सुधार के लिए सब स्टेशनों तथा लाइनों का निर्माण करके उनकी क्षमता में वृद्धि की जायेगी। इस कार्य में पी0पी0पी0 आधार पर भी परियोजनायें संचालित की जायेंगी। इसके अलावा प्रदेश में सौर ऊर्जा आधारित विद्युत उत्पादन नीति बनाने तथा इसके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए काम किया जायेगा।
स्वास्थ्य सेक्टर में राज्य सरकार की प्राथमिकताओं के अन्तर्गत नियमित टीकाकरण कार्यक्रम को और प्रभावी बनाया जायेगा। आम लोगों को आकस्मिक चिकित्सा उपलब्ध कराने हेतु इमरजेन्सी ट्रान्सपोर्ट सर्विसेज को शुरू किया जाएगा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का प्रभावी क्रियान्वयन करते हुए गरीबी रेखा से नीचे के सभी परिवारों को योजना से आच्छादित किया जाएगा। साथ ही, सभी राजकीय मेडिकल कालेजों में ट्रामा सेन्टर और गहन चिकित्सा कक्ष (आई.सी.यू.) भी स्थापित किए जाएंगे।
समस्त प्रकार की छात्रवृत्तियों तथा सामाजिक सहायता पेंशन की वितरण व्यवस्था पारदर्शी एवं सुगम बनाई जाएगी। विशेष रूप से दशमोत्तर छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करते हुए इनकी कमियों का निराकरण किया जायेगा। अल्पसंख्यकांे के कल्याण के लिए चल रहे 15 सूत्री कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन के अलावा मदरसों में तकनीकी शिक्षा का प्रसार किया जाएगा। कन्या विद्या धन योजना के माध्यम से बालिकाओं को उच्च शिक्षा हेतु प्रेरित करने तथा अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों में शिक्षण संस्थानों की स्थापना की जायेगी।
राज्य में सूचना प्रौद्योगिकी क्रांति के युग की शुरूआत करते हुए कक्षा 10 उत्तीर्ण विद्यार्थियों को टैबलेट तथा कक्षा 12 उत्तीर्ण विद्यार्थियों को लैपटाॅप उपलब्ध कराया जायेगा। इसके साथ ही बेरोजगारी भत्ता योजना-2012 का प्रभावी क्रियान्वयन भी सुनिश्चित किया जायेगा। शिक्षकों की सेवा सम्बन्धी समस्याओं के समाधान के लिए उनके वेतन, पेंशन तथा जी0पी0एफ0 की व्यवस्था का कम्प्यूटरीकरण कराया जायेगा। इसके साथ ही जन उपयोगी विभागों में रिक्त पदों को भरा जाएगा।
डा. राम मनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना के अन्तर्गत पाँच वर्षों में 10 हजार ग्रामों को संतृप्त करने तथा बुन्देलखण्ड पैकेज के प्रभावी क्रियान्वयन को विकास एजेंडे में सम्मिलित किया गया है। इसके अलावा पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि की धनराशि से गुणवत्तापरक योजनाएं क्रियान्वित की जाएंगी। प्रदेश में नहरों की सफाई व्यवस्था पारदर्शी की जाएगी तथा बाढ़ नियंत्रण परियोजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के साथ-साथ उसके सत्यापन की व्यवस्था भी की जाएगी।
प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पांच लाख लीटर दुग्ध भण्डारण क्षमता की डेयरी की स्थापना की जायेगी। इसके साथ ही लखनऊ में ही जय प्रकाश नारायण अन्तर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेण्टर का निर्माण कराया जायेगा और कैंसर रोग के इलाज के लिए कैंसर इंस्टीट्यूट भी स्थापित किया जायेगा। इसके अतिरिक्त नई शहरी आवास एवं पर्यावास नीति बनाई जाएगी। बड़े शहरों में यातायात में सुधार किया जायेगा और नगर निकायों में साॅलिड वेस्ट प्रबन्धन परियोजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन किया जायेगा। सरकारी ठेकों में पारदर्शिता लाने के लिए ई-टेन्डर/ई-प्रोक्योरमेन्ट प्रणाली लागू की जाएगी। प्रदेश में स्मार्ट कार्ड ड्राइविंग लाइसेन्स व्यवस्था लागू की जाएगी। ई-गवर्नेन्स का पूरे प्रदेश में विस्तार किया जाएगा और आई.टी. सिटी योजना का प्रभावी क्रियान्वयन किया जाएगा। सूचना प्रौद्योगिकी को लागू कर सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पी0डी0एस0) में आमूलचूल सुधार किया जायेगा। भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत अधिकाधिक केन्द्रीय सहायता प्राप्त कर मनरेगा, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन, सर्वशिक्षा अभियान, मध्यान्ह भोजन योजना, जे0एन0एन0यू0आर0एम0 सहित विभिन्न योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन करते हुए यह भी सुनिश्चित किया जायेगा कि इनमें कोई अनियमितता न होने पाए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 17 May 2012 by admin
- जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक सोमवार, बृहस्पतिवार एवं शुक्रवार को पूर्वान्ह 10 बजे से 12 बजे तक अपने मुख्यालय पर अनिवार्य रूप से उपलब्ध रहकर जनता की समस्याओं को सुनेंगे
- अधिकारी व कर्मचारी मंगलवार तथा रविवार को छोड़कर पूर्वान्ह 10 बजे से 12 बजे तक अनिवार्य रूप से अपने कार्यालय में उपस्थित रहकर जनता की समस्याओं और शिकायतों को सुनेंगे
- निर्देशों के अनुपालन में किसी भी स्तर पर विलम्ब या शिथिलता पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई होगी
जनता की समस्याओं एवं शिकायतों के त्वरित निस्तारण हेतु उत्तर प्रदेश शासन के विभिन्न विभागों के सभी कार्यालयों के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी द्वारा निर्देशित किया गया है कि वे अपने कार्यालय पर मंगलवार तथा रविवार को छोड़कर शेष कार्य दिवसों में पूर्वान्ह 10 बजे से 12 बजे तक अनिवार्य रूप से उपस्थित रहकर जनता की समस्याओं और शिकायतों को सुनेंगे तथा शासन द्वारा पूर्व में निर्धारित समय-सीमा के अनुरूप उसका निस्तारण करना भी सुनिश्चित करेंगे। ये निर्देश सभी कार्यालयों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर लागू होंगे, चाहे वह ब्लाक, थाना, तहसील अथवा किसी भी अन्य स्तर पर हो। जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक सोमवार, बृहस्पतिवार एवं शुक्रवार को पूर्वान्ह 10 बजे से 12 बजे के मध्य मुख्यालय पर अनिवार्य रूप से उपलब्ध रहकर जनता की समस्याओं व शिकायतों को सुनेंगे और निर्धारित समय-सीमा के अनुरूप उसका निस्तारण सुनिश्चित करेंगे।
शासन द्वारा समय-समय पर दिए गए निर्देशों के बावजूद यह देखने में आया है कि मुख्यमंत्री के जनता दर्शन में प्राप्त होने वाले प्रार्थना पत्रों का स्वरूप स्थानीय होने के कारण समस्याओं और शिकायतों का निराकरण ब्लाक, थाना, तहसील, जनपद या मण्डल स्तर पर ही किया जा सकता है, परन्तु जनता की समस्याओं का इन स्तरों पर निराकरण न होने से जरूरतमंद लोगों को प्रदेश मुख्यालय आना पड़ रहा है। इसके फलस्वरूप जनता पर अनावश्यक आर्थिक बोझ पड़ने के साथ-साथ उन्हें मानसिक व शारीरिक कष्ट भी होता है, जबकि समस्याओं एवं शिकायतों की प्रकृति स्थानीय स्तर पर होने कारण उनका निराकरण अन्ततः स्थानीय स्तर से ही होता है। शासन का स्पष्ट मत है कि स्थानीय स्तर की समस्याओं एवं शिकायतों के निराकरण हेतु जनता को प्रदेश मुख्यालय पर न आना पडे़।
मुख्य सचिव द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार मण्डलायुक्तों द्वारा मण्डल के सभी जिलों में विशेषकर कलेक्ट्रेट, मुख्य विकास अधिकारी कार्यालयों तथा अन्य मण्डलीय अधिकारियों द्वारा अपने अधीनस्थ कार्यालयों का भ्रमण करने के साथ आकस्मिक निरीक्षण करके यह सुनिश्चित किया जायेगा कि शिकायतों के निराकरण के सम्बन्ध में शासन द्वारा दिए गए निर्देशों का अनुपालन किया जा रहा है। निरीक्षण में यह भी देखा जायेगा कि कितनी शिकायतों का वास्तविक समाधान किया गया है तथा जिन शिकायतों का समाधान नहीं हो सका है, उसके क्या कारण हैं। यदि किसी भी स्तर पर विलम्ब या शिथिलता पाई जाती है तो इस सम्बन्ध में कड़ी कार्रवाई की जायेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 17 May 2012 by admin
Posted on 17 May 2012 by admin
जब स्थलों/स्मारकों/पार्कों आदि के निर्माण पर 40 हजार करोड़ रूपये खर्च ही नही हुये तो इतनी रकम के घोटाले का सवाल ही कहाँ उठता है: बी.एस.पी. प्रवक्ता
बी.एस.पी. प्रवक्ता ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के इस बयान पर कि देश में दलित एवं अन्य पिछड़े वर्गों में जन्में महान सन्तों, गुरूओं व महापुरूषों के नाम पर यहाँ उनके आदर-सम्मान में बनाये गये स्थलों, स्मारकों व पार्कों आदि के निर्माण में 40 हजार करोड़ रूपये के घोटाले हुये है इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहाकि ’’उ.प्र. के मुख्यमंत्री ने उस कहावत को चरित्रार्थ किया है कि जो कुछ नही करते, वे कमाल करते है।’’
सपा द्वारा कुछ इस तरह की बयानबाजी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव अभियान के दौरान भी की गयी थी और यही प्रक्रिया अब भी जारी है, जबकि अब सरकार में होने के कारण सपा नेताओं को इन स्थलों के खर्च के बारे में व अन्य हकीकत के सम्बन्ध में सही-सही जानकारी अवश्य हो जानी चाहिये थी। परन्तु मंत्री तो मंत्री माननीय मुख्यमंत्री भी इस सम्बन्ध में गलत व अनर्गल बयानबाजी में अपनी शान समझ रहे है।
बी.एस.पी. प्रवक्ता ने कहाकि माननीय मुख्यमंत्री के हवाले से अखबारों में यह खबर छापी गयी है, कि यहाँ स्मारकों व पार्कों आदि के निर्माण में 40 हजार करोड़ रूपयों का घोटाला हुआ है। लेकिन यहाँ सवाल यह उठता है कि जब इन स्थलों/स्मारकों/पार्कों आदि के निर्माण पर बतायी गयी धनराशि से काफी कम बजट खर्च करके निर्माण कराया गया है तो अब 40 हजार करोड़ रूपयों के घोटाले का सपना माननीय मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने सपने में तो कहीं नहीं देख लिया है। इसके साथ ही उन्हे अपनी जिम्मेदारी का एहसास भी होना चाहिये कि इन स्थलों/स्मारकों आदि के निर्माण पर उत्तर प्रदेश के कुल बजट का ’’लगभग (एक) प्रतिशत’’ के करीब ही धन खर्च किया गया है और इसकी स्वीकृत वैधानिक तरीके से बजट प्राविधान करके एवं विधानमण्डल से परित कराकर की गयी है, जिसकी पूरी जानकारी सपा सरकार को अवश्य ही होनी चाहिये क्योंकि पिछले पाँच वर्षों तक वे प्रतिपक्ष की भूमिका में रहे हैं, और विधानमण्डल की कार्यवाही इस बात की गवाह है।
बी.एस.पी. प्रवक्ता ने कहाकि सपा सरकार द्वारा इसी प्रकार की बेतुकी व गलत बयानबाजी पहले यह भी की गयी थी कि इन स्थलों/स्मारकों/पार्कों आदि की ’’हजारों एकड़ की खाली’’ पड़ी जमीन का इस्तेमाल करके यहाँ अस्पताल व स्कूल आदि बनाये जायेगें। इस संबन्ध में भी लोगों को काफी गुमराह किया गया और अब अन्ततः लोगों की समझ में यह बात आ गयी है कि जब इन स्थलों/स्मारकों/पार्कों आदि का निर्माण कुल मिलाकर 500 (पाँच सौ) एकड़ में ही हुआ है, तो हजारों एकड़ जमीन इनमें खाली पड़े रहने का सवाल ही कहाँ से उठता है? इस प्रकार की बातों को सिवाय राजनीतिक ’’फितूर’’ के और क्या कहा जा सकता है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 17 May 2012 by admin
प्रदेश के सभी विभागों की वांछित सूचनाएं प्राप्त कर आमजन को आॅनलाइन आवश्यकतानुसार अपना आवेदन करने की सुविधा
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी के निर्देशानुसार www.uponline.up.nic.in पर स्टेट पोेर्टल की शुरूआत आज 16 मई से ट्रायल रन आधार पर कर दी गई है। स्टेट पोर्टल को आगामी 30 जून तक ट्रायल के आधार पर चलाया जायेगा। इसके बाद पूरी तरह से लाइव कर दिया जायेगा।
सचिव आई0टी0 एवं इलेक्ट्राॅनिक्स श्री जीवेश नन्दन ने बताया कि स्टेट पोर्टल के विषय में सुझाव एवं शिकायत आदि uponline.info@nic.in एवं uponline.support@nic.in ई-मेल पर भेजी जा सकती है। उन्होंने बताया कि पोर्टल के रखरखाव तथा अपडेशन का कार्य सूचना विभाग द्वारा किया जायेगा। उन्होंने बताया कि स्टेट पोर्टल के माध्यम से प्रदेश के सभी विभागों की वांछित सूचनाएं प्राप्त कर आमनागरिक आॅनलाइन आवश्यकतानुसार अपना आवेदन भी भेज सकते हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 17 May 2012 by admin
एन.आर.एच.एम. क्रियान्वयन अथवा इस संबन्ध में मा. बहन कु. मायावती जी द्वारा किसी भी प्रकार की वित्तीय स्वीकृति का सवाल ही नही: बी.एस.पी. प्रवक्ता
बहुजन समाज पार्टी (बी.एस.पी.) ने उत्तर प्रदेश की वर्तमान सपा सरकार व उसके मंत्रियों पर ’’बी.एस.पी. मेनिया’’ (BSP mania) के रोग से पीडि़त होकर बी.एस.पी. नेतृत्व के खिलाफ अनाप-शनाप बयानबाजी करने का आरोप लगाते हुये कहाकि उत्तर प्रदेश की वर्तमान सपा सरकार इस प्रकार की हरकतें करके जनता से किये गये अपने चुनावी वायदों को सही मायने में पूरा करने के साथ-साथ कानून व्यवस्था के मामले में अपनी भारी विफलता को छिपाने का नकाम प्रयास कर रही है।
बी.एस.पी. प्रवक्ता ने आज यहाँ एक बयान में कहाकि राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ मिशन अर्थात एन.आर.एच.एम. एक केन्द्र-पोषित योजना है जो सपा के ही पिछले शासनकाल के दौरान अर्थात सन् 2005 से प्रदेश में चलायी जा रही है, जिसमें गड़बड़ी का मामला प्रकाश में आते ही बहन मायावती जी ने तत्काल अपने शासनकाल के दौरान सख्त कार्यवाही करते हुये दो-दो मंत्रियों को बर्खास्त किया और मामले की जांच केन्द्रीय जांच एजेन्सियों सी.बी.आई व सी.ए.जी.से कराने का फैसला किया और अब यह मामला केन्द्रीय जांच एजेन्सी सी.बी.आई. के सुपुर्द होने के बावजूद भी, प्रदेश सपा सरकार के मुखिया एवं उनके मंत्रीगण ऐसी बयानबाजी कर रहे है जैसेकि वे स्वयं ही जांच एजेन्सी हों। ऐसा वे खासकर राजनीतिक दुर्भावना के तहत जनता को गुमराह करने के लिये कर रहे है, जबकि वास्तविक्ता यह है कि केन्द्रीय जांच ऐजेन्सी सी.बी.आई. द्वारा एन.आर.एच.एम. मामले की जांच प्रगति पर होने के कारण राज्य सरकार को और खासकर इसके मंत्री व मुखिया को, अपनी ओहदे की जिम्मेदारी को निभाते हुये अपनी जुबान बन्द रखनी चाहिये और इस मामले में जनता को गुमराह करने के बजाय नतीजे का इंतजार करना चाहिये
बी.एस.पी. प्रवक्ता ने कहाकि परिवार कल्याण विभाग सन् 2007 से 2009 तक माननीय बहन मायावती जी के आधीन अवश्य था, परन्तु एन.आर.एच.एम. के क्रियान्वयन अथवा इस संबन्ध में किसी भी प्रकार की वित्तीय स्वीकृति आदि से संबन्धित काई भी पत्रावली अथवा कियी भी बिन्दु पर स्वीकृति ना तो उच्च स्तर से कभी उनसे मांगी गयी और ना ही ऐसा करने की कनूनी आवश्यकता की जरूरत थी।
बी.एस.पी. प्रवक्ता ने संबन्धित कानून के हवाले से स्पष्ट किया कि अपने बयान में एन.आर.एच.एम कार्यक्रम के अन्र्तगत प्रदेश स्तर पर योजनाओं के गठन, उनके अनुमोदन तथा कार्यान्वयन की सारी कार्यवाई राज्य स्वास्थ्य सोसाइटी (State Health Society) की दो समितियों (1) कार्यकारी समिति (Executive Committee) जिसके अध्यक्ष विभाग के प्रमुख सचिव होते है और (2) गवर्निगं बाॅडी (Governing Body), जिसके अध्यक्ष प्रदेश मुख्य सचिव होते है, द्वारा की जाती हैै एवं एन.आर.एच.एम के अन्र्तगत वार्षिक योजनायें कार्यकारी समिति द्वारा बनाई जाती है तथा गवर्निगं बाॅडी के अनुमोदन के पश्चात भारत सरकार का अनुमोदन प्राप्त कर भारत सरकार के निर्देशानुसार ही, उसका कार्यन्वयन कार्यकारी समिति विभिन्न जिलों में कराती है। इस कार्यक्रम की समस्त धनराशि राज्य सरकार के बजट के माध्यम से भी नही आती है, बल्कि भारत सरकार द्वारा सीधे ’’स्टेट हेल्थ सोसाइटी़’’ को भेज दी जाती है। अतः उक्त कार्यक्रम हेतु धनराशि ना तो शासन द्वारा स्वीकृत की जाती है और ना ही शासन के वित्त एवं प्रशासकीय विभाग के समक्ष किसी भी प्रकार की स्वीकृित इत्यादि हेतु पत्रावली प्रस्तुत की जाती है। इस संबन्ध में प्रदेश सरकार का सीधे ना कोई हस्तक्षेप होता है और ना ही इसके अन्र्तगत योजनाओं के अनुमोदन हेतु शासन अथवा एन.आर.एच.एम. की उक्त समितियों के ऊपर किसी अन्य से अनुमोदन लिये जाने की व्यवस्था है।
एन.आर.एच.एम कार्यक्रम की समीक्षा हेतु भारत सरकार स्वयं ही आडिटर नियुक्त करती है और उक्त आडिट तथा अन्य कार्य प्रणाली की समीक्षा भारत सरकार द्वारा हर तीसरे माह में की जाती है। कार्यक्रम सन्तोषजनक पाने के बाद ही भारत सरकार द्वारा धनराशि अवमुक्त की जाती है। इस कार्यक्रम में यदि काई कमी इत्यादि हो तो उसे दूर करने के निर्देश भी भारत सरकार द्वारा ही दिये जाते हैं। और यह भी स्पष्ट है कि देश में कुछ सीमित ऐसे कार्यक्रम है जिनकी सम्पूर्ण व्यवस्था एवं धनराशि इत्यादि का अवमुक्त होना सीधे भारत सरकार द्वारा ही किया जाता है और यह अपेक्षा की जाती है कि राज्य सरकार का इसमें कोई हस्तक्षेप नही हो। अतः सम्पूर्ण कार्यक्रम के संचालन हेतु कार्यकारी सामिति ही उत्तरदायी है जिसके अध्यक्ष प्रमुख सचिव होते है और उन्ही के द्वारा समस्त कार्यवाही की जाती है।
इस प्रकार उपरोक्त वर्णित कानूनी प्रक्रिया के परिपे्रक्ष्य में एन.आर.एच.एम. मामले से सम्बन्धित उत्तर प्रदेश की सपा सरकार का माननीया बहन मायावती जी के कार्यकाल के संबन्ध में दिये गये बयान को पूर्णतया भ्रामक एवं मिथ्या प्रचार बताते हुये बी.एस.पी. प्रवक्ता ने कहाकि परिवार कल्याण विभाग सन् 2007 से 2009 तक माननीय बहन मायावती जी के आधीन अवश्य था, परन्तु एन.आर.एच.एम. के क्रियान्वयन संबन्धित काई भी पत्रावली अथवा कियी भी बिन्दु पर स्वीकृति ना तो उच्च स्तर से कभी उनसे मांगी गयी और ना ही ऐसा करने की कानूनी आवश्यकता की जरूरत पड़ी, जैसाकि ऊपर साफ तौर पर स्पष्ट किया गया है। इस अवधि में एन.आर.एच.एम. गड़बड़ी से संबन्धित कोई शिकायत भी प्राप्त नही हुयी, अतः इस संबन्ध में किसी प्रकार की जांच का प्रश्न ही नही उठता।
बी.एस.पी. प्रवक्ता ने सपा सरकार को चैलेन्ज किया कि वह अगर वास्तव में एन.आर.एच.एम. में गड़बड़ी के मामले के प्रति गम्भीर है तो जिला स्वास्थ्य सोसाइटी (District Health Society) के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने के लिये भी सी.बी.आई. पर दबाव क्यों नही बनाती, जहाँ से ही इस योजना के लिये धन निकाल कर खर्च किया जाता है अन्यथा ’’मिथ्या बयानबाजी’’ के माध्यम से जनता को गुमराह करने का काम तत्काल बन्द करेे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 17 May 2012 by admin
उत्तर प्रदेश शासन ने कानपुर मण्डल के उपनिबन्धक, फम्र्स, सोसाइटीस तथा चिट्स श्री विवेक चैधरी को तत्काल प्रभाव से निलम्बित किये जाने के निर्देश दिए हैं।
ज्ञातव्य है कि नेहरू महाविद्यालय, छिबरामऊ, कन्नौज की प्रबन्ध समिति को उक्त अधिकारी द्वारा अनियमित तरीके से भंग किये जाने के सम्बन्ध में शासन को शिकायतें प्राप्त हुई थीं। शिकायतों की जांच कराए जाने पर इसकी पुष्टि हुई कि कानपुर मण्डल के उपनिबन्धक ने नेहरू महाविद्यालय की प्रबन्ध समिति को अनियमित तरीके से भंग कर दिया था। इस पर गम्भीर रूख अपनाते हुए प्रदेश शासन ने कानपुर मण्डल के उपनिबन्धक को तत्काल प्रभाव से निलम्बित करने के निर्देश दिए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 17 May 2012 by admin
समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि 28 मई 2012 से राज्य विधान मण्डल की बैठक की तैयारियों एवं प्रशासनिक व्यस्ततावश मुख्यमंत्री जी ने मंगलवार को विधायकों, साॅसदों और बुधवार को जनता दर्शन का कार्यक्रम स्थगित कर दिया था तथापि अपनी समस्याओं को लेकर प्रदेश के कोने-कोने से आज भी फरियादी हजारों की संख्या में अपने आवेदनों के साथ मौजूद थे। मुख्यमंत्री निवास 5, कालिदास मार्ग, लखनऊ और पार्टी मुख्यालय, 19, विक्रमादित्य मार्ग, लखनऊ में क्रमशः मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव और सिंचाई तथा लोक निर्माण मंत्री श्री शिवपाल सिंह यादव ने उनको निराश न करते हुए सबकी समस्याएं सुनी और उनके आवेदनों पर शीघ्र उचित कार्यवाही किए जाने का भरोसा दिलाया।
बुधवार का कार्यक्रम रद्द होने के बावजूद मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव और वरिष्ठ मंत्री श्री शिवपाल सिंह यादव से मिलनेवालों में बड़ी संख्या में महिलाएं भी थी। किसान और मुसलमान भी भीड़ में आए थे। कई वृद्ध और बीमार महिलाएं पेंशन और इलाज के लिए आई थी। फरियादियों में कुछ ऐसे भी थे जो बसपा सरकार की उपेक्षा और उत्पीड़न से त्रस्त थे।
फरियादियों में शिक्षा और चिकित्सा संबंधी अनुदान के आवेदन थे तो कुछ की शिकायत थी कि पुराने फर्जी मुकदमों में उन्हें परेशान किया जा रहा है। उन्हें न्याय की दरकार थी। कईयों ने बसपा के दबंगो द्वारा जमीन पर जबरन कब्जे की शिकायत की तो कुछ को सड़क और सम्पर्क मार्गो की जरूरत थी। कुछ तो हैण्डपम्प की मांग भी करते देखे गए।
कालिदास मार्ग पर आज मुख्यमंत्री जी के साथ वरिष्ठ मंत्री श्री शिवपाल सिंह यादव, श्री अभिषेक मिश्र (प्रोटोकाल राज्यमंत्री) और प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री जी से विधायकगण श्रीमती विजमा यादव, श्रीमती पूनम सोनकर और सुभाष पासी, पूर्व विधायक बीना भारद्वाज, देवबन्द के फजरूल्ला और अबरार अहमद फारूखी, मौलाना नुरूलखुदा, महिला प्रकोष्ठ अलीगढ़ की जिलाध्यक्ष डा0 गुलिस्ताना, डा0 एस0टी0 बेगम, मेयर मुरादाबाद के अलावा, नईमुल पत्नी दीन मोहम्मद अकबरपुर टांडा, राशिद सिद्दीकी, मुजफ्फरनगर ने भी मुख्यमंत्री जी से भेंटकर अपने आवेदन दिए। इलाहाबाद के नईमुद्दीन प्रधान ने क्षेत्र में सड़क, नल की समस्या बताई, शिवराज सिंह, लोकतंत्र सेनानी, शाहजहाॅपुर ने इलाज के लिए मदद मांगी। मुख्यमंत्री जी ने सबको कार्यवाही का आश्वासन दिया।
समाजवादी पार्टी के मुख्यालय में आज पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं मंत्री श्री शिवपाल सिंह यादव के साथ राज्यमंत्री श्री सुरेन्द्र पटेल, प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी एवं सचिव एस0आर0एस0यादव भी फरियादियों से देर तक मिलते रहे। उनसे कई पूर्व विधायक और विधायक मिले। मो0 आबिद, समसुद्दीन (अलीगढ़) ने उत्पीड़न की शिकायत की। श्री यादव से सहारनपुर के हाजी फुरकान अहमद भी मिले। मंत्री जी से मिलनेवालों में श्रीमती राजमती निषाद, नंदिता शुक्ला, जयप्रकाष यादव तथा योगेश प्रताप सिंह (सभी विधायक ) के नाम उल्लेखनीय है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 17 May 2012 by admin
जिला समाज कल्याण अधिकारी राजेश कुमार ने सूचित किया है कि सामान्य वर्ग के ऐसे व्यक्ति, जिनकी आय शहरी क्षेत्र में रू0 25546/-से कम एवं ग्रामीण क्षेत्र में रू0 19884/- से कम है, एवं जिनकी पुत्री की शादी सम्पन्न होने वाली हो, से अपेक्षा की जाती है कि वह अपनी पुत्री की शादी अनुदान हेतु रू0 10000/-एवं गम्भीर बीमारी के इलाज हेतु रू0 5000/-प्राप्त करने हेतु निर्धारित रूप पत्र पर पूर्ण औपचारिकताओं सहित आवेदन पत्र अपनी सम्बन्धित तहसील में उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। विस्तृत जानकारी जिला समाज कल्याण अधिकारी, आगरा के कार्यालय से की जा सकती है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 17 May 2012 by admin
ग्राम नौपुरा और बहेरा में टीकाकरण पर जनता से चर्चा
बच्चों के नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में मीडिया द्वारा रचनात्मक सहयोग पर यूनिसेफ द्वारा यहां आयोजित कार्यशाला के दूसरे दिन मीडिया प्रतिनिधियों ने आज विकास खण्ड बरौली अहीर के दो ग्रामों -नौपुरा और बहेटा का दौेरा कर स्थिति का मौके पर जायजा लिया और ग्रामवासियों व लाभार्थी महिलाओं से उनकी समस्याओं और सुझावों पर चर्चा की। मीडिया प्रतिनिधियों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर दी जा रही स्वास्थ्य सेवाओं को देखा और पोलियो वैक्सीन के रख रखाव हेतु कोल्ड चेन प्रबन्धन का अवलोकन किया।
यूनिसेफ तथा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ मीडिया के दो समूहों में से एक ने ग्राम बहेटा और दूसरे ग्रुप ने नौपुरा का दौरा किया। उपकेन्द्र बहेटा पर हर महीने तीसरे बुधवार को टीकाकरण किया जाता है जिसकी जानकारी सभी ग्राम वासियों को रहती है। यहां डयुटी पर तैनात ए.एन.एम.-भू देवी ने बताया कि ग्राम में एक वर्ष तक की आयु के 40 बच्चे टीकाकरण हेतु दर्ज है जिनके कार्ड बने है। टीकाकरण दिवस पर आशा तथा आगनबाडी कार्यकत्री बुलावा टीम के रूप में सहयोग करती है।
ग्राम वासियों ने टीकाकरण तथा अन्य कार्यक्रमों की जानकारी उप केन्द्र पर भी लिखवाने तथा ग्राम स्तर पर गठित ग्राम स्वच्छता समिति को सक्रिय किये जाने की जरूरत बताई। चिकित्सा अधीक्षक डा0 संजीव बर्मन ने अवगत कराया कि ग्राम में शीघ्र ही चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जायेगा। डा0 बर्मन ने बताया कि उनके सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के अन्तर्गत स्वीकृत 28 ए.एन.एम. में से 23 कार्यरत है इसलिए कुछ स्थानों पर ए.एन.एम. को उपकेन्द्र का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया है।
इसी प्रकार ग्राम बहेटा के स्वास्थ्य केन्द्र पर कार्यरत ए.एन.एम. सुश्री थामस ने ग्राम में नवजात शिशुओं तथा गर्भवती महिलाओं को दिये जा रहे टीकाकरण के मामलों पर मीडिया समूह को अवगत कराते हुए उनकी जिज्ञासाओं का भी समाधान किया ।
संयुक्त निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डा0 श्री राम ने जनपद में संचालित स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी दी । जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा0 अनुपम भास्कर ने बताया कि जनपद में 394 स्वास्थ्य उप केन्द्र है जिनमें से 294 पर ए.एन.एम. कार्यरत है। अन्य स्थानों पर भर्ती हेतु कार्यवाही की जा रही है।
अन्त में यूनीसेफ की ओर से न्यू कन्सेप्ट इन्फोरमेशन की ऊषा राय, अश्वनी भट्नागर तथा अतुल ने प्रतिभागियों से फीड बैक प्राप्त कर भविष्य के आयोजनों तथा टीकाकरण के लिए जन जागरूकता हेतु बेहतर कार्यवाही किये जाने का विश्वास दिलाया ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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