- जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक सोमवार, बृहस्पतिवार एवं शुक्रवार को पूर्वान्ह 10 बजे से 12 बजे तक अपने मुख्यालय पर अनिवार्य रूप से उपलब्ध रहकर जनता की समस्याओं को सुनेंगे
- अधिकारी व कर्मचारी मंगलवार तथा रविवार को छोड़कर पूर्वान्ह 10 बजे से 12 बजे तक अनिवार्य रूप से अपने कार्यालय में उपस्थित रहकर जनता की समस्याओं और शिकायतों को सुनेंगे
- निर्देशों के अनुपालन में किसी भी स्तर पर विलम्ब या शिथिलता पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई होगी
जनता की समस्याओं एवं शिकायतों के त्वरित निस्तारण हेतु उत्तर प्रदेश शासन के विभिन्न विभागों के सभी कार्यालयों के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी द्वारा निर्देशित किया गया है कि वे अपने कार्यालय पर मंगलवार तथा रविवार को छोड़कर शेष कार्य दिवसों में पूर्वान्ह 10 बजे से 12 बजे तक अनिवार्य रूप से उपस्थित रहकर जनता की समस्याओं और शिकायतों को सुनेंगे तथा शासन द्वारा पूर्व में निर्धारित समय-सीमा के अनुरूप उसका निस्तारण करना भी सुनिश्चित करेंगे। ये निर्देश सभी कार्यालयों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर लागू होंगे, चाहे वह ब्लाक, थाना, तहसील अथवा किसी भी अन्य स्तर पर हो। जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक सोमवार, बृहस्पतिवार एवं शुक्रवार को पूर्वान्ह 10 बजे से 12 बजे के मध्य मुख्यालय पर अनिवार्य रूप से उपलब्ध रहकर जनता की समस्याओं व शिकायतों को सुनेंगे और निर्धारित समय-सीमा के अनुरूप उसका निस्तारण सुनिश्चित करेंगे।
शासन द्वारा समय-समय पर दिए गए निर्देशों के बावजूद यह देखने में आया है कि मुख्यमंत्री के जनता दर्शन में प्राप्त होने वाले प्रार्थना पत्रों का स्वरूप स्थानीय होने के कारण समस्याओं और शिकायतों का निराकरण ब्लाक, थाना, तहसील, जनपद या मण्डल स्तर पर ही किया जा सकता है, परन्तु जनता की समस्याओं का इन स्तरों पर निराकरण न होने से जरूरतमंद लोगों को प्रदेश मुख्यालय आना पड़ रहा है। इसके फलस्वरूप जनता पर अनावश्यक आर्थिक बोझ पड़ने के साथ-साथ उन्हें मानसिक व शारीरिक कष्ट भी होता है, जबकि समस्याओं एवं शिकायतों की प्रकृति स्थानीय स्तर पर होने कारण उनका निराकरण अन्ततः स्थानीय स्तर से ही होता है। शासन का स्पष्ट मत है कि स्थानीय स्तर की समस्याओं एवं शिकायतों के निराकरण हेतु जनता को प्रदेश मुख्यालय पर न आना पडे़।
मुख्य सचिव द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार मण्डलायुक्तों द्वारा मण्डल के सभी जिलों में विशेषकर कलेक्ट्रेट, मुख्य विकास अधिकारी कार्यालयों तथा अन्य मण्डलीय अधिकारियों द्वारा अपने अधीनस्थ कार्यालयों का भ्रमण करने के साथ आकस्मिक निरीक्षण करके यह सुनिश्चित किया जायेगा कि शिकायतों के निराकरण के सम्बन्ध में शासन द्वारा दिए गए निर्देशों का अनुपालन किया जा रहा है। निरीक्षण में यह भी देखा जायेगा कि कितनी शिकायतों का वास्तविक समाधान किया गया है तथा जिन शिकायतों का समाधान नहीं हो सका है, उसके क्या कारण हैं। यदि किसी भी स्तर पर विलम्ब या शिथिलता पाई जाती है तो इस सम्बन्ध में कड़ी कार्रवाई की जायेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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