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माफियाओं पर अंकुश लगा है, भ्रष्टाचार पर रोक लगी है और लूट की छूट खत्म हुई है

Posted on 05 May 2012 by admin

समाजवादी पाटी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि विक्षिप्त आदमी रात के अंधेरे में रस्सी को भी सांप समझकर चीखने लगता है। नेता विरोधी दल, विधानसभा श्री स्वामी प्रसाद मौर्य की वही हालत है। बसपाराज में लूट, वसूली, हत्या और बलात्कार की ताबड़तोड़ घटनाओं ने अपराध के सारे रिकार्ड तोड दिए थे। उस अपराध बोध से स्वामी मौर्य उबर नहीं पा रहे हैं। इसलिए अपने बचाव में वे अपने सारे कुर्कमों की तोहमत समाजवादी पार्टी की सरकार पर लादने का सुख सपने में उठा रहे है। सच यह है कि बसपा मुख्यमंत्री को लोकतंत्र में जरा भी आस्था नहीं थी और वे आतंक और लूट तथा झूठ के सहारे ही पांच साल तक प्रदेशवासियों का उत्पीड़न करती रही।
डेढ़ माह की समाजवादी पार्टी की सरकार की सूची बनाने से पहले श्री मौर्य को अपने जमाने के दिनों की भी सूची बना लेनी चाहिए। बसपा मुख्यमंत्री के जन्म दिन के लिए चंदावसूली में बसपा विधायक ने एक इंजीनियर को पीट-पीटकर मार डाला। शीलू निषाद के साथ बलात्कार बसपा विधायक के घर पर ही हुआ। दूसरों के मकानों, जमीन पर अवैध कब्जे, यहां तक कि कब्रिस्तान की भी जमीन हथियाने की शिकायतों पर मंत्रियों को हटना पड गया। लोकायुक्त की जांच में आधा दर्जन से ज्यादा मंत्री फंस गए। हत्या, अपहरण में बसपा के कई मंत्री विधायक आज तक जेल के सीखंचों के अंदर है।
माफिया, मंत्री और अफसरशाही की सांठगांठ से पूरे प्रदेश में बसपा राज में भयंकर अराजकता थी, यह बात तो केन्द्रीय गृहमंत्रालय की रिपोर्टो से भी स्पष्ट है। यदि यही कानून का राज था तो वह उनको ही मुबारक हो। सत्ता का दुरूपयेाग कर बसपाराज में पुलिस को पूर्णतया बसपा की बालंटियर फोर्स बना दिया गया था। उनके राज में दो सीएमओ की हत्या हो गई। एक डिप्टी सीएमओ की जेल जैसी सुरक्षित जगह में हत्या कर दी गई। मायाराज में सरकार का इतना आतंक था कि जनता अपनी परेशानी भी नहीं बता  सकती थी। जब से श्री अखिलेश यादव ने शासन सूत्र सम्हाला है माफियाओं पर अंकुश लगा है, भ्रष्टाचार पर रोक लगी है और लूट की छूट खत्म हुई है।
अच्छा होता नेता विरोधी दल समाजवादी पार्टी के मुख्यमंत्री की ओर उंगली उठाने से पहले अपने और अपने सहयोगियों के गिरेबां में झांक लेते। वे अपनी मुख्यमंत्री के भी कारनामें याद कर लेते। समाजवादी पार्टी सरकार ने विद्वेषभावना से ग्रस्त होकर अब तक बसपा के नेताओं के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की  जबकि बसपाराज में एक लाख से ऊपर समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं पर फर्जी मुकदमे लगाए गए थे। मुख्यमंत्री ने श्री मुलायम सिंह यादव के खिलाफ ही एक दिन में 150 मुकदमें दर्ज करा दिए थे। सुश्री मायावती के भ्रष्टाचार की पोटलियां पूरी तरह अभी खुली नहीं है। बसपाराज में लुटेरों की सरकार से सांठगांठ के एक नहीं अनेक प्रमाण है जबकि समाजवादी पार्टी की सरकार ने लूट और वसूली को अक्षम्य अपराध घेाषित कर रखा है।
बसपा नेता ने अपने बयान में भयमुक्त समाज के जो दावे किए हैं, उसे उनके अलावा कोई अन्य दुहराएगा भी नहीं। वे यह क्यों भूल जाते है कि मायाराज में बढ़ते अपराधों के कारण ही जनता त्रस्त थी और उसने मतदान का अवसर पाते ही बसपा को ठुकरा दिया। जनता के बीच अपने काले कारनामों के लिए क्षमा याचना करने की जगह वे जो अनर्गल और बेबुनियाद आरोप लगा रहे है वह उन्हें भारी पड़ेगी क्योंकि खुद मौर्य जी और उनकी पूर्व मुख्यमंत्री के विरूद्ध जांच के बाद कानूनी कार्यवाही और जेल जाना सुनिश्चित है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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