भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय नेता व लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष श्रीमती सुषमा स्वराज ने आज उत्तर प्रदेश विधान सभा के नव निर्वाचित विधायकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को अपने संबोधन में सभी विधायकों को बधाई देते हुए कहा कि आप सभी बहुत सौभाग्यशाली हैं कि देश के सबसे बड़े राज्य की विधान सभा में आपको प्रतिनिधित्व को अवसर प्राप्त हुआ। श्रीमती स्वराज ने अपने संबोधन में विधान सभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय, बिहार विधान सभा के अध्यक्ष उदय नारायाण चैधरी, भाजपा विधान मंडल दल नेता हुकुम सिंह, उपनेता सतीश महाना तथा प्रमुख सचिव विधान सभा प्रदीप दुबे एवं सभी नव निर्वाचित विधायकों को संबोधित करते हुए उन्हें सफलता के लिए महत्वपूर्ण सूत्र दिए।
श्रीमती सुषमा स्वराज ने लोकप्रिय विधायक कैसे बना जाए विषय पर अपना उद्बोधन देते हुए विधायकों को उन सूत्रों की जानकारी दी जिसका अनुसरण कर वे लोकप्रिय विधायक बन सकते हैं। श्रीमती स्वराज ने समय प्रबन्धन पर सर्वाधिक जोर देते हुए कहा कि यदि आप अपने समय का प्रबन्धन सही ढंग से करेंगे और उसका अनुसरण कड़ाई पूर्वक करेंगे तो अपने परिवार/मतदाता/कार्यकर्ता सभी के साथ न्याय कर सकंेगे। उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि 25 वर्ष की उम्र में वे विधायक चुनी गई थी और आठ विभागों की मंत्री थी। केवल समय प्रबंधन और उसके अनुपालन के कारण ही मुझसे परिवार/कार्यकर्ता/मतदाता किसी को भी शिकायत का अवसर नहीं प्राप्त हुआ। दुसरा सूत्र उन्होंने अपने क्षेत्र के विकास के लिए किसी अच्छे प्रोजेक्ट को चुनना बताया। उन्होंने कहा कि आपकी कितनी ही फाइलंे निपटा लें, कितना ही काम कर डालें परन्तु आपका अच्छा कार्य स्वंय बोलेगा। तीसरा सूत्र बताते हुए उन्होंने कहा कि सभी विधायकों को नियमावली कठस्थ कर लेनी चाहिए और विधेयक पर बोलने से पहले उद्देश्य और कार्य पूर्ति अवश्य पढ़ लेें।
लोक सभा में नेता प्रतिपक्ष ने विधायकों की लोकप्रियता के लिए चैथा सबसे महत्वपूर्ण सूत्र उनका व्यक्तिगत आचरण, विनम्र व्यवहार तथा शुद्ध आचरण को बताया। उन्होंने कहा कि जिस विधायक ने अपने आचरण में विनम्रता और शुद्धता आत्मसात कर लिया वह कभी नहीं हार सकता। उन्होंने कहा कि राजनीति साधना है, यह जिंदा आदमी की इबादत है। पांचवाॅं सूत्र क्षेत्र की समस्या को विधान सभा में प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करना बताया। उन्होंने कहा कि यदि आप अपने इस कार्य में सफल हैं तो बिना प्रचार के लोकप्रियता आप हांसिल कर सकते हैं। छठा सूत्र बताते हुए श्रीमती स्वराज ने कहा कि हेकड़ी और घंमड विधायकों के दो सबसे बड़े दुश्मन हैं। उन्होंने कहा कि जिस विधायक ने हेकड़ी के आधार पर अपना वर्चस्व बनाना चाहता है वह दुबारा जीतकर नहीं आता। उन्होंने घंमड को हार की गांरटी बताया।
श्रीमती स्वराज ने यह भी कहा कि हम सब सेवा के लिए चुने गए हैं और सेवा ही हमारा कार्य है। उन्होंने कहा कि कई राज्यों में 10-15 वर्ष पंचायत के चुनाव नहीं हुए उस समय विधायक/सांसद को पंचायतों और पार्षदों के भी काम करने पड़े। उन्होंने कहा कि आज देश का 65 प्रतिशत मतदाता युवा है और वह भ्रष्टाचार के खिलाफ है और वही आदर्श हम लोगों में देखना चाहता है। श्रीमती स्वराज ने इस अवसर पर एक शेर भी पढ़ा - ’जो पहुंच गए हैं मंजिल पर, उनको तो नाजो सफर नही, दो चार कदम जो चले नहीं, रफ्तार की बातें करते हैं’। श्रीमती स्वराज ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए विधानसभा अध्यक्ष श्री माता प्रसाद पाण्डेय के प्रति आभार व्यक्त किया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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