Archive | May, 2012

राष्ट्रपति पर बने आम सहमति - डा0ॅ दिलीप अग्निहोत्री

Posted on 09 May 2012 by admin

भारत में संसदीय प्रजातन्त्र है। इसमें राष्ट्राध्यक्ष और शासनाध्यक्ष की अलग व्यवस्था होती है। राष्ट्राध्यक्ष अर्थात् राष्ट्रपति को नाममात्र का प्रधान माना जाता है। शासनाध्यक्ष अर्थात प्रधानमंत्री वास्तविक प्रधान माना जाता है। राष्ट्रपति से मंत्रिमण्डल की सलाह पर काम करने की अपेक्षा की गयी । यह संसदीय व्यवस्था के संविधान की महत्वपूर्ण विशेषता होती है। भारतीय संविधान के वर्तमान प्रावधान के अनुसार राष्ट्रपति मंत्रिमण्डल की सलाह को एक बार पुर्नविचार हेतु वापस कर सकता है। दुबारा वह मंत्रिमण्डल की सलाह के अनुरूप काम करेगा लेकिन देश की सबसे बड़ी  पार्टी काग्रेस की समस्या यह नही है। वह  जानती है कि इस संबंध में राष्ट्रपति का अधिकार क्षेत्र सीमित है। सलाह या प्रस्ताव को एक बार लौटाने के अलावा वह कुछ नही कर सकता। ये बात अलग है कि राष्ट्रपति द्वारा पुनर्विचार का निर्देश नैतिक रूप से महत्वपूर्ण हो सकता हैं। मंत्रिमण्डल या संसद पर नैतिक दबाव बन सकता है। लेकिन इससे महत्वपूर्ण यह है कि सभी संबंधित पक्ष नैतिकता को कितना महत्व देते है। वर्तमान परिवेश में इसको लेकर अधिक परेशानी नही हो सकती। नैतिकता का पक्ष न रूकावट है ना समस्या । समस्या गठबन्धन दौर से संबंधित है। किसी एक दल या निर्धारित गठबन्धन को स्पष्ट बहुमत हासिल होने पर राष्ट्रपति के समक्ष विकल्प नही रह जाता । वह बहुमत प्राप्त दल या गठबन्धन के नेता को प्रधानमंत्री बनाने के किए आमंत्रित करेगा । यह संवैधनिक बध्यता है। किन्तु त्रिशुंक लोकसभा की स्थ्तिि में वह अपने विवेक का प्रयोग कर सकता हैं। इस समय सत्ता पक्ष के सामने यही बड़ी समस्या हैं। पूर्ण बहुमत की गारण्टी नही है। ऐसे मे कंाग्रेस अपने किसी शुभचिन्तक को इस पद पर पहुँचाने का प्रयास करेगी । लेकिन राष्ट्रपति चुनाव के निर्वाचक -मण्डल में अपेक्षित बहुमत का अभाव है। कंाग्रेस चाह कर भी अपनी दम पर ऐसा नही कर सकती। उसे संयुक्त प्रगतिशील गठबन्धन के अलावा अन्य पार्टियो का भी समर्थन हासिल करना होगा । अनेक महत्वपूर्ण क्षेत्रिय दल भी अन्ततः यही चाहेगे। इससे कई क्षेत्रिय दलों को संतुष्टि मिल सकती हैं। संसदीय शासन व्यवस्था का  तकाजा है कि सर्वाधिक सक्षम व्यक्ति प्रधानमंत्री बने । राष्ट्रपति पद की जिम्मेदारी अलग तरह की है लेकिन सोनिया गाँधी के नेतृत्व वाली कंाग्रेस अलग ढंग का प्रयोग करने को तत्पर दिखायी दे रही हैं। राष्ट्रपति पद के लिए प्रणव मुखर्जी का नाम अवश्य अप्रत्याशित कहा जायेगा। संप्रग सरकार मे प्रधानमंत्री से भी अधिक सक्रिय नेता को राष्ट्रपति बनाना विचित्र होगा । प्रणव को सरकार का संकटमोचक माना जाता रहा । मनमोहन सिंह का अपना कोई राजनीतिक आधार नही है। प्रधानमंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद पर होने के बावजूद उनकी निष्क्रियता ,उनका मौन ,चर्चा में आ जाता है। उनकी निर्णय क्षमता पर भी प्रश्न चिन्ह लगते रहें है। कैसी विडम्बना है  कि वह प्रधनमंत्री बने रहेगें । जबकि प्रणव मुखर्जी का नाम राष्ट्रपति पद के लिए चल रहा है। यदि काग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी के मन मे यही चल रहा है, तब भविष्य मे उन्हे जवाबदेह होना पडे़गा । राष्ट्रपति बनने के प्रणव दलगत राजनीति से औपचारिक तौर पर ऊपर होगें। सरकार के समक्ष उत्पन्न होने वाली समस्याओं के समाधान में उनकी सक्रिय भूमिका का अभाव कंागे्रस को खटकेगा। मनमोहन ,चिदम्बरम ,एंटोनी आदि के लिए स्थ्तिि को सम्भालना कठिन होगा। देश के संवैधनिक इतिहास मे पहली बार केन्द्रीय मंत्रिमंडल के सर्वाधिक सक्रिय व प्रभावशाली मंत्री का नाम भावी राष्ट्रपति के रूप मे चला है। वित्तमंत्री प्रणव मुखर्जी का नाम चर्चा में सबसे आगे है। यह अनायास ही नही है। कांगे्रस हाईकमान को भी प्रणव के नाम पर अधिकतम सहमति बनने की उम्मीद है। वैसे कंाग्रेस या संप्रग अपने संख्याबल  के आधार पर उन्हे निर्वाचित नही कर सकता । इसलिए भीतर -बाहर अनेक प्रकार के प्रयास चल  रहे हैं। कंागे्रस का प्रयास इसी दिशा मे होगाा कि वह किसी ‘अपने‘ को राष्ट्रपति बनाये। कलाम ,हामिद ,कुरैशी के नाम भी दौड मे है, लेकिन कंागे्रस के लिए ये उस लिहाज से ‘अपने’ नही हो सकते। कुछ छेत्रीय दलो के नेताओ ने मुस्लिम उम्मीदवार का नाम अपने वोटबैंक समीकरण को ध्यान में रखकर चलाया । उनका मकसद यही तक सीमित है लेकिन वह एक हद से अधिक नही जा सकते। क्योकि वह जानते है कि ‘मोर्चा’ बनाकर भी वह अपनी पसन्द के व्यक्ति को राष्ट्रपति -भवन नही पहुचाँ सकते । ऐसा करने के लिए उन्हे भाजपा या राजग का सहयोग लेना होगा, जो भविष्य के समीकरण पर भारी पड़ेगा। ऐसे मे उन्हे संप्रग के साथ ही समझौते का रास्ता निकालना होगा। कलाम बेहतर विकल्प हो सकते थे । उन पर सहमति बनाई जा सकती है। लेकिन कंागे्रस का उनके साथ अनुभव ठीक नही रहा। वस्तुतः त्रिश्ंाकु लोकसभा की संभावना को ध्यान मे रखकर राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का चयन अनुचित है। राष्ट्रपति देश का सर्वोच्च संवैधनिक पद हैं इस पद पर पहुॅंचने के बाद वह दलगत सीमाओ से ऊपर हो जाता है। त्रिशंकु लोकसभा में भी उससे संविधान की भावना के अनुसार निर्णय लेंने की अपेक्षा की गयी है। ऐसा करके वह अपनें पद की गरिमा कायम रख सकता है। कांग्रेस को चहिए कि वह वर्तमान राजनीतिक स्थिति को ध्यान में रखकर आम सहमति से राष्ट्रपति के चयन का प्रयास करें।
केन्द्र में सक्षम सरकार चलाना और राष्ट्रपति पद हेतु सर्वमान्य चेहरे की तलाश कांग्रेस का दायित्व है। लेकिन अब तक की कवायद से लगता नहीं कि कांग्रेस दोंनो मसलों पर गम्भीर है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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सभी के आवेदनों पर त्वरित कार्यवाही होगी

Posted on 08 May 2012 by admin

आज कोई पूर्व निर्धारित कार्यक्रम नहीं था लेकिन मुख्यमंत्री जी ने जब देखा कि तमाम लोग उनसे मिलने आए हैं तो वे उनके बीच पहुॅच गए। उनके आवेदन पत्र लिए और उन पर कार्यवाही के निर्देश भी दिए। आज उनसे मिलनेवालों में विधायक थे, पूर्व विधायक थे और पूर्व बसपा सरकार के सताये सैकड़ों लोग और बड़ी संख्या में महिलाएं भी थी। सब अपने प्रिय नेता श्री अखिलेश यादव से मिलकर अपनी बात कहना चाहते थे। उनके साथ प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री निवास 5-कालिदास मार्ग पर आज मुख्यमंत्री जी से भेंट करनेवालों में प्रमुख थे विधायकगण सर्वश्री प्रेमप्रकाश सिंह, परवेज, सुभाष पासी, शारदा प्रताप शुक्ला, मुक्तिनाथ यादव, जयप्रकाश अंचल, सियाराम सागर, दीपक कुमार, विशम्भर सिंह यादव, पूर्व राज्यमंत्री किरनपाल कश्यप। पूर्व विधायकगण सर्वश्री अम्बेश कुमारी, राजीव चानना, जावेद अंसारी, राम आसरे विश्वकर्मा, पूर्व साॅसद श्री बालेश्वर यादव के अतिरिक्त सम्भल के जिलाध्यक्ष श्री फिरोज खाॅ, उनके साथ मियाॅ मोहम्मद असलम खाॅ, संतोष कुमारी (फैजाबाद) रानीदेवी (बांदा) दीपमाला कुशवाहा (झाॅसी) कर्नल सत्यवीर सिंह यादव, लाल अमीन (लखनऊ) और उत्तराखण्ड के श्री मतीन सिद्दीकी ने भी श्री अखिलेश यादव से भेंट की।
मुख्यमंत्री जी से मिलकर हाजी रिजवान विधायक ने बाकरगंज बाजार, कानपुर में 143 दूकानों के अग्निकाण्ड में जल जाने पर मुआवजें की मांग उठाई। श्री अब्दुुल रशीद किडनी की बीमारी से परेशान है। उन्होने चिकित्सा सुविधा की मांग की। मुख्यमंत्री जी ने उनके आवेदनों पर सहानुभूतिपूर्वक कार्यवाही करने का आश्वासन दिया।
दूसरी तरफ लोक निर्माण एवं सिंचाई मंत्री श्री शिवपाल सिंह यादव ने पार्टी मुख्यालय में आए फरियादियों से भेंट की और आश्वासन दिया कि सभी के आवेदनों पर त्वरित कार्यवाही होगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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आकस्मिक मृत्यु पर शोक की लहर

Posted on 08 May 2012 by admin

गोंडा जनपद के कटरा विधान सभा से भारतीय जनता पार्टी के विधायक बावन सिंह के तीस वर्षीय युवा पुत्र गौरव सिंह की निर्मम हत्या तथा संगठन मंत्री प्रशान्त अरोड़ा के 55 वर्षीय भाई भारत गोचर की आकस्मिक मृत्यु पर भारतीय जनता पार्टी में शोक की लहर है।
भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री उ0प्र0 राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं विधायक कलराज मिश्र, मुख्तार अब्बास नकवी, विनय कटियार, प्रदेश अध्यक्ष डा0 लक्ष्मीकांत बाजपेई एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही, नेता विधान मंडल दल हुकुम सिह, डा0 रमापति राम त्रिपाठी, ओम प्रकाश सिंह, प्रदेश प्रवक्ता सत्यदेव सिंह, हृदय नारायण दीक्षित (सदस्य विधान परिषद), राजेन्द्र तिवारी, विजय बहादुर पाठक, प्रदेश मीडिया प्रभारी नरेन्द्र सिंह राणा, हरीश चन्द्र श्रीवास्तव मुख्यालय प्रभारी भारत दीक्षित, सहप्रभारी चै0 लक्ष्मण ंिसह, कार्यालय सचिव अनूप गुप्ता,  वरिष्ठ संगठन मंत्री कृष्ण दत्त तिवारी, राजकुमार, आशुतोष मिश्र नेे गहरी शोक संवेदनायें व्यक्त की तथा दिवंगत आत्माओं की शांति एवं परिजनों को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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प्रत्येक लोकसभा से दो-दो प्रतिनिधि किसान सांसद के रूप में भाग लेंगे

Posted on 08 May 2012 by admin

भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चे के राष्ट्रीय महामंत्री नरेश सिरोही ने आज प्रदेश मुख्यालय पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि आगामी 12 व 13 मई को दो दिवसीय किसान संसद का आयोजन दिल्ली में किया जाएगा। कुल आठ सत्रों में चलने वाले इस संसद में देश की प्रत्येक लोकसभा से दो-दो प्रतिनिधि किसान सांसद के रूप में भाग लेंगे।
श्री सिरोही ने बताया कि इस आयोजन में किसान मोर्चा के अलावा और भी किसान संगठनों को बुलाया जाएगा। सभी प्रतिनिधि पूरे दो दिन रहेंगे। कार्यक्रम का उद्घाटन नेता प्रतिपक्ष (लोकसभा) श्रीमती सुषमा स्वराज तथा समारोप भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी के द्वारा होगा। किसान संसद की विस्तृत जानकारी देते हुए श्री सिरोही ने बताया कि उक्त कार्यक्रम में किसानों की समस्याओं पर व्यापक चर्चा व उनके निदान की  प्रभावी रणनीति बनाई जाएगी।
श्री सिरोही ने बताया कि प्रथम सत्र किसान एवं कृषि की वर्तमान स्थिति एवं चुनौतियां का होगा जिसमें किसानों द्वारा की जारी आत्महत्याएं, अनार्थिक जोत, जनसख्ंया का दबाव व अल्प रोजगार जैसे मसलों पर चर्चा की जाएगी। दूसरा सत्र किसानों की घटती आमदनी और केन्द्र सरकार की नीतियां, तीसरा सत्र बाजार की मार, चैथा सत्र प्राकृतिक आपदा, मौसम की मार और जोखिम प्रबंधन, पांचवा सत्र कृषि के इनपुट्स, छठा सत्र ढांचागत सुविधांए, सांतवा संसद में प्रस्तुत कृषि क्षेत्र के विधेयक तथा आठंवा सत्र किसान एवं कृषि और हमारा विजन पर होगा।
राष्ट्रीय महामंत्री श्री सिरोही ने कहा कि किसान इतनी गरीबी में रहते हुए भी अनाज का उत्पादन दे रहा है लेकिन इंफास्ट्रक्चर की कमी के कारण खाद्यान्न का रख-रखाव नहीं हो पाता। गोदाम, कोल्ड स्टोरेज की स्थिति दयनीय हो गई है। पिछले 10-12 सालों में किसान की लागत पांच गुना बढ़ गई है। कई बार लागत की बात तो दूर मजदूरी तक नहीं मिलती है। खुदरा क्षेत्र में विदेशी निवेश का विरोध करते हुए उन्होंने कहा कि कृषि के बाद सबसे अधिक रोजगार देने की क्षमता भारत के खुदरा बाजार में ही है। भारत का खुदरा बाजार लगभग 28 लाख करोड़ रू0 है जिसमें 67 फीसदी खाद्य और परचूनी दुकानदार हैं इससे लगभग 20 करोड़ भारतीयों की जीविका चल रही है। खुदरा कारोबार में एक करोड़ बीस लाख दुकानें हैं और लगभग चार करोड़ लोग इसमें रोजगार पाते हैं।
पत्रकार वार्ता में राष्ट्रीय महामंत्री के साथ किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुशील शाक्य, दिनेश दुबे, विवेक श्रीवास्तव मौजूद थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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मुख्य सचिव द्वारा आपदा राहत कार्यों की समीक्षा

Posted on 08 May 2012 by admin

सार्वजनिक सम्पत्तियों की तत्काल मरम्मत हेतु जिला व मण्डल स्तरीय समितियों की अधिकार सीमा बढ़ी

मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी ने आज राज्य स्तरीय आपदा राहत समिति की बैठक में बाढ़ से क्षतिग्रस्त सार्वजनिक परिसम्पत्तियों की आपदा राहत निधि से तात्कालिक मरम्मत हेतु 50 लाख तक की परियोजनाओं की वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति का अधिकार जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली जिला आपदा राहत समिति को तथा 50 लाख से 02 करोड़ तक की परियोजनाओं की वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति का अधिकार मण्डलायुक्त की अध्यक्षता वाली मण्डलीय आपदा राहत समिति  को प्रतिनिधानित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अब 02 करोड़ से ऊपर की परियोजनाएं स्वीकृति हेतु राज्य स्तरीय समिति के समक्ष प्रस्तुत की जाएं।
मुख्य सचिव श्री उस्मानी ने बाढ़ राहत एवं बचाव कार्य हेतु गृह विभाग को मोटर बोट आदि की खरीद हेतु 5.72 करोड़ रू0 की धनराशि प्रदान करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बाढ़ के तुरन्त बाद सार्वजनिक परिसम्पत्तियों के नुकसान के प्रस्ताव नवम्बर माह तक प्राप्त हो जाये, जिससे इन्हें तत्काल स्वीकृत कर रिपेयर का कार्य तुरन्त प्रारम्भ कर दिया जाये। उन्होंने बाढ़ आदि से वर्ष 2011-12 में सार्वजनिक परिसम्पत्तियों की क्षति आदि के प्रकरणों की समीक्षा कर आवश्यक निर्देश दिए।
बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक रंजन, प्रमुख सचिव राजस्व एवं राहत आयुक्त श्री अशोक कुमार, प्रमुख सचिव गृह श्री आर0एम0 श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव सिंचाई श्री दीपक सिंघल, सचिव वित्त श्री संजीव मित्तल, प्रबन्ध निदेशक पावर काॅरपोरेशन श्री अवनीश अवस्थी व अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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राज्य के हितों को देखते हुए प्रदेश सरकार रायबरेली में भी आवश्यकतानुसार भूमि उपलब्ध करायेगी

Posted on 08 May 2012 by admin

उत्तर प्रदेश में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापना के लिए राज्य सरकार हर संभव मदद को तैयार है। यह जानकारी आज यहां देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा पहले ही स्पष्ट किया जा चुका है कि यदि केन्द्र सरकार जनपद रायबरेली में एम्स स्थापित करना चाहती है तो राज्य के हितों को देखते हुए प्रदेश सरकार रायबरेली में भी आवश्यकतानुसार भूमि उपलब्ध करायेगी।
प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेशवासियों को उच्च स्तर की चिकित्सा सुलभ कराना राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। इसलिए एम्स की स्थापना को लेकर प्रदेश सरकार अपने स्तर से केन्द्र सरकार को हर तरह का सहयोग देगी। उन्होंने कहा कि जनपद रायबरेली के विधानसभा क्षेत्र सरैनी के विधायक श्री देवेन्द्र प्रताप सिंह ने भी ग्राम पंचायत बन्नामऊ के राजस्व ग्राम चाँदा, तहसील लालगंज में लगभग 114 एकड़ भूमि देने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री को उपलब्ध करा दिया है।
प्रवक्ता ने कहा कि विधायक के प्रस्ताव में 50.31 एकड़ सरकारी भूमि की उपलब्धता का उल्लेख किये जाने के साथ ही किसानों की 63.40 एकड़ भूमि के सहमति पत्र शासन को सौंपे गये हैं। एम्स की स्थापना के लिए प्रस्तावित यह भूमि लखनऊ-बांदा राष्ट्रीय मार्ग पर स्थित है तथा तहसील मुख्यालय से 1.5 किलोमीटर एवं जिला मुख्यालय से मात्र 33 किलोमीटर की दूरी पर है। लखनऊ से भी चिन्हित भूमि की दूरी 80 किलोमीटर है। उन्होंने कहा कि एम्स की स्थापना के लिए चिन्हित भूमि के सम्बन्ध में उपजिलाधिकारी लालगंज ने भी अपनी आख्या जिलाधिकारी रायबरेली को उपलब्ध करायी है, जिसमें भूचित्र, चिन्हित भूमि की सूची तथा खतौनियों को उद्धरण शामिल हैं। इसी प्रकार जनपद रायबरेली के बछरांवा विधानसभा क्षेत्र के विधायक श्री रामलाल अकेला ने भी अपने क्षेत्र में एम्स हेतु भूमि उपलब्धता की बात कही है।
प्रवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार विकास से जुड़े प्रत्येक कार्य में केन्द्र के साथ परस्पर सहयोग एवं साझेदारी को पूरा महत्व देती है और इसी सकारात्मक सोच के साथ काम करना चाहती है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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पूंजीनिवेश का माहौल बनाने के लिए सरकार निरन्तर प्रयासशील है

Posted on 08 May 2012 by admin

समाजवादी पाटी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि प्रदेश में औद्योगिक प्रगति को गति देने और पूंजीनिवेश का माहौल बनाने के लिए मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी की सरकार निरन्तर प्रयासशील है। पिछले पांच वर्षो में बसपा सरकार में प्रदेश का विकास पूरी तरह अवरूद्ध था। बाहरी पूंजीनिवेश ठप्प हो गया था। भ्रष्टाचार और बिगड़ी कानून व्यवस्था के कारण कोई उद्योगपति बाहर से आने का साहस नहीं कर पाया और जो यहां उद्योग चला रहे थे उनको भी पलायन के लिए बाध्य हो जाना पड़ा। लघु मध्यम उद्योग बड़ी संख्या में बंद हो गए।
श्री मुलायम सिंह यादव ने अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने का संकल्प लिया था। उन्होने तब प्रदेश में बुनियादी ढांचे की स्थापना को प्राथमिकता दी थी। लेकिन उनके हटते ही प्रदेश में अंधेरराज हो गया। मंहगाई के साथ भ्रष्टाचार और लूट, बलात्कार, अत्याचार से जनजीवन त्रस्त हो उठा। तत्कालीन बसपा मुख्यमंत्री ने वसूली का ऐसा तंत्र विकसित किया कि पूरा प्रशासन उनके लिए धन के नए-नए स्रोत तलाशने में ही लगा रहा।
मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने शपथ ग्रहण के बाद से ही प्रदेश की बिगड़ी विकास स्थिति पर ध्यान देना शुरू कर दिया है। इस के फलस्वरूप अब प्रदेश में औद्योगिक संगठनों ने भी अभिरूचि दिखानी शुरू कर दी है। उद्योग संगठन एसोचैम ने अगले पांच साल में राज्य की विकास दर दहाई अंकों में पहुॅचाने और औद्योगिक विकास को गति देने के लिए राज्य सरकार को 30 सूत्री विकास एजेन्डा पेश किया है। राज्य में निवेश आकर्षित करने के लिए दिल्ली में बेलकम टू यूपी डेस्क का गठन किया गया है जहाॅ उद्यमियों को राज्य से संबंधित हर प्रकार की जानकारी प्राप्त हो जाएगी।
एक अन्य प्रभावशाली उद्योग संगठन सीआईआई के प्रतिनिधि मण्डल ने भी मुख्यमंत्री जी को राज्य की छवि निखारने की भ्ूामिका में आने का प्रस्ताव दिया है। सीआईआई ने प्रदेश की दीर्धकालिक और विस्तृत आर्थिक विकास दर के लिए कई सुझाव भी दिए है।
उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा प्रदेश है। यहंा की आबादी 20 करोड़ के आसपास है। इस हिसाब से राज्य को अपेक्षाकृत ज्यादा तेजी से विकास करना चाहिए। इसके लिए बड़े पैमाने पर निवेष की जरूरत है। इसके अनुकूल वातावरण बनाने का काम सरकार ही करेगी। समाजवादी पार्टी ने आधारभूत ढांचा तैयार करने और औद्योगिक विकास की सम्भावनाओं के विस्तार को अपने चुनाव घोषणा पत्र में भी स्थान दिया है। यह सभी जानते है कि समाजवादी पार्टी जो वायदे करती है, उसे निभाती है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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श्रमिकों को अधिक से अधिक लाभान्वित कराया जाय

Posted on 08 May 2012 by admin

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी ने निर्देश दिये है कि महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत विभिन्न विभागों से कन्वर्जेन्स से कराने जाने वाले कार्याें की प्रक्रिया को सरल बनाने के उद्देश्य से प्रोजेक्ट तैयार होने, धनराशि अवमुक्त एवं उपयोगिता प्रमाणपत्र आदि प्रक्रिया का समावेश करते हुए शासनादेश एक सप्ताह के अन्दर निर्गत किया जाय। वर्तमान वित्तीय वर्ष (2012-13) में 33.95 करोड़ मानव दिवसों के सृजन हेतु 7003 करोड़ रुपये का श्रम बजट भारत सरकार द्वारा स्वीकृत किया गया है। मनरेगा निर्देशिका के अनुसार सम्बन्धित विभागों द्वारा 1505 करोड़ रुपये के प्रस्ताव सम्मिलित किये गये हैं।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय सभागार कक्ष में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी के कार्याें की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि Shelf of Project  में जो प्रस्ताव और सम्मिलित कराने की कार्यवाही की जा सकती है, का वित्तीय आंकलन तत्काल प्रस्तुत किया जाय। विगत वित्तीय वर्ष 2011-12 में 779 करोड़ रुपये का कन्वर्जेन्स के माध्यम से कार्य कराया गया था।
श्री उस्मानी ने विभागीय वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिये है कि मनरेगा योजनान्तर्गत कार्याें को निर्धारित मानक एवं गुणवत्ता के साथ कार्य कराने हेतु नियमित रूप से अनुश्रवण करें। उन्होंने कहा कि योजनान्तर्गत पात्र श्रमिकों को अधिक से अधिक लाभान्वित कराया जाय। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि विभागीय अधिकारी कार्याें का स्थलीय औचक निरीक्षण कर योजना से अधिकाधिक पात्र लोगों को लाभान्वित कराये।
बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक रंजन, प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास
श्री राजीव कुमार, प्रमुख सचिव पंचायती राज श्री बी0एम0 मीना, प्रमुख सचिव लघु सिंचाई श्री दुर्गा शंकर मिश्रा, सचिव सिंचाई श्री एस0पी0 गोयल, सचिव उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण श्री राजन शुक्ला, सचिव वन श्री राजेश कुमार सिंह तथा प्रमुख स्टाफ आफिसर
मुख्य सचिव श्री आशीष कुमार गोयल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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शिक्षा की निजी दुकान बना कर खुले आम मुनाफे वाला व्यवसाय कर रहे है

Posted on 08 May 2012 by admin

जनपद के शिक्षा विभाग को निजी स्कूल कुछ नही समझते और सरकार के नियम कानून की अनदेखी करते हुए उसका खुले आम मजाक उडा रहे है । इन पर लगाम लगा पाने मे प्रशासन नाकाम हो चुका है।
गौरतलब हो कि जिले के निजी स्कूल शिक्षा की निजी दुकान बना कर खुले आम मुनाफे वाला व्यवसाय कर रहे है  और ये स्कूली शोरुम दिखा कर अभिभावको को मनमानी तरीके से लूट रहे है । जिन पर शिक्षा विभाग व जिला विद्यालय निरीक्षक अथवा पूरे विभाग का कोई वजूद नही है।
पूरे नगर मे अधिकारियो से लेकर जन प्रतिनिधि तक इस समस्या ये भली भांति परिचित है  फिर भी आज तक इन शिक्षा के शोरुमो पर कभी कोई कार्यवाही नही होती नगर का एक बहुचर्चित इंग्लिश स्कूल स्टेला मेरिस कान्वेंट स्कूल जिसमे खुले आम हजारो रुपये डोनेशन व शिक्षण शुल्क वसूले जाते है ।
सूत्र बताते है कि जो डोनेसन नही देता है उसके बच्चे का एडमीशन नही किया जाता और जो बच्चे वहां पर पढ़ भी रहे है तो उन्हे जबरन फेल कर दिया जा रहा है जिससे नये छात्र डोनेशन देकर भर्ती कर सके । और उनके अभिभावक कुछ दिन स्कूल के चक्कर काटकर दूसरे स्कूल मे एडमीशन कराने पर मजबूर है ।
हैरत है कि उन स्कूलो मे जिला विद्यालय निरीक्षक की भी नही सुनी जाती उनके विभाग के लोगो ने बताया कि केवल जिलाधिकारी ही सी०बी०एस०ई० बोर्ड की अध्यक्ष अथवा नियंत्रणाधीन अधिकारी है। अब सोचने वाली बात है कि नगर का कोई बिरला ही जिलाधिकारी से अपनी समस्या कहेगा और सुनी जायेगी अन्यथा लगभग ९९ प्रतिशत अभिभावक तो विगत कई वर्षो से इस मिशनरी विद्यालय की मनमानी सहते आ रहे है ।
इस समस्या से पूरा नगर यानि निजी स्कूलो मे पढ़ाने वाले अभिभावक पीडि़त है मगर जिलाधिकारी समेत जिले के जन प्रतिनिधि बोलने को तैयार नही है इससे इन शिक्षा के शोरुमो के शिक्षा माफिया खुले आम दबंगई पूर्वक रसीदे छपवाकर लूट रहे है ।
पूरे नगर मे चर्चा है कि प्रतिवर्ष निजी शिक्षा माफिया करोडो का वारा न्यारा करते है  जिसमे खुलेआम कानून कायदे, शासना देशो, मुख्यमंत्री की मंशा को धता बताकर घूस खोरी कर संचालित किया जा रहा है ।
नगर की मध्यमवर्गीय जनता कर्मचारी, चपरासी, समेत सभी त्राहि त्राहि बोल चुके है और मुख्यमंत्री से मांग की है कि शासन स्तर से किसी सख्त और ईमानदार सचिव से जिले के स्कूलो की अंधेर गर्दी और अधिकारियो के संरक्षण की जांच करा कर जनता के साथ न्याय किया जाये ।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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पुष्टाहार पशु आहार बनकर खुलेआम बाजारो, गांवो के गली-कूचो मे बेचा जा रहा है

Posted on 08 May 2012 by admin

देहली बाजार , जिले मे बाल पुष्टाहार योजना अपनी पटरी से उतर चुकी है। नौनिहाल बच्चो गर्भवती धात्री पुष्टाहार पशु आहार बनकर खुलेआम बाजारो, गांवो के गली-कूचो मे बेचा जा रहा है। अधिकांश केन्द्रों पर ताले लटक रहे है।
कार्यकत्री सुपरवाइजर समेत कार्यक्रम अधिकार नौनिहाल बच्चों के हको पर डाका डालने की जुगत में लगे हुए है। नौनिहाल बच्चो को संक्रामक रोगो से बचाने हेतु सर्व शिक्षा अभियान मे जोडने हेतु सरकार द्वारा बाल विकास परियोजना के तहत करोडों रुपये पानी की तरह बहाया जा रहा है, किन्तु जिला कार्यक्रम के अधिकारी लचर कार्यप्रणाली के चलते योजनाओ का सही क्रियान्वयन नही हो पा रहा है।
गांवों के केन्द्र तक ले जाने हेतु बच्चों को केन्द्र सरकार द्वारा कार्यकत्रियों, सहायिकाओं की तैनाती की गई है तथा केन्द्रों को चेक करने की जिम्मेदारी सुपरवाइजरो को सौंपी गई है।
साथ ही सभी केन्द्र सी०डी०पी०ओ० के निगरानी में संचालित होती है किन्तु यह अधिकारी धन उगाही मे अधिक रुचि दिखा रहे है। नौनिहाल बच्चों गर्भवती धात्री महिलाओं को मिलने वाली वीडिंग फूड खुलेआम बाजारो मे बेंचकर धन का बंदरबाट किया जा रहा है। सभी केन्द्रो के लिए प्रतिमाह कागजों मे बीडिंग फूड खारिज किया जाता है।
परन्तु यहां वितरित न होकर पशुओं का आहार बना लिया जाता है। जिसे दूधिये १५० से २५० रुपये प्रतिबोरी की तक खरीदकर पशुओं को खिला रहे है। मिड-डे-मील की तर्ज पर विगत सरकारों ने आंगनबाडी केन्द्रों पर आने वाले बच्चों को गरमा-गरम भोजन देने की योजना बनायी थी किन्तु वह योजना पूर्णतया ध्वस्त है। बाल विकास परियोजना द्वारा संचालित योजनाएं मात्र कागजों में दिखाई पडती है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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