उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी ने निर्देश दिये है कि महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत विभिन्न विभागों से कन्वर्जेन्स से कराने जाने वाले कार्याें की प्रक्रिया को सरल बनाने के उद्देश्य से प्रोजेक्ट तैयार होने, धनराशि अवमुक्त एवं उपयोगिता प्रमाणपत्र आदि प्रक्रिया का समावेश करते हुए शासनादेश एक सप्ताह के अन्दर निर्गत किया जाय। वर्तमान वित्तीय वर्ष (2012-13) में 33.95 करोड़ मानव दिवसों के सृजन हेतु 7003 करोड़ रुपये का श्रम बजट भारत सरकार द्वारा स्वीकृत किया गया है। मनरेगा निर्देशिका के अनुसार सम्बन्धित विभागों द्वारा 1505 करोड़ रुपये के प्रस्ताव सम्मिलित किये गये हैं।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय सभागार कक्ष में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी के कार्याें की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि Shelf of Project में जो प्रस्ताव और सम्मिलित कराने की कार्यवाही की जा सकती है, का वित्तीय आंकलन तत्काल प्रस्तुत किया जाय। विगत वित्तीय वर्ष 2011-12 में 779 करोड़ रुपये का कन्वर्जेन्स के माध्यम से कार्य कराया गया था।
श्री उस्मानी ने विभागीय वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिये है कि मनरेगा योजनान्तर्गत कार्याें को निर्धारित मानक एवं गुणवत्ता के साथ कार्य कराने हेतु नियमित रूप से अनुश्रवण करें। उन्होंने कहा कि योजनान्तर्गत पात्र श्रमिकों को अधिक से अधिक लाभान्वित कराया जाय। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि विभागीय अधिकारी कार्याें का स्थलीय औचक निरीक्षण कर योजना से अधिकाधिक पात्र लोगों को लाभान्वित कराये।
बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक रंजन, प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास
श्री राजीव कुमार, प्रमुख सचिव पंचायती राज श्री बी0एम0 मीना, प्रमुख सचिव लघु सिंचाई श्री दुर्गा शंकर मिश्रा, सचिव सिंचाई श्री एस0पी0 गोयल, सचिव उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण श्री राजन शुक्ला, सचिव वन श्री राजेश कुमार सिंह तथा प्रमुख स्टाफ आफिसर
मुख्य सचिव श्री आशीष कुमार गोयल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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