- राज्य सरकार कानून द्वारा कानून का राज की नीति पर चल रही है
- पुलिस एवं पी0ए0सी0 अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विभिन्न प्रकार के भत्तों में बढ़ोत्तरी की घोषणा
- आरमोरर, बिगुलर, नदी पुलिस, घुड़सवार पुलिस तथा बैंड पुलिस कर्मियों को भी विशेष वेतन/भत्ता दिये जाने पर विचार
- राज्य सरकार ने प्रदेश पुलिस के आधुनिकीकरण के लिए जारी की पांच अरब सत्रह करोड़ रूपये की धनराशि
- राज्य सरकार शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों के कल्याण के लिए सभी जरूरी कदम उठा रही है -माननीया मुख्यमंत्री जी
उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री माननीया सुश्री मायावती जी ने आज यहां पुलिस लाइन में आयोजित पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर अपने कर्तव्यपालन के दौरान शहीद हुए पुलिस कर्मियों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि हमारे वीर शहीदों ने अपने सर्वाेच्च बलिदान और त्याग से उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस विभाग, दोनों का गौरव बढ़ाया है। उन्होंने शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों को आश्वस्त करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार उनके परिवार के सदस्यों के कल्याण तथा सुख-सुविधा के लिए सभी जरूरी कदम उठाने के लिए हमेशा तत्पर रहेगी।
सरकार शहीद पुलिस कर्मियों के कल्याण के लिए कटिबद्ध है और इस दिशा में तमाम निर्णय लिए गए हैं। पिछलें एक साल के दौरान अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए शहीद 35 पुलिस कर्मियों के आश्रितों को राज्य सरकार ने 03 करोड़ 43 लाख 05 हजार रुपये की अनुग्रह धनराशि प्रदान की है। इसके अलावा ड्यूटी के दौरान दिवंगत हुए पुलिस कर्मियों के 317 आश्रितों को आरक्षी, 149 को चतुर्थ श्रेणी, 179 को उपनिरीक्षक नागरिक पुलिस एवं 26 को उपनिरीक्षक (एम)/आशुलिपिक के पद पर नौकरी दी गयी है।
पुलिस बल के सदस्यों के लिए स्थापित कल्याण निधि में राज्य सरकार द्वारा दी गई धनराशि की जानकारी देते हुए माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस निधि में एक करोड़ पचास लाख रूपये का अनुदान दिया गया है तथा ‘‘चिकित्सा प्रतिपूर्ति मद’’ में प्रदेश के 778 पुलिस कर्मियों को छः करोड़ अड़तालिस लाख एक सौ पैंतालिस रूपये की धनराशि स्वीकृत की गई है। उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मियों को आर्थिक सहायता प्रदान किये जाने हेतु ‘‘सुख-सुविधा निधि’’ के अन्तर्गत जनपद/इकाईयों को एक करोड़ अठ्ठानवे लाख तैंतीस हजार नौ सौ रूपये का अनुदान भी दिया है। इसके अलावा पुलिस कर्मियों व उनके आश्रितों तथा सेवानिवृत्त पुलिस कर्मियों के कल्याण में कोई कमी न रहे, इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए उन्हें विभिन्न निधियों एवं बीमा योजनाओं के माध्यम से आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी गयी है। पुलिस कर्मियों के 4,239 पेंशन सम्बन्धी मामलों का निस्तारण शीर्ष प्राथमिकता के आधार पर किया गया है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमारी सरकार ने ‘‘वीरता और सेवाभावना’’ से काम करने वाले पुलिस कर्मियों को सम्मानित करने और उनका मनोबल बढ़ाने के लिए इस वर्ष 51 पुलिस कर्मियों को उत्कृष्ट सेवा सम्मान चिन्ह तथा 179 पुलिस कर्मियों को सराहनीय सेवा सम्मान चिन्ह प्रदान किया है। इसके अलावा साहसी और सराहनीय कार्य करने वाले 29 उपनिरीक्षकों को निरीक्षक, 10 मुख्य आरक्षियों को उपनिरीक्षक तथा 64 आरक्षियों को मुख्य आरक्षी पद पर आउट आॅफ टर्न प्रोन्नति भी दी गयी है। पुलिस कर्मियों की आवासीय समस्याओं से वर्तमान सरकार पूरी तरह अवगत है और इसके समाधान के लिए तत्परता से प्रयास कर रही है। इस वर्ष पुलिस कर्मियों को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराये जाने हेतु 252 आवासीय भवनों का निर्माण कराया गया है। साथ ही, 20 थानों के प्रशासनिक भवन व 05 महिला थानों के भवन भी निर्मित कराये गये हैं।
पुलिस के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विभिन्न प्रकार के भत्तों में बढ़ोत्तरी करने एवं अन्य विसंगतियों को दूर करने के फैसलों की जानकारी देते हुए माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इसके तहत पी0ए0सी0 के सेना नायक को 1600 रूपये, उप सेनानायक/अपर पुलिस अधीक्षक, सहायक सेना नायक/स्टाफ आफिसर, शिविरपाल को 600 रूपये, दलनायक को 400 रूपये, सूबेदार मेजर, सूबेदार शिविरपाल को 250 रूपये, प्लाटून कमाण्डर एवं. नायक को 200 रूपये, मुख्य आरक्षी एवं लान्स नायक को 150 रूपये एवं आरक्षी तथा समकक्ष को 100 रूपये प्रतिमाह का भत्ता स्वीकृत किया गया है। इसके अलावा पौष्टिक आहार भत्ता के रूप में अपर पुलिस अधीक्षक से उप निरीक्षक एवं लिपिकीय संवर्ग को 600 रूपये, हेड कांस्टेबल एवं कान्सटेबल को 750 रूपये तथा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को 650 रूपये प्रतिमाह स्वीकृत किया गया है।
इसी प्रकार नक्सल क्षेत्र भत्ता के सम्बन्ध में घोषणा करते हुए माननीया मुख्यमंत्री जी ने बताया कि इसकेे तहत उप सेना नायक एवं अपर पुलिस अधीक्षक को 450 रूपये तथा सहायक सेना नायक से चतुर्थ श्रेणी कर्मियों तक को वर्तमान में अनुमन्य धनराशि का डेढ़ गुना प्रतिमाह स्वीकृत किया गया है। इसी के साथ एस0टी0एफ0व ए0टी0एस0 में कार्यरत अपर पुलिस महानिदेशक से पुलिस उपाधीक्षक तक के अधिकारियों को, उनके मूल वेतन का 15 प्रतिशत अधिकतम 7500 रूपये प्रतिमाह का ‘‘भत्ता’’ स्वीकृत किया गया है। निरीक्षक से चतुर्थ श्रेणी कर्मियों तक को उनके मूल वेतन का 15 प्रतिशत, अधिकतम 6,500 रूपये प्रतिमाह प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। विशेष अनुसंधान दल के अपर पुलिस महानिदेशक से फालोअर तक के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को, उनके मूल वेतन का 10 प्रतिशत, अधिकतम 6,500 रूपये का भत्ता प्रतिमाह प्रदान करने का फैसला लिया है। इतना ही नहीं वर्तमान सरकार ने अपराध शाखा, अपराध अनुसंधान विभाग, भ्रष्टाचार निवारण संगठन, आर्थिक अपराध अनुसंधान विभाग, सतर्कता अधिष्ठान, अभिसूचना विभाग, सुरक्षा शाखा, विशेष जांच शाखा में पुलिस अधीक्षक से आरक्षी चालक तक के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को उन्हे वर्तमान में देय विशेष वेतन एवं विशेष सेवा भत्ता के योग की 04 गुना धनराशि को विशेष वेतन के नाम से प्रतिमाह स्वीकृत किया है।
इसी प्रकार वर्दी अनुरक्षण भत्ते के तौर पर पी0पी0एस0 अधिकारियों को 300 रूपये एवं अराजपत्रित अधिकारियों को 150 रूपये प्रतिमाह स्वीकृत किया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग के कार्मिकों को, भर्ती के समय 6000 रूपये एवं प्रत्येक 05 वर्ष पर 6000 रूपये का वर्दी भत्ता स्वीकृत किया गया है। पुलिस विभाग के समस्त हेड कांस्टेबल/समतुल्य पद एवं कान्सटेबल/समतुल्य पद पर प्रथम बार भर्ती के समय 4,800 रूपये एवं प्रतिवर्ष 1800 रूपये का वर्दी प्रतिपूर्ति भत्ता देने का भी फैसला लिया है। इसी के साथ चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को वर्दी भत्ता प्रथम बार 4000 रूपये एवं वर्दी नवीनीकरण भत्ता 1200 रूपये प्रतिवर्ष स्वीकृत किया गया है। इसके अलावा आरक्षी चालको के लिए 300 रूपये प्रतिमाह चालन भत्ता स्वीकृत किया गया है।
इस अवसर पर माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आरमोरर, बिगुलर, नदी पुलिस, घुड़सवार पुलिस तथा बैंड पुलिस कर्मियों को भी विशेष वेतन/भत्ता दिये जाने पर विचार किया जा रहा है तथा शीघ्र ही इस सम्बन्ध में फैसला लिया जायेगा। इसके अलावा पुलिस बल के राजपत्रित एवं अराजपत्रित अधिकारियों व कर्मचारियों, उनके आश्रितों एवं सेवानिवृत्त कर्मचारियों व उनके परिजनों को उत्तर प्रदेश सचिवालय कर्मियों की तरह संजय गांधी पोस्ट ग्र्रेजुएट चिकित्सा संस्थान, लखनऊ में कैश-लेस व्यवस्था के तहत ‘‘चिकित्सा सुविधा’’ दिये जाने का भी निर्णय लिया गया है।
पुलिस को सुदृढ़ बनाने के लिए उठाये गये कदम की जानकारी देते हुए माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार ने पुलिस बल में रिक्त पदों पर भर्ती एवं पदोन्नति के लिए निष्पक्ष और पारदर्शी व्यवस्था लागू की है, जिसके अन्तर्गत उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड का गठन किया गया है। इस बोर्ड द्वारा 35,844 आरक्षियों के चयन की कार्यवाही पूर्ण की गयी है। उत्तर प्रदेश पुलिस में निष्पक्षता से हुई भर्ती के इस कार्य की सराहना पूरे देश में हुई है। उन्होंने बताया कि इन आरक्षियों का 09 माह का आधारभूत प्रशिक्षण नवम्बर, 2011 में पूरा हो जाएगा। इसके अलावा, 40,290 आरक्षियों, 3,698 उपनिरीक्षक नागरिक पुलिस तथा 312 प्लाटून कमाण्डरों की भर्ती प्रक्रिया एवं रैंकर उपनिरीक्षक पद पर 5,389 रिक्तियों के सापेक्ष पदोन्नति की प्रक्रिया भी प्रगति पर है।
वर्तमान सरकार ने अपराधियों से निपटने के लिए पुलिस के संसाधनों में बढ़ोत्तरी करने हेतु ठोस कदम उठाये हैं। इसके तहत राज्य सरकार ने प्रदेश पुलिस के आधुनिकीकरण के लिए पांच अरब सत्रह करोड़ रूपये की धनराशि जारी की है। यह धनराशि उपकरणों, अस्त्र-शस्त्र, संचार व दंगा निरोधक उपकरणों, सुरक्षा व प्रशिक्षण सम्बन्धी उपकरणों तथा वाहनों को क्रय करने के लिए व्यय की जायेगी। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था की चुनौतियों से बेहतर ढंग से निपटने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स की तर्ज पर प्रदेश में रैपिड रिस्पांस फोर्स को गठित और सुसज्ज्ति किया है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान सरकार ने प्रदेश की जनता को अन्यायमुक्त, अपराधमुक्त, भयमुक्त, भ्रष्टाचारमुक्त तथा विकासयुक्त वातावरण देने का संकल्प लिया है तथा राज्य में विकास का माहौल एवं अमन-चैन कायम रखने को सर्वाेच्च प्राथमिकता दी गयी है। उन्होंने पुलिस कर्मियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदेश की कानून-व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए जिसमें, अपराधियों में कानून का भय व्याप्त हो तथा सर्वसमाज के सभी वर्गों, खासतौर पर गरीब, कमजोर और दबे-कुचले वर्गाें के पीड़ित लोगों को पूरी सुरक्षा और न्याय मिले। इसके लिए हमारी सरकार ने पुलिस प्रशासन को यह स्पष्ट निर्देश दिये हैं कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ एवं चुस्त-दुरूस्त बनाए रखने के लिए समाज में शान्ति व्यवस्था के लिए खतरा बने आपराधिक तत्वों को, चाहे वे कितने भी प्रभावशाली क्यों न हों, उनके विरूद्ध पुलिस पूरी जिम्मेदारी के साथ सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई करे। वर्तमान सरकार द्वारा इस दिशा में किये गये प्रयासांे के बेहतर नतीजे सामने आये हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार शुरू से ही हर मामले में ‘‘कानून द्वारा कानून का राज’’ की नीति पर चल रही है। उन्होंने कहा कि अपनी कार्यकुशलता के कारण राज्य पुलिस बल ने पिछलें एक वर्ष में कई सराहनीय उपलब्धियां अर्जित की हैं।
प्रदेश पुलिस द्वारा गत वर्ष आत्म रक्षा में की गयी कार्यवाही की जानकारी देते हुए माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 10 हजार रूपये से लेकर 50 हजार रूपये तक के 18 इनामी अपराधी मुठभेड़ में मारे गये तथा 150 इनामी अपराधियों को गिरफ्तार किया गया। इनमें ऐसे अपराधी भी शामिल हैं, जिन पर 50 हजार रूपये से लेकर ढाई लाख रूपये तक का इनाम घोषित था। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार सर्वसमाज की महिलाओं पर होने वाले अत्याचार की घटनाओं को बेहद गम्भीरता से लेती है। उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि पुलिस की सक्रियता के फलस्वरूप इस वर्ष महिलाओं के विरूद्ध अपराधों में कमी आयी है। साथ ही जनता की सूझ-बूझ व हमारी सरकार के प्रयासों की बदौलत प्रदेश में पूरी तरह साम्प्रदायिक सौहार्द व अमन-चैन का माहौल बना हुआ है। उन्होंने इसके लिए प्रदेश की जनता के साथ-साथ पुलिस व प्रशासनिक तंत्र को बधाई दी।
प्रदेश के कुछ जिले, जो पहले से ही नक्सलवाद से प्रभावित चले आ रहे हैं, वहां इस समस्या से निपटने के लिए सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ की गयी है जिससे जनमानस में प्रशासन व सरकार के प्रति विश्वास की भावना बढ़ी है और नक्सलवाद से प्रभावित इलाकों के सभी गांवों में विकास कार्याें को तेज करने के लिए वर्तमान सरकार ने इन गांवों को ’’डाॅ0 अम्बेडकर ग्राम सभा विकास योजना’’ के अन्तर्गत शामिल किया है, जहां स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, बिजली, पेयजल, पट्टा वितरण, पेंशन, राशन वितरण सहित विकास व जनहित की तमाम सुविधाएं प्राथमिकता पर लोगों तक पहुंचाने की कार्यवाही की जा रही है। इस दिशा में जन समन्वय योजनाएं तथा कम्यूनिटी पुलिसिंग स्थानीय निवासियों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक श्री बृज लाल ने भी शहीदों को अपने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि विगत 01 सितम्बर, 2010 से 31 अगस्त, 2011 तक सम्पूर्ण भारत वर्ष में कर्तव्य की बेदी पर अपने प्राणो को न्यौछावर करने वाले पुलिस जनों में उत्तर प्रदेश के 112 पुलिस जन सम्मिलित हैं। इनमें 02 निरीक्षक, 11 उपनिरीक्षक, 03 उपनिरीक्षक(एम), 01 उपनिरीक्षक (एमटी), 01 प्रधान परिचालक, 01 मुख्य आरक्षी (प्रो0), 08 मुख्य आरक्षी, 04 आरक्षी चालक व 81 आरक्षी हैं। उन्होंने कहा कि कर्तव्य पालन में आत्म बलिदान करने वाले इन वीरों के पराक्रम से सम्पूर्ण पुलिस बल गौरान्वित है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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