जन स्वाभिमान यात्रा की अगुवाई कर रहे भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कलराज मिश्र ने श्रीनगर राजकीय इण्टर कालेज और जेैतपुर की मण्डी समिति में आयोजित जनसभाओं को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती भ्रष्टाचार की जननी है। यहां तो हर काम में डील होती है। सपा, बसपा की सरकारों ने बुंदेलखंड को कंगाल बना दिया है। जबकि यहां प्राकृतिक एवं खनिज सम्पदाओं की कमी नहीं है। सरकार की गलत नीतियों के कारण 1800 किसान हत्या और आत्महत्या के शिकार हुए है। किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है, पानी के लिए लोग तरस रहे हंै। भाजपा सत्ता में आते ही किसानों को एक प्रतिशत व्याज पर कर्ज उपलब्ध कराएगी। उनके पुराने कर्ज माफ होंगे। प्रदेश में लाडली योजना चलेगी।
श्री मिश्र ने कहा कि बुन्देलखण्ड की बदहाली के लिए केन्द्र और प्रदेश की सत्ता में बैठे लोग पूरी तरह से जिम्मेदार है बुन्देलखण्ड में सर्वाधिक समस्या पेयजल की है पर ये समस्याएं राजनैतिक कारणों से बयानों में उलझ कर रह गई है। पैकेज की घोषणा और पैकेज की मांग के बीच पिस रहा किसान आत्महत्या को
मजबूर है। प्रधानमंत्री की यात्रा के समय पेयजल के लिए 200 करोड़ रूपये दिये गये उसकी वर्तमान स्थिति क्या है? दोनों सरकारों को स्पष्टीकरण देना चाहिए। नहरों के पुनर्जीवन के लिए निधार्रित 125 करोड़ की योजना को खर्च करने के लिए अभीतक सरकार ने कोई प्रस्ताव ही नहीं दिया। जल स्रोतों के पुर्नद्धार के लिए निधार्रित 80 करोड़ रूपये योजना के अभाव में शेष पड़े़ है। यह इस बात का द्योतक है कि आमजन की समस्याओं के बारे में कितनी गम्भीर है सरकारें। पेयजल की केन-बेतवा नदी लिंक प्रोजेक्ट जो लगभग 9000 करोड़ का था जिसको केन्द्र और प्रदेश सरकारों ने ठंडे बस्ते में डाल दिया है।
ब्ुदेलखंड के आंकड़े बताते हंै कि 7266 करोड़ के अतिरिक्त 200 करोड़ देने का ऐलान किया गया जब कि पैकेज के तहत 1695.76 करोड़ ही उ0प्र0 को अतिरिक्त केन्द्रीय सहायता के रूप में आंवटित हुए। बाकी पैसा अन्य केन्द्रीय योजनाओं में पहले से ही मिल रहा था। उसको भी पैकेज में दिखाना यह दर्शाता है इनकी नीयत में खोट थी। सरकारें कितनी गम्भीर है यह इसी से साबित होता है कि 19 नवम्बर 2009 को मंजूर पैकेज की धनराशि जुलाई 2010 के बाद ही अवमुक्त हो पायी। वहीं प्रदेश सरकार मात्र 214.21 करोड़ खर्च कर पायी।
उन्होंने कहा कि वसूली, अवैध तरीके से धर्नाजन बसपा सरकार का मुख्य हेतु साबित हो रहा है। बुन्देलखण्ड के लोग माया टैक्स से परेशान है। इसको लेकर यहां आन्दोलन भी हो रहे है। सरकारी विभाग का कार्य प्राइवेट लोग कर रहे है। सरकार गठन से अवैध वसूली का प्रारम्भ हुआ यह सिलसिला आज भी बदस्तूर जारी है। इंजीनियर मनोज गुप्ता की हत्या से लेकर परसों बंादा में हुई अपर मुख्य पंचायत अधिकारी आनन्द सिंह चैहान तक जारी है। कल गोडा में इस तरह की प्रताड़ना से सिचाई विभाग के इंजीनियर ने आत्महत्या कर ली है पता नहीं कितने और अधिकारियों की यह सरकार बलि लेगी? यह सरकार इतनी भ्रष्ट हो गयी है कि जो सहयोगी नहीं बनते उनकी हत्या करवा देती है अथवा उन्हें आत्महत्या के लिए मजबूर कर देती है।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश की बदहाल स्थिति के लिए जितना सपा बसपा जिम्मेदार है उतनी कांग्रेस भी बराबर की जिम्मेदार है। ऐसे में आज कांग्रेस महासचिव कैसे कह रहे हैं कि गरीबों की मदद वाली सरकार बनाएं। इन्हें यह स्पष्ट करना चाहिए कि गरीबों के लिए इन्होंने क्या किया ? क्या आसमान छूती मंहगाई गरीबों के हित में है। दर असल यह आमजन को धोखा और गरीबों को बेवकूफ बनाने की
कांग्रेस की नीति का हिस्सा है। उ0प्र0 को जहां गरीबी के मामले में 10 में 10वां स्थान प्राप्त है। वहीं जीडीपी के मामले में 27 राज्यों में उ0प्र0 26वें स्थान पर है, प्रशासनिक तुलना में प्रदेश 28वें स्थान पर है। वितीय स्थिति भी 28वें स्थान पर है। संसद में पेश वितीय 2010-11 की समीक्षा रिपोर्ट में बताया गया कि प्रदेश आर्थिक विकास की दौड़ में बिहार से भी कई पायदान नीचे चला गया। प्रदेश में जिस तेजी से गरीबी बढ़ रही है जो आगे चलकर आर्थिक अराजकता को जन्म दे सकती है। योजना आयोग की 11वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान गरीबी दूर करने की दर प्रति वर्ष 2प्रतिशत तय की थी लेकिन पिछले पांच वर्ष के दौरान कुल 5प्रतिशत गरीबी ही दूर की जा सकी। जिसका औसत एक प्रतिशत प्रतिवर्ष बैठता है। यह खराब प्रदर्शन तब और भी खराब दिखायी पड़ता है जब कि सरकार अपने बजट का 60 प्रतिशत सामाजिक योजनाओं में व्यय करती है। आज भी सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्र्तगत वितरित किये जाने वाले अनाज का 40 से 45 प्रतिशत अनाज ही लक्षित वर्ग तक पहुंचता है।
श्री मिश्र ने कहा कि मुख्यमंत्री किसी भी आरोपी को किस आधार पर निर्दोष होने का प्रमाण दे सकती है। क्या ग्राम्य विकास मंत्री के प्रकरण में उन्होंने कोई जांच कराई? कोई रिपोर्ट मंगवायी? मुख्यमंत्री बसपा प्रमुख के नाते तो अपने पार्टी के किसी आरोपी को क्लीन चिट तो दे सकती है पर मुख्यमंत्री के नाते नहीं क्योंकि जब कोई मुख्यमंत्री इस तरह बयान देता है तो उसके तहत काम करने वाले अधिकारी कैसे निष्पक्ष रहेंगे। कैसे पीड़ित के साथ न्याय कर पायेंगे? मुख्यमंत्री के द्वारा प्रोत्साहित किये जा रहे मंत्रीगण जनता को आंतकित कर रहे है। तत्काल आरोपी मंत्री को बर्खास्त किया जाना चाहिए। मेरी जानकारी के अनुसार पुलिस के अधिकारी पर पीड़ित ने धमकाने का आरोप लगाया है। मैं स्मरण दिलाना चाहता हूं कि इसी जनपद के शीलू कांड में सरकार ने पीड़ित पक्ष को जेल भेज दिया था और तब भी पुलिस प्रमुख पर पीड़ित को जेल में धमकाने की बात प्रकाश में आयी थी। राज्य का पुलिस तंत्र बसपा कैडर के रूप में काम कर रहा है। तभी तो कमला कुशवाहा, साक्षी सोनी दोनों को न्याय के लिए न्यायालय की शरण लेनी पड़ी और अब मुख्यमंत्री खुद ही आरोपी के बचाव में पक्षकार बन कर उभरी है। दरअसल बलात्कारियों और अपराधियों से भरी ये सरकार अपने किचिन केैबिनेट के लोगों को फंसता देख बेहयाई पर उतर आयी है। अपने कैडर और धन जुटाने वालों के फंसने पर यह सरकार किसी भी हद तक जा सकती है। सरकार को नैतिक रूप से एक क्षण भी सत्ता में बने रहने का अधिकार नहीं है। इस अवसर पर राष्ट्रीय प्रवक्ता रामनाथ कोविन्द ने बुंदेलखंड बदहाल सड़कों की चर्चा करते कहा कि यहां की सड़के जितनी खराब हैं उतनी कहीं की नहीं हैं। कलराज जी के मंत्रितत्वकाल में प्रदेश की सभी सड़के गढ्ढा मुक्त थीं। उन्होंने जनता से मौका मिलते ही बसपा सरकार का सफाया कर भाजपा सरकार बनाने की बात कही। यात्रा में प्रदेश उपाध्यक्ष शिव प्रताप शुक्ल, स्वतंत्र देव ंिसह, प्रदेश मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति, प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक, क्षेत्रीय अध्यक्ष मानवेन्द्र सिंह, क्षेत्रीय मंत्री हनुमान मिश्र, सुजीत ंिसह टीका, ब्रहमदेव मिश्र, पे्रमसागर तिवारी, सुनील भराला, दिनेश दुबे आदि लोग प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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