Archive | October 13th, 2011

सहारा इंडिया परिवार का फोर्स इंडिया फाॅर्मूला वन टीम में

Posted on 13 October 2011 by admin

डा0 विजय माल्या के साथ सह-स्वामित्व की घोषणा

भारत में खेलों के लीडिंग प्रमोटर और संरक्षक सहारा इंडिया परिवार ने आज भारत की एकमात्र एफ वन टीम फोर्स इंडिया फाॅर्मूला वन में अपने इक्यूटी निवेश करने की घोषणा की। नये शेयरों में अंशदान के बाद सहारा इंडिया परिवार फोर्स इंडिया फाॅर्मूला वन टीम में यू.बी. ग्रुप के चेयरमैन डा0 विजय माल्या के साथ बराबर का शेयरहोल्डर बन गया है।
pic-1एक विशेष समारोह में ‘सहाराश्री’ सुब्रत राॅय सहारा और डा0 विजय माल्या ने संयुक्त रूप से ‘सहारा फोर्स इंडिया एफ वन’ टीम के नये लोगो का अनावरण किया। टीम अब ‘सहारा फोर्स इंडिया एफ वन’ नाम से जानी जाएगी।
सहारा की संयुक्त साझेदारी फोर्स इंडिया एफ वन टीम को बेहतर प्रदर्शन व नयी ऊँचाई हासिल करने के लिए कटिंग एज टैक्नोलाॅजी में अधिक निवेश करने का मौका देगी।
इस अवसर पर ‘सहाराश्री’ सुब्रत राॅय सहारा, मैनेजिंग वर्कर एवं चेयरमैन, सहारा इंडिया परिवार ने कहा, ‘‘भारत खेलों के साथ सभी क्षेत्रों में नयी ऊँचाइयां हासिल कर रहा है। फाॅर्मूला वन कार रेसिंग सदैव से पश्चिमी जगत का गढ़ रहा है। भारत में इस आकर्षक खेल का आगमन हमारे सभी देशवासियों के लिए गौरव का विषय है। मुझे अत्यन्त गर्व है कि सहारा के पास अब भारत की एकमात्र एफ वन टीम का सह-स्वामित्व है और मुझे विश्वास है कि सहारा फोर्स इंडिया एफ वन टीम के माध्यम से हम साथ मिलकर अपने प्रिय राष्ट्र के लिए गौरव और सफलता हासिल कर सकेंगे।’’
यह निवेश इससे बेहतर अवसर पर नहीं आ सकता था, जबकि इंडियन ग्रैण्ड प्रिक्स का बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट, गे्रटर नोएडा में उद्घाटन के लिए तैयार है और जब करोड़ों प्रशंसक फाॅर्मूला वन के सपनों को भारत में साकार होते देखना चाहते हैं।
श्री सुब्रत राॅय सहारा ने प्रतिष्ठित फाॅर्मूला वन में भारतीय टीम शामिल करने और खासतौर पर टीम के विश्व में छठे (6वें) स्थान में लाने पर डा0 माल्या के प्रति अत्यधिक प्रशंसा व्यक्त की और हृदय से अपना आभार व्यक्त किया।
सहारा ग्रुप के साथ साझेदारी के विषय पर फोर्स इंडिया फाॅर्मूला वन टीम के प्रबंध निदेशक व टीम प्रिंसीपल डा0 विजय माल्या ने कहा कि मुझे सुब्रत राॅय सहारा ‘सहाराश्री’ का सहारा फोर्स इंडिया के अध्यक्ष के रूप में स्वागत करते हुए काफी प्रसन्नता हो रही है। मेरे लिए यह गर्व की बात रही है कि भारत को फोर्स इंडिया के साथ एफ वन के नक्शे पर रखा तथा टीम को इसके वर्तमान स्तर के प्रदर्शन से बेहतर बना सका। सहारा गु्रप ने देश में खेलों के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और फाॅर्मूला वन वल्र्ड चैम्पियनशिप में फोर्स इंडिया एफ वन टीम को बेहतर सफलता हासिल करने के लिए आदर्श साझेदार है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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अत्याचार और भ्रश्टाचार चरम पर है

Posted on 13 October 2011 by admin

“मंहगाई और बेरोजगारी से समाज का हर व्यक्ति परेषान है। इसकी वजह से घरों की खुषहाली समाप्त हो गई है। इसके लिए कांग्रेस और बसपा सरकारे जिम्मेदार हैं जिन्हें आम आदमी की फिक्र नहीं। बसपा सरकार ने प्रदेष मेें लूट मचा करती है। किसान कंगाल हो गया है। अत्याचार और भ्रश्टाचार चरम पर है। इस सरकार को हटाकर समाजवादी पार्टी की सरकार बनाना है।“
fatehganj-meerganj-bariley-1 उक्त उद्गार समाजवादी क्रांतिरथ से आज यात्रा के पांचवे चरण में समाजवादी पार्टी के प्रदेष अध्यक्ष श्री अखिलेष यादव ने बरेली सदर, मीरगंज, बहेड़ी, भोजीपुरा, नवाबगंज और पीलीभीत विधान सभा क्षेत्रों में आयोजित जनसभाओं में व्यक्त किए। जगह-जगह उनका भव्य स्वागत करने के लिए नौजवानों, महिलाओं और अल्पसंख्यकों की भीड़ उमड़ पड़ी थी।  श्री यादव ने आज के दिन 115 किलोमीटर की यात्रा कर समाजवादी पार्टी के पक्ष में मतदान करने की जोरदार अपील की।
श्री अखिलेष यादव ने एकत्र जनसमूह का आव्हान किया कि इस बार हर कीमत पर समाजवादी पार्टी की सरकार बना देना है क्योंकि प्रदेष की बसपा सरकार ने बहुत जुल्म ढाए हैं। झूठे केस दर्ज कर समाजवादी पार्टी के हजारों कार्यकर्ताओं को जेल में ठूॅसा है। कन्या विद्याधन, बेरोजगारी भत्ता बसपा सरकार ने बन्द कर दिया। मुस्लिमों के लिए जो योजनाएं चलाई थी बन्द कर दिया। जनहित के काम करने के बजाए यह सरकार जनता की गाढ़ी कमाई पत्थरों, पार्को, स्मारकों पर लुटाती रही है। 2 हजार पत्थर के हाथी लगे हैं जिनमें प्रत्येक हाथी की कीमत 1 करोड़ रूपए है ऐसी मुख्यमंत्री दुनिया में अनोखी है जिसने जिन्दा रहते अपनी मूर्तियाॅ लगाई है, उसके अधिकारी सिर्फ वसूली करने में मुस्तैद रहते है।
riksha-bahedi-1 श्री यादव ने कहा कि जितना धन मुख्यमंत्री ने पत्थरों, पार्को, स्मारकों पर खर्च किया है उससे दलित भाईयों का भी भला नहीं होनेवाला है। इतने पैसे से उनके लिए अस्पताल, दवाई और पढ़ाई का इंतजाम हो सकता था। पीने के पानी की किल्लत है। बिजली के बिना उद्योग चैपट है। इस सब पर बसपा सरकार का ध्यान नहीं है। कांग्रेस और बसपा दोनों का ध्यान नौजवानों को रोजगार देने पर भी नहीं है।
समाजवादी पार्टी के प्रदेष अध्यक्ष ने कहा कि वे लगातार क्रांतिरथ से चल रहे हैं और जरूरत होने पर साइकिल भी चला रहे हैं। कानपुर से उन्नाव और गाजियाबाद से साहिबाबाद तक वे खुद साइकिल यात्रा कर चुके हैं। उन्होने ऐलान किया कि हम समाजवादी क्रान्तिरथ से बसपा सरकार को हटाने और समाजवादी पार्टी की सरकार बनाने के संकल्प को लेकर निकले हैं।
क्रांन्तिरथ के साथ श्री अताउर्रहमान, श्री वीरपाल सिंह यादव, विधान सभा के प्रत्याषी तथा युवा नेता भी मौजूद थे। श्री यादव आज पीलीभीत में रात्रि विश्राम करेगें और कल 14-10-2011 को बरखेड़ा, बीसलपुर, फरीदपुर, बरेली छावनी में जनसभाओं को सम्बोधित करेगें।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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प्रदेश में अराजकता का वातावरण बना हुआ है

Posted on 13 October 2011 by admin

भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा मायावती सरकार अल्पमत में आ चुकी है।  ढाई दर्जन से भी अधिक बसपा विधायक  निलम्बित हैं या दूसरे दलों के चक्कर लगा रहे हैं। इसके बावजूद बर्खास्त प्रदेश सरकार को बर्खास्त न करके केन्द्र सरकार प्रदेश की जनता का अपमान कर रही है।
प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र तिवारी ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। कानून के शासन का इकबाल समाप्त हो गया है।जनता की सुरक्षा करने वाले पुलिसकर्मी स्वंय मारे जा रहे हैं। प्रबुद्धनगर की घटना आज की ही है। पूरे प्रदेश में अराजकता का वातावरण बना हुआ है। हत्या, बलात्कार, लूट, अपहरण आम बात हो गई है। इस सबसे बेखबर सूबे की मुखिया अपने परिवार की मूर्तियाॅं लगवाने में व्यवस्त हैं।
श्री तिवारी ने आश्चर्य प्रकट करते हुए कहा कि प्रदेश के खजाने का उपयोग मायावती अपने परिवार का महिमामंडन कर रही है। देश विधायकों को लगातार बर्खास्त करने के कारण सरकार बहुमत खो चुकी है, जो बचे हैं वे भी अन्य दलों में टिकट के लिए लाइन लगा रहे हैं। प्रवक्ता ने कहा कि कांगे्रस उ0प्र0 की माया सरकार से अपने गुप्त समझौते का खुलासा करें अन्यथा प्रदेश के हालात कोे संज्ञानमें लेकर प्रदेश सरकार को तुरन्त बर्खास्त करे, जिससे प्रदेश में अमन-चैन और कानून का राज कायम हो सके।
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि बेरोजगारों को रोजगार मुहैया कराने में सरकार की कोई दिलचस्पी नही ंहै। गरीब किसान आत्महत्या कर रहे हैं और गरीब होता जा रहा है। मरीज को दवाएं नहीं मिल पा रही हैं। हजारों की तादात में लोग डेंगू तथा मस्तिष्क ज्वर से मर चुके हैं। प्रदेश में उद्योग लगाने की जगह प्रदेश की मुखिया सहित मंत्रीगण किसानों की जमीन सुनियोजित ढंग से हड़प रहे हैं। अपने को दलितों की हितैषी कहने वाली सरकार में साधारण दलितों का कोई भला नहीं हो पा रहा है। वह आज भी भूखे पेट सोने का मजबूर हैं। इसके विपरीत जो लोग सत्ता में बड़े पदों पर काबिज हैं उनकी सम्पत्तियाॅं लगातार बढ़ रही हंै। आए दिन एक-एक मंत्री/विधायक आय से अधिक सम्पत्ति की जांच के घेरे में फंसते चले जा रहे हैं। बिजली, पानी, खाद, बीज की समस्या जस की तस बनी हुई है। इनके समाधान का रास्ता नहीं निकाला जा रहा है, जबकि जनता से कर लेने में केाई कोताही नहीं बरती जा रही है।
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि लोकतंत्र के चैथे स्तम्भ से लेकर समाज के सभी वर्ग उत्पीड़न के शिकार हो रहे हैं। वर्तमान प्रदेश सरकार लोकतांत्रिक मूल्यों का गला घोट रही है। संवैधानिक संस्थाओं का लगातार अवमूल्यन हो रहा है। लोकतंत्र के बजाय राजतंत्र चल रहा है। आम आदमी तो दूर प्रदेश के सांसद/विधायक भी अपनी बात नहीं कह पा रहे हैं। ऐसी तानाशाह मुख्यमंत्री को सरकार में बने रहने का कोई हक नहीं है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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राजनीतिक तमाशा है बी0जे0पी0 नेताओं की रथ यात्रायें

Posted on 13 October 2011 by admin

  • बी0जे0पी0 द्वारा बी0एस0पी0 सरकार पर लगाये गये सभी आरोप झूठे एवं बेबुनियाद
  • बी0जे0पी0 को देश के सबसे बड़े राज्य की माननीया मुख्यमंत्री जी की लोकप्रियता रास नहीं आ रही
  • बी0एस0पी0 सरकार पर आरोप लगाने से पहले बी0जे0पी0 को अपनी राज्य सरकारों की कारगुजारियों को भी याद करना चाहिये

बहुजन समाज पार्टी के प्रवक्ता ने बी0जे0पी0 नेताओं द्वारा बी0एस0पी0 सरकार पर आज लगाये गये आरोपों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने  कहा कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में हाशिये पर पहुंची बी0जे0पी0 को प्रासंगिक बनाने के लिए ये नेतागण प्रदेश की बी0एस0पी0 सरकार पर अनाप-शनाप आरोप लगा रहे हैं। बी0जे0पी0 नेताओं को बी0एस0पी0 सरकार पर झूठे और बेबुनियाद आरोप लगाने से पहले केन्द्र की तत्कालीन एन0डी0ए0 सरकार सहित उत्तर प्रदेश में सत्ता में रही व अन्य राज्यों की बी0जे0पी0 सरकारों की कारगुजारियों को याद कर लेना चाहिए।
पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि बी0जे0पी0 नेताओं की रथ यात्रायें एक राजनीतिक तमाशा के अलावा कुछ नहीं है। समय-समय पर बी0जे0पी0 नेता चर्चा में बने रहने के लिए रथ यात्राओं जैसे कार्यक्रम प्रायोजित करवाते हैं। बी0जे0पी0 शासित राज्य भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हुए हैं, इसलिए प्रदेश सरकार को अनावश्यक नसीहत देकर अपना समय व्यर्थ करने वाले बी0जे0पी0 के नेताओं को पहले अपना घर दुरुस्त करना चाहिये।
उत्तर प्रदेश का कल्याण करने का दावा करने वाले बी0जे0पी0 नेताओं पर पलटवार करते हुए बी0एस0पी0 प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश की जनता ने बी0जे0पी0 की सरकार को भी देखा है। पूंजीपतियों एवं धन्ना सेठों को संरक्षण देने वाले लोग जब गरीबों के उत्थान की बात करते हैं तो आश्चर्य होना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि बी0जे0पी0 उत्तर प्रदेश में सत्ता हासिल करने के लिए उतावली है, इसलिए उसके सारे नेता बी0एस0पी0 सरकार पर आधारहीन आरोप लगाकर अपनी पार्टी में जान फूंकने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बी0जे0पी0 को जनता अच्छी तरह जानती है इसलिए उसे दुबारा मौका नहीं देगी।
प्रवक्ता ने कहा कि दलित विरोधी जातिवादी मानसिकता से ग्रसित बी0जे0पी0 नेताओं को राजनैतिक नजरिये से देश के सबसे महत्वपूर्ण राज्य-उत्तर प्रदेश में दलित मुख्यमंत्री का नेतृत्व सहन नहीं हो पा रहा है। यही कारण है कि बी0जे0पी0 के लोग बी0एस0पी0 की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमंत्री जी के सम्बन्ध में आपत्तिजनक तथा अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि बी0जे0पी0 को आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े राज्य की माननीया मुख्यमंत्री जी की लोकप्रियता रास नहीं आ रही है।
पार्टी प्रवक्ता ने बी0जे0पी0 नेता द्वारा राज्य सरकार पर कानून-व्यवस्था तथा भ्रष्टाचार के संबंध में लगाये गये आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा कि बी0एस0पी0 अपनी स्थापना से ही भ्रष्टाचार के साथ-साथ राजनीति में अपराधीकरण के खिलाफ लगातार अपनी आवाज बुलन्द किए हुए है। यह इसी का नतीजा है कि उत्तर प्रदेश की बी0एस0पी0 सरकार पूरे देश की इकलौती ऐसी सरकार है, जिसने कानून तोड़ने वाले लोगों के खिलाफ दलगत राजनीति से ऊपर उठकर बगैर किसी पक्षपात के प्रभावी कार्यवाही करने में कोई देर नहीं लगाई।
प्रवक्ता ने कहा कि बी0एस0पी0 सरकार पर उंगली उठाने से पहले बी0जे0पी0 के नेता को अपनी पार्टी के शासन वाले कर्नाटक, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ तथा उत्तराखण्ड की सरकारों की ओर भी निगाह डालनी चाहिये थी। सभी जानते हैं कि आकंठ भ्रष्टाचार में डूबे कर्नाटक के तत्कालीन मुख्यमंत्री को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी और कई मंत्रियों को भी पद से हाथ धोना पड़ा। इसी प्रकार मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की बी0जे0पी0 सरकार के कई मंत्री भी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों से घिरे हुए हैं। स्थिति यह है कि बी0जे0पी0 शासित राज्यों में मा0 लोकायुक्त की रिपोर्ट पर कोई कार्यवाही नहीं होती और उन्हें ठण्डे बस्ते में डाल दिया जाता है।
प्रवक्ता ने कहा कि कानून-व्यवस्था के मामले में बी0जे0पी0 का रिकार्ड दूसरों पर उंगली उठाने लायक नहीं है। इसलिए बी0एस0पी0 पर आरोप लगाने के पहले बी0जे0पी0 के नेताओं को अपने गिरेबान में झांक लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि बहुजन समाज पार्टी ही ऐसी पार्टी है, जिसकी सरकार ने प्रदेश में जंगलराज खत्म करके कानून द्वारा कानून का राज स्थापित किया है।
प्रवक्ता ने कहा कि बी0एस0पी सरकार को प्रदेश का बिजली संकट विरासत में मिला है, क्योंकि पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा बिजली की कोई नयी इकाई स्थापित नहीं की गयी। इसके विपरीत राज्य सरकार ने प्रदेश की जनता को बिजली की समस्या से निजात दिलाने के लिए प्रभावी कदम उठाये हैं, जिनमें नई बिजली इकाइयों की स्थापना प्रमुखता से शामिल है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की बिजली समस्या के लिए बी0जे0पी0 भी जिम्मेदार है क्योंकि इस पार्टी की तत्कालीन राज्य सरकार ने ऊंचाहार तथा टांडा ताप विद्युत परियोजनाएं एन0टी0पी0सी0 को कौड़ियों के दाम पर बेच दी थीं।
प्रवक्ता ने कहा कि बी0जे0पी0 का किसान प्रेम राजनैतिक ढकोसला है क्योंकि बी0जे0पी0 के नेतृत्व वाली केन्द्र की एन0डी0ए0 सरकार ने किसानों की भूमि अधिग्रहण सम्बन्धी समस्याओं के समाधान के लिए अपने 6 वर्ष के कार्यकाल में भूमि अधिग्रहण कानून में परिवर्तन करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। इसके विपरीत राज्य की बी0एस0पी0 सरकार किसानों के हितों के प्रति पूरी तरह संवेदनशील और जागरूक है। उन्होंने कहा कि बी0जे0पी0 द्वारा राज्य सरकार पर प्रदेश के किसानों की उपेक्षा किये जाने का आरोप वोट बैंक की राजनीति का हिस्सा है। बी0एस0पी0 सरकार में उत्तर प्रदेश का किसान खुशहाल है। यही कारण है कि कृषि उत्पादकता के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश को पहली बार पूरे देश में बेस्ट परफार्मिन्ग स्टेट का दर्जा हासिल हुआ है।
गांवों के विकास के साथ ही आधारभूत ढांचा तैयार किये जाने को लेकर बी0एस0पी0 प्रवक्ता ने कहा कि बी0एस0पी0 सरकार ने शहरों के साथ ही गावों के सर्वांगीण विकास पर विशेष बल दिया है। बी0एस0पी0 की कथनी और करनी में कोई अन्तर नहीं है, इसलिए उसकी सरकार ने सभी मोर्चों पर शानदार सफलता अर्जित की है। यह उपलब्धियां सभी विरोधी दलों को रास नहीं आ रही है, जिसके कारण विपक्षी नेता अनाप-शनाप आरोप लगाकर बी0एस0पी0 सरकार की छवि धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं। इस सच्चाई को प्रदेश की जनता भली-भांति जानती है और आगामी विधानसभा आम चुनाव में इनको जरूर सबक सिखायेगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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पसमांदा मुसलमानों की बद्तर स्थिति के लिए मुस्लिम नेता व उलेमा जिम्मेदार - अनीस मंसूरी

Posted on 13 October 2011 by admin

पसमांदा मुस्लिम समाज ने लखनऊ में अपनी ताकत दिखाई
pasmanda-aadikar-sammelanपसमांदा मुसलमानों की बदतर स्थिति के लिए मुस्लिम बड़े नेता और तथाकथित सियासी उलेमा जिम्मेदार है। इन लोगों ने अपने निजी स्वार्थ के चलते कभी भी पसमांदा मुसलमानों की आवाज नही उठायी जिसका नतीजा है पसमांदा समाज के लोगों की हालत बद से बदतर होती चली गयी।
यह विचार पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनीस मंसूरी ने राजधानी लखनऊ के झूलेलाल पार्क में जुटी हजारों की भीड़ को सम्बोधित करते हुए कही। श्री मंसूरी ने कहा कि मुझे खुशी है कि इतनी बड़ी संख्या में लखनऊ पहुंचकर आज पसमांदा समाज ने यह बता दिया कि यह समाज अब जाग चुका है और जागरूक होकर अब यह समाज अपना शोषण नही होने देगा, अब पसमांदा समाज ‘‘वोट हमारा राज तुम्हारा’’ की तर्ज पर नही चलेगा। पसमांदा समाज का वोट वही लेगा जो पसमांदा समाज का काम करेगा उसका हक व सभी क्षेत्रों में भागीदारी उसे देगा। अनीस मंसूरी ने कहा कि रंगनाथ मिश्र और सच्चर कमेटी की रिपोर्ट वास्तव में पसमांदा मुसलमानों का सच बया करती है, इसके लिए उन्होने विभिन्न राजनैतिक दलों को जिम्मेदार ठहराया उन्होने कहा कि सत्तारूढ़ दलों में कथित बड़े मुस्लिम नेताओं ने साजिश करके मुसलमानों की समस्याओं को नही रखा, उन्होने कहा कि मुसलमानों में कुल 40 बिरादरिाया है। जिनमें से 36 पिछड़ी बिरादरिया है, और भी मुसलमान पसमांदा तबका है। यही 36 बिरादरिया आज अपना हक और सत्ता में हिस्सेदारी के लिए आज लखनऊ में इकट्ठा होकर अपना हक मांगने आई है, उन्होने कहा कि पसमांदा समाज विभिन्न राजनैतिक दलों में बैठे समाज के शत्रुओं को छलावरण समझ चुका है, और अगले विधानसभा चुनाव में वह इसका जवाब देगा, उन्होने कहा कि मुसलमानों की कुल आबादी का 85 प्रतिशत पिछड़ा और पसमांदा मुसलमानों को छला गया है जबकि शेष 15 प्रतिशत इसका लाभ उठाता रहा है, भीड़ से गदगद अनीस मंसूरी ने कहा के केन्द्र सरकार द्वारा संविधान के अनुच्छेद 341 पर लगे धार्मिक प्रतिबंध को समाप्त कर वर्ष 1950 से पूर्व की स्थिति बहाल की जाये ताकि उत्तर प्रदेश में वर्ष 2012 में होेने वाले विधान सभा चुनावों में पसमांदा मुसलमान प्रत्याशी भी सुरक्षित सीटों पर चुनाव लड़ सकें। उन्होने कहा कि जिस प्रकार बिहार में पसमांदा मुसलमानों ने काम किया है उसी तर्ज पर उत्तर प्रदेश में अब पसमांदा काम करेगा और उसके साथ छल करने वालों को करारा जवाब देगा। उन्होने कहा कि मुस्लिम बड़े नेता और सियासी तथाकथित उलेमा पसमांदा के इस हालात के जिम्मेदार है इन्होने मजबूती से हमारी बात सरकार के सामने नही रखी। अनीस मंसूरी ने कहा कि जब तक सरकारी योजनाओं का सीधा पसमांदा मुसलमानों तक नही पहंुचेगा, तब तक पसमांदा मुसलमानों के उत्थान व विकास की बात करना बेईमानी होगी। केन्द्र सरकार को बारहवीं पंच बनाने होंगे। उन्होने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा जिला स्तर से लेकर पंचायत स्तर तक चलाई जा रही जमीनी योजनाओं में पसमांदा मुसलमानों की हिस्सेदारी तय करने की जरूरत है। उन्होने कहा कि जब सच्च कमेटी यह प्रमाणपत्र दे चुकी है कि देश के मुसलमानों की स्थिति दलितों से भी बदतर है, तो यूपीए सरकार पसमांदा मुसलमानों के उत्थान के लिए किस मुहुर्त का इंतजार कर रही है। केन्द्र सरकार को चाहिए कि वह दलितों से बदतर जिन्दगी जी रहे पसमांदा मुलसमानों के विकास के लिए दलितों की तर्ज पर विकास योजनाएं बनाये और उन पर अमल में कोताही करने बरतने या आनाकानी करने वाले अधिकारियों के खिलाक कठोर कार्यवाही का प्रावधान करें।
प्रदेश अध्यक्ष, वसीम राईनी ने कहा कि 36 बिरादरियों के सभी नेताओं में अनीस मंसूरी ने निष्ठा जताई और उनके साथ हमेशा संघर्ष करने की बात कही। कार्यक्रम में लन्दन से शिरकत करने पहंुचे मौलाना ईसा मंसूरी ने कहा कि मौजूद दौर में तरक्की के लिए सियासी बेदारी बहुत जरूरी है, और पसमांदा समाज के साथ हक तलफी की गयी है, यह पूरी तरह इंसानियत की गैर पसंदीदा बात है। सम्मेलन में प्रदेश भर से आये लाखों पसमांदा मुलसमानों ने शिरकत की। इस अवसर पर राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष मुख्तार मंसूरी (आवंला वाले) अब्दुल नईम इदरीसी व एहरार कुरैशी सहित पसमांदा बिरादरी के अन्य नेताओं ने भी विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का संचालन हाजी अंजुम अली एडवोकेट ने किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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नेता विरोधी दल उत्तर प्रदेष विधान सभा श्री षिवपाल सिंह यादव की प्रेस वार्ता के मुख्य बिन्दु

Posted on 13 October 2011 by admin

लगभग आठ हजार करोड़ के एन0आर0एच0एम0 घोटाले में तीन चिकित्सा अधिकारियों की हत्या हुई। डिप्टी सीएमओ डा0 सचान की जेल में हत्या की गई जिसको तत्कालीन एडीजी (कानून व्यवस्था) एवं वर्तमान डीजीपी श्री बृजलाल एवं एडीजी (कारागार) आत्महत्या बताते रहे। डा0 सचान की पुलिस अभिरक्षा में जेल के अन्दर हत्या की गयी। डा0 सचान की हत्या करने वाले अपराधी जेल के अन्दर किसके आदेष से गये तथा डा0 सचान को बाहर ले जाकर फार्म हाउस में उनकी हत्या की गयी फिर वापस उनके षव को लाकर जेल में पहुॅचाया गया। इस पूरे घटनाक्रम में प्रमुख सचिव गृह तथा कारागार मंत्री की भूमिका भी संदिग्ध है।  हाईकोर्ट के आदेष पर सीबीआई जांच षुरू हुई लेकिन जेल में हत्याकाण्ड पर पर्दा डालने के लिए महत्वपूर्ण साक्ष्य मिटा दिए गए जिससे सीबीआई भी समय से जांच तीन माह में पूरी नहीं कर पाई। इस काण्ड में पुलिस और जेल के अधिकारियों की भी मिलीभगत रही है। इस मामले में दो मंत्रियों  श्री अनंत मिश्रा तथा श्री बाबू सिंह कुषवाहा के इस्तीफे लेकर मामले को दबाने की कोषिष की गई। घोटाले के लिए परिवार कल्याण विभाग विषेश तौर पर बनाया गया था और मुख्यमंत्री ने स्वयं कुछ दिन उसको अपने पास रखा था। कारागार विभाग भी उनके पास है इसलिए सीबीआई को उनके इस प्रकरण से सम्बद्धता की भी जांच करनी चाहिए और जेल में हत्या की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री को स्वयं इस्तीफा दे देना चाहिए। उनके पद पर रहते निश्पक्ष जांच सम्भव नहीं है। स्वयं इस्तीफा न देें तो महामहिम राज्यपाल जी को उन्हें तत्काल बर्खास्त कर देना चाहिए।
Û    बसपा सरकार के कई मंत्री एवं विधायक तथा साॅसद भ्रश्टाचार एवं अपराधिक कृत्यों में संलिप्त रहे हैं। लोकायुक्त ने स्वीकार किया है कि उनके पास ढेरों षिकायतें आ रही है। अब तक चार मंत्री जांच में दोशी पाए जाने पर बर्खास्त हो चुके हैं। कई मंत्रियों पर दोश सिद्ध होने में देर नहीं। मुख्यमंत्री अपने मंत्रिमण्डल के सहयोगियों के कार्यो के लिए जिम्मेदार है क्योंकि सरकार सामूहिक जिम्मेदारी से चलती है। इसलिए मुख्यमंत्री को भी तत्काल पदमुक्त किया जाना चाहिए।
Û    मुख्यमंत्री ने भयादोहन कर प्रषासन को पंगु बना रखा है। वरिश्ठ प्रषासनिक अधिकारी इस कारण दहषत में रहते है। उन पर गलत कार्य और भ्रश्टाचार करने का दबाव बनाया जाता है। इन्हीं स्थितियों में श्री हरमिन्दर राज सिंह, प्रमुख सचिव आवास को आत्महत्या करनी पड़ गयी। इसी क्रम में यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र के अंतर्गत उपजाऊ कृशि भूमि में प्रस्तावित वृहत नगरीयकरण को एनसीआर योजना बोर्ड अधिनियम 1985 के प्राविधानों एवं क्षेत्रीय योजना 2012 का उल्लंघन बताते हुए षासन द्वारा अनुमति न प्रदान करने के लिए दिनांक 01 सितम्बर,2011 को सुश्री प्रमिला षंकर, आयुक्त राश्ट्रीय राजधानी क्षेत्र उत्तर प्रदेष द्वारा प्रदेष के मुख्य सचिव एवं कैबिनेट सचिव को पत्र लिखा गया था। इस कारण मुख्यमंत्री ने गलत आरोप लगाकर उन्हें निलंम्बित कर दिया है।
Û    मुख्यमंत्री जांच की आंच अपनी चैखट तक आते देखकर तुरन्त दूसरों को बलि का बकरा बना देती है। उन्होने अधिकारियों के भ्रश्टाचार को खुली छूट दे रखी है जिसमें उनका भी हिस्सा रहता है। हाईकोर्ट में एक याचिकाकर्ता (इंस्टीट्यूट आफ इन्टरप्राइज साइंस इंजीनियरिंग एण्ड मैनेजमेंट) ने पंचायती राज विभाग के विषेश सचिव डी0एस0 श्रीवास्तव एवं वीआरजीएफ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर राजेन्द्र गोयल पर देय धनराषि में 40 प्रतिषत कमीषन की मांग करने की षिकायत की है और साक्ष्य में  आडियों सीडी भी प्रस्तुत की है। यह एक बानगी है वैसे तो हर विभाग में लूट मची है। हर काम में कमीषन तय है। लोकायुक्त कार्यालय में ऊर्जामंत्र.ी श्री रामवीर उपाध्याय के खिलाफ जांच चल रही है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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झीलों दुनिया में किसी भी अन्य पारिस्थितिकी तंत्र की तुलना में एक तेज दर से गायब हो रहे हैं

Posted on 13 October 2011 by admin

dsc_7897नदियों, झीलों, दलदल, चावल के खेतों, और तटीय क्षेत्रों सहित वेटलैंड पारितंत्रों, कई सेवाओं है कि अच्छी तरह से किया जा रहा है मानव और गरीबी उन्मूलन के लिए योगदान प्रदान करते हैं. लोगों के कुछ समूहों, विशेष रूप से रहने वाले लोगों के पास झीलों, इन सेवाओं पर अत्यधिक निर्भर कर रहे हैं और सीधे उनके गिरावट से नुकसान. सबसे महत्वपूर्ण आर्द्रभूमि पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं के प्रभावित दो मानव अच्छी तरह से किया जा रहा है मछली की आपूर्ति और पानी की उपलब्धता शामिल है. इस तथ्य के बावजूद, झीलों दुनिया में किसी भी अन्य पारिस्थितिकी तंत्र की तुलना में एक तेज दर से गायब हो रहे हैं. भूमि उपयोग में परिवर्तन, कृषि उपयोग या शहरी
विस्तार के लिए आर्द्रभूमि reclaiming उनके नाश के लिए मुख्य कारण हैं. यह जल्द से जल्द इस घटती संसाधन / पानी आर्द्रभूमि संरक्षण की जरूरत है. सबसे अच्छा तरीका यह करने के लिए एकीकृत आर्द्रभूमि प्रबंधन है, जो दोनों मानव और पशुओं को फायदा होगा अभ्यास है और पारिस्थितिकी तंत्र की पारिस्थितिकी चरित्र रखता है.
पारिस्थितिकी तंत्र और झीलों की पहचान और बहाली के लिए एक समग्र कार्रवाई संयंत्र तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट श्री संजय जो खुद कुमार के मार्गदर्शन में तैयार की अपार मूल्य को ध्यान में रखते हुए एक हार्ड कोर प्रकृति प्रेमी है.

कुल मिलाकर 30 झीलों (चरणों में) की पहचान के बाद प्रत्येक आर्द्रभूमि के लिए एक प्रबंधन योजना तैयार की गई है. काम और भागीदारी की निगरानी के लिए क्रमश: स्थानीय लोगों ने जिला वेटलैंड साइट स्तर पर जिला मजिस्ट्रेट और ग्राम आर्द्रभूमि प्रबंधन समितियों की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया. वास की बहाली के लिए MNREGS और अन्य योजनाओं के उपयोग और अंततः लोगों को लागू किया गया.

भारतीय पक्षी संरक्षण नेटवर्क (बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी की एक इकाई) के राज्य इकाई में भी उतारा था प्रक्रिया की निगरानी करने के लिए और उपाय सुझाना. Avi पशुवर्ग के एक साल बुद्धिमान अवलोकन प्रत्येक आर्द्रभूमि साइटों पर दर्ज किया गया है. इन झीलों के लिए बड़ी संख्या में स्थानीय और प्रवासी पक्षियों की उपस्थिति ध्वनि संरक्षण कार्य का एक परिणाम के के रूप में स्वस्थ सुधार दिखाया.

पहल / काम के प्रलेखन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम भविष्य में मुद्दों का समाधान है. यह दस्तावेज़ (संजय कुमार और नीरज श्रीवास्तव द्वारा संयुक्त
रूप से संकलित) 30 संभावित आर्द्रभूमि साइटों जो पहचान की गई और बहाली के लिए चयनित पर आवश्यक जानकारी प्रदान करता है. हितधारकों के लिए हर स्तर पर शिक्षा, जागरूकता, से संबंधित कार्यों के खाते के अलावा, आर्द्रभूमि साइटों में पाया महत्वपूर्ण पक्षी का कुछ के रिकॉर्ड, जंगली पक्षियों की सचित्र प्रस्तुति दस्तावेज़ में उल्लेख किया है.

यह संभवतः राज्य है जहां जिला प्रशासन के निष्पादन के स्तर पर वन विभाग के साथ योजना में एक निर्णायक भूमिका निभाई में जिला स्तर पर आर्द्रभूमि संरक्षण के प्रयास का ही उदाहरण है.

उपर्युक्त दस्तावेज़ को आधिकारिक तौर पर माननीय द्वारा जारी किया गया था. वन के लिए राज्य के मंत्री, उत्तर प्रदेश, श्री फतेह बहादुर सिंह आज परिजात हॉल में उत्तर प्रदेश A.m. 11,00 वन विभाग H.Q. श्री चंचल कुमार की उपस्थिति में. तिवारी, आईएएस, प्रधान सचिव, वन, श्री DNSSuman, PCCF, श्री बी.के. पटनायक PCCF (वन्यजीव), श्री पवन कुमार, सदस्य सचिव, राज्य वन्यजीव बोर्ड. पुस्तक श्री संजय कुमार के दोनों लेखकों. आईएएस और नीरज श्रीवास्तव अवसर पर मौजूद दूसरों के बीच में थे.

परियोजना की मुख्य विशेषता:
• यह परियोजना जिला स्तर पर प्रशासन द्वारा उठाया राज्य में अपनी तरह का है.
• परियोजना सीधे नियंत्रित किया जाता है और जिला मजिस्ट्रेट श्री संजय
कुमार ने देखा है. स्थानीय जंगल और जिला मजिस्ट्रेट द्वारा लगातार
निगरानी इकाई द्वारा संचित प्रयासों.
• समुदाय की भागीदारी सतत विकास के तरीकों को प्रदान करने के भाग के रूप
में उस पर निर्भर करता है.
• आर्द्रभूमि झीलों के संरक्षण के लिए कारण आसपास के क्षेत्र में सुधार
भूजल स्तर के रूप में औसत दर्जे का टिप्पणियों के माध्यम से सकारात्मक
परिणामों.
• बड़ी संख्या में जंगली पक्षियों के रूप में पारिस्थितिकी तंत्र का
अच्छा / बेहतर स्वास्थ्य का एक संकेतक है
• राज्य के अन्य भागों में सीतापुर मॉडल की प्रतिकृति स्वयं राज्य सरकार
द्वारा सुझाव दिया है.

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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प्री-प्राइमरी शिक्षा पद्धति पर गहन चिन्तन-मनन किया देश-विदेश के शिक्षाविदों ने

Posted on 13 October 2011 by admin

roberfroid़सिटी मोन्टेसरी स्कूल के इनोवेशन विंग द्वारा सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में आयोजित ‘अन्तर्राष्ट्रीय प्री-प्राइमरी प्रधानाचार्य सम्मेलन’ का दूसरा दिन व अन्तिम दिन विचार-विमर्श का रहा। आज के सारगर्भित विचार-विमर्श में विश्व के 10 देशों बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका, अमेरिका, इंग्लैण्ड, अर्जेन्टीना, फिनलैंड, सिंगापुर, नीदरलैण्ड व भारत के विभिन्न राज्यों से पधारे शिक्षाविदों, प्रधानाचार्यों व शिक्षकों ने इक्कीसवीं सदी में शिक्षा के नये रूप को विकसित करने की पद्धति, नवीन शैक्षिक तकनीकों, नवीन शैक्षिक उपकरणों एवं टीचिंग एड्स पर अपने विस्तृत अनुभव रखे और अपने बहुमूल्य विचारों से सम्मेलन की सार्थकता सिद्ध कर दी। लगभग सभी प्रतिभागी शिक्षाविदों का मानना था कि भविष्य के लिए हमें प्री-प्राइमरी शिक्षा की जड़े मजबूत करनी होगी। इसी में सम्पूर्ण मानव जाति की भलाई है। बच्चे यदि पर्याप्त मात्रा में विभिन्न गतिविधियों में हिस्सा नहीं लेंगे तो निश्चित रूप से उनकी छिपी शक्तियां उभरकर सामने नहीं आ पायेंगी।
शिक्षाविदों के इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन का दूसरा दिन सार्थक शिक्षा पर वार्ता से आरंभ हुआ जिसमें देश-विदेश से पधारे शिक्षाविदों ने सार्थक शिक्षा पर अपने तर्क प्रस्तुत किए। नीदरलैण्ड से पधारे इण्टरनेशनल माॅन्टेसरी एसोसिएशन के प्रेसीडेन्ट श्री आन्द्रे रोबरफ्राइड ने कहा कि शिक्षा किसी प्रकार की दौड़ नहीं है अपितु यह एक यात्रा है। हमें इस यात्रा को बच्चों के लिए मजेदार बनानी है। उन्होंने कहा कि शिक्षा द्वारा हम न केवल समाज को बदल सकते हैं बल्कि इतिहास की रचना कर सकते हैं। शिक्षक का सबसे बड़ा इनाम उसके छात्र की सफलता है। शिक्षा व शान्ति का समन्वय प्रस्तुत करते हुए श्री रोबरफोर्ड ने कहा कि ‘शान्ति’ युद्ध का अभाव नहीं है अपितु यह वह साहस है जिसके जरिये हम मतभेदों का सामना कर सकते हैं। इसके लिए जरूरी हैं हम नन्हें-मुन्हें बच्चों को इस अद्भुद संसार को देखने दें, अपने अन्दर की ताकत को महसूस करने दें और उसकी जिज्ञासाओं को समाधान दें, तभी वह आगे चलकर विश्व नागरिक बनेगा और विश्व एकता व विश्व शान्ति में अपना योगदान दे सकेगा।
माण्टेसरी विशेषज्ञ व ए.एम.आई. की ऐक्जीक्यूटिव डायरेक्टर सुश्री लिन लाॅरेन्स ने कहा कि माॅन्टेसरी प्रणाली द्वारा हम बालक, अध्यापक व अभिभावक तीनों को शिक्षित करते हैं। उन्होंने टीचर ट्रेनिंग पर विशेष जोर देते हुए कहा कि इसमें भी परिवर्तन की आवश्यकता है। अध्यापकों को पाठ्यक्रम तक सीमित न रहकर पढ़ाई को रोचक बनाना चाहिए व इसमें संगीत, खेल, बोलचाल, कहानी, चित्रकथा इत्यादि का प्रयोग करना चाहिए। सुश्री लाॅरेन्स ने अपने सम्बोधन के दौरान शिक्षकों के प्रश्नों के उत्तर भी दिये। इसी प्रकार ए.एम.आई. की ट्रेनर सुश्री सुनीता मदनानी ने माॅण्टेसरी प्रणाली द्वारा भाषा ज्ञान देने पर सारगर्भित प्रस्तुति की जिसका सभी शिक्षाविदों ने खूब प्रशंसा की। अपने सम्बोधन में सुश्री मदनानी ने कहा कि बच्चे के प्रथम छः वर्ष उसके व्यक्तित्व विकास के लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण है।
आई.सी.पी.पी.पी.-2011 के दूसरे दिन आज सी.एम.एस. संस्थापिका व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. (श्रीमती) भारती गाँधी ने भी देश-विदेश से पधारे शिक्षकों का खूब मार्गदर्शन किया। शान्ति शिक्षा का समाज पर पड़ने वाले प्रभाव पर अपने विचार रखते हुए डा. (श्रीमती) गाँधी ने कहा कि शिक्षकों के सामने आज सबसे बड़ी चुनौती है कि आने वाली पीढ़ियों को कैसे उच्च आदर्शों से परिपूर्ण नागरिक बनाएं। केवल भौतिक शिक्षा मनुष्य के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकती है और उसे गलत राह पर ले जा सकती है। इसलिए छात्रों के पाठ्यक्रमों में नैतिक, चारित्रिक व आध्यात्मिक शिक्षा को अनिवार्य बनाना आवश्यक हो गया है। उन्होंने उपस्थित शिक्षाविदों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यहां देश-विदेश के शिक्षाविदों की उपस्थिति में नये-नये विचार दुनिया को मिल रहे हैं जो इक्कीसवीं सदी की शिक्षापद्धति में क्रान्तिकारी बदलाव लायेंगे।
सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि इस दो-दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन के अन्तर्गत देश-विदेश से पधारे शिक्षाविदों ने सारगर्भित परिचर्चा के अलावा आज सी0एम0एस0 कानपुर रोड पर प्रदर्शित नवीनतम शैक्षिक सामग्री व उपकरणों का अवलोकन किया जो पढ़ाई को और मजेदार और आसान बनते हैं। श्री शर्मा ने कहा कि यह दो-दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन हालांकि आज सम्पन्न हो गया परन्तु इसके माध्यम से देश-विदेश के शिक्षाविदों ने शिक्षा पद्धति के क्रान्तिकारी बदलाव का जो बिगुल फूँका है, उसकी प्रतिध्वनि सारे विश्व  में सुनाई देगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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