Categorized | लखनऊ.

नेता विरोधी दल उत्तर प्रदेष विधान सभा श्री षिवपाल सिंह यादव की प्रेस वार्ता के मुख्य बिन्दु

Posted on 13 October 2011 by admin

लगभग आठ हजार करोड़ के एन0आर0एच0एम0 घोटाले में तीन चिकित्सा अधिकारियों की हत्या हुई। डिप्टी सीएमओ डा0 सचान की जेल में हत्या की गई जिसको तत्कालीन एडीजी (कानून व्यवस्था) एवं वर्तमान डीजीपी श्री बृजलाल एवं एडीजी (कारागार) आत्महत्या बताते रहे। डा0 सचान की पुलिस अभिरक्षा में जेल के अन्दर हत्या की गयी। डा0 सचान की हत्या करने वाले अपराधी जेल के अन्दर किसके आदेष से गये तथा डा0 सचान को बाहर ले जाकर फार्म हाउस में उनकी हत्या की गयी फिर वापस उनके षव को लाकर जेल में पहुॅचाया गया। इस पूरे घटनाक्रम में प्रमुख सचिव गृह तथा कारागार मंत्री की भूमिका भी संदिग्ध है।  हाईकोर्ट के आदेष पर सीबीआई जांच षुरू हुई लेकिन जेल में हत्याकाण्ड पर पर्दा डालने के लिए महत्वपूर्ण साक्ष्य मिटा दिए गए जिससे सीबीआई भी समय से जांच तीन माह में पूरी नहीं कर पाई। इस काण्ड में पुलिस और जेल के अधिकारियों की भी मिलीभगत रही है। इस मामले में दो मंत्रियों  श्री अनंत मिश्रा तथा श्री बाबू सिंह कुषवाहा के इस्तीफे लेकर मामले को दबाने की कोषिष की गई। घोटाले के लिए परिवार कल्याण विभाग विषेश तौर पर बनाया गया था और मुख्यमंत्री ने स्वयं कुछ दिन उसको अपने पास रखा था। कारागार विभाग भी उनके पास है इसलिए सीबीआई को उनके इस प्रकरण से सम्बद्धता की भी जांच करनी चाहिए और जेल में हत्या की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री को स्वयं इस्तीफा दे देना चाहिए। उनके पद पर रहते निश्पक्ष जांच सम्भव नहीं है। स्वयं इस्तीफा न देें तो महामहिम राज्यपाल जी को उन्हें तत्काल बर्खास्त कर देना चाहिए।
Û    बसपा सरकार के कई मंत्री एवं विधायक तथा साॅसद भ्रश्टाचार एवं अपराधिक कृत्यों में संलिप्त रहे हैं। लोकायुक्त ने स्वीकार किया है कि उनके पास ढेरों षिकायतें आ रही है। अब तक चार मंत्री जांच में दोशी पाए जाने पर बर्खास्त हो चुके हैं। कई मंत्रियों पर दोश सिद्ध होने में देर नहीं। मुख्यमंत्री अपने मंत्रिमण्डल के सहयोगियों के कार्यो के लिए जिम्मेदार है क्योंकि सरकार सामूहिक जिम्मेदारी से चलती है। इसलिए मुख्यमंत्री को भी तत्काल पदमुक्त किया जाना चाहिए।
Û    मुख्यमंत्री ने भयादोहन कर प्रषासन को पंगु बना रखा है। वरिश्ठ प्रषासनिक अधिकारी इस कारण दहषत में रहते है। उन पर गलत कार्य और भ्रश्टाचार करने का दबाव बनाया जाता है। इन्हीं स्थितियों में श्री हरमिन्दर राज सिंह, प्रमुख सचिव आवास को आत्महत्या करनी पड़ गयी। इसी क्रम में यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र के अंतर्गत उपजाऊ कृशि भूमि में प्रस्तावित वृहत नगरीयकरण को एनसीआर योजना बोर्ड अधिनियम 1985 के प्राविधानों एवं क्षेत्रीय योजना 2012 का उल्लंघन बताते हुए षासन द्वारा अनुमति न प्रदान करने के लिए दिनांक 01 सितम्बर,2011 को सुश्री प्रमिला षंकर, आयुक्त राश्ट्रीय राजधानी क्षेत्र उत्तर प्रदेष द्वारा प्रदेष के मुख्य सचिव एवं कैबिनेट सचिव को पत्र लिखा गया था। इस कारण मुख्यमंत्री ने गलत आरोप लगाकर उन्हें निलंम्बित कर दिया है।
Û    मुख्यमंत्री जांच की आंच अपनी चैखट तक आते देखकर तुरन्त दूसरों को बलि का बकरा बना देती है। उन्होने अधिकारियों के भ्रश्टाचार को खुली छूट दे रखी है जिसमें उनका भी हिस्सा रहता है। हाईकोर्ट में एक याचिकाकर्ता (इंस्टीट्यूट आफ इन्टरप्राइज साइंस इंजीनियरिंग एण्ड मैनेजमेंट) ने पंचायती राज विभाग के विषेश सचिव डी0एस0 श्रीवास्तव एवं वीआरजीएफ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर राजेन्द्र गोयल पर देय धनराषि में 40 प्रतिषत कमीषन की मांग करने की षिकायत की है और साक्ष्य में  आडियों सीडी भी प्रस्तुत की है। यह एक बानगी है वैसे तो हर विभाग में लूट मची है। हर काम में कमीषन तय है। लोकायुक्त कार्यालय में ऊर्जामंत्र.ी श्री रामवीर उपाध्याय के खिलाफ जांच चल रही है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

November 2024
M T W T F S S
« Sep    
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
-->









 Type in