Archive | March 5th, 2010

इच्छाधारी सन्त उर्फ शिवा का इतिहास खंगालने आई दिल्ली पुलिस टीम

Posted on 05 March 2010 by admin

मानिकपुर(चित्रकूट) -  साधु वेष में सेक्स स्कैण्डल चला  कर रुपये बटोरने वाले इच्छाधारी उर्फ भीमानन्द उर्फ शिवमूरत द्विवेदी उर्फ शिवा की गिरफ्तारी के बाद उसका आपराधिक इतिहास खंगालने में दिल्ली पुलिस जीजान से जुटी हुई है। इसी के तहत बुधवार को दिल्ली के साकेत थाने के इंस्पेक्टर के नेतृत्व में आए पांच सदस्यीय दल ने मानिकपुर थाने में साधू व उसके पारिवारिकों का आपराधिक इतिहास खंगाला। साथ ही चमरौहां गांव पहुंच वहां बन रहे गगनचुंबी  साईं मन्दिर व दूसरे मन्दिरों के अलावा उसकी जमीन जायदाद की  भी जानकारी उसके पारिवारिक लोगों व ग्रामीणों से विस्तार पूर्वक ली।3ckt8

गौर तलब है कि बीते दिनों दिल्ली में चित्रकूट जनपद का रहने वाला साधु वेष की आड़ में सेक्स स्कैण्डल चलाने वाले इच्छाधारी उर्फ भीमानन्द उर्फ शिवा अपने एक मन्दिर से सेक्स स्कैण्डल सरगना के रूप में गिरफ्तार हुआ था। इस दौरान कई एयर होस्टेस और स्कूली छात्राएं भी उसके साथ पुलिस की गिरफ्त में आई थीं। दिल्ली पुलिस के खुलासे के बाद जब इच्छाधारी सन्त भीमानन्द के इस आचरण की जहां साधुसन्त व उसके गांव के लोग भी निन्दा करने लगे थे। वहीं मामले के तार काफी लंबे व चित्रकूट से जुड़े होने पर जांच के लिए दिल्ली के साकेत थाने की पुलिस बुधवार को रीवांचल एक्सप्रेस से मानिकपुर स्टेशन पहुंची। टीम के इंचार्ज इंस्पेक्टर धर्मदेव ने अपने अधीनस्थों के साथ मानिकपुर थाने पहुंच इच्छाधारी उर्फ शिवा द्विवेदी का आपाराधिक इतिहास खंगलाना शुरू किया। जिसमें शिवा के ऊपर एक सौ सात/सोलह का एक मुकदमा दर्ज मिला। वही उसके पिता बच्चा द्विवेदी के खिलाफ दस्यु संरक्षण अधिनियम 216 का मामला दर्ज पाया गया। पिता बच्चा को काफी समय पूर्व दस्यु ददुआ को संरक्षण देने के आरोप में जेल भेजा गया था। इसके बाद दिल्ली पुलिस की टीम मानिकपुर थाने से पुलिस बल ले चमरौहां गांव पहुंची जहां टीम के साथ आए सब इंस्पेक्टर प्रवीण कुमार, हेड कांस्टेबिल कुलदीप, कांस्टेबिल सुरेन्दर व सोदान ने टीम लीडर धर्मदेव के साथ मिल गांव में बन रहे गगनचुंबी साईं मन्दिर समेत दूसरे अर्धनिर्मित मन्दिरों में पहुंचे जहां सन्नाटा पसरा हुआ था। इस दौरान पुलिस की टीम ने मन्दिर परिसर की फोटो व वीडीयो ग्राफी भी करवाई। इसके बाद वे लोग इच्छाधारी उर्फ शिवा के घर पहुंचे जहां पिता बच्चा द्विवेदी ने बताया कि साईंधाम में बन रहे मन्दिर व प्रस्तावित कार्य उनकी पुश्तैनी जमीन में बनाए जा रहे हैं। वहीं पुत्रा शिवा की जमीन के विषय मे कहा कि उसके नाम से यहां पर कोई जमीन नहीं है। जबकि परिवार के विषय में बताया कि बड़ा पुत्र राममूरत मध्यप्रदेश के सतना जिले में प्राइवेट चिकित्सालय चला रहा है। उससे छोटा कृष्णमूरत गांव में ही किराने की दुकान चला रहा है। तीसरे नंबर का शिवमूरत उर्फ शिवा इस समय इच्छाधारी के नाम से विख्यात है। वहीं सबसे छोटा लड़का संजय घर में रहता है। 3ckt10पिता बच्चा ने  तीन पुत्रियां होने की भी जानकारी टीम को दी। टीम के लोगों ने इच्छाधारी उर्फ शिवा के पिता से कड़ाई से पूछताछ करते हुए अन्य दूसरी अघोषित संपति के बारे में जानकारी ली। लेकिन उसके द्वारा पारिवारिक जमीन की रजिस्ट्री व किसान बही आदि भी दिखा पुश्तैनी जमीन होने की बात कहते हुए बताया कि अभी तक उन्होंने पारिवारिक बटवारा भी नहीं किया है। इसके बाद टीम ने शिवा के बारे में ग्रामीणों से भी पूछताछ की। जिसमें ग्रामीणों ने बताया कि बीते साल अक्टूबर माह में आयोजित पांच दिवसीय वृहद भण्डारे के दौरान शिवा ने जमकर काफी धन खर्च किया था। इस समारोह में दिल्ली, मुम्बई से कई कलाकार भी आए थे। जिनमें दर्जनों लड़कियां भी शामिल थीं।

शस्त्र निरस्ती करण की प्रक्रिया भी पुलिस ने शुरू की

इच्छाधारी सन्त उर्फ भीमानन्द उर्फ शिवमूरत की गिरफ्तारी के बाद उसके द्वारा तथ्यों को छुपाकर बनवाए गए शस्त्र लाइसेंसों को निरस्त करने के लिए पुलिस ने अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है।

पुलिस अधीक्षक वीर बहादुर सिंह ने बताया कि मानिकपुर थाना के चमरौहां गांव निवासी भीमानन्द उर्फ शिवमूरत उर्फ शिवा ने तथ्यों को छिपाकर बीते अक्टूबर 09 में रायफल का शस्त्र लाइसेंस हासिल किया था। दिल्ली पुलिस द्वारा सेक्स स्कैण्डल के आरोप में उसको गिरफ्तार करने के बाद उन्होंने लाइसेंस की जांच करने के आदेश पुलिस को दिए थे। जांच के दौरान पता चला कि लाइसेंस बनवाने के लिए शिवा ने फर्जी कागजात लगाए थे। उन्होंने कहा कि इसके आधार पर शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। और रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी गई है।

श्री गोपाल

09839075109

Comments (0)

बरेली दंगे में गिरफ्तार हिन्दूमहासभा नेताओं को रिहा करने की मांग

Posted on 05 March 2010 by admin

राज्यपाल को पत्र भेजकर न्यायोचित जॉच की मांग की , प्रदेश सरकार पर एकतरफा कारवाई करने का आरोप

लखनऊ - अखिल भारत हिन्दू महासभा ने बरेली दंगे में उत्तर प्रदेश सरकार पर एकतरफा कारवाई करने का आरोप लगाते हुये प्रदेश की राज्यपाल से दंगे की न्यायोचित्त जॉच करने के साथ-साथ गिरफ्तार किये गये पार्टी के बरेली मण्डल प्रमुख राम किशोर पाठक सहित कई हिन्दू महासभा कार्यकर्ताओं को तत्काल रिहा करने की मांग की है।

पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष कमलेश तिवारी ने प्रदेश सरकार पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाते हुये कहा कि सोची-समझी साजिश के तहत धार्मिक जुलूस की आड़ में दंगे कराये गये और सैकड़ों की संख्या में हिन्दू धार्मिक स्थलों को क्षतिग्रस्त किया गया, काफी संख्या में दुकानें व भवन को नुकसान पहुचाया गया। बावजूद इसके हिन्दू महासभा के नेताओं व कार्यकर्ताओं को साम्प्रदायिक दंगे फेलाये जाने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और तो और अभी काफी संख्या में हिन्दू समुदाय के लोग लापता है।

हिन्दू महासभा नेता श्री तिवारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश के राज्यपाल को भेजे गये पत्र में कहा गया है कि इस वक्त बरेली में दंगे की शुरूआत हुयी उस दौरान वहां राज्य के काबीना मन्त्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी भी मौजूद थे और मुस्लिमों के धार्मिक जुलूसों में शामिल लोगों ने इस तरह से जिस तरह के हथियारों के प्रयोग कर हिन्दुओं को निशाना बनाया गया जो कहीं न कहीं सवाल खड़े कर रहे है। ऐसी स्थिति में राज्यपाल को चाहिए कि बरेली दंगे की न्यायोचित्त जॉच के लिये उचित कदम उठाये, ताकि दंगे में सच्चाई खुद व खुद सामने आ जायेगी। हिन्दू महासभा के कार्यकारी अध्यक्ष श्री तिवारी ने दंगे के दौरान हुयी क्षति की पूर्ति के लिये प्रदेश सरकार से तत्काल प्रभाव से मुआवजा देने की मांग करते हुये कहा कि हिन्दू महासभा की राश्ट्रीय अध्यक्ष एवं अभिनव भारत की प्रमुख हिमानी सावरकर दंगे में प्रभावितों का हालचाल जानने के लिये शीघ्र बरेली जायेगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

बरेली साम्प्रदायिक संघर्ष में बसपा सरकार की नीतियां दोषी - दीक्षित

Posted on 05 March 2010 by admin

लखनऊ  - भारतीय जनता पार्टी ने बसपा सरकार पर सच छुपाने का आरोप लगाते हुए कहा कि बरेली के साम्प्रदायिक संघर्ष में बसपा सरकार की नीतियां ही दोषी हैं। प्रदेश उपाध्यक्ष प्रवक्ता हृदयनारायण दीक्षित ने आज शुक्रवार को सम्वाददाताओं से वार्ता करते हुए कहा कि कर्फु लगाने के बावजूद स्थितियों में सुधार न आना और प्रशासन द्वारा बहुसंख्यक समाज के लोगों को ही पीड़ित करने से सिद्ध हो गया है कि सरकार भेदभाव कर रही है। सरकार को बताना चाहिए कि आखिरकार समय रहते प्रशासन ने शरारती तत्वों के विरूद्ध ठोस कार्रवाई क्यों नहीं की।

श्री दीक्षित ने कहा कि बसपा सरकार की दृष्टि में राष्ट्रवादी विचारधारा के नेता और कार्यकर्ता ही शान्ति भंग करते हैं। सरकार ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ0 रमापतिराम त्रिपाठी पर भी शान्ति भंग की आशंका का लिखित आरोप लगाया और उन्हें बरेली में पीड़ितों से मिलने का भी अवसर नहीं दिया गया। सरकार वास्तविक तथ्य छिपा रही है। भाजपा ने बरेली की घटनाओं की वास्तविकता को जांचने और सारे तथ्यों को उजागर करने का निश्चय किया है। प्रदेश अध्यक्ष डॉ0 रमापतिराम त्रिपाठी ने बरेली की घटनाओं की जांच के लिये 7 सदस्यीय जांच समिति नियुक्त की है। भाजपा के वरिष्ठ नेता विधान परिषद में भाजपा के नेता डॉ0 नैपाल सिंह, विधानमण्डल दल के मुख्य सचेतक विधायक सुरेश खन्ना, पार्टी के प्रदेश महामन्त्री विधायक राजेश अग्रवाल, पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व सांसद सन्तोष गंगवार, पार्टी की बृज क्षेत्र की इकाई के अध्यक्ष धर्मपाल सिंह, बरेली भाजपा के अध्यक्ष सुभाष पटेल व बरेली महानगर के अध्यक्ष राजेन्द्र सक्सेना को जांच समिति का सदस्य बनाया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

जगद्गुरु कृपालु जी महाराज के मनगढ़ आश्रम पर 63 की नरवली

Posted on 05 March 2010 by admin

प्रतापगढ़ मुख्यालय से 70 किलोमीटर दूर कुंडा कोतवाली क्षेत्र स्थित जगद्गुरु कृपालु जी महाराज के मनगढ़ आश्रम   पर प्रसाद, थाली-कंबल के लिए मची होड़ में इस कदर अव्यवस्था फैली कि भगदड़ मच गयी। चीख-पुकार के बीच लोग एक-दूसरे पर गिरने-पड़ने लगे, रौंदने लगे। देखते ही देखते मंदिर प्रांगण में 63 लाशें बिछ गयीं। मौत के शिकार लोगों में 37 तो बच्चे थे और 26 महिलाएं।  इस हादसे में दो सौ से ज्यादा लोग जख्मी हैं। आश्चर्यजनक तथ्य सामने आया है कि इतने बड़े आयोजन में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए महज 18 पुलिस कर्मी तैनात थे। अब आश्रम से लेकर प्रशासन तक अपना पल्ला झाड़ने में जुटे हैं। जानकारी के मुताबिक कुंडा थाना क्षेत्र स्थित मनगढ़ आश्रम में सुबह से प्रवचन सुनने और कृपालु महाराज की पत्नी के श्राद्ध में शामिल होने के लिए तीस हजार से ज्यादा लोग इकट्ठा हुए थे। आश्रम के एक बड़े हाल में प्रसाद एवं कपड़ा वितरण होना था। प्रसाद पाने के लिए महिलाओं और पुरुषों के साथ ही बड़ी संख्या में बच्चे भी लाइन में लगे थे। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए करीब दो सौ मीटर लंबी बैरीकेडिंग थी। प्रसाद वितरण का कार्यक्रम शुरू होते ही भीड़ में धक्का-मुक्की शुरू हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक करीब 11 बजे कुछ लोगों ने मेन गेट खोल दिया और आगे बढ़ने की होड़ में वहां भगदड़ मच गयी। चीख-पुकार के बीच लोग एक-दूसरे पर गिरते-पड़ते भागने लगे। जो भी गिरा, पैरों तले रौंद गया। चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल। कुछ ही मिनटों में जिधर देखो, या तो लाशें थीं या फिर जख्मी और मदद के लिए चीखते-पुकारते लोग। साथ में विभीषिका बयान कर रही थे चारो तरफ बिखरे जूता-चप्पल।

हादसे की खबर सुनकर मौके पर पहुंचे पुलिस-प्रशासन के अफसरों ने जब मृतकों और घायलों की तादाद देखी तो होश फाख्ता हो गये। जैसे-तैसे व्यवस्था कर तकरीबन दो सौ लोगों को कुंडा, प्रतापगढ़ और इलाहाबाद के अस्पतालों में भर्ती कराया गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि ज्यादातर लोगों की मौत गेट के निकट बोरवेल में गिरने के कारण हुई। मृतकों के परिजनों में इस बात को लेकर खासा गुस्सा रहा कि पुलिस शवों को उठाने से रोक रही थी। जिला प्रशासन के अफसरों का दावा है कि आयोजन को लेकर पूर्व में कोई सूचना नहीं थी।

सूचना पर प्रदेश के लोकनिर्माण मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी तथा पंचायतीराज मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य भी हेलीकाप्टर से मौके पर पहुंच गये। हजारों की संख्या में आक्रोशित भीड़ आश्रम और जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रही थी। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए इलाहाबाद, प्रतापगढ़ और कौशाम्बी की फोर्स बुलानी पड़ी।

सरकार ने माना इंतजाम पूरे नहीं थे

सायंकाल यहां पहुंचे पंचायतीराज मंत्री स्वामी प्रसाद मौैर्य ने स्वीकार किया कि लोगों की भीड़ के नजरिये से यहां इंतजाम पूरे नहीं थे। उन्होंने कहा कि घटना की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। उनके साथ प्रदेश के मुख्य सचिव अतुल कुमार गुप्ता भी थे।

मंदिर प्रशासन ने पल्ला झाड़ा

घटना के बाद मंदिर प्रशासन ने इसकी जिम्मेदारी से बचने का प्रयास किया। कृपालु महाराज की ओर से इस बाबत कोई संदेश नहीं दिया गया। उनका काम-धाम देखने वाले रजनीश पुरी ने अलबत्ता कहा कि हमने किसी को बुलाया नहींथा। जो लोग आये थे वे स्वयं इकट्ठा हुए थे। पुरी ने कहा कि हमने 25 फरवरी को ही प्रशासन को अवगत करा दिया था कि यहां इस तरह का आयोजन किया जाने वाला है, लेकिन उनकी ओर से कोई व्यवस्था नहीं हुई।

गेट पर सिर्फ दो सिपाही

प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि भीड़ लगभग 30 हजार थी, लेकिन उसे नियंत्रित करने वाला कोई नहीं था। सुरक्षा के नाम पर मात्र दो सिपाही लगाये गये थे, लेकिन वे भी पूरब के मुख्य द्वार पर वीआईपी के आगमन के नजरिये से तैनात थे। मंदिर के नजदीक लगभग दो सौ मीटर पर पुलिस चौकी है, लेकिन वहां से भी कोई नहीं पहुंचा था।

प्रतापगढ़ हादसे पर दुख जताया

राज्यपाल बीएल जोशी ने प्रतापगढ़ जिले में हुए हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। शोक संदेश में राज्यपाल ने दिवंगत आत्माओं की शांति की प्रार्थना करते हुए उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है।

भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष रमापति राम त्रिपाठी ने हादसे की वजह प्रशासनिक लापरवाही बतायी है। उन्होंने कहा कि बसपा सरकार ने हिंदू धार्मिक आयोजनों के प्रति लापरवाह दृष्टिकोण अपना रखा है, इसी वजह से स्थानीय प्रशासन ने इतनी भारी भीड़ जुटने के बाद भी अपनी तरफ से कोई व्यवस्था नहीं की थी।

राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव मुन्ना सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष राम आसरे वर्मा, महासचिव अनिल दुबे ने मृतकों के आश्रितों को पांच-पांच लाख रुपये और घायलों को दो-दो लाख रुपये आर्थिक सहायता देने की मांग उठायी है। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने भी प्रतापगढ़ हादसे को दुखद बताया है। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी और कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता प्रमोद तिवारी ने मृतकों के आश्रितों को दस-दस लाख रुपये आर्थिक सहायता देने की मांग करते हुए कहा कि इस बात की जांच होनी चाहिये कि इस हादसे के लिए जिम्मेदार कौन है?


Vikas Sharma
bundelkhandlive.com
E-mail :editor@bundelkhandlive.com
Ph-09415060119

Comments (0)

सरकारी कुरीतियो के विरूद्ध जन जागरण हेतु साइकिल यात्रा

Posted on 05 March 2010 by admin

लखनऊ- समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने एक विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि  8 मार्च से समाजवादी पार्टी ने मंहगाई, भ्रष्टाचार तथा सरकारी  कुरीतियो के विरूद्ध जन जागरण हेतु समाजवादी साइकिल यात्रा पूरे प्रदेश में गांव-गांव निकालने का निश्चय किया है। प्रदेश अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव बुन्देलखण्ड में इस साइकिल रैली का शुभारम्भ करेगें और कार्यकर्ताओं से सम्पर्क करेगें।

समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव 7 मार्च,2010 को टीकाराम यादव महाविद्यालय, मोठ, जनपद झॉसी में 12-00 बजे आयोजित दंगल में शामिल होने के बाद झॉसी में 4-00 बजे सायं कार्यकर्ताओं की बैठक करेगें तथा वहीं रात्रि विश्राम करेगें।

श्री यादव 8 मार्च को साइकिल रैली के कई कार्यक्रमों में भाग लेगें। वे 11-00 बजे मऊरानीपुर  में साइकिल रैली का शुभारम्भ करेगें तथा 4-00 बजे महोबा पहुंचकर वहां कार्यकर्ताओं से डाक बंगला में भेंट करेगें।

9 मार्च,2010 को प्रदेंश अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव महोबा में 8-30 बजे तथा 9-45 बजे कबरई जनपद महोबा में साइकिल रैली का शुभारम्भ कराएगें। 10-30 बजे वे मटौंध में कार्यकर्ताओं से भेंट करेगें। 11-15 बजे वे बान्दा में प्रेस वार्ता तथा साइकिल यात्रा का शुभारम्भ करेगें। 1-00 बजे तिदंवारी जनपद बान्दा में कार्यकर्ताओं से भेंट करेगें।  01-45 बजे मुत्तौर जनपद फतेहपुर के कार्यकर्ताओं से भेंट करेगें। यहॉ उनके स्वागत की जोरदार तैयारियां की गई है। 9 मार्च को ही 2-30 बजे श्री यादव फतेहपुर में प्रेस वार्ता करेगें।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

एफ0डी0ए0 टास्क फोर्स के गठन के निर्देश

Posted on 05 March 2010 by admin

लखनऊ -  उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती दवाओं एवं खाद्य पदार्थो में अपमिश्रण से होने वाली जीवन हानि के प्रति अत्यधिक गम्भीर हैं। उन्होंने नकली दवाओं एवं खाद्य पदार्थो में मिलावट के प्रति गम्भीर रूख अपनाते हुए खाद्य अपमिश्रण तथा नकली और अधोमानक दवाइयों के उत्पादन और बिक्री में शामिल संगठित अपराधियों/माफियाओं की गतिविधियों पर अंकुश लगाने हेतु एफ0डी0ए0 टास्क फोर्स के गठन के निर्देश दिए हैं। मुख्यमन्त्री के निर्देशों क्रम में खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा टास्क फोर्स के गठन के आदेश जारी कर दिए गए हैं। यह जानकारी आज यहां सरकारी प्रवक्ता ने देते हुए बताया कि एफ0डी0ए0 टास्क फोर्स, अपर आयुक्त (अभिसूचना/प्रवर्तन), खाद्य एवं औषधि प्रशासन के नेतृत्व में कार्य करेगा। इसका कार्यक्षेत्र सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश होगा।

उन्होंने बताया कि खाद्य अपमिश्रण एवं नकली, मिथ्याछाप व अधोमानक औषधियों के उत्पादन तथा उसके विक्रय में संलिप्त संगठित अपराधियों के विरूद्ध अभिसूचना आधारित प्रवर्तन की कार्यवाही करना टास्क फोर्स के उद्देश्यों में शामिल है। इसके साथ ही टास्क फोर्स ऐसे अपराधियों के विरूद्ध कार्यवाही हेतु पुलिस एवं अभिसूचना इकाइयों के साथ समन्वय स्थापित कर विशेष कार्य योजना तैयार करेगां। टास्क फोर्स द्वारा संगठित तथा अन्तर्जनपदीय अपराधियों के विरूद्ध भी प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।

सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि शासन के गृह विभाग द्वारा अपर पुलिस महानिदेशक (अभिसूचना) को इस आशय के निर्देश दिए गए हैं कि अभिसूचना की सभी जनपदीय इकाईयों को इस बारे में संवेदनशील करते हुए इन इकाईयों को ऐसे मामलों का स्थानीय स्तर पर अभिसूचना का संकलन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने बताया कि नियमित रूप से अपेक्षित जानकारी जिलाधिकारी तथा आयुक्त, खाद्य एवं औषधि प्रशासन तथा अपर आयुक्त (अभिसूचना/प्रवर्तन), कार्यालय आयुक्त, खाद्य एवं औषधि प्रशासन उ0प्र0 लखनऊ को उपलब्ध कराई जाए।

सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि एफ0डी0ए0 टास्क फोर्स द्वारा किसी भी सम्बंधित शाखा अथवा इकाई से अपराधिक अभिसूचना व अन्य विवरण प्राप्त किये जायेंगे। टास्क फोर्स में सम्मिलित खाद्य निरीक्षकों को तलाशी (सर्चद्ध तथा जब्ती ( सीजर) एवं अन्य वही शक्तियां प्राप्त होगी, जो खाद्य अपमिश्रण निवारण अधिनियम, 1954 एवं तत्सम्बन्धी नियमावली, 1955 तथा अन्य विधियों के अधीन प्राप्त हैं। टास्क फोर्स में सम्मिलित औषधि निरीक्षकों को भी तलााशी  और जब्ती तथा अन्य वही शक्तियां दी गई हैं, जो औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 एवं तत्सम्बन्धी नियमावली, 1945 तथा अन्य विधियों के अधीन प्राप्त हैं। टास्क फोर्स में सम्मिलित पुलिस उपाधीक्षक एवं निरीक्षक को भारतीय दण्ड संहिता की धारा-272 से 276 में कार्यवाही करने हेतु वही शक्तियां प्राप्त होगी, जो दण्ड प्रक्रिया संहिता तथा अन्य विधियों के अधीन प्राप्त हैं।

प्रवक्ता ने बताया कि टास्क फोर्स अपने कार्यक्षेत्र में स्थित किसी भी थाने में उपरोक्त अधिनियमों का उल्लंघन करने वाले अपराधियों के विरूद्ध अभियोग पंजीकृत कराने हेतु सक्षम होगा। एफ0डी0ए0 टास्क फोर्स को आवश्यक संसाधन खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग से तथा जनशक्ति पुलिस विभाग/खाद्य औषधि प्रशासन विभाग से उपलब्ध करायी जाएगी। टास्क फोर्स को आवश्यकतानुसार पुलिस विभाग से पुलिस अधिकारियों को अस्त्र-शस्त्र इत्यादि तथा आवश्यकतानुरूप उपयुक्त वाहन चालकों सहित खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा उपलब्ध करायेगा।

प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश के सभी मण्डलायुक्तों/जिलाधिकारियों जनपदीय पुलिस उपमहानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक को निर्देशित किया गया है कि वे एफ0डी0ए0 टास्क फोर्स को अपेक्षित सहायता उपलब्ध कराएं। इनके अतिरिक्त प्रदेश के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों, नगर स्वास्थ्य अधिकारियों, जिला आपूर्ति अधिकारियों तथा बांट एवं माप विभाग के अधिकारियों को एफ0डी0ए0 टास्क फोर्स को अपेंक्षित सहयोग के भी निर्देश दिए गए हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

कभी बन्दरगाह भी रहा है तुलसीजन्म स्थल राजापुर

Posted on 05 March 2010 by admin

प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में गोताखोरों ने पानी के भीतर खोजा सैकड़ों साल पुराना जलसमाधि लिए जलपोत ,पड़ोसी गांव में मिले बारुद से भरे काठ के डिब्बे

चित्रकूट - राजापुर थाना क्षेत्र के बिहरवां गांव के समीप यमुना नदी के दूसरे किनारे पर फतेहपुर जिले की सीमा स्थित सैदपुर गांव में बीते दिनों बालू खनन के दौरान लोगों ने काठ के कुछ पुराने डिब्बे देखे। जिसमें बारूद भरा हुआ मिला। इससे लोगों में सनसनी फैल गई। और इसकी सूचना प्रशासन को दी। जिस पर फतेहपुर जिले के प्रशासनिक नुमाइन्दों ने मौके पर पहुंच डिब्बों को अपने कब्जे में ले लिया और गोताखोरों को पानी में उतारा। यमुना नदी के गहरे पानी में उतरे गोताखारों को लगभग बीस फुट गहराई में काफी लंबा एक जलपोत पड़ा दिखाई दिया। मौके पर उपस्थित प्रशासनिक अधिकारियों सहित लोग आशंका जता रहे हैं कि 19वीं शताब्दी के मध्य तक इस क्षेत्र से होने वाले जलपरिवहन के दौरान यह पोत यहां पहुंचा रहा होगा और किसी दुर्घटना का शिकार हो पानी में डूब गया होगा।5ckt12

गौर तलब है कि कभी जलपरिवहन ही इस क्षेत्र से लंबी दूरी की यात्रा का एक मात्रा साधन था। प्रमाण के रूप में पता चलता है कि सन् 1575 में तत्कालीन मुगल बादशाह अकबर राजापुर के यमुना घाट आए थे। और उन्होंने रामचरित मानस के रचइता गोस्वामी तुलसीदास जी के शिष्य गनपत राम उपाध्याय को घाट हाट व सैकड़ों बीघे जमीन की माफी सौंपी थी  तथा इससे होने वाली वसूली से गोस्वामी जी के मन्दिर की देखरेख करने की जिम्मेदारी भी दी थी। राजापुर व आसपास के इलाकों में रहने वाले बुजुर्ग भी बताते हैं कि 19वीं शताब्दी के मध्य तक  दिल्ली से कलकत्ता के लिए जाने वाले उस समय के जलपोत आगरा होते हुए राजापुर बन्दरगाह पहुंचते थे  और इलाहाबाद होते हुए कलकत्ता के लिए निकल जाते थे। उस समय यमुना का पाट तो किलोमीटरों में चौड़ा था ही साथ ही यहां गहराई भी अथाह थी। जो छोटे से लेकर बड़े जलपोतों के आवागमन सहायक सिद्ध होती थी। बीते दिनों फतेहपुर जिले की सीमा पर यमुना तट के किनारे बसे सैदपुर गांव में बालूखनन के दौरान मिले बारूद से भरे काठ के डिब्बे में अंग्रेजी से खुदा हुआ इ-66 एच 5/18 सन् 1836 नंबर भी इस बात को प्रमाणित करता है कि यहां से जलपोतों का आवागमन होता रहा होगा। और उसी दौरान कोई जलपोत यहां आकर किसी दुर्घटना का शिकार बन गया होगा। डिब्बे मिलने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में शुक्रवार को गोताखोरों द्वारा यमुना के गहरे पानी में खोजे गए जलपोत को देखकर लोग अनुमान लगा रहे हैं कि इसके द्वारा भारी मात्रा में बारूद एक स्थान से दूसरे स्थान को ले जाया जा रहा होगा।

Comments (0)

Advertise Here

Advertise Here

 

March 2010
M T W T F S S
« Feb   Apr »
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031  
-->









 Type in