लखनऊ - भारतीय जनता पार्टी ने बसपा सरकार पर सच छुपाने का आरोप लगाते हुए कहा कि बरेली के साम्प्रदायिक संघर्ष में बसपा सरकार की नीतियां ही दोषी हैं। प्रदेश उपाध्यक्ष प्रवक्ता हृदयनारायण दीक्षित ने आज शुक्रवार को सम्वाददाताओं से वार्ता करते हुए कहा कि कर्फु लगाने के बावजूद स्थितियों में सुधार न आना और प्रशासन द्वारा बहुसंख्यक समाज के लोगों को ही पीड़ित करने से सिद्ध हो गया है कि सरकार भेदभाव कर रही है। सरकार को बताना चाहिए कि आखिरकार समय रहते प्रशासन ने शरारती तत्वों के विरूद्ध ठोस कार्रवाई क्यों नहीं की।
श्री दीक्षित ने कहा कि बसपा सरकार की दृष्टि में राष्ट्रवादी विचारधारा के नेता और कार्यकर्ता ही शान्ति भंग करते हैं। सरकार ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ0 रमापतिराम त्रिपाठी पर भी शान्ति भंग की आशंका का लिखित आरोप लगाया और उन्हें बरेली में पीड़ितों से मिलने का भी अवसर नहीं दिया गया। सरकार वास्तविक तथ्य छिपा रही है। भाजपा ने बरेली की घटनाओं की वास्तविकता को जांचने और सारे तथ्यों को उजागर करने का निश्चय किया है। प्रदेश अध्यक्ष डॉ0 रमापतिराम त्रिपाठी ने बरेली की घटनाओं की जांच के लिये 7 सदस्यीय जांच समिति नियुक्त की है। भाजपा के वरिष्ठ नेता विधान परिषद में भाजपा के नेता डॉ0 नैपाल सिंह, विधानमण्डल दल के मुख्य सचेतक विधायक सुरेश खन्ना, पार्टी के प्रदेश महामन्त्री विधायक राजेश अग्रवाल, पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व सांसद सन्तोष गंगवार, पार्टी की बृज क्षेत्र की इकाई के अध्यक्ष धर्मपाल सिंह, बरेली भाजपा के अध्यक्ष सुभाष पटेल व बरेली महानगर के अध्यक्ष राजेन्द्र सक्सेना को जांच समिति का सदस्य बनाया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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