Posted on 09 June 2018 by admin
चिकित्सा व्यवस्था सुदृढ़ होने के उपरांत से बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज में जे0ई0/ए0ई0एस0 के मरीजों की भर्ती का दबाव हुआ कम स्क्रब टाईफस के रोगी हुए कम
लखनऊ: 09 जून, 2018
प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि मा0 मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में सरकार के अद्वितीय प्रयासों से जे0ई0/ए0ई0एस0 के मरीजों की संख्या एवं उनकी मृत्यु दर में कमी आयी है। उन्होंने कहा कि पूर्व में जहाँ जनवरी से जून 2017 के मध्य जे0ई0/ए0ई0एस0 से मरने वाले मरीजों की दर 18.3 प्रतिशत थी, वह घटकर इस समय 8.8 प्रतिशत हो गयी है।
यह जानकारी श्री सिंह ने आज देते हुए बताया कि जिला चिकित्सालय एवं ई0टी0सी0 केंद्रों में चिकित्सा व्यवस्था सुदृढ़ होने के उपरांत से बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज में जे0ई0/ए0ई0एस0 के मरीजों की भर्ती का दबाव भी कम हुआ है। उन्होंने बताया कि पूर्व में जहाँ जनवरी से जून 2017 के मध्य जे0ई0/ए0ई0एस0 के मरीजों का दबाव 53 प्रतिशत था, वह घटकर अब 17 प्रतिशत रह गया है। उन्होंने कहा कि एक अन्य महत्वपूर्ण सफलता स्क्रब टाईफस के रोगियों के प्रतिशत में भारी कमी है, विगत वर्ष कुल मरीजों में 47 प्रतिशत मरीज स्क्रब टाईफस के थे परन्तु इस वर्ष ए0ई0एस0 पर नियंत्रण को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए व्यापक स्तर पर साफ सफाई तथा वेक्टर कण्ट्रोल कार्यवाही करवाई गयी, जिसके कारण इस वर्ष कुल ए0ई0एस0 रोगियों में स्क्रब टाईफस के रोगियों का प्रतिशत मात्र 1.1 प्रतिशत रह गया हैं।
श्री सिंह ने कहा कि दिमागी बुखार की रोकथाम, उपचार एवं जनजागरूकता हेतु उत्तर प्रदेश सरकार एवं टाटा ट्रस्ट के बीच एक डव्न् किया गया है। इस साझा कार्यक्रम के अंतर्गत जनपद गोरखपुर तथा सिद्दार्थ नगर में मोबाइल मेडिकल वाहन के माध्यम से दिमागी बुखार के रोगियों के त्वरित निदान एवं उपचार की व्यवस्था टाटा ट्रस्ट की ओर से की जाएगी साथ ही जनपद गोरखपुर के पिपराईच ब्लॉक एवं सिद्धार्थनगर के उसका बाजार ब्लॉक को दिमागी बुखार के नियंत्रण एवं उपचार हेतु आदर्श स्वास्थ्य केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। चिकित्सकयुक्त मोबाईल वाहन दिमागी बुखार प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण कर रोगियों की जाँच एवं इलाज करेंगे साथ ही साथ क्षेत्र में दिमागी बुखार के संबंध में जनजागरूकता भी फैलाऐंगे। श्री सिंह ने कहा कि इसके अलावा टाटा ट्रस्ट द्वारा इन दोनों ब्लॉक में दिमागी बुखार हेतु प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं भी उपलब्ध कराई जाएगी। इस गतिविधि का मूल उद्देश्य दिमागी बुखार के कारण होने वाली विकलांगता तथा मृत्यु दर पर नियंत्रण करना है ।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जे0ई0/ए0ई0एस0 से सबसे ज्यादा प्रभावित गोरखपुर एवं बस्ती मंडल के 7 जनपदों में आगामी 15 जुलाई से दस्तक अभियान का द्वितीय चरण आरम्भ किया जाएगा, जिसका मुख्य उद्देश्य इस बीमारी पर प्रभावी नियंत्रण पाने के लिए व्यापक टीकाकरण करने के साथ ही जनसामान्य को इसके प्रति जागरूक करना है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सचिव सुश्री वी0 हेकाली झिमोमी ने आज समीक्षा बैठक करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी लखनऊ तथा निदेशक संचारी रोग को जे0ई0/ए0ई0एस0 पर प्रभावी नियंत्रण हेतु सभी आवश्यक कार्यवाही करने हेतु निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जनपद के सभी चिकित्सालयों में फीवर हेल्प डेस्क की स्थापना तथा रैपिड रिस्पांस टीम्स का गठन किया जा चुका है, साथ ही संबंधित अन्य विभागों को भी निरोधात्मक कार्यवाही करने के निर्देश शासन द्वारा दिए जा चुके हैं।
सुश्री झिमोमी ने बताया कि विगत 6 जून को आशुतोष गौतम नाम के एक मरीज की मृत्यु के.जी.एम.यू में हुयी थी, इस मरीज का कई माह से ट्यूबरकुलर मैनिंजाइटिस का उपचार चल रहा था परन्तु इस मरीज में जापानीज इन्सेफेलाइटिस के वायरस की भी पुष्टि होने के कारण 6 जून से ही स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा ग्राम कंचनपुर में निरंतर कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने कहा कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय द्वारा भेजी गयी टीमों ने घर घर जाकर बुखार के मरीजों की खोज की तथा बुखार से ग्रसित 30 मरीजों को डॉक्सीसाइक्लीन तथा अन्य दवाओं का वितरण कर इनके खून की जाँच भी करायी है।
स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा घर घर जाकर मस्तिष्क ज्वर तथा ए0ई0एस0 की रोकथाम के उपायों के विषय में जानकारी दी गयी तथा पम्फ्लेट्स का वितरण भी किया गया। उन्होंने कहा कि 7 तथा 8 जून को भी स्वास्थ्य विभाग की टीमों के द्वारा कंचनपुर क्षेत्र में मरीजों की खोज तथा प्रचार एवं जनसंपर्क अभियान जारी रखा गया। इसी क्रम में दिनाँक 8 जून को टीम के सदस्यों के घर घर भ्रमण के दौरान कु0 पूर्णिमा गौतम, पुत्री गुलाब सिंह को स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा चिन्हित कर टाइफाइड बुखार के चलते चिनहट चिकित्सालय में उपचार हेतु लाया गया था तथा फेफड़ों के रोग से भी ग्रसित तथा उपचाराधीन पाए जाने के कारण के.जी.एम.यू. के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग में भर्ती करा दिया गया। मरीज में ए0ई0एस0 के कोई लक्षण नहीं पाए गए।
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लखनऊ: 09 जून, 2018
प्रदेश के बढ़ रहे आवारा निराश्रित पशुओं को संरक्षण देने व इनको उपयोगी बनाने के लिए नीति निर्धारण हेतु एक राज्य स्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन आज यहां पशुपालन निदेशालय में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में गोचर गोसदनों व चारागाहों को मजबूत बनाये जाने तथा पशु चिकित्सावियों को केन्द्र व राज्य सरकार पशु क्रूरता, पशु संरक्षण एवं अन्य अधिनियमों के सम्बन्ध में व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाये जाने की आवश्यकता पर बल दिया गया।
कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए निदेशक, पंचायतीराज श्री आकाशदीप ने कहा कि हमारी संस्कृति में प्रत्येक पशु महत्वपूर्ण है और उनका संरक्षण व संवर्द्धन करना हमारा दायित्व है। उन्होंने कहा कि ग्राम स्तर पर पशुओं के लिए भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए पशुकल्याण हेतु सभी कार्य किये जायेंगे। इसके लिए सम्बन्धित विभागों को आपसी समन्वय बनाकर कार्य करना होगा।
इस अवसर पर पशुपालन विभाग के निदेशक (प्रशासन एवं विकास) डा0 चरण सिंह यादव ने कहा कि पशुपालन विभाग पशुओं की देखभाल एवं उत्पादकता में वृद्धि हेतु सतत् क्रियाशील है और यह कार्यशाला पशु कल्याण डेयरी विनियमन, गोशालाओं का स्वावलम्बन एवं निराश्रित मवेशियों के प्रबन्धन में विशेष लाभकारी सिद्ध होगी।
गौसेवा आयोग के सचिव डा0 एस0पी0 गुप्ता ने पशु गोबर के प्रयोग को बढ़ावा देने, पंचगव्य का व्यापक प्रचार प्रसार करने एवं गांवों में कार्यशालाएं आयोजित करने पर अपने सुझाव दिए।
संगोष्ठी में पशुपालन निदेशक (रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र) डा0 एस0के0 श्रीवास्तव, उत्तराखण्ड के पशु कल्याण के नोडल अधिकारी डा0 आशुतोष जोशी, नगर विकास विभाग उ0प्र0 गो-सेवा आयोग, पंचायती राज विभाग, दुग्धशाला विकास विभाग, ग्राम्य विकास विभाग, बाॅयफ इंस्ट्टियूट फाॅर स्स्टेनेबल लाइबलीहुड एण्ड डेवलेपमेन्ट लखनऊ, पशु क्रूरता निवारण समिति (एस0पी0सी0ए0) एवं पशु कल्याण से जुड़ी विभिन्न संस्थाओं ने भाग लिया।
अ0सूचना अधिकारी- निधि वर्मा
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लखनऊ: 09 जून, 2018
प्रदेश के चिकित्सा एवं प्राविधिक शिक्षा मंत्री श्री आशुतोष टण्डन ने गोमती नगर राजीव गांधी द्वितीय वार्ड के विराम खण्ड स्थित रामभवन, लखनऊ में चैपाल लगाकर क्षेत्रीय नागरिकों की समस्याओं को सुना। चैपाल में बड़ी संख्या में महिलाओं और स्थानीय जनता ने मंत्री से मिलकर अपनी क्षेत्रगत और व्यक्तिगत समस्याओं से अवगत कराया।
ज्ञात हो कि इस चैपाल में क्षेत्रीय नागरिकों की समस्याओं के त्वरित समाधान हेतु राजस्व, नगर निगम, जल संस्थान, समाज कल्याण, महिला कल्याण, विकलांग कल्याण, बेसिक शिक्षा, विद्युत विभाग, तथा स्वास्थ्य विभागों से अधिकारियों को उपस्थित रहने का निर्देश मंत्री जी द्वारा दिया गया था।
श्री टण्डन ने चैपाल में सरकार द्वारा चलाई जा रही जनहितकारी योजनाओं की जानकारी भी दिलवाई। बड़ी संख्या में नागरिकों ने अपनी समस्याओं के निस्तारण हेतु प्रार्थना पत्रों के साथ-साथ लाभकारी योजनाओं विशेष रूप से पेंशन लाभ, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना प्रधानमंत्री आवास योजना, सौभाग्य योजना, जीवन ज्योति बीमा योजना, सुरक्षा बीमा योजना आदि के लिए आवेदन हेतु नाम प्रस्तुत किया।
मंत्री श्री टण्डन ने नागरिकों की विविध समस्याओं के निस्तारण हेतु मौके पर ही अधिकारियों को निर्देशित किया तथा आवेदनों पर भी शीघ्र कार्यवाही के लिए आश्वस्त किया।
इस अवसर पर पार्षद श्री अरूण तिवारी, श्री के0के0 जायसवाल, श्री अश्विनी बाजपेयी, श्री शैलेन्द्र राय, श्री बी0के0 मिश्रा, श्री रूपकुमार वर्मा आदि क्षेत्रवासी उपस्थित थे।
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लखनऊ: 09 जून, 2018 उत्तर प्रदेश के सिंचाई एवं सिंचाई (यांत्रिक) मंत्री श्री धर्मपाल सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि बाढ़ बचाव एवं बाढ़ से कटाव सम्बंधी कार्यों को तत्काल पूर्ण कर लिया जाये। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि किसी भी कीमत पर बाढ़ से जनहानि/धनहानि न होने पाये। उन्होंने कहा कि 15 जून से पहले ही बाढ प्रभावित जनपदों में बाढ़ चैकियों की स्थापना एवं बाढ़ निरोधक कार्यों को शीघ्र प्राथमिकता से कराना सुनिश्चित किया जाये।
सिंचाई मंत्री श्री धर्मपाल सिंह आज विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में उपरोक्त निर्देश दिये। उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि बाढ़ से निपटने में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में लगातार भ्रमण करते रहे तथा तटबन्धों की सुरक्षा एवं बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों की जनता एवं जानवरों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के सभी आवश्यक बन्दोबस्त कर लिया जाये।
सिंचाई मंत्री ने कहा कि बजट को समय से जारी कर दिया गया है इसलिए सुनिश्चित किया जाये कि कामो को भी निर्धारित समय सीमा के अन्दर पूर्ण करें। उन्होंने कहा कि नहरों के संचालन काविशेष ध्यान रखे तथा जहां भी आवश्यकता हो पानी की आपूर्ति की जाये। श्री सिंह ने बुन्देलखण्ड के क्षेत्रों में पीने के पानी का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि किसी को भी पीने के पानी की परेशानी न होने पाये। श्री सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि बुन्देलखण्ड की अधूरी सिंचाई पिरयोजनाओं को अतिशीघ्र पूरा करें। उन्होंने कहा कि जो परियोजनाएं पूर्ण हो चुकी है उसका उद्घाटन मा0 मुख्यमंत्री जी से शीघ्र ही कराया जायेगा।
श्री धर्मपाल सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि सालों से पेंडिंग चल रही जांच को शीघ्रता से पूरा किया जायें। बैठक में सचिव सिंचाई, विशेष सचिव, प्रमुख अभियन्ता एवं विभागाध्यक्ष तथा प्रमुख अभियन्ता एवं मुख्य अभियन्ता उपस्थित थे।
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मुंबई। साईं बाबा फाउंडेशन (एसएसबीएफ) के प्रबंध ट्रस्टी व फिल्म और धारावाहिकों के निर्माता तथा अभिनेता आशिम खेत्रपाल ने ३० धार्मिक मंत्रों की रिकॉर्डिंग शनिवार 9 जून 2018 को मुंबई के अँधेरी (वेस्ट) में स्थित ए टू स्टूडियो में शुरू किया।जिसमें ‘शिव मंत्र’,’ गणेश मंत्र’,'साई मंत्र’ जैसे ३० धार्मिक मंत्रो की रिकॉर्डिंग गायक आशिम खेत्रपाल की आवाज में रिकॉर्ड हो रहा है और जिसे संगीतकार अमर प्रभाकर देसाई ने संगीत से संवारा है।और यह पूरा काम मशहूर लेखक विकास कपूर के देखरेख में हो रहा है।
धार्मिक मंत्रों की रिकॉर्डिंग के बारे में आशिम खेत्रपाल ने कहा,” मंत्रो में बड़ी शक्ति होती है।उसके सुनने भर से हमें नई शक्ति और जोश मिलता है।आज सभी लोग परेशान है,चाहे किसी भी रूप में।यह सभी मंत्र काफी काम करते है,इससे लोगों को मानसिक तनाव से मुक्ति मिलेगी।जोकि आप कभी भी सुन सकते है,जिससे मन एकाग्र हो जाता है।जब भी हम किसी भी धार्मिक स्थल पर जाते है तो हमको मानसिक शांति मिलती है।जिसका कारण है वहाँ पर चलने वाले वैदिक मंत्र,उपदेश,श्लोक इत्यादि।”
धारावाहिक’ ॐ नमः शिवाय’,'श्री गणेश’,'जय संतोषी माँ’ जैसे सुपरहिट धार्मिक धारावाहिको और फिल्मों में पिछले २२ साल से लेखक के तौर पर मशहूर लेखक विकास कपूर ने कहा,” आज लोग धीरे धीरे लोग मंत्र की शक्ति को लोग भूलते जा रहे है। यह एक तरह से मैडिटेशन का काम करता है।और हमारे शरीर में नई शक्ति और ऊर्जा प्रदान करता है। हमलोग शिरडी साईं बाबा फाउंडेशन की तरफ से यह कोशिश कर रहे है कि आज की युवा पीढ़ी जागृत हो और इन मंत्रो की शक्ति को समझे। “
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भाजपा व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विरू( तमाम क्षेत्रीय दल एक जुट होने लगे हैं। उत्तर प्रदेश में धुर विरोधी सपा-बसपा का एक होना एक नये सामाजिक समीकरण का सूत्रपात किया है और सामभावित इस गठबंधन की देखा- देखी देश के तमाम क्षेत्रीय व छोटे दल महागठबंधन बनाने की कवायद में जुट गये हैं। 31 मई को 4 लोक सभा व 10 विधानसभा क्षेत्र के उप चुनाव परिणाम से भाजपा सकपका गई है और अब वह अपने वोट बैंक को बढाने के लिए गम्भीर मंथन में जूट गई है। भाजपा व संघ अपना वोट बैंक 31 प्रतिशत से 50 प्रतिशत करने के लिए कई बिन्दुओं पर गंभीरता से विचार कर रहा है। उत्तर प्रदेश व बिहार ही देश की सत्ता तक पहुचने का रास्ता तय कराते हैं। जहां 120 लोक सभा की सीटें हैं। ये दोनो राज्य सामाजिक न्याय व आरक्षण के लिहाज से अति संवेदनशील राज्य है और कमोबेश दोनो राज्यों का सामाजिक समीकरण व जातिगत गणित लगभग एक समान ही है। उत्तर प्रदेश व बिहार में यदि भाजपा कमजोर होती है तो उसका सत्ता से बाहर होना तय है। विगत लोकसभा चुनाव में भाजपा ने अपने सहयोगियों सहित दोनो राज्यों से 110 सीटों पर कब्जा किया था और अकेले उसके हिस्सें 109 सीटें आई थीं। भाजपा इस बडी जीत को गैर यादव व गैर जाटव/चमार जातियों के मजबूत समर्थन से हासिल किया था। लोक सभा चुनाव- 2019 में इन्हें अपने पाले में बनाये रखने के लिए ठोस जतन करने की जरूरत पड़ेगी।
भाजपा को बिहार में राष्ट्रीय जनता दल- कांग्रेस गठबन्धन व उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा- कांग्रेस- रालोद आदि महागठबंधन से दो-दो हाथ करना पड़ेगा। राजद, सपा व बसपा के पास खुद का आधार वोट बैंक है, वहीं भाजपा व कांग्रेस के पास कोई बेसिक वोट बैंक नहीं है। बिहार में यादव व मुस्लिम 15-15 प्रतिशत हैं जो राजद के मजबूत वोट बैंक है, वहीं उत्तर प्रदेश में 9 प्रतिशत यादव, 19 प्रतिशत मुस्लिम व 11-12 प्रतिशत जाटव/ चमार हैं। अपने जातिगत वोट बैंक के साथ सपा व बसपा मुस्लिम वोट बैंक पर दावा करते हैं, पर दोनों के दलों के साथ आने से इनका वोट बैंक लगभग 40 प्रतिशत हो जायेगा। बिहार में जहां मध्यवर्ती पिछड़ी जातियां ;कुर्मी-कोयरीद्ध 6 प्रतिशत हैं तो उत्तर प्रदेश में लगभग 10 प्रतिशत हैं। बिहार में कुर्मी व कोयरी तथा उत्तर प्रदेश में कुर्मी, कोयरी, जाट, गुजर, लोधी, सोनार, कलवार आदि मध्यवर्ती पिछड़ीं जातियां हैं। बिहार व उत्तर प्रदेश में अत्यन्त पिछड़ी जातियों की संख्या 33-34 प्रतिशत से अधिक है और दोनों राज्यों में हिन्दू सवर्ण जातियों की संख्या 13-16 प्रतिशत है। भाजपा का वोट बैंक अतिपिछड़ीं/मध्यवर्ती व अत्यन्त पिछडी तथा अतिदलित जातियां ही हैं और जब-जब यह भाजपा के साथ रहीं, भाजपा अव्वल रही।
गोरखपुर व फूलपुर लोकसभा उपचुनाव के बाद कैराना लोकसभा व नूरपुर विधानसभा उपचुनाव में हार के बाद भाजपा पशोंपेश में है और भविष्य की रणनीति बनाने के मंथन में डूबी हुई है। भाजपा का सबसे भरोसेमंद वोट बैंक निषाद मछुआरों को माना जाता हैं, पर इस समय यह भाजपा से समाज की राजनीतिक उपेक्षा व वादा खिलाफी से बेहद नाराज है। जय प्रकाश निषाद भाजपा संगठन से जुडे वफादार नेता रहें हैं और तीसरी बार विधायक निर्वाचित होने के बाद भी इन्हें योगी मंत्रीमण्डल में राज्यमंत्री बनाया गया है। जिससे निषाद बिन्द, कश्यप, केवट, मल्लाह समाज काफी नाराज है गोरखपुर व फूलपुर में भाजपा की हार में निषादों, तो कैराना व नूरपुर में कश्यप/निषादों की अहम भूमिका रही है, कारण कि इन क्षेत्रों में निषाद मछुआरा जातियों का खासा वोट बैंक है। निषादों की नाराजगी का एहसास भाजपा नेतृत्व व संघ परिवार को हो गया है, सो इस बड़े जातीय समूह को अपने पाले में करने के लिए रूप रेखा तय कर लिया है। शीघ्र ही संगठन व सरकार में बडा बदलाव किया जायेगा। जयप्रकाश निषाद को कैबिनेट का दर्जा देने के साथ पश्चिम से फतेहाबाद के विधायक जीतेन्द्र वर्मा व चरथावल विधाय विजय पाल सिंह कश्यप को मंत्रीमण्डल में शामिल किया जा सकता है। पार्टी सूत्रों की माने तो भाजपा के पूर्व उपाध्यक्ष व वर्तमान में उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष बाबू राम निषाद को डाॅ0 महेन्द्र नाथ पाण्डेय की जगह अध्यक्ष बनाकर निषाद मछुआरों व अतिपिछडा़ें की नाराजगी को दूर करने का निर्णय पार्टी नेतृत्व ले सकता है। 12.91 प्रतिशत आबादी रखने वाला निषाद मछुआरा समाज उत्तर प्रदेश की राजनीति में परिवर्तन लाने में काफी अहम है। जिन 17 अतिपिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने का मुद्दा डेढ दशक से राजनीतिक मुद्दा बना हुआ है उसमें 13 उपजातियां निषाद मछुआरा समुदाय की हैं और केन्द्र सरकार इन्हें अनुसूचित जाति का दर्जा देने का भी कदम उठाने पर विचार कर रही है।
गोरखपुर, फूलपुर के बाद कैराना, नूरपुर और बिहार की जोकीहाट उपचुनाव परिणाम में मोदी मुक्त भारत की संभावना को आगे बढा दिया है। भाजपा व संघ परिवार ओबीसी व दलित उपवर्गीं करण को तुरूप के पत्ते के रूप में इस्तेमाल करने पर गम्भीर हो गई है। कर्पूरी ठाकूर की तरह संघ परिवार व भाजपा नेतृत्व नरेन्द्र मोदी को सामाजिक न्याय का मसीहा बनाने के काम में जूट गया है। विगत अक्टूबर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को भंग कर दिया था और उसका नामकरण राष्ट्रीय सामाजिक शैक्षणिक पिछड़ा वर्ग आयोग कर संवैधानिक दर्जा देने का कदम उठाया था, जिसे राज्य सभा में समर्थन नहीं मिलने से अटका हुआ है। राम मंदिर निर्माण व ओबीसी उपवर्गीकरण भाजपा के तरकश के 2 खास तीर हैं, जिससे विपक्ष को धरासायी कर सकते हैं। ये दोनो मुद्दे आज भी पूर्व की भांति सत्ता दिलाने में प्रभावी हैं । भाजपा के तरकश में सबसे मारक तीर आरक्षण उपवर्गीकरण है, जिसकी काट खोजना विपक्ष के वश की बात नहीं होगी।
संयुक्त विपक्ष जिन दलितों, पिछड़ों, अकलियतों के सामाजिक समीकरण के जरिये मोदी राज को खत्म करने का गणित तैयार कर रहा है, उपवर्गीकरण से वह गडबडा सकता है। विपक्ष के जातिगत सामाजिक समीकरण को क्षत-विक्षत कर देने वाला तीर ओबीसी का उपवर्गीकरण के साथ दलित आरक्षण के उपवर्गीकरण तक विस्तारित हो सकता है । भाजपा इस मारक तीर का इस्तेमाल करने से पूर्व इस दिशा में बुद्धिजीवियों को सक्रिय कर दिया है । भाजपा सलाहकार मण्डल का सुझाव है कि इससे 50 प्रतिशत वोट बैंक के आकड़े को छुवा जा सकता है ।
सामाजिक न्याय समिति-2001 ने उत्तर प्रदेश में पिछड़े वर्ग का तीन व अनुसूचित जातियों का 2 श्रेणीयों में उपवर्गीकरण का सुझाव दिया था। राजनाथ सरकार ने इसे मूर्तरूप देने का कदम भी उठाया, पर सपा व बसपा के विरोध के कारण संम्भव नहीं हो सका। पिछले अक्टूबर में केन्द्र सरकार ने ओबीसी उपवर्गीकरण के उद्देश्य से दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रोहिणी के नेतृत्व में राष्ट्रीय ओबीसी उपवर्गीकरण आयोग का गठन किया। इस आयोग को 3 महीने में अपनी रपट देनी थी, लेकिन उसका कार्यकाल बढता रहा, पर पिछली बार कार्यकाल बढाते समय केन्द्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया था कि 20 जून के बाद इसका कार्यकाल नहीं बढाया जायेगा। यह आयोग स्पष्ट करेगा कि पिछड़ें, अतिपिछड़े व अत्यन्त पिछड़े वर्ग में कौन-कौन सी जातियां रखीं जायेंगी।
ओबीसी को 3 श्रेणीयों में विभक्त कर 9-9 प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा केन्द्र सरकार कर सकती है। उच्च पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अक्टूबर में केन्द्र व उत्तर प्रदेश सरकार उपवर्गीकरण की घोषणा कर राजनीति को गर्म करने का कदम उठायेंगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने 8 जून को जस्टिस राघवेन्द्र कुमार समिति का गठन करते हुए उसे 3 महीने में अपनी रपट देने का निर्देश दिया है। इस संबंध में सामाजिक न्याय चिंतक लौटन राम निषाद ने उपवर्गीकरण की सवैधानिकता पर बताया की इस पर प्रश्न चिन्ह खडा नहीं किया जा सकता, पर भाजपा का असल मकसद सामाजिक न्याय देना कम राजनीतिक लाभ उठाना व पिछड़ों में नफरत की भावना पैदा करना अधिक है। इससे पिछड़ों, दलितों में नफरत की भावना पैदा कर राजनीतिक लाभ उठाने की मंशा है। उनका कहना था कि ओबीसी की जनगणना रिपोर्ट उजागर कर एससी/एसटी की भांति ओबीसी को कार्यपालिका, विधायिका के साथ सर्वव्यापी आरक्षण की घोषणा करनी चाहिए। जिसके तहत न्यायपालिका, सेना, मीड़िया सहित निजी व सरकारी क्षेत्र की सभी प्रकार की नौकरियों, डीलरशीप, ठेका/पट्टा आदि में संख्यानुपाती आरक्षण देने का कदम उठाना चाहिए। 27 प्रतिशत आरक्षण के विभाजन से ओबीसी लाभ उठाने की बजाय नुकसान में रहेगा।
उनका कहना था कि भाजपा की मंशा ठीक नहीं है। वह गैर यादव व गैर जाटव जातियों को झूठा झांसा देकर सिर्फ वोट बैंक की राजनीति करने का षडयंत्र कर रही है। आखिर सेंसस-2011 के अनुसार ओबीसी की जनगणना को उजागर क्यों नहीं किया गया ? इससे कौन सी राष्ट्रीय क्षति हो रही थी ? विधानसभा चुनाव में अतिपिछड़ों के साथ मुख्यमंत्री बनाने के सवाल पर वही पटकथा दोहराई गई कि - शादी के लिए गोविन्दा को दिखाया गया और शादी शक्तिकपूर से करा दी गई। भाजपा की इस चाल को पिछड़ा - अतिपिछड़ा समाज समझ चुका है। उत्तर प्रदेश के साथ- साथ महाराष्ट्र, हरियाणा व झारखण्ड में ठीक एक समान छल-कपट व झूठ फरेब की राजनीति का परिचय भाजपा ने दिया। संघ लोक सेवा आयोग में कैडर निर्धारण फाउण्डेशन कोर्स व ओबीसी के लिए क्रिमीलेयर की नई परिभाषा से लुटा-पीटा ओबीसी अब भाजपा के झांसे में व झूठे दिलासे में आने वाला नहीं है।
Posted on 09 June 2018 by admin
लखनऊ 09 जून 2018, भारतीय जनता पार्टी प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सरकारी बंगले को खाली करने से पहले तोड़-फोड़ पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि बंगले में तोड़-फोड़ से उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा मुखिया अखिलेश यादव की कुण्ठा झलकी है। श्री त्रिपाठी ने कहा कि अखिलेश यादव जी को मुख्यमंत्री रहते हुए ही इस बात का एहसास हो गया था कि वे दुबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ नहीं ले पाएंगें इसीलिए मुख्यमंत्री रहते हुए ही अपने लिए एक शानदार बंगला सरकारी खर्च पर तैयार किया था जिसमें सरकारी धन का जमकर दुरूपयोग किया गया था। किसी धन्नासेठ या बड़े उद्योगपति के बंगले से भी ज्यादा विलासिता के साजो सामान उस बंगले मंे जुटाए गये थे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मजबूरीवश बंगला खाली करना पड़ा, लेकिन बंगला खाली करने से पहले जिस तरह उस विलासिता को छुपाने के लिए तोड़-फोड़ की गई वो शर्मनाक भी है और निन्दनीय भी। समाजवादी पार्टी का मूल चरित्र हुल्लड़बाजी, अराजकता और हल्लाबोल का है। बंगला खाली करते समय अपने इस स्वभाव का परिचय समाजवादियों ने दिया है।
श्री त्रिपाठी ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उस बंगले से टाईल्स टोंटिया, निकलवाकर अपनी हताशा को दर्शाया है और कई गम्भीर प्रश्न भी खड़े किए है। समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव को जनता को बताना चाहिए कि उन्होंने बंगले से टाईल्स क्यूं उखड़वाई।
Posted on 09 June 2018 by admin
लखनऊ 09 जून 2018, भारतीय जनता पार्टी ने सम्पर्क फार समर्थन कार्यक्रम के तहत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री डा0 दिनेश शर्मा व प्रदेश महामंत्री (संगठन) सुनील बंसल ने विशेष रूप से वाराणसी, झांसी में विशेष जनसम्पर्क अभियान में समाज के प्रबुद्धजनों से भेंट कर उन्हें केन्द्र सरकार के 4 वर्ष पूर्ण होने पर केन्द्र सरकार के कामकाज का विस्तृत रूप से उल्लेखित एक किताब भी भेंट की।
उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के सरकारी आवास पर फिल्म अभिनेता संजय दत्त से मिले तथा उन्हें सम्पर्क फार समर्थन के तहत मुलाकात की। विशेष जनसम्पर्क अभियान के क्रम में 10 जून की सुबह वाराणसी जिले के 5 विशिष्ट जनों से मिलेंगे। जिसमें गढ़वाघाट के पीठाधीश्वर स्वामी शरणानंद महाराज, ज्योतिषाचार्य चन्द्रमौली उपाध्याय, साहित्यकार प्रो0 सुरेन्द्र प्रताप सिंह, ख्यात चिकित्सक डा0 टीके लहरी, वरिष्ठ अधिवक्ता राधेश्याम चैबे से उनके आवास पर मिलेंगे।
उपमुख्यमंत्री डा0 दिनेश शर्मा ने पद्मविभूषण छन्नूलाल मिश्र से वाराणसी स्थित उनके आवास पर मिलकर उनसे आशीर्वाद लिया तथा अंगवस्त्र भेंट किया। मुलाकात के दौरान पं0 छन्नूलाल मिश्र ने प्रधानमंत्री के कार्यो की प्रंशसा की तथा प्रधानमंत्री को एक बेहद ईमानदार प्रधानमंत्री बताते हुए कहा कि वह देश के विकास के लिए बेहद सार्थक कार्य में लगे हुए है, देश की जनता के लिए समर्पित है, उन्होंने कहा कि 2014 में वाराणसी से नरेन्द्र मोदी का प्रस्तावक होने पर मुझे गर्व है, उन्होंने कहा कि मैंने उन्हें प्रधानमंत्री बनने का आर्शीवाद दिया था आज वह प्रधानमंत्री के रूप में देश की जनता के लिए ईमानदारी से कार्य कर रहे है। तथा केन्द्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह वाराणसी में सम्पर्क फार समर्थन के कार्यक्रम के दौरान भोजपुरी गायक हीरालाल यादव व उनके परिजनों से मुलाकात कर सरकारी की नीतियों व उपलब्धियों पर चर्चा की।
सम्पर्क फार समर्थन के तहत प्रदेश महामंत्री (संगठन) सुनील बंसल ने झांसी में पूर्व अर्तराष्ट्रीय हाकी खिलाड़ी सुबोध खांडेकर उनके भतीजे पूर्व हाकी खिलाड़ी तुषार खांडेकर, श्री लक्ष्मी व्यायाम मंदिर के प्रबंधक गजानन्द खानवलकर, सेवानिवृत्त एयर मार्शल एस.एस. सुजलाना तथा झांसी के प्रथम सांसद राघुनाथ धुलेकर के नाती निरंजन धुलेकर से भेंट कर केन्द्र सरकार की 4 वर्ष की उपलब्धि से संबंधित किताब भेंट की।
इसी क्रम में भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष श्रीमती रंजना उपाध्याय झांसी, प्रदेश मंत्री वाईपी सिंह ने बागपत, देवेश कोरी फर्रूखाबाद, सुब्रत पाठक औरैया, प्रकाश पाल फतेहपुर में जाकर सम्पर्क फार समर्थन के तहत जिलों के विशिष्ट जनों से मिलकर सरकार की उपलब्धियांें पर चर्चा की।