सुरेन्द्रअग्निहोत्री, लखनऊ , 10 जून, 2018, हाशिये के बांसकार समाज का समागम पहली बार राजधानी लखनऊ में हुआ। कार्यक्रम में राज्यपाल राम नाईक मुख्य अतिथि और उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा और समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री विशिष्ट अतिथि रहे। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश ही नहीं, कई प्रदेशों से आए करीब 4 हजार लोग शामिल हुए।
कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल ने कहा कि आज यह स्थिति देखकर अच्छा लगता है कि हाशिये का समाज राजनीति की मुख्य धारा में शामिल हो रहा है। बाबा साहेब आंबेडकर ने जो सपना देखा था, वह आज पूरा हो रहा है। कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री डाॅं0 दिनेश शर्मा ने कहा कि हाशिये का बांसकार समाज अपनी आवाज को बुलन्द कर रहा है। यह समय जातीय बन्धन में बंधने का नहीं, जाति तोड़कर विकास की मुख्यधारा में शामिल होने का है। समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री ने समाज को राजनीति और विकास में भागीदारी के लिए अपील करते हुए उन्हे हर संभव मदद का भरोसा दिया।
समागम में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री डाॅ. लालजी प्रसाद निर्मल का स्वागत और सम्मान किया गया। इस दौरान डाॅ0 लालजी प्रसाद निर्मल ने कहा कि सामाजिक न्याय के नाम पर दलितो को ठगा गया। राजनीति के हिन्दी बेल्ट में जातीय क्षत्रप पैदा किए, जिन्होंने अपनी जातियों का राजनीतिक सशक्तिकरण किया। लखनऊ की एक जनसभा में दलित राजनीति की एक सुप्रीमों ने कहा था कि उनका उत्तराधिकारी उनकी अपनी जाति का होगा। यह आंबेडकर के विचारों पर दलित राजनीति का सबसे बड़ा प्रहार था। डा0 लालजी प्रसाद निर्मल ने कहा है कि वह लखनऊ में दलितों की एक बड़ी रैली करेंगे। इस रैली में चाहेंगे कि देश के प्रधानमंत्री भी पहली बार दलितों को सीधे सम्बोधित करें।
गौरतलब है कि राजनीतिक भागीदारी के लिए पहली बार हाशिये का समाज लखनऊ आया। आजादी के 70 साल बाद आज भी हाशिये का ये दलित राजनैतिक हिस्सेदारी के लिए तरस रहा है। बांसकार कामगार समाज के राष्ट्रीय समागम में आज हजारों की संख्या में प्रदेश के कोने-कोने से हाशिये का दलित राजनैतिक भागीदारी के लिए लखनऊ पहुॅचा और एक बार फिर से नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने की हुंकार भरी
हाशिय के दलित धरिकार, डोम, बेनबंशी, बसोर, बसफोर, धानुक, बाल्मीकि आदि जातियांे के प्रतिनिधि आज आंबेडकर महासभा में इकटठे हुए और मंत्री परिषद से लेकर विधानसभा-विधान परिषद और मंत्रिमंण्डल में भागीदार की मांग की। उनका कहना था कि सामाजिक न्याय और डाॅ0 आंबेडकर के नाम पर गठित राजनैतिक दलों ने भी उनके साथ छल किया और चार बार सत्ता में आने के बाद भी मायावती ने उनके साथ सौतेला व्यवहार किया न तो किसी को विधायक बनाया और न ही विधान परिषद में भेजा न ही पार्लियामेन्ट में भेजा। इन वर्गो का कहना था कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अति दलितों को भागीदारी देने की घोषणा की है तथा इस समाज से डाॅं0 लालजी प्रसाद निर्मल को दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री बनाया है। इससे देश के हाशिये के समाज में हर्ष व्याप्त है।
बातचीत में लोगों ने कहा कि वर्ष 2019 में नरेन्द्र मोदी फिर से प्रधानमंत्री बनेंगे। मायावती के बारे में इस समूह के लोगों का कहना था कि अब वे केवल अपनी जाति की नेता बनकर रह गई हैं और आम दलितो से उनकी बहुत दूरी होती जा रही है। कार्यक्रम में भारी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुई। बनारस और उत्तर प्रदेश के लिए जिलों से आए लोगों ने उपमुख्यमंत्री और डा0 लालजी प्रसाद निर्मल का फूल मालाओं से स्वागत भी किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता ब्रहानंद धारिया और संचालन डाॅ0 कोलेश्वर प्रियदर्शी ने किया।