Posted on 28 June 2018 by admin
लखनऊ 29 जून 2018, प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद से ही गाय और गोवंश के संरक्षण की दिशा में गंभीर प्रयास शुरू किए गए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के निर्देशन में भाजपा सरकार लगातार गायों की नस्ल सुधारने और बेसहारा गोवंश का अवैध व्यापार रोकने का प्रयास शुरू हो गया है।
प्रदेश पार्टी मुख्यालय में पार्टी प्रवक्ता डा. चन्द्रमोहन ने कहा कि बेसहारा गोवंश की समस्या के समाधान के लिए सरकार ने प्रदेश के 68 जिलों में वृहद गो संरक्षण केंद्र बनाने की तैयारी की है। 1.20 करोड़ रुपए प्रत्येक की लागत से बनने वाले इन संरक्षण केंद्रों का निर्माण समय से पूरा हो इसके लिए संबंधित जिलों के जिलाधिकारियों को जिम्मेदार बनाया गया है।
प्रदेश प्रवक्ता डा. चन्द्रमोहन ने बताया कि पानी की कमी से जूझ रहा बुंदेलखंड इलाका सरकार की प्राथमिकता में है। प्रदेश सरकार 10 करोड़ रुपए से अधिक की राशि से बुंदेलखंड इलाके में पंजीकृत गोशालाओं का सुदृढ़ीकरण करने जा रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुन्देलखण्ड के ललितपुर जिले के कल्याणपुर में गौंवश आश्रय स्थल का लोकार्पण किया है। चारे के अभाव में ही किसान अपने जानवरों को खुला छोड़ देते हैं जिससे अन्य कई समस्याएं पैदा होती हैं। सत्ता संभालते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने अधिकारियों को खुले में घूमने वाले गोवंश की समस्या का हल खोजने के आदेश दिए थे। अब पहली बार प्रदेश सरकार ने इस समस्या का स्थाई समाधान खोजा है।
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश सरकार ने विशेष कर सूखा प्रभावित क्षेत्रों में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत अतिरिक्त चारा विकास कार्यक्रम की भी शुरुआत की है। जानवरों को हरा चारा मुहैया कराने के लिए सरकार ने बजट जारी कर दिया है। लघु व सीमांत किसानों को हरे चारे के लिए मुफ्त बीज और खाद मुहैया कराया जाएगा। ऐसे कई उपायों से भाजपा सरकार का कल्याणकारी और संवेदनशील चेहरा उजागर होता है। ऐसे प्रयास भाजपा सरकार में अनवरत जारी रहेंगे।
Posted on 28 June 2018 by admin
सुरेन्द्र अग्निहोत्री,लखनऊ,।भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान,लखनऊ का डॉ. एस.के. पटनायक, सचिव, कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग, भारत सरकार ने भ्रमण किया तथा “भारत में गन्ना एवं चीनी उत्पादन – सामर्थ्य एवं चुनौतियाँ” विषय पर आयोजित बैठक की अध्यक्षता की। डॉ. पटनायक ने उत्तर प्रदेश में गन्ना एवं चीनी उधयोग की वर्तमान स्थिति एवं समस्याओं की समीक्षा की। उत्तर प्रदेश में चीनी के रिकार्ड उत्पादन पर संतोष जताते हुए बताया कि सरकार चीनी उधयोग को बंगला देश एवं श्री लंका में कुछ समय के लिए निर्धारित कोटा की चीनी को निर्यात करने की अनुमति देने पर विचार कर रही है। डॉ. पटनायक ने गन्ने विभाग के अधिकारियों से किसानों के बहुलम्बित गन्ना मूल्य भुगतान करवाने के लिए सभी संभव प्रयास करने की सलाह दी।
कार्यक्रम के आरंभ में डॉ. अश्विनी दत्त पाठक, निदेशक, आईआईएसआर ने डॉ. पटनायक का स्वागत करते हुए “भारत में गन्ने की खेती एवं चीनी उत्पादन के वर्तमान परिदृश्य तथा संस्थान द्वारा विकसित प्रोध्योगिकी का प्रभाव’ विषय पर संक्षिप्त प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होने सूचित किया कि 31 मार्च 2018 तक, उत्तर प्रदेश ने 105.13 लाख टन चीनी का उत्पादन करके महाराष्ट्र के 101.30 लाख टन के चीनी उत्पादन को पीछे छोड़ दिया है। इस वर्ष, देश में लगभग 300 लाख टन चीनी उत्पादित हुई है। डॉ. पटनायक ने संस्थान के शोध एवं विकास कार्यक्रमों की सराहना करते हुए संस्थान द्वारा विकसित गन्ने की विभिन्न प्रोध्योगिकियों के विकास द्वारा उत्तर प्रदेश को चीनी उत्पादन में अग्रणी राज्य बनाने पर बधाई दी। डॉ. पटनायक ने गुड़ एवं इथेनोल को गन्ने का भविष्य बताते हुए कहा कि गुड़ मानव स्वास्थ्य के लिए उत्तम है, जबकि इथेनोल हमारी ऊर्जा की भावी आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम होगा।
इस बैठक में उत्तर प्रदेश गन्ना विकास एवं चीनी उधयोग विभाग एवं गन्ना विकास निदेशालय के अधिकारियों सहित संस्थान के सभी विभागाध्यक्ष एवं प्रधान वैज्ञानिक उपस्थित थे। डॉ. पटनायक ने उत्तर प्रदेश के गन्ना विकास एवं चीनी उधयोग विभाग के विभिन्न कार्य-कलापों की भी समीक्षा की।