सुरेन्द्र अग्निहोत्री,लखनऊ,।भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान,लखनऊ का डॉ. एस.के. पटनायक, सचिव, कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग, भारत सरकार ने भ्रमण किया तथा “भारत में गन्ना एवं चीनी उत्पादन – सामर्थ्य एवं चुनौतियाँ” विषय पर आयोजित बैठक की अध्यक्षता की। डॉ. पटनायक ने उत्तर प्रदेश में गन्ना एवं चीनी उधयोग की वर्तमान स्थिति एवं समस्याओं की समीक्षा की। उत्तर प्रदेश में चीनी के रिकार्ड उत्पादन पर संतोष जताते हुए बताया कि सरकार चीनी उधयोग को बंगला देश एवं श्री लंका में कुछ समय के लिए निर्धारित कोटा की चीनी को निर्यात करने की अनुमति देने पर विचार कर रही है। डॉ. पटनायक ने गन्ने विभाग के अधिकारियों से किसानों के बहुलम्बित गन्ना मूल्य भुगतान करवाने के लिए सभी संभव प्रयास करने की सलाह दी।
कार्यक्रम के आरंभ में डॉ. अश्विनी दत्त पाठक, निदेशक, आईआईएसआर ने डॉ. पटनायक का स्वागत करते हुए “भारत में गन्ने की खेती एवं चीनी उत्पादन के वर्तमान परिदृश्य तथा संस्थान द्वारा विकसित प्रोध्योगिकी का प्रभाव’ विषय पर संक्षिप्त प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होने सूचित किया कि 31 मार्च 2018 तक, उत्तर प्रदेश ने 105.13 लाख टन चीनी का उत्पादन करके महाराष्ट्र के 101.30 लाख टन के चीनी उत्पादन को पीछे छोड़ दिया है। इस वर्ष, देश में लगभग 300 लाख टन चीनी उत्पादित हुई है। डॉ. पटनायक ने संस्थान के शोध एवं विकास कार्यक्रमों की सराहना करते हुए संस्थान द्वारा विकसित गन्ने की विभिन्न प्रोध्योगिकियों के विकास द्वारा उत्तर प्रदेश को चीनी उत्पादन में अग्रणी राज्य बनाने पर बधाई दी। डॉ. पटनायक ने गुड़ एवं इथेनोल को गन्ने का भविष्य बताते हुए कहा कि गुड़ मानव स्वास्थ्य के लिए उत्तम है, जबकि इथेनोल हमारी ऊर्जा की भावी आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम होगा।
इस बैठक में उत्तर प्रदेश गन्ना विकास एवं चीनी उधयोग विभाग एवं गन्ना विकास निदेशालय के अधिकारियों सहित संस्थान के सभी विभागाध्यक्ष एवं प्रधान वैज्ञानिक उपस्थित थे। डॉ. पटनायक ने उत्तर प्रदेश के गन्ना विकास एवं चीनी उधयोग विभाग के विभिन्न कार्य-कलापों की भी समीक्षा की।