चिकित्सा व्यवस्था सुदृढ़ होने के उपरांत से बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज में जे0ई0/ए0ई0एस0 के मरीजों की भर्ती का दबाव हुआ कम स्क्रब टाईफस के रोगी हुए कम
लखनऊ: 09 जून, 2018
प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि मा0 मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में सरकार के अद्वितीय प्रयासों से जे0ई0/ए0ई0एस0 के मरीजों की संख्या एवं उनकी मृत्यु दर में कमी आयी है। उन्होंने कहा कि पूर्व में जहाँ जनवरी से जून 2017 के मध्य जे0ई0/ए0ई0एस0 से मरने वाले मरीजों की दर 18.3 प्रतिशत थी, वह घटकर इस समय 8.8 प्रतिशत हो गयी है।
यह जानकारी श्री सिंह ने आज देते हुए बताया कि जिला चिकित्सालय एवं ई0टी0सी0 केंद्रों में चिकित्सा व्यवस्था सुदृढ़ होने के उपरांत से बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज में जे0ई0/ए0ई0एस0 के मरीजों की भर्ती का दबाव भी कम हुआ है। उन्होंने बताया कि पूर्व में जहाँ जनवरी से जून 2017 के मध्य जे0ई0/ए0ई0एस0 के मरीजों का दबाव 53 प्रतिशत था, वह घटकर अब 17 प्रतिशत रह गया है। उन्होंने कहा कि एक अन्य महत्वपूर्ण सफलता स्क्रब टाईफस के रोगियों के प्रतिशत में भारी कमी है, विगत वर्ष कुल मरीजों में 47 प्रतिशत मरीज स्क्रब टाईफस के थे परन्तु इस वर्ष ए0ई0एस0 पर नियंत्रण को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए व्यापक स्तर पर साफ सफाई तथा वेक्टर कण्ट्रोल कार्यवाही करवाई गयी, जिसके कारण इस वर्ष कुल ए0ई0एस0 रोगियों में स्क्रब टाईफस के रोगियों का प्रतिशत मात्र 1.1 प्रतिशत रह गया हैं।
श्री सिंह ने कहा कि दिमागी बुखार की रोकथाम, उपचार एवं जनजागरूकता हेतु उत्तर प्रदेश सरकार एवं टाटा ट्रस्ट के बीच एक डव्न् किया गया है। इस साझा कार्यक्रम के अंतर्गत जनपद गोरखपुर तथा सिद्दार्थ नगर में मोबाइल मेडिकल वाहन के माध्यम से दिमागी बुखार के रोगियों के त्वरित निदान एवं उपचार की व्यवस्था टाटा ट्रस्ट की ओर से की जाएगी साथ ही जनपद गोरखपुर के पिपराईच ब्लॉक एवं सिद्धार्थनगर के उसका बाजार ब्लॉक को दिमागी बुखार के नियंत्रण एवं उपचार हेतु आदर्श स्वास्थ्य केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। चिकित्सकयुक्त मोबाईल वाहन दिमागी बुखार प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण कर रोगियों की जाँच एवं इलाज करेंगे साथ ही साथ क्षेत्र में दिमागी बुखार के संबंध में जनजागरूकता भी फैलाऐंगे। श्री सिंह ने कहा कि इसके अलावा टाटा ट्रस्ट द्वारा इन दोनों ब्लॉक में दिमागी बुखार हेतु प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं भी उपलब्ध कराई जाएगी। इस गतिविधि का मूल उद्देश्य दिमागी बुखार के कारण होने वाली विकलांगता तथा मृत्यु दर पर नियंत्रण करना है ।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जे0ई0/ए0ई0एस0 से सबसे ज्यादा प्रभावित गोरखपुर एवं बस्ती मंडल के 7 जनपदों में आगामी 15 जुलाई से दस्तक अभियान का द्वितीय चरण आरम्भ किया जाएगा, जिसका मुख्य उद्देश्य इस बीमारी पर प्रभावी नियंत्रण पाने के लिए व्यापक टीकाकरण करने के साथ ही जनसामान्य को इसके प्रति जागरूक करना है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सचिव सुश्री वी0 हेकाली झिमोमी ने आज समीक्षा बैठक करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी लखनऊ तथा निदेशक संचारी रोग को जे0ई0/ए0ई0एस0 पर प्रभावी नियंत्रण हेतु सभी आवश्यक कार्यवाही करने हेतु निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जनपद के सभी चिकित्सालयों में फीवर हेल्प डेस्क की स्थापना तथा रैपिड रिस्पांस टीम्स का गठन किया जा चुका है, साथ ही संबंधित अन्य विभागों को भी निरोधात्मक कार्यवाही करने के निर्देश शासन द्वारा दिए जा चुके हैं।
सुश्री झिमोमी ने बताया कि विगत 6 जून को आशुतोष गौतम नाम के एक मरीज की मृत्यु के.जी.एम.यू में हुयी थी, इस मरीज का कई माह से ट्यूबरकुलर मैनिंजाइटिस का उपचार चल रहा था परन्तु इस मरीज में जापानीज इन्सेफेलाइटिस के वायरस की भी पुष्टि होने के कारण 6 जून से ही स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा ग्राम कंचनपुर में निरंतर कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने कहा कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय द्वारा भेजी गयी टीमों ने घर घर जाकर बुखार के मरीजों की खोज की तथा बुखार से ग्रसित 30 मरीजों को डॉक्सीसाइक्लीन तथा अन्य दवाओं का वितरण कर इनके खून की जाँच भी करायी है।
स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा घर घर जाकर मस्तिष्क ज्वर तथा ए0ई0एस0 की रोकथाम के उपायों के विषय में जानकारी दी गयी तथा पम्फ्लेट्स का वितरण भी किया गया। उन्होंने कहा कि 7 तथा 8 जून को भी स्वास्थ्य विभाग की टीमों के द्वारा कंचनपुर क्षेत्र में मरीजों की खोज तथा प्रचार एवं जनसंपर्क अभियान जारी रखा गया। इसी क्रम में दिनाँक 8 जून को टीम के सदस्यों के घर घर भ्रमण के दौरान कु0 पूर्णिमा गौतम, पुत्री गुलाब सिंह को स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा चिन्हित कर टाइफाइड बुखार के चलते चिनहट चिकित्सालय में उपचार हेतु लाया गया था तथा फेफड़ों के रोग से भी ग्रसित तथा उपचाराधीन पाए जाने के कारण के.जी.एम.यू. के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग में भर्ती करा दिया गया। मरीज में ए0ई0एस0 के कोई लक्षण नहीं पाए गए।