Posted on 17 January 2014 by admin
उत्तर प्रदेश के चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री अहमद हसन ने बताया कि आगामी 17 जनवरी 2014 को 5, कालीदास मार्ग पर मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ‘102 नेशनल एम्बुलेंस सेवा का उदघाटन करेंगे।
यह बात आज यहां विधान भवन सिथत अपने कार्यालय कक्ष में ‘102 नेशनल एम्बुलेंस सेवा की समीक्षा बैठक करते हुये स्वास्थ्य मंत्री श्री अहमद हसन ने कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ‘102 एम्बुलेंस सेवा की शुरूआत होने से गर्भवती महिलाओं एवं शिशु मृत्यु दर में काफी कमी आयेगी। उन्होंने बताया कि ‘102 एम्बुलेंस सेवा गर्भवती महिलाओं को प्रसव हेतु निकटतम सरकारी अस्पतालों पर ले जायेगी और प्रसव पश्चात उन्हें घर पर छोड़ेगी। इस सेवा के तहत एक माह तक के शिशुओं को भी इलाज की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी। यह सेवा प्रदेश के शहरी एवं ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में उपलब्ध होगी। शहरी क्षेत्रों में 20 मिनट एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 30 मिनट में एम्बुलेंस घर पहुंचेगी।
श्री हसन ने बताया कि आम-जन ‘102 काल सेन्टर पर काल कर इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। उन्होंने बताया कि 17 जनवरी को ही प्रदेश में चल रही 972 एम्बुलेंस भी इस योजना से जुड़ जायेगी। ‘102 सेवा के तहत दो चरणों में कुल 1972 एम्बुलेंस चलायी जायेंगी शेष एम्बुलेंस की व्यवस्था शीघ्र की जायेगी। उन्होंने बताया कि इस सेवा के तहत अभी 01 माह तक के शिशुओं को आच्छादित किया जायेगा आने वाले दिनों एक वर्ष तक की आयु वाले बच्चों को भी इस सेवा के तहत जोड़ने का प्रयास किया जायेगा। आज प्रदेश सरकार और निजी सेवा प्रदाता जी0वी0के0 इमरी की बीच अनुबन्ध पत्र पर हस्ताक्षर किये गये।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि ‘108 एम्बुलेंस सेवा के तहत अब तक 18 लाख गम्भीर मरीजों एवं दुर्घटनाग्रस्त व्यकितयों को चिकित्सीय सेवायें उपलब्ध करार्इ जा चुकी है जिसमें 10 लाख गर्भवती महिलायें लाभानिवत हुर्इ हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में ‘102 एम्बुलेंस सेवा शुरू हो जाने पर ग्रामीण, सुदूर अंचलों एवं मलिन बसितयाें में निवास करने वाली गरीब जनता को और बेहतर चिकित्सकीयसवास्थ्य सेवायें मिल सकेंगी। यह सुविधा 24 घण्टे प्रति दिन सेन्ट्रलाइज्ड काल सेन्टर ‘102 के माध्यम से नि:शुल्क उपलब्ध करायी जायेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 17 January 2014 by admin
उत्तर प्रदेश में आम जनता को सुरक्षित एवं गुणवत्तायुक्त खाध पदार्थ उपलब्ध कराने के मददेनजर खाध सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 लागू है। जिसके तहत सभी खाध व्यवसार्इयों को खाध लाइसेंस लेना एवं पंजीकरण कराना अनिवार्य है। उपभोक्ता मिलावटी खाध पदार्थ एवं मिलावट खोरों के विरूद्ध अपनी शिकायतें टोल फ्री नं0-1800,1805533 पर दर्ज करा सकते हैं।
यह जानकारी प्रमुख सचिव खाध सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन श्री हेमन्त राव ने आज यहां दी। उन्होंने बताया कि खाध सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के तहत प्रति वर्ष 12 लाख से अधिक का करोबार करने वाले खाध व्यवसायियों को लाइसेंस तथा 12 लाख से कम टर्न ओवर करने वाले खाध कारोबारियों को पंजीकरण कराना आवश्यक है। लाइसेंस एंव पंजीकरण प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी तथा सुविधाजनक बनाने हेतु प्रदेश के सभी जनपदों में आन लाइन सुविधा उपलब्ध है। व्यवसायी कहीं से भी अपने व्यवसाय का रजिस्ट्रेशनपंजीकरण करा सकते हैं, साथ ही खाध कारोबारी अपने व्यवसाय की श्रेणी का निर्धारण, निर्धारित शुल्क जमा करने, आवश्यक प्रपत्र अपलोड करने, आवेदन सिथति की जानकारी तथा लाइसेंस एवं पंजीकरण का नवीनीकरण करा सकते हैं।
श्री राव ने बताया कि प्रदेश में अब तक 25541 खाध कारोबारियों के लाइसेंस निर्गत एवं 176387 व्यवसायी पंजीकृत किये गये है। खाध व्यवसायी आगामी 04 फरवरी तक अपने खाध व्यवसाय का लाइसेंसपंजीकरण आवश्य करा लें। खाध कारोबारियों को खाध लाइसेंसपंजीकरण प्राप्त करने की अनितम तिथि 04 फरवरी 2014 निर्धारित की गर्इ है। उन्होंने बताया कि खाध करोबार कर्ता ीजजचरूध्ध्विवकसपबमदेपदहण्ेिेंपण्हवअण्पद अथवाूूूण्ेिेंपण्हवअण्पद वेबसाइट पर आन लाइन रजिस्ट्रेशनपंजीकरण तथा अन्य जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि खाध लाइसेंसपंजीकरण के तहत आने वाले कारोबार में, दुग्ध संग्रहठंडा करना, वनस्पति तेल प्रसंस्करण इकार्इ, वध शालाएं, मांस प्रसंस्करण इकार्इ, पुन: लेबल लगानेपैक करने वाली इकाइयां, खाधान्नों को पीसने वाली इकाइयां, स्थायीअस्थार्इ स्टाल धारक, चलते फिरते खाध विक्रेता, घर में सिथत कैन्टीन, खाने पीने के फुटकर विक्रेता, विनिर्माताप्रसंस्करण कर्ता, पैकेजिंग, होटल रेस्तरां, ढ़ाबाकैटरिंग, क्लबकैंटीन आदि शामिल हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 17 January 2014 by admin
उत्तर प्रदेश से हज पर जाने वाले यात्रियों के सामने आने वाली दिक्क़तों खासकर सऊदी अरब में उन्हें पेश आने वाली दिक्क़तों और उन्हें हल किये जाने के सुझावों को सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश श्री बिलाल नज़ाकी की अध्यक्षता में आज यहां आर्इ उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने ध्यान से सुना। विधान भवन में आयोजित इस बैठक में दिक्क़तों और सुझावों को सुनने के बाद समिति के अध्यक्ष श्री बिलाल नज़ाकी ने बैठक में आये प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि इन दिक्क़तों को दूर करने के लिये उनके द्वारा दी गयी राय और सुझावों को समाहित करते हुये समिति अपनी सिफ़ारिश भारत सरकार को प्रस्तुत करेगी। उन्होंने कहा कि सेंट्रल हज कमेटी, भारत सरकार तथा राज्य हज समितियों द्वारा प्रदत्त सुविधाओं को और बेहतर बनाने के प्रयास किये जायेंगे लेकिन सऊदी हुकूमत द्वारा हज को लेकर जो सुविधायें दी जाती हैं या जो नियम बनाये जाते हैं उनमें दख़ल देने की गुंजाइश न के बराबर होती है। फिर भी समिति हज यात्रियों से जुड़े हर पहलू पर अपनी सिफ़ारिश भारत सरकार को देगी और पूरी कोशिश होगी कि हज के सफ़र को अधिक सुविधाप्रद और बेहतर बनाया जाये।
श्री नज़ाकी की अध्यक्षता वाली इस चार सदस्यीय समिति का मुख्य उददेश्य राज्य हज समितियों के साथ विचार-विमर्श कर हज समितियाें की कारकर्दगी तथा हज यात्रियों को दी जाने सुविधाओं को और बेहतर बनाने पर अपनी सिफ़ारिशें भारत सरकार को देना है। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय द्वारा गठित यह समिति दस महीनों में अपनी रिपोर्ट भारत सरकार को प्रस्तुत करेगी।
बैठक की अध्यक्षता करते हुये प्रदेश के नगर विकास एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री श्री चितरंजन स्वरूप ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की सरबराही में प्रदेश की मौजूदा सरकार तथा अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद आज़म खाँ की क़यादत में अल्पसंख्यको ंकी बहबूदी के लिये प्रभावी कदम उठाये
जा रहे हैं। उन्होंने कहाकि श्री आज़म खाँ द्वारा हज यात्रियों की सुविधाओं के लिये जो कदम उठाये गये हैं उनकी सभी ने प्रशंसा की है और हज यात्रियों को इन सुविधाओं को लेकर कोर्इ शिकायत नहीं है। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में हज यात्रियों को और बेहतर सुविधायें प्रदान करायी जायेंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश से जाने वाले हज यात्रियों का दो लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कराया जाता है और उसके प्रीमियम का भुगतान राज्य सरकार स्वयं अपने संसाधनों से करती है।
श्री चितरंजन स्वरूप ने सऊदी अरब में हज यात्रियों के रहने के लिये दिये जाने वाले भवनों की खराब दशा की शिकायत पर सुझाव दिया कि सऊदी अरब में प्रदेश के हज यात्रियों के लिये कुछ अच्छे भवन चार-पांच वर्ष के लिये कान्ट्रैक्ट पर लेकर उन्हें प्रदेश के यात्रियों की आवश्यकता के अनुरूप बना लिया जाये जैसा कि इण्डोनेशिया व मलेशिया आदि अपने हज यात्रियों के लिये करते हैं। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि सऊदी अरब में भवन का चयन करने वाली समिति में उत्तर प्रदेश का भी एक प्रतिनिधि शामिल किया जाना चाहिये। इस बात पर भी बल दिया कि जिन हज यात्रियों का पैसा किन्हीं कारणों से सेंट्रल हज कमेटी के पास रूका हुआ है उसके रिफंड में तेज़ी लार्इ जाये। उन्होंने कहा कि सेंट्रल हज कमेटी के मुख्यालय को मुम्बर्इ से हटा कर दिल्ली या गा़जि़याबाद शिफ्ट किया जाय जिससे उत्तर भारत के हज यात्रियों को सुविधा हो सके। यदि शिफिंटग करना आसान न हो तो तात्कालिक व्यवस्था के तहत दिल्ली या गाजियाबाद में सेंट्रल हज कमेटी का एक सब आफिस स्थापित किया जाये जिससे सम्पूर्ण उत्तर भारत कवर हा सकेे। उन्होंने कहा कि खादिमुल हुज्जाज के तौर पर भेजे जाने वाले लोगों के रूप में मदरसों के टीचर्स, पेश इमाम और मज़हब के अन्य जानकारों को भेजा जाये, जिसकी मांग प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद आज़म खाँ बराबर करते आ रहे हैं। मजहबी कायदे कानून से वाकिफ होने की वजह से हज यात्रियों के लिये अधिक मददगार साबित होंगे। एक ही परिवार खासकर पति-पत्नी को सऊदी अरब में अलग-अलग कमरों में ठहराने की शिकायतों का हवाला देते हुये उन्होंने कहा कि इन शिकायतों की जांच की जाये और इस समस्या का स्थायी हल खोजा जाये। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि हज के आवेदन पत्रों को हिन्दी व उदर्ू में छपवाया जाये क्योंकि अंग्रेजी भाषा में होने के
कारण हज यात्रियों को इसे भरने में दुश्वारियां आती हैं। उन्होंने कहा कि हज असिस्टेंट के चयन में राज्य हज समिति को भी शामिल किया जाये।
बैठक श्री सम्बोधित करते हुये सेंट्रल हज कमेटी व उ0प्र0 राज्य हज समिति के सदस्य, सांसद श्री मुनव्वर सलीम ने सेंट्रल व राज्य हज समितियाें को पूरी स्वायत्तता दिये जाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से ही हज यात्रियों को बेहतर सुविधायें मिल सकेंगी। उन्होंने भी हज यात्रियों के फंसे हुये पैसे की वापसी का बेहतर सिस्टम विकसित किये जाने की आवश्यकयता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सेंट्रल हज कमेटी के मुख्यालय को मुम्बर्इ से हटाकर गा़जियाबाद में कायम किया जाये जैसा कि श्री मोहम्मद आज़म खाँ मांग करने आ रहे हैं। इसकी स्थापना के लिये गा़जि़याबाद में मुफ्त जमीन उपलब्ध करायी जा सकती है। उन्होंने पासपोर्ट बनवाने मेे आने वाली दिक्कतों को दूर करने की जरूरत पर भी बल दिया।
इससे पूर्व उ0प्र0 राज्य हज समिति के सदस्यों, हज यात्रियों की सुविधा के लिये काम करने वाले स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों, वर्ष 2013 में हज यात्रा पर गये लखनऊ के दो हाजियों व अन्य संबंधित लोगों ने हज यात्रियों को विशेष सऊदी अरब में आने वाली मुशिकलों का विस्तार से जि़क्र किया। जिन दिक्कतों का उन लोगों ने जि़क्र किया उनमें ठहरने के भवन, ट्रांसपोर्टेशन, शौचालयों व स्नानगारों की कमी, सऊदी एअर लाइंस से जुड़ी समस्यायें आदि शामिल थीं।
बैठक में उच्चाधिकार प्राप्त समिति के सदस्य श्री महमूद-उर-रहमान, भारत सरकार संयुक्त सचिव, हज, श्री मृदुल कुमार, रीजनल पासपोर्ट अधिकारी, प्रमुख सचिव, अल्पसंख्यक कल्याण श्री देवेश चतुर्वेदी, निदेशक हज, भारत सरकार, श्री ए0के0 कौशिक तथा अन्य संबंधित विभागों व संस्थाओं के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।़
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 17 January 2014 by admin
उत्तर प्रदेश सरकार ने डा0 राम मनोहर लोहिया समग्र विकास योजना के अन्तर्गत वर्ष 2014-15 में प्रदेश में चयनित होने वाले लक्षित 2100 राजस्व ग्रामों में अल्पसंख्यक बाहुल्य आबादी के 20 प्रतिशत ग्रामों को मात्राकृत करते हुय 420 अल्पसंख्यक बाहुल्य (25 प्रतिशत या उससे अधिक अल्पसंख्यक आबादी वाले) राजस्व ग्रामों एवं वर्ष 2013-14 के अवशेष लक्ष्य के 08 अल्पसख्यंक बाहुल्य ग्रामों को समिमलित करते हुए कुल 428 अल्पसंख्यक बाहुल्य ग्रामों को जनपदवार चयनित करने का निर्णय लिया है।
यह जानकारी प्रमुख सचिव समग्र ग्राम विकास विभाग श्री एस0पी0गोयल ने दी है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2001 की जनगणना के आधार पर डा0 राम मनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना के अन्तर्गत वर्ष 2014-15 हेतु लक्षित 2100 समग्र ग्रामों में अल्पसंख्यक समुदाय की जनसंख्या के अनुपात में मात्राकृत करते हुए 428 ग्रामों को जनपदवार फांट कर लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
प्रमुख सचिव की ओर से इस संबंध में समस्त जिलाधिकारियों को पत्र भेजा गया है जिसमें निर्देश दिये गये हैं कि वर्ष 2014-15 हेतु वास्तविक चयन के उपरान्त यदि जनपदों में अल्पसंख्यक बाहुल्य समग्र ग्राम निर्धारित संख्या में चयनित नहीं हो पाते हैं, तो उस सिथति में जिलाधिकारी समग्र ग्राम विकास विभाग को अवगत करायेंगे। इस दशा में अवशेष लक्ष्य को अन्य जनपदों, जहां पर अल्पसंख्यक समुदाय की 25 प्रतिशत या उससे अधिक आबादी वाले ग्राम लक्ष्य पूर्ण होने के बाद भी उपलब्ध हों, में आवंटित किया जायेगा। उक्त प्रक्रिया आगामी वर्षों 2015-16 व 2016-17 में भी अल्पसंख्यक ग्रामों के मात्राकरण हेतु अपनार्इ जायेगी। उन्होंने आदेशों का कड़ार्इ से अनुपालन सुनिशिचत किये जाने के निर्देश दिये हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 17 January 2014 by admin
उत्तर प्रदेश के जन्तु उधान राज्य मंत्री डा0 शिव प्रताप यादव ने आज यहां गुडम्बा कुर्सी रोड सिथत गुरू गोविन्द सिंह स्पोर्टस कालेज में त्रिदिवसीय 21वीं राज्य वन खेलकूद प्रतियोगिता का शुभारम्भ करते हुये कहा कि मुझे अत्यधिक प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है कि वर्ष 1992 में अत्यन्त छोटे स्तर पर प्रारम्भ वन खेलकूद प्रतियोगिता ने आज संस्थागत रूप ग्रहण कर लिया है। इस प्रतियोगिता में आप सब जिस उत्साह व तैयारी के साथ प्रतिभाग कर रहे हैं, उसे देखते हुये मुझे पूर्ण विश्वास है कि आगामी अखिल भारतीय वन खेलकूद प्रतियोगिता में अपना सर्वेत्तम प्रदर्शन कर उत्तर प्रदेश को गौरवानिवत करेंगे।
डा0 शिव प्रताप यादव ने कहा कि हमारे अधिकारी, कर्मचारी सुदूर दुर्गम वन क्षेत्र में कठिन परिसिथतियों में रहकर वन, वन्य प्राणी व वन सम्पदा को सुरक्षित रखते हैं। इस चुनौती पूर्ण कार्य को पूर्ण करने हेतु उन्हें मानसिक व शारीरिक रूप से स्वस्थ रहना आवश्यक है। खेलकूद शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रखने, कार्यों को समयबद्ध व दक्षतापूर्वक करने, आपस में सहयोग, समन्वय व प्रतिस्पर्धा की भावना बनाये रखने में सहायक सिद्ध होते हैं।
डा0 यादव ने कहा कि आज खेल, आत्मसंतुषिट, फिटनेस व खेल भावना विकसित करने के साथ-साथ प्रसिद्धि व धनार्जन का भी माध्यम है। विगत वर्ष हमारे खिलाडि़यों ने पूर्ण मनोयोग के साथ प्रदर्शन कर प्रदेश को पदक तालिका में उच्च स्थान दिलाने में योगदान दिया था। वन कर्मियों की बढ़ती आयु, नये कर्मचारियों की भर्ती न होना, नियुकित में खिलाडि़यों का कोटा न होना जैसी समस्याओं से प्रदेश सरकार अवगत है तथा इन समस्याओं के निराकरण हेतु प्रत्यन्नशील है। उन्होंने कहा कि प्रसन्नता की बात है कि इन चुनौतियाें का सामना करते हुये भी हमारे खिलाड़ी अपने प्रदर्शन में सुधार हेतु निरन्तर प्रयासरत हैं। इस त्रिदिवसीय खेलकूद प्रतियोगिता में खिलाडि़यों के प्रदर्शन के आधार पर अखिल भारतीय वन खेलकूद प्रतियोगिता हेतु टीम का चयन किया जाना है। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रतियोगिता में प्रथम स्थान केवल एक ही खिलाड़ी पा सकता है
इसका अर्थ यह नहीं है कि अन्य प्रतिभागी निराश हो जायं। यह खेल आप सबको आगे बढ़ाने, ऊचा उठने व व्यकितत्व विकास करने के साथ मानवीय गुण विकसित करने में सहायक होंगे, जो आजीवन आपको उन्नति की दिशा में ले जायेंगे।
जन्तु उधान राज्य मंत्री ने कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि आगामी तीन दिनों तक हमारे खिलाड़ी खेल भावना से खेलते हुये जीतने के लिए प्रयत्नशील रहेंगे तथा हारने वाले प्रतिभागी इसे अपने स्तर में सुधार करने के अवसर के रूप में ग्रहण करेंगे। वर्तमान सरकार पर्यावरण संतुलन में वनों के महत्व के दृषिटगत वन संरक्षण व संवर्धन की दिशा में निरन्तर प्रयासरत है। प्रसन्नता की बात है कि प्रत्येक जनपद में हरति पटटियों का विकास, एक ही स्थल में 50 एकड़ या अधिक क्षेत्र में वृक्षारोपण, फिशर वन इटावा में 1000 एकड़ क्षेत्र में पौधारोपण कर इको रेस्टोरेशन, इटावा में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के अनुरूप लायन सफारी की स्थापना सहित विभिनन योनजाओं के क्रियान्वयन में वन कर्मियोें ने सराहनीय योगदान दिया। इस हेतु आप सब बधार्इ के पात्र हैं।
इस अवसर पर प्रदेश के प्रमुख वन संरक्षक श्री जे0एन0अस्थाना ने अपने विचार रखते हुये खिलाडि़यों का उत्साहवर्धन किया।
इस अवसर पर मार्चपास्ट में वन निगम प्रथम स्थान पर रहा। मध्य क्षेत्र द्वितीय व पशिचमी क्षेत्र तृतीय स्थान पर रहा। कार्यक्रम में प्रमुख वन संरक्षक, श्री जे0एस0 अस्थाना, प्रमुख वन सरंक्षण प्रशिक्षण एवं अनुसंधान डा0 अश्वनि कुमार, प्रमुख वन संरक्षक वन्य जीव डा0 रूपक डे, प्रमुख वन संरक्षक, मूल्यांकन एवं कार्य योजना श्री उमेन्द्र शर्मा, प्रबन्ध निदेशक वन निगम श्री इकबाल सिंह, राज्य वन खेलकूद प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले खिलाडि़यों, वनाधिकारी, वन कर्मचारी एवं प्रचार माध्यमों के प्रतिनिधियों के साथ बड़ी संख्या में अधिकारीकर्मचारी व खिलाड़ी आदि उपसिथत थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 17 January 2014 by admin
• जनपद कुशीनगर में अंतर्राष्ट्रीय हवार्इ अडडे की परियोजना को पी.पी.पी. के आधार पर क्रियान्वयन की मंजूरी।
• बारहवीं पंचवर्षीय योजना के अवशेष वर्षों में भूमि सेना योजना का क्रियान्वयन करने के लिए संशोधन प्रस्ताव अनुमोदित।
• परिवहन निगम द्वारा वित्तीय वर्ष में भुगतान किए गए अतिरिक्त कर की धनराशि के विपरीत 13 भाग अनुवर्ती वित्तीय वर्ष में आय-व्ययक के माध्यम से निगम को उसकी पूंजीगत आवश्यकता हेतु पूंजी अंशदान के रूप में स्वीकृत करने का फैसला।
• जनपद रायबरेली में इंस्टीटयूट आफ ड्राइविंग ट्रेनिंग एण्ड रिसर्च की स्थापना का निर्णय लेते हुए वित्तीय सहायता हेतु प्रस्ताव भारत सरकार को भेजने तथा तहसील सदर के ग्राम दतौली की 11.755 एकड़ भूमि परिवहन विभाग को नि:शुल्क हस्तांतरित करने का फैसला।
• उत्तर प्रदेश उदर्ू अकादमी के कार्मिकों की अधिवर्षता आयु 58 वर्ष से बढ़ाकर 60 वर्ष किए जाने का फैसला।
• प्रदेश की जनता को राजकीय चिकित्सालयों में तत्काल प्रभाव से नि:शुल्क एक्सरे की सुविधा प्रदान करने का फैसला।
• जनपद रामपुर के जिला कारागार को शहर से बाहर स्थानांतरित करते हुए उत्तर प्रदेश राज्य चीनी एवं गन्ना विकास निगम लिमिटेड, रामपुर की 41.744 हेक्टेयर भूमि कारागार के निर्माण के लिए कारागार विभाग को हस्तांतरित करने का निर्णय। इसके लिए आवश्यक धनराशि वित्तीय वर्ष 2014-15 में उत्तर प्रदेश चीनी निगम को उपलब्ध करार्इ जाएगी।
• सेवा काल में मृत सरकारी सेवकों के आश्रितों की समूह ‘ग पद पर भर्ती किए जाने के लिए संशोधित नियमावली को प्रख्यापित करने का निर्णय।
• प्रान्तीय पुलिस सेवा संवर्ग के पुनर्गठन के फलस्वरूप अपर पुलिस अधीक्षक तथा पुलिस उपाधीक्षक के अतिरिक्त पदों के सृजन का निर्णय।
• नगरीय परिवहन परियोजना के अंतर्गत राज्य स्तर पर एक डेडिकेटेड अरबन ट्रांसपोर्ट फण्ड का गठन तथा फण्ड के प्रबन्धन हेतु नियमावली बनाने का निर्णय।
• प्रदेश में उधोगों को त्वरित स्वीकृतिअनापतित आदि प्रदान करने हेतु उत्तर प्रदेश औधोगिक सेवा गारण्टी अध्यादेश-2014 लागू करने का प्रस्ताव स्वीकृत।
• प्रदेश में अवस्थापना विकास हेतु नवीन विशिष्ट कोष के गठन तथा कोष के संचालन हेतु नियमावली को मंजूरी।
• जनपद गाजियाबाद में लोनी को नर्इ तहसील के रूप में सृजित करने का निर्णय।
• निजी क्षेत्र में प्रस्तावित जे.पी. विश्वविधालय अनूपशहर, बुलन्दशहर की स्थापना हेतु जे.पी. विश्वविधालय उत्तर प्रदेश विधेयक- 2013 को विचारण एवं पारण हेतु विधान मण्डल में पुर:स्थापित किए जाने का निर्णय।
• उ0प्र0 राज्य जल प्रबन्धन और नियामक आयोग अध्यादेश- 2014 के आलेख को मंजूरी प्रदान करते हुए इसके प्रतिस्थानी अधिनियम को विधान मण्डल के आगामी सत्र में प्रस्तुत करने का फैसला।
• आर्इ.सी.डी.एस. योजना के मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रों में कार्यरत कार्यकत्रियों को दिनांक 4 जुलार्इ, 2013 से 1500 रुपए प्रतिमाह मानदेय के स्थान पर 2250 रुपए प्रतिमाह करने का निर्णय।
• आगरा से लखनऊ प्रवेश नियंत्रित एक्सप्रेस-वे (ग्रीन फील्ड) परियोजना को इंजीनियरिंग प्रोक्योरमेंट एण्ड कंस्ट्रक्शन (र्इ.पी.सी.) पद्धति पर विकसित करने का निर्णय।
• प्रदेश के विभिन्न जनपदों के शासन द्वारा अधिसूचित सुदूर, दुर्गम एवं पिछड़े क्षेत्रों के सी.एच.सी. एवं पी.एच.सी. चिकित्सालयों में कार्यरत पी.एम.एच.एस. संवर्ग के एम.बी.बी.एस. डिग्रीधारी चिकित्सकों को प्रोत्साहित करने तथा जनसामान्य को विशेषज्ञ चिकित्सकों की ग्रामीण क्षेत्रों में सुविधा उपलब्ध कराए जाने के उददेश्य से राजकीय मेडिकल कालेजों के स्नातकोत्तर पाठयक्रम में प्रवेश हेतु 30 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने का निर्णय।
• प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त स्नातकस्नातकोत्तर महाविधालयों में उच्च शिक्षा गुणवत्ता संवर्धन प्रोत्साहन योजना लागू करने का फैसला।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 17 January 2014 by admin
डीएसपी ब्लैकराक इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स प्राइवेट लिमिटेड, भारत की प्रमुख एसेट मैनेजमेंट कंपनियों में से एक, ने आज डीएसपी ब्लैकराक डायनैमिक एसेट एलोकेशन फंड (डीएएएफ) के लान्च की घोषणा की है। यह अपनी तरह का पहली ओपन एंडेड फंड आफ फंडस स्कीम है। यह योजना इकिवटी एवं डेट बाजारों के प्रासंगिक वैल्यूएशन के आधार पर सक्रियता से डीएसपी ब्लैकराक म्युचुअल फंड की विशिष्ट इकिवटी म्यूचुअल फंड स्कीमों और डेट म्यूचुअल फंड स्कीमों के बीच संपदा संचयन प्रबंधित करेगी। स्कीम का प्रमुख ध्यान निवेशकों को संपदा संचयन का आवरण उपलब्ध कराने पर है। स्कीम लंबी अवधि का प्रदर्शन रिकार्ड रखने वाले डीएसपी ब्लैकराक म्यूचुअल फंड की विशिष्ट मूलभूत योजनाओं में निवेश करेगी। स्कीम सुनियोजित संपदा संचयन प्राप्त करने के लिए सक्रिय दृषिटकोण अपनाती है, जोकि इकिवटी एवं डेट बाजारों के आकर्षण पर आधारित है। पोर्टफोलियो के स्वत: पुन:संतुलन का उददेश्य सिर्फ बेहतर रिटर्न दिलाना नहीं है, बलिक यह बाजार नीचे जाने पर निवेशकों के लिए डाउनसाइड भी सीमित करता है। स्कीम में बाजार वैल्यूएशन के आंकलन के लिए यील्ड गैप मीटि्रक का प्रयोग किया गया है। कुल मिलाकर, स्कीम दीर्घकालिक निधि का निर्माण करने वाले निवेशकों के लिए बिलकुल उपयुक्त है। इस अवसर पर एस. नागनाथ, पे्रसिडेंट एवं सीआर्इओ, डीएसपी ब्लैकराक इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स प्राइवेट लिमिटेड ने कहा, ”पोर्टफोलियो प्रदर्शन के संचालन में संपदा संचयन प्रमुख घटक है। बाजार में ऐसे उत्पाद की आवश्यकता है, जो सक्रिय आधार पर संपदा संचयन की पेशकश करता हो। इसी संदर्भ में, डीएसपी ब्लैकराक डायनैमिक एसेट एलोकेशन फंड निवेशकों के लिए रुचिकर निवेश अवसर हो सकता है।” पंकज शर्मा, कार्यकारी वीपी, प्रमुख-बिजनेस डेवलपमेंट एवं रिस्क मैनेजमेंट, डीएसपी ब्लैकराक इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स प्राइवेट लिमिटेड ने कहा, ”मौजूदा समय में निवेश करना अधिकांश निवेशकों के लिए चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि वे बाजार की अनिशिचतता से भ्रमित हो सकते हैं। अनुभवी निवेशकों के लिए भी बाजार का लाभ उठाना चुनौती भरा है। डीएएएफ स्वत: ही संपदा संचयन पुन: तैयार करता है और बाजार का लाभ उठाने को लेकर संदेह एवं झिझक दूर करता है।” डीएएएफ श्री अपूर्व शाह एवं श्री धवल दलाल द्वारा प्रबंधित किया जायेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 16 January 2014 by admin
वर्तमान मौसम में पशुओं को ठंड से बचाने के लिए सुबह-शाम पशुओं पर झूल डालें तथा रात में पशुओं को पशुघर के अन्दर बांंधें एवं पशुघर के खिड़की एवं दरवाजों को टाट-बोरी के परदे से या कडवी का टटटर बनाकर ढकें। पशुओं में गलाघोंटू व लंगडि़या बुखार का टीका लगवायें। यह सुविधा सभी पशुचिकित्सालयों पर उपलब्ध है।
उत्तर प्रदेश कृषि अनुसन्धान परिषद द्वारा किसान मण्डी भवन में आयोजित बैठक में, फसल सतर्कता समूह के कृषि वैज्ञानिकों द्वारा दी गर्इ सलाह के अनुसार किसान नवजात पशुओं के पेट में होने वाले कीड़ों से बचाने के लिए पशुओं की डी-वर्मिंग एवं सींगरोधन कि्रया स्थानीय पशु चिकित्सालय पर करवायें।
कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि पशुओं को स्वस्थ रखने के लिए उन्हें खनिज लवण एवं संतुलित पशु आहार अवश्य खिलायें। उन्होंने बताया कि पशुओं के लिए चारे की उपलब्धता बनायें रखने के लिए बोयी गयी चारा फसलों में सिंचार्इ करते रहें ताकि ठण्डे मौसम में फसलों की बड़वार प्रभावित न हो।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 16 January 2014 by admin
शिक्षक बनने आए हैं-राजाज्ञा लेकर जाएंगे का संकल्प कर चुके प्रदेश के हजारों शिक्षामित्र आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन उ0प्र0 के नेतृत्व में अनिशिचत कालीन डेरा डालो-घेरा डालो आन्दोलन मे अनवरत नववें दिन भी डटे हुए हैं। जबर्दस्त ठिठुरन, सर्द हवाओं और बारिश में जहां लोगों को घर के अन्दर भी अलाव व हीटर का सहारा लेना पड़ रहा है वहीं देश के नौ निहालों का भविष्य निर्माण करने वाले शिक्षामित्र अपने बाल बच्चों के साथ खुले आसमान के नीचे गोमती तट पर विगत 7 जनवरी से डटे हुए हैं। वे कभी भीख मांगकर, कभी झाड़ू लगाकर, कभी अर्धनग्न होकर, कभी टी0र्इ0टी0 महराज की शव यात्रा निकाल कर, कभी कैण्डल मार्च कर और कभी समायोजन की मानव श्रृंखला बनाकर प्रदेश सरकार से बिना टी0र्इ0टी0 शिक्षक बनाये जाने की गुहार कर रहे है, किन्तु संवेदनहीन सरकार वादानुसार शिक्षक बनाने की राजाज्ञा न देकर शिक्षामित्रों को डेरा डालो-घेरा डालो आन्दोलन जारी रखने के लिए विवश कर दिया है। संगठन ने भी हार न मानते हुए डेरा डालो-घेरा डालो आन्दोलन का विस्तृत कार्यक्रम तैयार कर लिया है। अब 16 जनवरी 2014 से तीन मण्डलों के साथ लखनऊ मण्डल का एक जनपद भी निर्धारित तिथि को आन्दोलन में समायोजित होगा।
शिक्षामित्रों ने कल जहां समायोजन की मानव श्रृंखला बनाकर समायोजन का पाठ पढ़ाया था वहीं आज शिक्षक की मानव श्रृंखला बनाकर प्रदेश सरकार से शिक्षक बनाये जाने की मांग की है।
प्रान्तीय अध्यक्ष जितेन्द्र शाही ने शिक्षामित्रों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि शासनादेश जारी करने में देरी के कारण ही आन्दोलन का विस्तार करना पड़ा है। 16 जनवरी से प्रदेश के 1.62 लाख शिक्षामित्र शिक्षण कार्य बहिष्कार करेंगे। जिस मण्डल के जनपद जिस दिन धरने में लगे हैं वहां के शिक्षामित्र लखनऊ आएंगे और शेष जनपदों के शिक्षामित्र शिक्षण कार्य बहिष्कार करते हुए बीआरसी भवन में एकत्रित होकर पंचायत करेंगे। फिर भी यदि राज्य सरकार ने राजाज्ञा नही दी तो शानितपूर्ण प्रदर्शन कर रहे शिक्षामित्रों को सड़कों पर निकल कर प्रदर्शन करने से कोर्इ भी नही रोक पाएगा।
महामंत्री विश्वनाथ कुशवाहा ने शिक्षामित्रों को सम्बोधित करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड में मा0 उच्च न्यायालय ने भी शिक्षामित्रों को टी0र्इ0टी0 से मुक्त रखने का आदेश कर दिया है। न्यायालय का सम्मान करते हुए अब प्रदेश सरकार को भी बिना टी0र्इ0टी0 शिक्षक बनाने का शासनादेश जारी कर देना चाहिए। जिससे उनका वादा भी पूरा हो जाएगा और शिक्षामित्र भी खुशी-खुशी घर वापस चले जायेंगे।
धरना प्रदर्शन को मुख्य रूप से सन्तोष मिश्र, राकेश बाजपेयी, अविनाश चन्द्र अवस्थी, रीना सिंह, गदाधर दूबे, बनवारीलाल गौतम, उदयवीर यादव, उमेश पाण्डेय, बृजेश राना, विकास यादव, संजय मिश्र, आनन्द दूबे, श्यामजी दूबे, अमरेन्द्र दूबे, अशोक राय, अजय दूबे, राजेश यादव, विनोद पटेल आदि लोगों से सम्बोधित किया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 16 January 2014 by admin
सुश्री मायावती को आज इस बात का पूरा एहसास हो गया है कि काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती है। जनता बार-बार धोखा नहीं खाती है। आज बसपा की Þसावधान रैलीÞ से सचमुच जनता सावधान दिखार्इ दी और लाखों की भीड़ का दावा खोखला साबित हुआ। इस भीड़ में भी कोर्इ उत्साह नहीं था। किराये की भीड़ से इसकी आषा भी नहीं की जाती है। वास्तव में जनता ने काले धन की कमार्इ का खेल देखकर इससे किनारा ही कर लिया। बसपा सुप्रीमों अब वर्ष 2012 के चुनाव परिणामों की याद कर भयभीत हैं और दलित समाज से बार-बार त्राहि-त्राहि की गुहार लगाती दिखार्इ दी।
Û बसपा की फलाप रैली का ही शायद यह सीधा असर था कि सुश्री मायावती अपने पढ़े हुए भाषण में विरोधाभासी बातें बोलती रही। बसपा सरकार ने अपने पूरे पांच साल के कार्यकाल में सिवाय पत्थरों पर सरकारी खजाना लुटाने और मोटा कमीषन वसूलने के अलावा जन कल्याण का कोर्इ कार्य किया ही नहीं था। भ्रष्ट प्रशासनतंत्र और खाली खजाना ही समाजवादी पार्टी सरकार को मिला था। श्री अखिलेश यादव ने प्रदेश में विकास का नया एजेण्डा लागू किया और लोकतांत्रिक व्यवस्था की बहाली की।
Û बसपा राज में भ्रष्टाचार का ऊपर से नीचे तक परनाला बहता रहा था। देश-विदेश तक प्रदेश की बदनामी हुर्इ थी। मुख्यमंत्री कार्यालय का काम केवल कमीशन वसूली के नए-नए स्रोत तलाशना ही रह गया था। प्रोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था कर बसपा सरकार ने प्रशासन को जातीय कुचक्र में फंसाकर पंगु बना दिया था। समावजादी पार्टी सरकार ने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाकर पारदर्शी प्रशासनिक व्यवस्था कायम की तो सुश्री मायावती को उससे भारी नाराजगी है।
Û भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी होने पर वे Þअपने अनुकूलÞ निष्पक्ष जांच की मांग कर लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। किस्से कहानी सुनाकर दलितों को और भोलीभाली महिलाओं को भ्रमित करने की उनकी चाल अब सफल होनेवाली नहीं है।
Û अजीब बात है कि मुजफफरनगर के पीडि़तों के आंसू पोंछने तो बसपा अध्यक्ष कभी उनके बीच गर्इ नहीं लेकिन धडि़याली आंसू बहाने में वे सबको पीछे छोड़ दिया हैं। समाजवादी पार्टी की सामाजिक न्याय यात्रा से भी उन्हें खतरा लगता हैं क्योंकि 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति का लाभ मिलने पर उन्होने जिस तरह बंदिश लगार्इ थी, उसका भांडा फूट चुका है। बसपाराज का एक बड़ा झूठ यह भी बताया कि उन्होने कम दर पर 24-24 घंटे तक बिजली दी थी जबकि हकीकत यह है कि वे जाते-जाते 25 हजार करोड़ रूपए का कर्जा मंहगी बिजली खरीद कर छोड़ गर्इ थी। मंहगी बिजली खरीद में भी हजारों करोड़ का भ्रष्टाचार हुआ था।
Û उत्तर प्रदेश को क्राइम प्रदेश कहना प्रदेश की जनता को अपमानित एवं बदनाम करना हैं। उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था सबसे ज्यादा बदहाल उनके समय रही। हत्या, बलात्कार लूट में उनके समय ही आधा दर्जन मंत्री विधायक अदालती आदेश पर जेल गए थे। खुद पूर्व मुख्यमंत्री ने माना था कि उनकी पार्टी सरकार में 500 अपराधी है। वे समाजवादी पार्टी की सरकार बनने के दिन से ही राष्ट्रपति राज की मांग कर रही है। बेकारी भत्ता देनेवाली समाजवादी सरकार पर वे बेकारी बढ़ाने का आरोप लगा रही है जबकि उनके राज में 18000 सिपाहियों को नौकरियों से निकाल दिया गया था।
Û जितने दिन बसपा सत्ता में रही उसका एक-एक दिन प्रदेश की बदनामी और बदहाली के नाम रहा। जनता ने अब इसे हमेशा के लिये नकार दिया है। इसकी लखनऊ में 15 जनवरी,2014 की तथाकथित राष्ट्रीय सावधान रैली जिसमे विभिन्न प्रदेशो से भी लोग लाये गये थे, में उतनी भीड़ नहीं जुटी जितनी समाजवादी पार्टी की मण्डलीय रैलियों में हुर्इ है। बसपा में समाज के सभी वर्ग अपमानित हुये हैं इसलिये इसकी रैली में मुसिलम भार्इयों और किसानो ने झांककर भी नहीं देखा। समाजवादी पार्टी की रैलियों में किसान, मजदूर मुसिलम आदि सभी की बड़ी भागीदारी हो रही है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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